कुछ बच्चे अपनी उम्र के अन्य बच्चों से कद में छोटे होते हैं, लेकिन सामान्य रूप से बढ़ते हैं। कुछ बच्चों की हाइट में अंतर जेनेटिक होता है। लेकिन, कुछ बच्चों को ग्रोथ डिसऑर्डर होते हैं। ग्रोथ डिसऑर्डर वो समस्याएं हैं जिसके कारण बच्चे सामान्य हाइट, वजन, सेक्शुअल मच्योरिटी या अन्य विशेषताओं में अच्छे से विकसित नहीं हो पाते। बहुत धीरे या तेजी से ग्रोथ होना, कई बार ग्लैंड प्रॉब्लम या बीमारियों का संकेत भी हो सकते हैं। ऐसा ही एक डिसऑर्डर है जिसे जायगैन्टिज्म (Gigantism) कहा जाता है। बच्चों में जायगैन्टिज्म (Gigantism) की समस्या क्या है और किस तरह से इसका उपचार हो सकता है, जानिए।
क्या है जायगैन्टिज्म (Gigantism)?
हमारी पिट्यूटरी ग्लैंड (Pituitary Gland ) हॉर्मोन बनाती है, जो हड्डियों और अन्य टिश्यूज की ग्रोथ में मददगार होते हैं। जिन बच्चों की हाइट कम होती है, उनके ग्रोथ हॉर्मोन (Growth Hormone) का उपचार उनकी हाइट को बढ़ाने में मदद कर सकता है। लेकिन, कुछ लोगों में बहुत अधिक ग्रोथ हॉर्मोन होते हैं। इसका कारण पिट्यूटरी ग्लैंड ट्यूमर है, लेकिन यह ट्यूमर कैंसर्स नहीं होते हैं। बहुत अधिक हॉर्मोन ग्रोथ बच्चों में जायगैन्टिज्म (Gigantism) का कारण बन सकते है, जिसमें उनकी हड्डियों और शरीर की ग्रोथ बहुत अधिक होती है।
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वयस्कों में, यह एक्रोमेगली (Acromegaly) का कारण बन सकता है, जिसके कारण हाथ, पैर और चेहरा सामान्य से बड़ा हो जाता है। इसके संभावित उपचारों में ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी, दवाएं और रेडिएशन थेरेपी शामिल हैं। ग्रोथ हार्मोन बच्चे की ऊंचाई और विकास पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। कई बच्चे जेनेटिक्स के कारण दूसरों की तुलना में छोटे या लम्बे होते हैं, कुछ बच्चों में ग्रोथ डिसऑर्डर हो सकता है। जायगैन्टिज्म (Gigantism) एक दुर्लभ स्थिति है जिसके कारण बच्चों में एब्नार्मल ग्रोथ हो सकती है।
इस समस्या का जल्दी निदान होना जरूरी है। जल्दी निदान और उपचार से उन बदलावों को कम किया या रोका जा सकता है, जिनके कारण बच्चों की ग्रोथ सामान्य से अधिक होती है। लेकिन माता-पिता के लिए इस स्थिति की पहचान करना मुश्किल है। क्योंकि इसके लक्षण शुरुआत में सामान्य होते हैं। आइए, जानते हैं इस समस्या के लक्षणों के बारे में।
जायगैन्टिज्म के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Gigantism)
जायगैन्टिज्म (Gigantism) एक सामान्य स्थिति नहीं है। इससमे बच्चे के ग्रोथ हॉर्मोन्स पर प्रभाव पड़ता है जिससे उसका शरीर या अंग उम्र के मुताबिक बहुत अधिक बढ़ जाते हैं। हालांकि, इसके इसके लक्षणों को नोटिस कर पाना बहुत मुश्किल है। लेकिन, इसके कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:
- पेरीफेरल विजन में समस्या (Difficulty with Peripheral Vision)
- बहुत बड़ा जबड़ा या माथा (Prominent Forehead and Jaw)
- दांतों के बीच में अंतर (Gaps between the Teeth)
- अधिक पसीना आना (Increased Sweating)
- लड़कियों में असामान्य मासिक धर्म (In Girls, Irregular Menstruation)
