एट्रियल फिब्रिलेशन एक असामान्य और तीव्र हार्ट रेट को कहा जाता है जिसके कारण स्ट्रोक्स, हार्ट फेलियर या अन्य हार्ट रिलेटेड कॉम्प्लीकेशन्स बढ़ सकती हैं। एट्रियल फिब्रिलेशन के दौरान दिल के दो अपर चैम्बर्स जिन्हें अट्रिया (Atria) कहा जाता है, असामान्य तरीके से धड़कते हैं। एट्रियल फिब्रिलेशन के लक्षणों में अक्सर हार्ट पैल्पिटेशन (Heart Palpitations), सांस लेने में तकलीफ (Shortness of Breath) और कमजोरी शामिल होती है। इस बीमारी के सही उपचार के साथ ही रोगी को अपने खान-पान का खास ख्याल रखना चाहिए। सही और पौष्टिक आहार इस समस्या में बहुत मुख्य भूमिका निभाता है। आइए जानते हैं एट्रियल फिब्रिलेशन डायट (Atrial Fibrillation Diet) के बारे में। सबसे पहले जान लेते हैं कि क्या हैं इसके लक्षण।
एट्रियल फिब्रिलेशन के लक्षण क्या हैं? (Atrial Fibrillation Symptoms)
एट्रियल फिब्रिलेशन डायट (Atrial Fibrillation Diet) से पहले इसके लक्षणों के बारे में जानकारी होना जरूरी है ताकि सही समय पर इसका निदान हो सके। एट्रियल फिब्रिलेशन से पीड़ित कई लोगों में कोई लक्षण नजर नहीं आता है और उन्हें यह अंदाज भी नहीं होता कि वो इस बीमारी से पीड़ित हैं। लेकिन, कुछ लोगों में एट्रियल फिब्रिलेशन के लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:
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- पैल्पिटेशन (Palpitations)
- कमजोरी (Weakness)
- एक्सरसाइज की क्षमता का कम होना (Reduced Ability to Exercise)
- थकावट (Fatigue)
- चक्कर आना (Lightheadedness)
- सांस लेने में समस्या (Shortness of Breath)
- छाती में दर्द (Chest Pain)
अगर आपको एट्रियल फिब्रिलेशन के कोई भी लक्षण नजर आता है, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। इसके निदान के लिए डॉक्टर इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी (Electrocardiogram) की सलाह दे सकते हैं। ताकि, वो यह जान पाएं कि यह लक्षण एट्रियल फिब्रिलेशन के हैं या अन्य किसी समस्या के। अब जानिए क्या हैं इसके कारण।
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एट्रियल फिब्रिलेशन के कारण (Atrial Fibrillation Causes)
दिल के स्ट्रक्चर में अब्नोर्मिलटीज या इसका डैमेज होना, एट्रियल फिब्रिलेशन का सबसे सामान्य कारण है। इसके अलावा इसके कारण इस प्रकार हैं:
- हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure)
- हार्ट अटैक (Heart Attack)
- कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease)
- एब्नॉर्मल हार्ट वॉल्वज (Abnormal Heart Valves)
- जन्म के समय से होने वाले हार्ट डिफेक्ट्स (Heart Defects you’re Born with)
- ओवरएक्टिव थायरॉइड ग्लैंड (Overactive Thyroid Gland)
- कुछ दवाईयां, कैफीन, तंबाकू (Some Medications, Caffeine, Tobacco or Alcohol)
- सिक साइनस सिंड्रोम (Sick Sinus Syndrome)
- लंग डिजीज (Lung Diseases)
- पुरानी हार्ट सर्जरी (Previous Heart Surgery)
- वायरल इंफेक्शंस (Viral Infections)
- सर्जरी, निमोनिया और अन्य बीमारियों के कारण स्ट्रेस (Stress due to Surgery, Pneumonia or other Illnesses)
- स्लीप एप्निया (Sleep Apnea)
