अगर आपको परागकण के कारण होने वाले हे फीवर (Hay Fever) की समस्या है, तो कुछ चीजों को खाने से आपके मुंह और गले में खुजली हो सकती है। ऐसा कुछ फलों या सब्जियों में पाई जाने वाली प्रोटीन के रिएक्शन के कारण होता है, जो परागकणों में पाई जाने वाली प्रोटीन के जैसी होती है। ये प्रोटीन हमारे इम्यून सिस्टम को भ्रमित कर सकती है और एलर्जी की प्रतिक्रिया पैदा कर सकती है। यही नहीं, इसके कारण मौजूदा लक्षण बदतर हो सकते हैं, जिसे क्रॉस-रिएक्टिविटी कहा जाता है। परागकण और खाद्य पदार्थों के मामले में, क्रॉस-रिएक्टिविटी के परिणाम को ओरल एलर्जी सिंड्रोम (Oral Allergy Syndrome) कहा जाता है। जिसे पॉलेन फ्रूट सिंड्रोम (Pollen Fruit Syndrome) के रूप में भी जाना जाता है। आइए, जानते हैं इस एलर्जी के बारे में यह भी जानें कि इस एलर्जी को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ कौन से हैं?
ओरल एलर्जी सिंड्रोम को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ (Oral Allergy Syndrome)
जैसे हर व्यक्ति अलग होता है, वैसे ही विभिन्न खाद्य पदार्थ इस सिंड्रोम को बढ़ाने का कारण बनते हैं। हालांकि, ओरल एलर्जी सिंड्रोम (Oral Allergy Syndrome) केवल परागकण और फलों में परागकणों के जैसी प्रोटीन के क्रॉस रिएक्टिविटी के कारण होती है। लेकिन, इस सिंड्रोम के लक्षणों को निम्नलिखित खाद्य पदार्थ ट्रिगर कर सकते हैं:
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- केला (Bananas)
- चेरी (Cherries)
- संतरा (Oranges)
- सेब (Apples)
- टमाटर (Tomatoes)
- खीरा (Cucumbers)
- तोरी (Zucchinis)
- बेल पेपर (Bell Peppers)
- सनफ्लावर सीड (Sunflower Seeds)
- गाजर (Carrots)
- ताजी हर्ब्स (Fresh Herbs)
अगर आपको ओरल एलर्जी सिंड्रोम (Oral Allergy Syndrome) है, तो बादाम या हेजलनट आदि भी इसके लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। अन्य एलर्जीज की तुलना में ओरल एलर्जी सिंड्रोम (Oral Allergy Syndrome) यानी पॉलेन फ्रूट सिंड्रोम के लक्षण हल्के होते हैं और इनसे अधिक नुकसान नहीं होता। आमतौर, पर ओरल एलर्जी सिंड्रोम (Oral Allergy Syndrome) से पीड़ित व्यक्ति को गंभीर एलर्जिक रिएक्शन नहीं होते हैं। यह रिएक्शन मुंह और गले तक ही सीमित होते हैं। इसमें एनाफिलेक्सिस (Anaphylaxis) बहुत अधिक दुर्लभ है। जानिए यह समस्या किन कारणों से हो सकती है:
ओरल एलर्जी सिंड्रोम (OAS) के कारण क्या हैं (Causes of Oral Allergy Syndrome)
अगर आपको कोई फूड एलर्जी है तो आपका इम्यून सिस्टम किसी खास खाद्य पदार्थ को हानिकारक चीज के रूप में पहचानता है। इसके रिस्पांस में आपका इम्यून सिस्टम शरीर के सेल्स को एक एंटीबाडी जिसे इम्युनोग्लोबुलिन E (Immunoglobulin E) कहा जाता है, उसे निकालने के लिए प्रोत्साहित करता है। ताकि इससे एलर्जी पैदा करने वाले भोजन या खाद्य पदार्थ (एलर्जेन) को बेअसर किया जा सके। ऐसे में, जब आप अगली बार इसी खाद्य पदार्थ का सेवन करते हो, तो इम्युनोग्लोबुलिन (Immunoglobulin E) एंटीबाडीज इसे पहचान लेती हैं और हमारे इम्युन सिस्टम को ब्लडस्ट्रीम में एक केमिकल यानी एंटीहिस्टामाइन (Antihistamine) और अन्य चीजों को रिलीज़ करने के लिए कहता है। इसके कारण यह एलर्जिक रिएक्शन होता है। इस समस्या से जुड़े रिस्क फैक्टर इस प्रकार हैं:
