शर्मिंदगी में डालता था मोटपा
दीक्षा ने कहा, ‘कुछ लोग ऐसे होते हैं जो जानबूझकर मोटापे की वजह से आपको चिढ़ाते हैं, लेकिन इस भीड़ में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो आपको शर्मिंदा नहीं भी करते।

‘मैं एक शादी समारोह में गई थी। वहां पर किसी ने अप्रत्यक्ष रूप से मुझे ‘आंटी’ कह कर संबोधित किया। इस घटना ने मुझे काफी हर्ट किया या कहना चाहिए कि मेरी आंखें खोल दीं। उसी वक्त मैंने वेट लॉस करने की ठानी।’
जिम ज्वॉइन करने से पहले थी गलतफहमी
दीक्षा बताती हैं कि, ‘मैंने जब जिम ज्वॉइन करने का निर्णय लिया तो उस वक्त दिमाग में ढेरों गलतफहमियां थीं। मैंने इंटरनेट पर अनेकों वेबसाइट्स पर जिम के बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया। जिम ज्वॉइन करने के बाद लड़कियां लड़कों जैसी दिखने लगती हैं। उनके मसल्स बन जाते हैं। उस वक्त की यह सबसे बड़ी गलतफहमियां थी, लेकिन जिम ज्वॉइन करने के बाद मेरी यह गलतफहमियां दूर हुई। लड़कियों के शरीर में ईस्ट्रोजन हॉर्मोन होता है जो उनकी बॉडी में कभी भी लड़कों जैसी मसल्स नहीं बनने देता।’
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‘वेट ट्रेनिंग’ है सबसे अहम
अपने अनुभव को साझा करते हुए दीक्षा बताती हैं कि, ‘लड़कियां जिम ज्वॉइन तो कर लेती हैं लेकिन, वजन उठाने से कतराती हैं। ज्यादातर लड़कियां सिर्फ कार्डियो एक्सरसाइज करती हैं। निर्देशित सीमा से ज्यादा करने से इससे मसल्स लॉस होता है और लड़कियां सोचती हैं कि कार्डियो करने से न सिर्फ मोटापा कम होगा बल्कि, बॉडी की टोनिंग होती है। यह एक गलतफहमी है। ‘अपने व्यक्तिगत अनुभव के तौर पर मेरा मानना है कि मोटापा या वजन कम करने में वेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज सबसे ज्यादा प्रभावी होती है।’