- बड़े हाथ और पैर (Large Hands and Feet)
- मोटी उंगलिया और अंगूठे और (Thick Fingers and Toes)
- कमजोरी (Weakness)
- सोने में समस्या (Sleep problems)
- सिरदर्द (Headaches)
- सुनाई न देना (Deafness)
- आवाज में बदलाव (Changes in Voice)
जेनेटिक और रेयर डिजीज इंफॉर्मेशन सेंटर (Genetic and Rare Diseases Information Center) के अनुसार जायगैन्टिज्म (Gigantism) का इलाज करना महत्वपूर्ण है। क्योंकि, इससे बच्चे के गुप्तांग पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाते हैं या प्रभावित बच्चों में यौवन देरी से आता है। पाएं जानकारी जायगैन्टिज्म के कारणों के बारे में।
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जायगैन्टिज्म के कारण क्या हैं? (Causes of Gigantism)
पिट्यूटरी ग्लैंड ट्यूमर को इस समस्या का कारण माना जाता है। यह ग्लैंड दिमाग की सतह पर होता है और उन हॉर्मोन्स का निर्माण करता है जो शरीर में फंक्शन्स को कंट्रोल करते हैं। इस ग्लैंड द्वारा मैनेज किए जाने वाले कुछ कार्य इस प्रकार हैं:
- टेम्प्रेचर कंट्रोल (Temperature Control)
- सेक्शुअल डेवलपमेंट (Sexual Development)
- ग्रोथ (Growth)
- मेटाबोलिज्म (Metabolism)
- यूरिन में समस्या (Urine production)
जब पिट्यूटरी ग्लैंड में ट्यूमर बढ़ता है, तो ग्लैंड जितने शरीर को चाहिए होते हैं उससे कहीं अधिक ग्रोथ हॉर्मोन्स का निर्माण करते हैं। जायगैन्टिज्म (Gigantism) के कुछ कम सामान्य कारण इस प्रकार हैं :
- मैकक्यून-अलब्राइट सिंड्रोम (McCune-Albright syndrome) : यह सिंड्रोम बोन टिश्यू में एब्नार्मल ग्रोथ, लाइट ब्राउन स्किन और ग्लैंड अब्नोर्मिलिटीज़ का कारण बनता है।
- कार्नी कॉम्प्लेक्स (Carney Complex) : यह एक इनहेरिटेड स्थिति है, जो कनेक्टिव टिश्यू पर नॉन-कैंसरस ट्यूमर, कैंसर्स और नॉन-कैंसर्स एंडोक्राइन ट्यूमर (Noncancerous Endocrine Tumors) और डार्क स्किन पर स्पॉट्स का कारण बनती है।
- मल्टीप्ल एंडोक्राइन नियोप्लेसिया टाइप 1 (Multiple Endocrine Neoplasia Type 1) : यह भी एक इनहेरिटेड डिसऑर्डर है जो पिट्यूटरी ग्लैंड, पैंक्रियास या पैराथाइरॉइड ग्लैंड्स में ट्यूमर का कारण बनता है।
- न्यूरोफाइब्रोमैटॉसिस (Neurofibromatosis) : इस डिसऑर्डर के कारण भी नर्वस सिस्टम में ट्यूमर बनते हैं। इसके निदान के लिए डॉक्टर आपकी मदद कर सकते हैं ताकि आपके बच्चे को सही उपचार प्राप्त हो। इस तरह से संभव है इस समस्या का निदान।
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जायगैन्टिज्म का निदान कैसे हो सकता है? (Diagnosis of Gigantism)
अगर डॉक्टर को यह संदेह है कि किसी बच्चे को जायगैन्टिज्म (Gigantism) की समस्या है तो वो इसके निदान के लिए ब्लड टेस्ट कराने के लिए कह सकते हैं, ताकि ग्रोथ हॉर्मोन्स के लेवल और इन्सुलिन-लाइक ग्रोथ फैक्टर 1 (Insulin-like Growth Factor 1) को जांचा जा सके, जिनका उत्पादन लिवर द्वारा होता है। इसके साथ ही डॉक्टर ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट (Oral Glucose Tolerance Test) की सलाह भी दे सकते हैं। जानिए इन टेस्ट्स के बारे में:
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ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट (Oral Glucose Tolerance Test)
ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट के दौरान बच्चे को एक खास पेय पीने के लिए कहा जाएगा जिसमें ग्लूकोज होगा। इस पेय को पीने से पहले और बाद में ब्लड सैंपल लिया जाएगा। सामान्य शरीर में ग्लूकोज को खाने या पीने के बाद हॉर्मोन लेवल ड्राप हो जाते हैं। लेकिन अगर प्रभावित बच्चे का लेवल वही रहता है तो इसका अर्थ है कि उसका शरीर अतिरिक्त ग्रोथ हॉर्मोन्स बना रहा है।
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अन्य टेस्ट (Other Tests)
अगर ब्लड टेस्ट से भी जायगैन्टिज्म (Gigantism) का पता चलता है, तो आपके बच्चे को इसके बाद पिट्यूटरी ग्लैंड की मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग स्कैन (Magnetic Resonance Imaging) करने की जरूरत होगी। इस स्कैन से डॉक्टर को ट्यूमर के आकार और स्थिति का पता चलेगा। इस समस्या के निदान के बाद डॉक्टर इसके उपचार के लिए कई तरीके अपना सकते हैं। जानिए, इनके उपचार के इन तरीकों के बारे में।
जायगैन्टिज्म का उपचार कैसे किया जाता है? (Treatment of Gigantism)
ग्रोथ हॉर्मोन के उत्पादन को रोकना या धीमा करना आसान नहीं है। आपके डॉक्टर को आपके बच्चे का प्रभावी ढंग से इलाज करने के लिए कई टेक्निक्स के मेल का उपयोग करने की आवश्यकता हो सकती है, जैसे :
सर्जरी (Surgery)
जायगैन्टिज्म (Gigantism) के मुख्य कारण पिट्यूटरी ट्यूमर में बनने वाले हॉर्मोन्स को रोकने के लिए सबसे पहला विकल्प होता है सर्जरी। हालांकि, सभी मामलों में इसका प्रयोग नहीं किया जाता है। कई बार सर्जरी से ट्यूमर का हिस्सा रिमूव कर दिया जाता है और दूसरे भाग का उपचार दवाईयों या रेडिएशन थेरेपी से किया जाता है।
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दवाईयां (Medication)
ड्रग थेरेपी में दवाईयों का प्रयोग कर के ट्यूमर को शरिंक कर दिया जाता है। दवाईयों का प्रयोग तब भी किया जाता है, जब सर्जरी से ट्यूमर पूरी तरह से नहीं निकलता है।
गामा नाइफ रेडियोसर्जरी (Gamma Knife Radiosurgery)
यदि सर्जरी संभव नहीं है, तो गामा नाइफ रेडियोसर्जरी एक विकल्प हो सकती है। ‘गामा नाइफ’ परिसाइज रेडिएशन बीम (precise radiation beams) का एक संग्रह है, जो किसी भी आसपास के टिश्यू को नुकसान पहुंचाए बिना सीधे ट्यूमर पर अटैक करती है। इस प्रकार के उपचार को प्रभावी होने में कई साल लग सकते हैं।
रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy)
यदि ट्यूमर को पूरी तरह से हटाया नहीं जा सकता है, तो रेडिएशन थेरेपी का उपयोग अक्सर सर्जरी के साथ किया जाता है।
यह तो थे जायगैन्टिज्म (Gigantism) के कुछ उपचार के विकल्प। बच्चों अत्यधिक ग्रोथ हॉर्मोन्स का उपचार करना बेहद जरूरी है ताकि वो एक स्वास्थ्य ओर अच्छा जीवन जी सकें। लेकिन इस उपचार के कुछ साइड-इफेक्ट भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं।
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क्या इस उपचार के कुछ साइड इफेक्ट हैं?