- फैमिली हिस्ट्री (Family History) : अगर आपके परिवार में अस्थमा (Asthma), हायव्स (Hives) या अन्य एलर्जीज जैसे हे फीवर हो, तो आपको फूड एलर्जी होने की संभावना बढ़ जाती है।
- अन्य एलर्जीज (Other Allergies) : अगर आपको पहले ही किसी फूड से एलर्जी है, तो इससे आपको किसी अन्य खाद्य पदार्थ से एलर्जी होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे ही अगर आपको अन्य तरह का एलर्जिक रिएक्शन है जैसे हे फीवर या एक्जिमा (Eczema)आदि। तो फूड एलर्जी होने की संभावना भी अधिक होगी।
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- उम्र (Age): बच्चों को खासतौर पर नवजात शिशुओं को फूड एलर्जी होने की संभावना अधिक होती है। लेकिन, जैसे-जैसे वो बड़े होते हैं उनका डायजेस्टिव सिस्टम विकसित होता जाता है। जिससे उन्हें यह समस्या कम होने लगती है। बच्चों में आमतौर पर दूध, सोया, गेहूं या अंडे की एलर्जी अधिक पाई जाती है।
- अस्थमा (Asthma): अस्थमा और फूड एलर्जी दोनों एक साथ होना सामान्य है। इन दोनों की स्थिति में लक्षण गंभीर हो सकते हैं। जानिए क्या हैं ओरल एलर्जी सिंड्रोम (Oral Allergy Syndrome) के लक्षण:
ओरल एलर्जी सिंड्रोम के लक्षण (Symptoms of Oral Allergy Syndrome)
ओरल एलर्जी सिंड्रोम (Oral Allergy Syndrome) के लक्षण हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकते हैं। लेकिन यह लक्षण अक्सर मुंह या मुंह के आसपास ही नजर आते हैं। ओरल एलर्जी सिंड्रोम (Oral Allergy Syndrome) के लक्षण इस प्रकार हैं:
- मुंह या जीभ में गुदगुदी या खुजली होना (Tingling and Itching in Mouth or Tongue)
- होंठों में सूजन (Swelling of the Lips)
- गले में खुजली (Scratchy Throat)
- सांस लेने में समस्या (Shortness of Breath)
- हायव्स (Hives)
- जी मचलना, उलटी आना, डायरिया (Nausea, Vomiting, Diarrhea)
- चक्कर आना (Dizziness)
- नेजल कंजेशन और छींक आना (Nasal Congestion and Sneezing)
अमेरिकन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा और इम्यूनोलॉजी (American College of Allergy, Asthma, and Immunology) के अनुसार अगर आपको घास, किसी वृक्ष या परागकण से एलर्जी है तो आप में ओरल एलर्जी सिंड्रोम (Oral Allergy Syndrome) होने की संभावना अधिक होती है। लेकिन, इस सिंड्रोम से पीड़ित केवल नौ प्रतिशत लोगों को ही गंभीर रिएक्शन होते हैं और मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है। अगर आपको माउथ एरिया के बाहर भी यह एलर्जिक रिएक्शन होता है। तो आपको तुरंत मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए।
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कब डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए?
