कैंसर’ यह नाम सुनते ही हर किसी के दिल में यही ख्याल आता है कि ये बीमारी दुश्मन को भी न हो। कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर में साधारण सैल्स से अधिक सेल्स डेवलप होने लगते हैं। यानि कि शरीर में कोशिकाओं का निरंतर ही विभाजन होते रहना एक सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन जब शरीर के किसी अंग में इसका नियंत्रण बिगड़ जाता है और कोशिकाएं बेहिसाब तरीके से बढ़ने लगती हैं, तो उसे कैंसर कहा जाता हैं।
हम ये भी कह सकते हैं कि जब कोशिकाओं के जीन में आसमान्य परिवर्तन शुरू होने लगता है, तो ये कैंसर का शुरुआत का लक्षण होता है। ऐसा होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, कैंसर जैसी बीमारी के कारणों में शामिल है, गुटका व तंबाकू का सेवन, अल्ट्रावॉलेट रेज या अधिक रेडिएशन के बीच रहना। इसके अलावा और भी बहुत सारी आदते हैं, जो लोग रोजाना किसी न किसी रूप में करते हैं, जिसमें से सबसे ज्यादा की जाने वाली आदतों में शामिल है प्लास्टिक का इस्तेमाल और माइक्रोवेव में खाना गर्म करना। पलास्टिक की बोतल में पानी पीना हेल्थ के हानिकारक है। ये दो ऐसी आदते हैं, जिसके कारण कैंसर का रिस्क बढ़ जाता है। इसके अलावा लोगों में स्किन कैंसर की भी अधिक समस्या देखी गई है, जिसका कारण लोगों का अधिक देर तक धूप में रहना, वो भी बिना एसपीएफ के इस्तेमाल के।
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कैंसर का रिस्क बढ़ाने वाली आदतें (Habits increase cancer risk) : जानें एक्सपर्ट की राय
इस बारे में सफदरजंग हॉस्पिटल के फिजिशियन डॉक्टर अशोक रामपाल का कहना है कि कोई भी बीमारी हम पर तभी हावी होती है, जब हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हाेती है। हमारी अच्छी हेल्थ और इम्यून सिस्टम के लिए केवल अच्छा खानपान ही नहीं बल्कि अच्छी आदतें भी जरूरी हैं। कैंसर तो एक ऐसी बीमारी है जो होने के बाद शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को धीरे-धीरे खत्म करने लगती है। कैंसर भी कई प्रकार का होता है, जो हमारी अलग-अलग आदतों पर निर्भर करता है, जैसे कि अधिक धूम्रपान के कारण लंग कैंसर या मोटापे के कारण ब्रेस्ट कैंसर आदि। लोगों में सबसे तेजी से बढ़ने वाले कैंसर में शामिल हैं, ब्ल्ड कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, लंग कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, ब्रेन कैंसर और ओवरी का कैंसर।
हमारी लाइफस्टाइल और दिन भर में होने वाली ऐसी बहुत से ऐसे कारण हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से कैंसर का कारण बन जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप अपने खानपान से लेकर एक्सरसाइज तक में कई बातों का ध्यान रखें। इसके अलावा लोगों डेली करने वाली आदतों में अपनी बहुत सारी आदतों में सुधार करना चाहिए, जैसे कि प्लास्टिक की बोतल में पानी न पीना, ज्यादा देर तक कम्यूटर के आगे बैठना आदि। लोगों को अपनी डायट में हेल्दी फूड शामिल करने के साथ खाने की आदतों में भी सुधार लाना चाहिए। खाना समय पर खाएं तभी उसका सकरात्म्क प्रभाव देखने को मिलेगा।
कैंसर का कारण बनने वाली 21 आदतों ( Cancer-Causing Habits) को बदलें