जायगैन्टिज्म (Gigantism) के उपचारों के कई साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
- सर्जरी से होने वाले साइड-इफेक्ट्स में हेमरेज (Hemorrhage), संक्रमण (Infection) या पिट्यूटरी ग्रंथि को नुकसान (Damage to Pituitary Gland) शामिल हो सकते हैं। जिसके परिणामस्वरूप पिट्यूटरी हार्मोन की कमी (हाइपोपिट्यूटारिज्म) हो सकती है। हाइपोपिट्यूटारिज्म का इलाज उन हार्मोनों को बदलकर किया जाता है जो कम होते हैं।
- पिट्यूटरी ग्रंथि में प्रयोग होने वाली रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy) भी हाइपोपिट्यूटारिज्म (Hypopituitarism) का कारण बन सकती है। इससे प्रीमेच्योर स्ट्रोक (Premature Stroke) या याददाश्त बिगड़ने का खतरा बढ़ सकता है।
- डोपामाइन-बेस्ड ड्रग्स (Dopamine Based Drugs) भूख, मतली, उल्टी और चक्कर आना कम कर सकती हैं।
- सोमाटोस्टैटिन एनालॉग (Somatostatin Analogues) इंजेक्शन द्वारा दिए जाते हैं और इससे इंजेक्शन के स्थान पर त्वचा और मांसपेशियों में समस्या हो सकती है।
ऐसा माना जाता है कि जायगैन्टिज्म (Gigantism) के अधिकतर मामले जो पिट्यूटरी ट्यूमर के सामान्य प्रकार से जुड़े होते हैं, उनका उपचार सर्जरी से संभव है। अगर यह ट्यूमर फिर से हो जाता है या सर्जरी के सुरक्षित विकल्प नहीं है, तो बच्चे के लक्षणों को दूर करने में लिए दवाईयों का प्रयोग किया जाता है। अगर आप इनमें से किसी भी उपचार को लेकर चिंतित हैं तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। जानिए इस समस्या से जुडी कुछ जटिलताओं के बारे में।
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जायगैन्टिज्म से जुडी लॉन्ग टर्म जटिलताएं क्या हैं? (Long Term Complications of Gigantism)
जायगैन्टिज्म (Gigantism) के निदान के बाद डॉक्टर से रेगुलर चेकअप बेहद जरूरी है ताकि वो बच्चे के हॉर्मोन लेवल को जांचा जा सके और जटिलताओं की स्क्रीनिंग की जा सके। कुछ लॉन्ग टर्म जटिलताएं जो कुछ लोग अनुभव कर सकते हैं, वे अधिक हाइट और सॉफ्ट टिश्यूज और इंटरनल ऑर्गन पर प्रभाव से संबंधित हैं।
इसके उदहारण इस प्रकार हैं:
- मसल्स में कमजोरी के कारण मोबिलिटी समस्या (Mobility problems due to Muscle Weakness)
- ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis)
- पेरीफेरल नर्व (Peripheral Nerve(
- हार्ट प्रॉब्लम जैसे वॉल्व इश्यूज के साथ लार्ज हार्ट (Heart such as Larger Heart with Valve Issues)
- मेटाबोलिक जटिलताएं जैसे डायबिटीज (Metabolic Complications such as Diabetes)
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जब इस स्थिति का सही से उपचार हो जाता है तो जायगैन्टिज्म (Gigantism) से पीड़ित बच्चे सामान्य जीवन जी सकते हैं। लेकिन, उनमें उपचार के बाद भी कुछ लक्षण रह सकते हैं जैसे मसल्स का कमजोर होना, मूवमेंट में समस्या या कोई साइकोलॉजिकल समस्या। ऐसे में उपचार के बाद भी बच्चे को नियमित मॉनिटरिंग की जरूरत होती है। हालांकि यह समस्या बेहद दुर्लभ है लेकिन फिर भी अपने बच्चे में जायगैन्टिज्म (Gigantism) के लक्षणों को नोटिस करें और अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे को यह समस्या हो सकती है तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें।
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