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इसके अलावा इसके जोखिम बढ़ाने वाले फैक्टर्स इस प्रकार हैं:
- उम्र (Age)
- हाइपरटेंशन (Hypertension)
- पल्मोनरी एम्बोलिस्म (Pulmonary Embolism)
- हार्ट डिजीज (Heart Disease)
- अधिक एल्कोहॉल का सेवन (Excessive Alcohol Consumption)
- फैमिली मेंबर को यह समस्या होना (Family Members having Problem)
यह तो थे इसके कुछ कारण। अब बात करते हैं एट्रियल फिब्रिलेशन डायट (Atrial Fibrillation Diet) के बारे में।
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एट्रियल फिब्रिलेशन डायट कैसी होनी चाहिए? (Atrial Fibrillation Diet)
द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (The American Heart Association) के अनुसार जो लोग एट्रियल फिब्रिलेशन की समस्या से पीड़ित हैं। उन्हें ऐसे आहार का सेवन करना चाहिए जिसमें सैचुरेटेड फैट्स, ट्रांस फैट, नमक या कोलेस्ट्रॉल कम हो। इसके साथ ही उन्हें प्लांट बेस्ड डायट जैसे फल, सब्जियां, साबुत आनाज आदि को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। जानिए कैसी होनी चाहिए एट्रियल फिब्रिलेशन डायट (Atrial Fibrillation Diet)। इस समय आपको क्या खाना चाहिए और किन चीजों का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए, जानिए:
एट्रियल फिब्रिलेशन में क्या खाएं? (What to eat in Atrial Fibrillation)
एट्रियल फिब्रिलेशन में आपको कई चीजों को खाने से बचना चाहिए। लेकिन, सही और पौष्टिक आहार आपके लिए बेहद लाभदायक साबित हो सकता है। एट्रियल फिब्रिलेशन डायट (Atrial Fibrillation Diet) में आपको इन चीजों को शामिल करना चाहिए:
हर्ब्स और मसाले (Herbs and Spices)
इस समस्या की स्थिति में नमक का सेवन कम से कम करने के लिए कहा जाता है। ऐसे में आपको नमक की जगह पर हर्ब्स और मसालों का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है। ताकि आप अपने भोजन में फ्लेवर्स को ऐड कर सकें।
फ्रेश मीट और मछलियां (Fresh Meat and Fish)
आपको हमेशा पैक्ड की जगह फ्रेश मीट और मछलियों का ही सेवन करना चाहिए। क्योंकि, पैक्ड मीट में बहुत अधिक नमक और अन्य प्रेजरवेटिव हो सकते हैं। यही नहीं, रेड मीट को भी हार्ट के लिए अच्छा नहीं माना जाता। प्रोटीन के लिए आप रेड मीट की जगह पोल्ट्री या मछली का सेवन कर सकते हैं। हालांकि, दिल के लिए प्लांट बेस्ड आहार को सबसे अच्छा माना जाता है।
दही (Yogurt)
अगर आपको चीज (Cheese) खाना पसंद है, तो अब समय है उसे नजरअंदाज करने का। क्योंकि, इसे दिल के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। इसकी जगह आप दही का सेवन कर सकते हैं। दही हमारे पाचन, गट और दिल तीनों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।
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ताजे फल (Fresh Fruit)
ताजे फलों में बहुत अधिक न्यूट्रिएंट्स होते हैं। एट्रियल फिब्रिलेशन डायट (Atrial Fibrillation Diet) में आपको ताजे फलों को अवश्य शामिल करना चाहिए। जैसे केले में पोटैशियम लेवल बहुत अधिक होता है। जिसकी वजह से इसे खाना इस समस्या में फायदेमंद है।
अधिक एंटीऑक्सिडेंट्स (More Antioxidants)