अगर आपको कोई चीज खाने के बाद फूड एलर्जी के लक्षण नजर आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। इस दौरान तुरंत डॉक्टर की सलाह लेने से डॉक्टर इस समस्या का निदान कर पाएंगे। अगर आपको एनाफिलेक्सिस (Anaphylaxis) का कोई भी लक्षण नजर आता है, तो भी तुरंत मेडिकल ट्रीटमेंट जरूरत है। एनाफिलेक्सिस (Anaphylaxis) के लक्षण इस प्रकार हैं
- एयरवेज में संकुचन जिससे सांस लेने से समस्या (Constriction of Airways that makes it Difficult to Breathe)
- ब्लड प्रेशर का कम होना (Drop in Blood Pressure)
- प्लस का तेज होना (Rapid Pulse)
- चक्कर आना या बेहोशी (Dizziness or Lightheadedness)
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ओरल एलर्जी सिंड्रोम का निदान (Diagnosis of Oral Allergy Syndrome)
ओरल एलर्जी सिंड्रोम के निदान के लिए कोई परफेक्ट टेस्ट नहीं है। इसके लिए डॉक्टर कई फैक्टर्स को ध्यान में रखेंगे, ताकि ओरल एलर्जी सिंड्रोम (Oral Allergy Syndrome) का निदान कर सकें। यह फैक्टर्स इस प्रकार हैं:
- लक्षण (Symptoms) : इस सिंड्रोम के निदान के लिए आपको अपने डॉक्टर को अपने लक्षणों के बारे में विस्तृत जानकारी देनी होगी कि कौन सा खाद्य पदार्थ कितनी मात्रा में लेने से आपको समस्या हो रही है।
- एलर्जीज की फैमिली हिस्ट्री (Family history of Allergies) : डॉक्टर आपके आपकी फैमिली हिस्ट्री भी जानेंगे कि आपके परिवार में किसी को यह समस्या है या नहीं।
- शारीरिक जांच (Physical Examination) : शारीरिक जांच से मेडिकल प्रॉब्लम्स को पहचानने और सही उपचार में मदद मिल सकती है।
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इसके अलावा डॉक्टर अन्य टेस्ट्स कराने की सलाह भी दे सकते हैं, जैसे :
स्किन टेस्ट (Skin Test)
एक खास खाद्य पदार्थ के रिएक्शन को पहचाने के लिए स्किन प्रिक टेस्ट किया जाता है। इस टेस्ट में संदिग्ध खाद्य पदार्थ की थोड़ी सी मात्रा को रोगी की पीठ या फोरआर्म की त्वचा पर रखा जाता है और उस स्थान पर प्रिक किया जाता है। ताकि, उस चीज की थोड़ी सी मात्रा त्वचा के नीचे चली जाए। इसके बाद अगर उस स्थान की त्वचा सूज जाती है या कोई और रिएक्शन होता है, तो पता चल जाता है कि रोगी को उस चीज से एलर्जी है।
ब्लड टेस्ट (Blood Test)
एक ब्लड टेस्ट से एलर्जी रिलेटेड इम्युनोग्लोबुलिन E (IgE) एंटीबॉडी के माध्यम से इम्यून सिस्टम का उस खास फूड के प्रति रिस्पांस जांचा जा सकता है। इस टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल का नमूना लेकर उसे जांचा जाता है।
डायट में बदलाव (Change in Diet)
इस स्थिति में अपनी डायट में बदलाव भी एक तरह से टेस्ट की तरह ही है। इसमें आपको डॉक्टर खास खाद्य पदार्थ को एक या दो हफ्ते के लिए न खाने को कहेंगे और उसके बाद उस खाद्य पदार्थों को फिर से आपकी डायट में शामिल कर देंगे। इस प्रक्रिया से इस बात को जांचा जाएगा कि इस खास खाद्य पदार्थ के लिए आपका इम्यून सिस्टम कैसे रिएक्ट करता है। हालांकि, इसे ओरल एलर्जी सिंड्रोम (Oral Allergy Syndrome) के निदान का सही तरीका नहीं माना जाता है।
ओरल फूड चैलेंज (Oral Food Challenge)
इस टेस्ट में रोगी को पहले लक्षण पैदा करने वाले सस्पेक्टेड फूड की थोड़ी मात्रा दी जाती है और उसके बाद मात्रा को बढ़ाया जाता है। अगर इस टेस्ट के दौरान आपको कोई रिएक्शन नजर नहीं आता है, तो इस खाद्य पदार्थ को फिर से आपके आहार में शामिल कर दिया जाता है। ऐसे ही सभी संदिग्ध खाद्य पदार्थों के साथ इस प्रक्रिया को दोहराया जाता है।
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ओरल एलर्जी सिंड्रोम का उपचार कैसे है संभव? (Treatment of Oral Allergy Syndrome)
