शरीर में नमी और गर्मी रहने वाली जगहों पर कुछ रोगाणुओं का पहुंचना आसान होता है। बच्चों में टिनिया (Tinea Infection in Children) भी इन्हीं कारणों से होता है। कुछ रोगाणु ऐसी जगहों पर जाते हैं, जहां उन्हें नमी मिलती है। यहां वे इकट्ठा होते हैं और फैलने लगते हैं। खासकर फंगल डिजीज इन जगहों पर आम तौर पर पाई जाती हैं, ये ही बच्चों में टिनिया का कारण बनता है। इस समय ऐसा फंगल रोग, जो बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है वह टिनिया ही है। आम भाषा में इसे दाद के नाम से भी जाना जाता है।
टिनिया कभी-कभी एथलीट फुट का कारण भी बन जाता है। इसके अलावा यह शरीर के दूसरे हिस्सों पर भी दाद का कारण बन सकता है। “हैलो स्वास्थ्य” के इस आर्टिकल में जानते हैं आखिर टिनिया क्या है? इसके लक्षण और उपाय क्या हैं? इससे बचने के लिए क्या तरीके अपनाने चाहिए? आइए जानते हैं।
ये भी पढ़ेंः सर्दियों में बच्चों की स्कीन केयर है जरूरी, शुष्क मौसम छीन लेता है त्वचा की नमी
बच्चों में टिनिया इंफेक्शन (दाद) क्या है? (Tinea Infection in Children)
बच्चे के शरीर पर अलग-अलग जगह में फंगस बच्चों में दाद या टिनिया का कारण बनता है। रिंगवर्म यानि की दाद अंगूठी के आकार के लाल स्केली पैच होते है। बच्चों में टिनिया होने का खतरा निम्न कारणों से बढ़ जाता है :
- अगर बच्चा कुपोषित है,
- आसपास गंदगी का होना या अगर बच्चा गंदगी में रहता है,
- बच्चे के गर्म मौसम में रहने से,
- अगर बच्चा दूसरे बच्चों या पालतू जानवरों के साथ संपर्क में आता है, जिन्हें दाद है।
इन स्थितियों में बच्चों को दाद की समस्या जल्दी होती है।
ये भी पढ़ेंः बच्चों के काटने की आदत से हैं परेशान, ऐसे में डांटें या समझाएं?
बच्चों में टिनिया के प्रकार इस तरह से हैं (Types of Tinea in Children)
दाद के सबसे आम प्रकारों में निम्नलिखित शामिल हैं:
एथलीट फुट (टिनिया पेडिस या फुट रिंगवाॅर्म) (Athlete foot)
यह परेशानी ज्यादातर टीन्स और अडल्ट लोगों में देखने को मिलती है। कई चीजें जो एथलीट फुट का कारण बन सकती हैं, उसमें पसीना, स्वीमिंग या नहाने के बाद पैरों को अच्छी तरह से नहीं सूखना, टाइट मोजे और जूते पहनना और बहुत अधिक गर्मी होना। एथलीट फुट के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
- पैर की उंगलियों के बीच की त्वचा का सफेद होना
- पैरों की स्किन का निकलना
- पैरों पर रैश
- पैरों में छाले
- जॉक खुजली
ये भी पढ़ेंः बच्चों के इशारे कैसे समझें, होती है उनकी अपनी अलग भाषा
स्कैल्प टिनिया (टिनिआ कैपिटिस) (Scalp tinea)
बच्चों में स्कैल्प टिनिया खासकर संक्रामक है। यह ज्यादातर दो से दस साल के बच्चों में होता है। अडल्ट में ये परेशानी कम होती है। बच्चों में स्कैल्प टिनिया के लक्षण इस तरह से हो सकते हैं
- स्कल पर लाल और स्केली रैश
- स्कल की खुजली
- बालों का झड़ना
- शरीर में अलग-अलग जगह पर चकत्ते
नेल रिंगवॉर्म (टिनिया यूंगियम) (Nail ringworm)
बच्चों मे नेल रिंगवाॅर्म उंगली या अंगूठे का एक इंफेक्शन है, जिससे नाखून में सूजन आ जाती है। यह स्थिति नाखूनों की तुलना में पैर के अंगूठें में ज्यादा पाई जाती है। यह छोटे बच्चों की तुलना में टीन्स और अडल्ट में ज्यादा पाया जाता है। बच्चों में नेल टिनिया के लक्षण इस तरह से हो सकते हैं :
- नाखूनों के सिरों का मोटा होना
- नाखूनों को पीला होना
बच्चों में टिनिया कैसे डायग्नोस करें? (Diagnosis of Tenia in Children)
टिनिया को डायग्नोज करने के लिए मेडिकल हिस्ट्री और बच्चे का बॉडी चेकअप करना पड़ता है। दाद देखने में अलग होता है और आमतौर पर केवल बॉडी चेकअप से इसको डायग्नोज किया जा सकता है। डायग्नोसिस के लिए डॉक्टर टिनिया के घाव को खरेंच कर देख सकता है। निदान करने के बाद डॉक्टर लक्षणों और गंभीरता के आधार पर ट्रीटमेंट देते हैं।
ये भी पढ़ेंः बच्चों का पहला दांत निकलने पर कैसे रखना है उनका ख्याल, सोचा है?