कई अध्ययन यह बताते हैं कि एट्रियल फिब्रिलेशन डायट में अधिक एंटीऑक्सिडेंट्स को शामिल करने से अच्छा प्रभाव पड़ता है। यही नहीं, कुछ लोगों ने यह भी पाया है कि एट्रियल फिब्रिलेशन से जुडी समस्या एरिथमिया ( Arrhythmias) के उपचार में भी यह उपयोगी है।
बेरीज (Berries)
बेरीज में बहुत अधिक एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। जो दिल के लिए अच्छे हैं। इन्हें भी आप एट्रियल फिब्रिलेशन डायट (Atrial Fibrillation Diet) में शामिल कर सकते हैं।
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मेवे (Nuts)
मेवे कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं यानी यह हमारे हार्ट के लिए फायदेमंद हैं। इसलिए आप इन्हें भी खा सकते हैं जैसे बादाम, अखरोट आदि।
ग्रीन टी (Green Tea)
कॉफी, चाय की जगह ग्रीन टी पिएं। ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जिसके कारण यह सेहत और दिल के लिए बेहद लाभदायक है।
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मेडिटेरेनियन डायट (Mediterranean Diet)
‘मेडिटेरेनियन डायट’ में हेल्दी फूड को शामिल किया जाता है जैसे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और अन्य चीजें, जो हार्ट हेल्दी हैं। इसके साथ ही प्लांट बेस्ड आहार भी आपकी इस समस्या को दूर करने में प्रभावी है।
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एट्रियल फिब्रिलेशन में क्या न खाएं? (What not to Eat Atrial Fibrillation)
एट्रियल फिब्रिलेशन डायट (Atrial Fibrillation Diet) में उन चीजों को बिलकुल भी शामिल नहीं करना चाहिए जो दिल की समस्याओं और कोलेस्ट्रॉल के जोखिम को बढ़ाते हैं। जानिए कौन सी हैं वो चीजें?
प्रोसेस्ड और साल्टी फूड्स (Processed and Salty Foods)
शरीर में अधिक सोडियम लेवल शरीर में ब्लड वॉल्यूम को बढ़ाता है। जिससे दिल को पंप करने में समस्या होती है और एट्रियल फिब्रिलेशन की समस्या बढ़ती है। सोडियम लेवल को सामान्य रखने के लिए प्रोसेस्ड फूड्स को नजरअंदाज करना चाहिए। जैसे फास्ट फूड, तला हुआ आहार, सॉल्टी स्नैक फूड आदि। हाय सोडियम का स्तर पोटैशियम, जो दिल की हेल्थ के लिए एक पोषक तत्व है उसे भी नष्ट करता है।
ग्लूटेन (Gluten)
जिन लोगों को ग्लूटेन सेंसिटिविटी या एलर्जी की समस्या होती है जैसे सीलिएक रोग (Celiac Disease), अगर वो ग्लूटेन का सेवन करते हैं, तो उनमें दिल की समस्या बढ़ सकती है। ग्लूटेन पूरे शरीर में सूजन के स्तर को बढ़ा सकता है। जिससे हृदय की पेसमेकर नसों के काम करने का तरीका भी प्रभावित होता है।
कैफीन और एनर्जी ड्रिंक (Caffeine and Energy Drinks)
एट्रियल फिब्रिलेशन डायट (Atrial Fibrillation Diet) में अधिक कैफीन को शामिल नहीं करना चाहिए। अगर आपको लगता है कि कैफीन से यह समस्या बढ़ रही है, तो इनसे पूरी तरह से दूरी बना लें जैसे कॉफी और चाय। एनर्जी ड्रिंक्स से भी दूर रहने कि सलाह दी जाती है।
एल्कोहॉल (Alcohol)
एल्कोहॉल एट्रियल फिब्रिलेशन डायट (Atrial Fibrillation Diet) की लिस्ट में किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए, उनमें सबसे पहले आती है। क्योंकि, एल्कोहॉल इस समस्या को बढ़ा सकती है। यही नहीं, एट्रियल फिब्रिलेशन की दवाइयों के साथ भी यह इंटरैक्ट कर सकती है। ऐसे में अपने डॉक्टर की राय अवश्य लें।
