बच्चों के पैदा होने के लगभग चार से पांच महीने के बाद ही उन्हें कुछ चूसने की आदत लग जाती है। इसी के चलते बच्चों को पेसिफायर की आदत (Pacifier Habit) भी बचपन से ही लग जाती है। पेसिफायर की आदत, जहां एक तरफ बच्चे को होती है, वहीं माता-पिता को भी बच्चों को पेसिफायर देने की जरूरत महसूस होती है। पेसिफायर बच्चे (Pacifier Habit) को घंटों शांत बनाए रखने में मदद कर सकता है। शिशुओं के पास अपनी जिज्ञासा को कंट्रोल करने के लिए कोई दूसरा रास्ता नहीं होता। वे अपनी परेशानी को कम करने के लिए किसी से बात नहीं कर सकते, अगर उन्हें ठंड लग रही है, तो वे आपसे बोल कर कंबल नहीं मांग सकते, वे चीजों को कंट्रोल करने के लिए अपने हाथों का उपयोग नहीं कर सकते। पेसिफायर की आदत (Pacifier Habit) उन्हें खुद को शांत करने का एक तरीका होता है।