कोरोनाकाल एक ऐसा समय जिसमें सभी को संभल कर रहने की जरूरत है, खासतौर पर बच्चों और सीनियर सिटीजन को। इस महामारी ने अपना सबसे ज्यादा प्रकोप बुजुर्गों पर दिखाया है, क्योंकि कोविड-19 के कारण होने वाली मौतों में सबसे ज्यादा सीनियर सिटीजन ही शामिल हैं। सरकार की तरफ से पहले ही सीनियर सिटीजन के लिए कोरोना एडवाइजरी जारी कर दी गई थी कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं? वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन का आदेश जारी करने के दौरान सभी सीनियर सिटीजन को घरों से बाहर निकलने पर पूरी पाबंदी लगा दी थी। ऐसा इसलिए है, क्योंकि बुजुर्गों का इम्यून सिस्टम युवाओं की तुलना में कमजोर होता है और कोरोना का संक्रमण उनमें आसानी से हो सकता है। वहीं, देश अनलॉक होने के बाद भी बुजुर्गों पर पाबंदियां बनी हुई है। ऐसे में ‘वर्ल्ड सीनियर सिटीजन डे’ पर आइए जानते हैं कि हमारे देश के बुजुर्ग कोरोना काल में अपना किस तरह से ध्यान रख रहे हैं। इसके साथ ही सीनियर सिटीजन के लिए कोरोना एडवाइजरी के बारे में भी जानेंगे।
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कोरोना में देखभाल की कहानी, सीनियर सिटीजन की जुबानी
आइए कुछ ऐसे सीनियर सिटीजन के बारे में जानते हैं, जो हैलो स्वास्थ्य के साथ कोरोना के दौरान अपने जीवन में आए बदलाव को साझा कर रहे हैं :
डायट बदल कर खुद को रखा फिट
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले रमाशंकर मौर्य (70 वर्ष) और उनकी पत्नी सावित्री मौर्या (69 वर्ष) सीनियर सिटीजन है। रमाशंकर बताते हैं कि “वो डायबिटीज और हार्ट के पेशेंट हैं। उन्हें एक बार पहले हार्ट अटैक आ चुका है। टेलीविजन में जब देखा कि इतनी बड़ी महामारी दुनिया में फैलती जा रही है, तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था। इसके बाद सरकार ने लॉकडाउन लगा दिया और हम जैसे बुजुर्गों को घर में रहने की सलाह दे दी। इस दौरान मैंने अखबारों में डायबिटीक और हार्ट पेशेंट की देखभाल से संबंधित लेख भी पढ़ें। मेरी बहू ने मुझे वो सब कुछ खिलाना-पिलाना शुरू कर दिया, जिससे मेरी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके। सीनियर सिटीजन के लिए कोरोना एडवाइजरी के बारे में पढ़ा और उसे फॉलो कर रहा हूं। घर से बाहर निकलना पूरी तरह से बंद है अभी मेरा और परिवार के साथ ही समय बिता रहा हूं।”
इस बारे में रमाशंकर मौर्य की पत्नी सावित्री मौर्या बताती हैं कि “मॉर्निंग वॉक पर जाना मेरी दिनचर्या का हिस्सा था। लेकिन जब से कोरोना वायरस फैला है, तब से लॉकडाउन के बाद बाहर निकलना बंद हो गया। मुझे हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत रहती है। इस स्थिति में मैंने घर में ही टहलने की योजना बनाई है। फिर क्या था सुबह उठ कर घर की छत पर जा कर मेरी मॉर्निंग वॉक हो जाती है। मेरे घर में बेटे-बहू दोनों वर्किंग हैं और पोते स्कूल जाते हैं। ऐसे में परिवार के साथ समय बिताने का भी मौका इस महामारी के कारण मिला। जिससे मैं इन दिनों खुद को फिट और खुश महसूस कर रही हूं। साथ ही साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखती हूं।”
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चाय छोड़ इम्यूनिटी ड्रिंक शुरू की