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चीनी (Sugary Foods and Drinks)
इस समस्या से पीड़ित लोगों को ऐसे आहार और ड्रिंक्स का सेवन करने से भी बचना चाहिए। जिसमें अधिक चीनी की मात्रा हो। शोध के मताबिक डायबिटीज के पीड़ित लगभग चालीस प्रतिशत लोगों को बिना डायबिटीज की समस्या वाले लोगों से अधिक एट्रियल फिब्रिलेशन की समस्या होने की संभावना होती है। यानी अधिक चीनी का सेवन इस बीमारी को बढ़ा सकता है।
ग्रेपफ्रूट (Grapefruit)
ग्रेपफ्रूट में मौजूद कुछ कंपाउंड ब्लडस्ट्रीम में एट्रियल फिब्रिलेशन दवाओं की कंसंट्रेशन को बढ़ा सकते हैं। जैसे अगर आप वार्फरिन (Anticoagulants Warfarin) लेते हैं, तो ग्रेपफ्रूट के सेवन से आपका खून सामान्य से पतला हो सकता है। जिससे ब्लीडिंग का जोखिम बढ़ सकता है। यही नहीं, यदि आप हार्ट एरिथमियाज (Heart Arrhythmia), के लिए दवाएं लेते हैं, तो ग्रेपफ्रूट आपके हार्ट रिदम (Heart Rhythm) को नियंत्रित करने के तरीके में भी हस्तक्षेप कर सकता है।
यह तो थी एट्रियल फिब्रिलेशन डायट (Atrial Fibrillation Diet) के बारे में पूरी जानकारी। इसमें कोई संदेह नहीं है कि सही डायट से इस बीमारी आपको राहत मिल सकती है। अब हम बात करेंगे कुछ अन्य तरीकों की जिन्हें अपनाने से भी आप अच्छा महसूस करेंगे और इससे आपकी संपूर्ण हेल्थ भी सही रहेगी।
एट्रियल फिब्रिलेशन से बचाव के टिप्स (Tips for Atrial Fibrillation)
एट्रियल फिब्रिलेशन डायट (Atrial Fibrillation Diet) इस समस्या से बचने के लिए जरूरी है। लेकिन इसके अलावा आपको अपने दिल को सुरक्षित रखने के लिए अपने लाइफस्टाइल में भी परिवर्तन करने होंगे। यह हेल्दी लाइफस्टाइल के तरीके इस प्रकार हैं:
- फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ाएं।
- स्मोकिंग करने से बचें।
- हेल्दी वेट को मेंटेन रखें।
- कैफीन और अल्कोहल की मात्रा को लिमिटेड रखें या नजरअंदाज करें।
- तनाव से भी बचें अधिक तनाव या गुस्से से भी हार्ट रिदम प्रॉब्लम्स हो सकती । है
- अगर आप किसी समस्या के लिए ओवर-द-काउंटर दवाइयों जैसे एस्पिरिन (Aspirin), ऐपिक्साबन (Apixaban) आदि का प्रयोग कर रहे हैं, तो थोड़ा सावधान रहें। कोई भी समस्या होने पर मेडिकल हेल्प लें।
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एट्रियल फिब्रिलेशन वो डिसऑर्डर है जो असामान्य हार्ट रिदम का कारण बन सकता है। इससे बचने के लिए लाइफस्टाइल में हेल्दी बदलाव जरूरी हैं। जिसमें सबसे आवश्यक है एट्रियल फिब्रिलेशन डायट (Atrial Fibrillation Diet)। कुछ चीजों का सेवन सीमित मात्रा में लेने या कुछ को बिलकुल नजरअंदाज कर के आप इस समस्या को काफी हद तक मैनेज कर सकते हैं। एक हेल्दी डायट आपको अंडरलायिंग हेल्थ कंडीशंस जैसे हाय ब्लड प्रेशर, मोटापा, हाय कोलेस्ट्रॉल आदि से भी आपको राहत दिलाने में मदद कर सकती है। एट्रियल फिब्रिलेशन डायट (Atrial Fibrillation Diet) के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर या डायटिशन की मदद भी ले सकते हैं।
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