बच्चों में टिनिया का इलाज क्या है? (Treatment of Tenia in Children)
फंगल इंफेक्शन कई बार पूरी तरह से ठीक नहीं होता इसलिए दाद के बार-बार होने की आशंका बनी रहती है। आसानी से ठीक होने की वजह से इसके इलाज को दोहराया जा सकता है। इन चीजों को ध्यान में रखकर इलाज किया जाता हैः
- बच्चे की उम्र, स्वास्थ्य और मेडिकल हिस्ट्री
- स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर
- दाद की जगह
- दवाओं, रिएक्शन या इलाज के लिए बच्चे की सहनशीलता
प्रभावित क्षेत्र को साफ और सूखा रखना जरूरी हैः
- टिनिया वाले एरिया को धोएं और एक साफ तौलिए से घाव को सूखाएं। (शरीर के बाकी हिस्सों के लिए एक अलग साफ तौलिए का उपयोग करें)
- ऐंटिफंगल क्रीम, पाउडर या स्प्रे को लेबल पर दिए गए निर्देश के अनुसार इस्तेमाल करें।
- हर दिन कपड़े बदलें।
- एथलीट फुट जैसे किसी भी दूसरे फंगल संक्रमण का इलाज करें।
ये भी पढ़ेंः बच्चों का लार गिराना है जरूरी, लेकिन एक उम्र तक ही ठीक
बच्चों में टिनिया को कैसे रोकें? (How to Prevent tenia in children)
बच्चों में दाद होने से रोकने के लिए कुछ उपाय अपनाने चाहिए। इससे बचने के लिए बच्चों और किशोरों को चाहिए:
- बच्चों की त्वचा को साफ और सूखा रखें।
- साफ तौलिए का उपयोग करें और कपड़े, तौलिये, कंघी, ब्रश और टोपी शेयर करने से बचें।
- अपने स्पोर्ट वेयर इस्तेमाल के बाद हर बार धोएं और इसको दूसरों के साथ शेयर ना करें।
- टाइट कपड़ों से बचें।
- हर दिन कपड़े बदलें।
- दूसरे लोगों की चीजें भी खुद प्रयोग करने से बचें।
- पालतू जानवरों के साथ खेलने के बाद साबुन और पानी से हाथ धोएं।
- बच्चों की नैपीज को गीला होने पर जरूर बदलें।
- डॉक्टर की सलाह पर ही हमेशा बच्चों के लिए किसी प्रकार के स्किन प्रोडक्ट का चुनाव करें।
दाद का सामान्य उपचार
ज्यादातर दाद शरीर की त्वचा या जोड़ वाले हिस्से को प्रभावित करता है। दाद के इलाज के लिए कई तरह की एंटी फंगल क्रीम उपलब्ध हैं। इन एंटी फंगल क्रीम के उपयोग से दाद की स्थिति दो हफ्तों के अंदर-अंदर ठीक हो जाती है। यह उपचार पैर में होने वाले फंगल संक्रमण जैसे कई मामलों के लिए भी काफी प्रभावी होते हैं, लेकिन बच्चे के लिए ऐसे किसी भी प्रोडक्ट का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
बच्चों में टिनिया की परेशानी बहुत सामान्य है, लेकिन अगर उनके कपड़ों और उनके रूटीन पर ध्यान दिया जाए, तो उन्हें इस परेशानी से बचाया जा सकता है। दाद को शुरुआत में ही डॉक्टर को दिखाएं। इससे वह फैलेगा नहीं और बच्चे को ज्यादा परेशानी का सामना भी नहीं करना पड़ेगा।
उम्मीद करते हैं आपको हमारा ‘बच्चों में टिनिया’ का लेख पसंद आया होगा। यहां हमने बच्चों में दाद हर संभव जानकारी देने की कोशिश की गई है। आपके पास बच्चों में टिनिया बीमारी से संबंधित कोई और प्रश्न है तो आप अपने डॉक्टर से भी परामर्श ले सकते हैं। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
[embed-health-tool-vaccination-tool]