जौनपुर (उत्तर प्रदेश) की रहने वाली 70 वर्षीया चम्पा मौर्या एक ग्रामीण बुजुर्ग महिला हैं। जैसा कि सभी जानते हैं कि अब शहरों से ज्यादा गांवों में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। तो ऐसे में चम्पा कहती हैं कि “कोरोना के शुरुआती समय में गांव में उतनी ज्यादा जागरूकता नहीं थी, जितनी की अब है। फिर एक दिन अचानक से मेरे मोहल्ले के एक परिवार की कोरोना पॉजिटिव होने की खबर मिली। जिसके बाद से हमारे क्षेत्र के सभी लोग डर गए थें। ऐसे में मेरी बेटी ने मुझे फोन कर के इस बीमारी में बरती जाने वाली सभी सावधानियों के बारे में बताया। तब से मैंने अपने हाथों को दिन में कई बार 20 सेकेंड के लिए हैंड वॉश की आदत डाली। इसी के साथ ही फेस मास्क भी पहनना शुरू किया। तब से मैंने घर से बाहर जाना बंद कर दिया है। अभी तक लॉकडाउन के नियमों को पालन कर रही हूं। इसके अलावा अपनी दिनचर्या में सुबह और शाम की चाय की जगह अदरक, लौंग, तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, अजवायन और शहद डाल कर काढ़ा पीना शुरू किया है। जिसका सेवन करने से मुझे सर्दी-जुकाम जैसी कोई भी समस्या नहीं हुई और मैं खुद को स्वस्थ महसूस करने लगी। इसके साथ ही और लोगों को भी कोरोना की रोकथाम के प्रति जागरूक कर रही हूं।”
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खुद की सुरक्षा के साथ रख रहे दूसरों का ध्यान
वाराणसी (उत्तर प्रदेश) के 66 वर्षीय सर सुंदरलाल अस्पताल (BHU) के चेस्ट विभाग से रिटायर्ड डॉ. एस के अग्रवाल और उनकी पत्नी 60 वर्षीय समाजसेवी अंजलि अग्रवाल सीनियर सिटीजन हैं। कोरोना संकटकाल की स्थति के बारे में दोनों दंपति बताते हैं कि “कोरोना एक बीमारी है, लेकिन उसे जोश और जज्बे के साथ ही जीता जा सकता है। ऐसे में सीनियर सिटीजन के लिए कोरोना एडवाइजरी को मानते हुए हम घर पर ही हैं और अपने सहयोगियों की मदद से जरूरतमंदों तक निःशुल्क मास्क, फेस शील्ड और सैनिटाइजर वितरित कर रहे हैं। वहीं, डॉ. एस के अग्रवाल टेलीकाउंसिलिंग के जरिए लोगों को निःशुल्क परामर्श भी दे रहे है। इस तरह से ये दंपति इस बुरे वक्त में खुद का ध्यान रख कर अन्य लोगों का सहारा भी बन रहे हैं।”
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योग, ध्यान और हेल्दी लाइफस्टाइल अपना कर कोरोना को दी मात
वाराणसी (उत्तर प्रदेश) के निवासी 65 वर्षीय अजीत कपूर और 63 वर्षीय उनकी पत्नी शोभा कपूर कोरोना को मात देकर अब घर लौट चुके हैं। यह दंपति समाज के लोगों के लिए एक मिसाल पेश करते हुए संदेश दे रहे हैं कि कोरोना से डरने नहीं, बल्कि लड़ने की जरूरत है। शोभा कहती है कि, “मैं पिछले 8 सालों से इम्यूनिटी बूस्टर ड्रिंक ले रही हूं। कोरोना पॉजिटिव होने के बाद जब मेरे डॉक्टर ने मुझे देखा तो उन्होंने कहा कि इन इम्यूनिटी बूस्टर ड्रिंक के कारण ही मैं इतनी स्ट्रॉन्ग हूं। मेरे पति को शुरू में थोड़ी परेशानी हुई थी, लेकिन हम दोनों ने अस्पताल में दवाइयों के अलावा सुबह शाम टहलना, हेल्दी डायट के साथ योग करना, ध्यान लगाना, आयुष काढ़ा, तुलसी अर्क, ग्रीन टी आदि का नियमित सेवन कर के कोरोना को हरा दिया। अब हम दोनों को अस्पताल से छुट्टी मिले एक महीना हो गया और आज भी हम दोनों और परिवार के सदस्य नियमित दिनचर्या का पालन कर रहे हैं।”
अजीत कपूर कहते हैं कि, “कोरोना वायरस से डरने की जरूरत नहीं है, आप चाहें तो एक वीर योद्धा बन कर इससे किसी भी उम्र में जीत सकते हैं। हमें सिर्फ अपनी दिनचर्या संयमित रखने के साथ संतुलित आहार लेना होगा।”
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सीनियर सिटीजन के लिए कोरोना एडवाइजरी क्या है?