शोधकर्ताओं का मानना है कि 200 से भी अधिक तरह के कैंसर हो सकते हैं। इन सबके होने का कारण और सबके लक्ष्ण भी अलग होते हैं। लेकिन इन सभी कैंसरों के बीच एक सामान्य बात यह है कि अधिकतर कैंसरों का कारण हमारी खराब लाइफस्टाइल और कुछ गलत आदतें हैं। जो बाद में धीरे-धीरे कैंसर का रूप ले लेती है।
1- अधिक चीनी का सेवन करना ( Eating Too Much Sugar)
आपकी अधिक चीनी खाने की आदत आपमें कैंसर का कारण हो सकता है। भारतीय बहुत अधिक मात्रा में चीनी खाते हैं, और इससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। डॉक्टर की मानें तो वो एक दिनभर में 5-6 चम्मच से अधिक शक्कर नहीं लेने की सलाह देते हैं। औसत भारतीय दिनभर दिनभर में 8- 12 चम्मच चीनी का सेवन करते हैं। बहुत अधिक चीनी खाने से आप मोटापे का शिकार हो सकती है, यह भी कैंसर का एक कारक है।
एक्सपर्ट नोट: अपने आहार में अतिरिक्त चीनी के सेवन में कटौती करें। यह करना आसान है, अब आर्टिफिश्यल शुगर वाले प्रोडक्ट के इस्तेमाल से बचें। इसके अलावा हो सके तो आर्टिफिश्यल शुगर के सेवन से भी बचें। कोल्ड ड्रिक जैसे ड्रिंक का रोज सेवन नहीं करना चाहिए। इसका अधिक सेवन भी आपमें कैंसर के जोखिम को बढ़ा देता है।
2-अधिक प्रोसेस्ड मीट का सेवन (Eating Processed Meat )
क्या आपको पता है कि प्रोसेस्ड मीट के सेवन से कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इस पर डब्ल्यूएचओ द्वारा इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर ने कार्सीनोजेनिक लक्षण का कारण बनने वाले प्रोसेस्ड मीट और लाल मीट के ऊपर एक रिसर्च रिपोर्ट जारी की है। इसमें उन्होंने “प्रोसेस्ड मीट को कार्सीनोजेनिक कहते हुए, इसके सेवन को कोलोरेक्टल कैंसर होने का खतरा बताया है”। जिस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर अगर आप रोज 40 ग्राम से ज्यादा प्रोसेस्ड मीट खाते हैं, तो 18 प्रतिशत कोलोरेक्टल कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन आपको बता दें कि तब भी देश में प्रोसेस्ड मीट की खरीद में वृद्धि हो रही है। जिनमें सॉसेज, हॉट डॉग, पेपरोनी और बीफ आदि शामिल हैं।
एक्सपर्ट नोट: एमडी एंडरसन कैंसर सेंटर द्वारा प्रोसेस्ड मीट को कम से कम या बिल्कुल भी नहीं खाने की सलाह दी जाती है। इसकी जगह फ्रेश मीट का सेवन हेल्थ के हिसाब से फायदेमंद है।
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3-प्रोसेस्ड फूड का सेवन ( Eating Processed Foods)
कैंसर का कारण बनने वाली 21 आदतों में एक आदत प्रोसेस्ड फूड का सेवन है। प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ में असंख्य ऐसे रसायन होते हैं, जो कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। प्राॅसेस्ड फूड के सेवन से शरीर फूलने लगता है। जोकि कैंसर के प्रमुख कारणों में से एक है। इसके अलावा इसमें आवश्यक विटामिन और खनिज की कमी होती है, जिस पर हमारे शरीर हानिकारक विषाक्त पदार्थों से खुद को मुक्त करने के लिए निर्भर करते हैं। प्रोसेस्ड फूड कई और भी कारणों से नुकसानदेह साबित हो सकता है। इससे डायजेशन भी खराब होता है और वजन भी तेजी से बढ़ता है। इसके सेवन से लिवर में भी प्रॉब्लम आ सकती है और बढ़ता मोटापा भी कैंसर का कारण हो सकता है।
एक्सपर्ट नोट: अपने आहार में जितना हो सके फ्रेश फूड का सेवन करें । फ्रेश हरी पत्तेदार सब्जियां जरूर खाएं। इससे आपके शरीर को कई ऐसे विटामिंस भी मिलेंगे, जो कैंसर से लड़ने में आपकी मद्द करते हैं। इसलिए आप पैकेज्ड फूड का सेवन कम से कम हो सके करें।