ओरल एलर्जी सिंड्रोम (Oral Allergy Syndrome) से बचने का एक ही तरीका है उस खाद्य पदार्थों का सेवन न करना, जिसके कारण यह लक्षण पैदा होते हैं। हालांकि, ऐसा करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इस स्थिति में इस सिंड्रोम के उपचार के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जा सकते हैं:
दवाइयां (Medicines)
माइनर एलर्जिक रिएक्शन (Minor Allergic Reaction) के लिए ओवर-द-काउंटर दवाइयां या डॉक्टर की सलाह के बाद एंटीहिस्टामाइन (Antihistamine) ली जा सकती हैं। ताकि, इस समस्या के लक्षण कम हो सके। हालांकि, यह दवाइयां गंभीर एलर्जिक रिएक्शन के लिए उपयोगी नहीं हैं। गंभीर एलर्जिक रिएक्शन के लिए एपिनेफ्रीन (Epinephrine) इंजेक्शन की सलाह दी जा सकती है। एलर्जी की समस्या से पीड़ित कई लोग अपने साथ एपिनेफ्रीन ऑटोइंजेक्टर (Epinephrine Autoinjector) रखते हैं। ताकि आपातकालीन समय में इसका प्रयोग कर सकें।
ओरल इम्यूनोथेरेपी (Oral Immunotherapy)
ओरल फूड एलर्जी की कई स्थतियों में रोगी को ओरल इम्यूनोथेरेपी के प्रयोग की सलाह दी जा सकती है। इससे जिस चीज से आप एलर्जिक हैं, उस चीज की थोड़ी सी मात्रा प्रभावित व्यक्ति को निगलने के लिए दी जाती है। इसके बाद इस एलर्जी को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ की मात्रा धीरे धीरे बढ़ा दी जाती है। यह एक लॉन्ग टर्म और प्रभावी ट्रीटमेंट है।
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ओरल एलर्जी सिंड्रोम से कैसे करें बचाव (Prevention of Oral Allergy Syndrome)
अगर आप जानते हैं कि आपको किसी चीज से एलर्जी है, तो उस एलर्जी से बचने का एक ही तरीका है उस चीज को न खाना। हालांकि ऐसा करना कुछ लोगों के लिए असुविधाजनक और मुश्किल हो सकता है। लेकिन, अगर आपको पता है कि कौन से खाद्य पदार्थ को खाने से आपको यह समस्या होती है तो आप इन उपायों को अपना सकते हैं:
- आपको यह जानकारी होनी चाहिए कि आप क्या खा और पी रहे हैं। फूड लेवल्स को अच्छे से पढ़ें ताकि आप गलती से भी उस खाद्य पदार्थ का सेवन न कर लें, जिनसे आपको एलर्जी है।
- अगर आपको पहले से ही गंभीर रिएक्शन हैं, तो मेडिकल अलर्ट ब्रेसलेट या नेकलेस पहने। जिससे दूसरे लोगों को भी पता चले कि आपको यह समस्या है। आपातकालीन स्थितियों में यह आपके बेहद काम आएगा।
- आपातकालीन एपिनेफ्रीन के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। यदि आपको किसी गंभीर एलर्जी की रिएक्शन का खतरा हो, तो आपको एपिनेफ्रीन ऑटोइंजेक्टर (Epinephrine Autoinjector) अपने साथ रखने आवश्यकता हो सकती है।
- किसी भी रेस्टोरेंट में जाते हुए ध्यान रखें कि आप ऐसी कोई भी चीज न खाएं जिससे आपको एलर्जी हो।
- अगर घर से बाहर जा रहे हैं, तो अपना आहार अपने साथ ले जाए, ताकि आप गलती से भी एलर्जिक चीज का सेवन न करें।
- अगर आपके बच्चे को भी यह समस्या है और वो स्कूल या डे-केयर में रहता है तो उसे साथ रहने वाले लोगों को भी बच्चे की इस स्थिति के बारे में पता होना चाहिए। इसके साथ ही बच्चे के साथ रहने वाले लोगों को यह भी जानकारी होनी चाहिए कि आपातकालीन स्थिति में उन्हें क्या करना है।
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ओरल एलर्जी सिंड्रोम (Oral Allergy Syndrome) एक सामान्य समस्या है जो आमतौर पर गंभीर नहीं होती। लेकिन, अगर आप इस समस्या से पीड़ित हैं तो आपको अपने खाने-पीने का खास ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ ही इसके लक्षणों पर भी नजर रखें ताकि, आपको तुरंत सही उपचार मिल सके। अगर आप एलर्जी या अन्य किसी भी हेल्थ कंडीशन से बचना चाहते हैं तो हेल्दी हैबिट्स को अपनाएं। इसके लिए सही खाएं, व्यायाम करें और तनाव से बचें।
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