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से सीनियर सिटीजन के लिए कोरोना एडवाइजरी 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों के लिए जारी की गई है। 2011 की जनगणना के अनुसार हमारे देश में कुल 61 करोड़ बुजुर्ग हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की विशेष जिम्मेदारी बन जाती है कि वे बुजुर्गों का ध्यान रखें। सीनियर सिटीजन के लिए कोरोना एडवाइजरी निम्न प्रकार है :
सीनियर सिटीजन के लिए कोरोना एडवाइजरी : बुजुर्ग क्या करें?
- घर पर रहें, बाहर जाने से परहेज करना बहुत जरूरी है। अगर बहुत जरूरी हो तो सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए एक से डेढ़ मीटर के फासले का ध्यान रखें।
- अपने हाथों को हर आधे-एक घंटे पर साबुन और पानी की मदद से धुलते रहें।
- छींकते या खांसते समय मुंह को कोहनी या टिश्यू पेपर या रूमाल से ढक लें। इसके बाद टिश्यू पेपर को डस्टबिन में फेंके और रूमाल को अच्छे तरह से धुल कर डिसइंफेक्ट करें।
- ज्यादा मात्रा में पानी पिएं और इम्यूनिटी बढ़ाने वाले तरल पदार्थों का सेवन करें। इसके अलावा ताजे और गर्म भोजन का ही सेवन करें।
- योग, ध्यान और एक्सरसाइज नियमित रूप से करते रहें।
- अपनी दवाइयां समय पर लेते रहें।
- अगर आपका परिवार आपके साथ नहीं रहता है तो फोन या वीडियो कॉल के माध्यम से अपने परिवार और सगे संबंधियों से बात करते रहें।
- हमेशा छुए जाने वाली सतहों को डिसइंफेक्ट करते रहें।
- अपनी सेहत का ध्यान रखें। अगर बुखार, खांसी, सांस लेने में समस्या आदि परेशानी हो तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।
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सीनियर सिटीजन के लिए कोरोना एडवाइजरी : बुजुर्ग क्या ना करें?
- बिना मुंह को ढकें ना तो छींकें और ना ही खांसें।
- अगर किसी को बुखार, खांसी या सर्दी-जुकाम है तो उनके संपर्क में ना जाएं।
- अपनी चेहरे, आंख, नाक और मुंह आदि को हाथों से ना छुएं।
- खुद से किसी भी दवा का सेवन ना करें।
- अपने किसी पहचान वाले, परिवार के लोगों, रिश्तेदारों से हाथ ना मिलाएं, दूर से नमस्ते करें।
- अस्पताल में रूटीन चेकअप के लिए ना जाएं। जरूरी हो तो घर पर ही टेली-कंसल्टेशन लें और जरूरी होने पर घर पर ही टेस्ट के लिए बात करें।
- भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें, जैसे- पार्क, बाजार या धार्मिक स्थल।
- जरूरी ना होने पर बाहर ना जाएं।
सीनियर सिटीजन के लिए कोरोना एडवाइजरी में बताई गई सभी बातों को अपनाने के बाद बुजुर्ग खुद को सुरक्षित महसूस कर सकते हैं। वहीं, आशा करते हैं कि सीनियर सिटीजन की प्रेरित बातें पढ़ कर आप में भी एक नया जोश आया होगा। सीनियर सिटीजन के लिए कोरोना एडवाइजरी से संबंधित अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।