4 – लेट शिफ्ट तक काम करना की आदत बदलें ( Working the Late Shift)
अधिक देर तक काम करने की आदत भी आपमें कैंसर की एक वजह हो सकती है। कैंसर बायोमार्कर पत्रिका में प्रकाशित अध्ययनों के 2019 में मेटा-विश्लेषण के अनुसार, जो महिलाएं नाइट शिफ्ट में काम करती हैं, उनमें कैंसर का 19 प्रतिशत अधिक जोखिम पाया गया है। शोधकर्ताओं का मानना है कि रात में काम करने से नींद वाला हॉर्मोन मेलाटोनिन का उत्पादन बाधित होता है। इसलिए रात में भरपूर नींद लेना बहुत जरूरी है, जोकि आपको कई बीमारियों से बचा सकता है। जब आप भरपूर नींद लेते हैं, तो शरीर में कई ऐसे हॉर्मोन डेवलप होते हैं, जो आपकी बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।
एक्सपर्ट नोट: आपको अपनी नींद के साथ समझौता नहीं करना चाहिए।
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5-टैल्कम पाउडर का उपयोग (Using Talcum Powder)
एपिडेमियोलॉजी पत्रिका में एक अध्ययन में पाया गया कि जननांगों के आसपास के क्षेत्र पर टैल्कम पाउडर (बेबी पाउडर) का उपयोग करने से डिम्बग्रंथि के कैंसर के विकास का खतरा 33 प्रतिशत बढ़ जाता है। एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि टैल्कम पाउडर के इस्तेमाल से एंडोमेट्रियल कैंसर का खतरा 24 प्रतिशत ज्यादा हो सकता है। कुछ शोधकर्ता उस तालक को प्रमाणित करते हैं, जो खनिज टैल्कम पाउडर बनाने के लिए खनन किया जाता है। वो पर्सनल पार्ट में इस्तेमाल के लिए हानिकारक होता है।
एक्सपर्ट नोट: टैल्कम पाउडर से बचें। व्यक्तिगत स्वच्छता के लिए, कॉर्नस्टार्च जैसे प्राकृतिक विकल्प का उपयोग करें।
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6- प्लास्टिक का अधिक उपयोग करना ( Using Plastic)
प्लास्टिक का अधिक उपयोग आपमें कैंसर का कारण हो सकता है। कई लोग खाना गर्म करने से लेकर खाना खाने तक में प्लास्टिक का बर्तन इस्तेमाल करते हैं। कुछ प्लास्टिक कंटेनरों में बीपीए होता है, एक सिंथेटिक हॉर्मोन, जो शरीर के अंतःस्रावी तंत्र को बाधित कर सकता है और संभावित रूप से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है। इसके और प्लास्टिक में फूड का सेवन और भी कई प्रकार के कैंसर का कारण हो सकता है। प्लास्टिक और भी कई प्रकार से हेल्थ के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
नोट: यह निश्चित नहीं है कि प्लास्टिक वास्तव में कैंसर का कारण बनता है। लेकिन यह एक अच्छा विचार है कि प्लास्टिक का चयन करें जो कि बीपीए-मुक्त हैं और जब भी संभव हो, तो वैकल्पिक कंटेनरों का उपयोग करें।
7- फ्राइज और चिप्स से रहें दूर ( Eating Fries and Chips)
कैंसर का कारण बनने वाली 21 आदतों में एक आदत अधिक फ्रेंच फ्राइज और चिप्स का सेवन भी है। एक्रिलामाइड एक रसायन है, जो तंबाकू के धुएं और औद्योगिक उत्पादों में पाया जाता है। यह भी तब बनता है, जब नेचुरल शुगर वाली सब्जियां, जैसे कि आलू,आदि को फ्राई किया जाता है।उन खाद्य पदार्थों में फ्रेंच फ्राइज और आलू के चिप्स के अलावा ब्रेड और कुकीज आदि में। एनिमल पर हुए कुछ अध्ययन बताते हैं कि एक्रिलामाइड डीएनए को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। यद्यपि अनुसंधान मनुष्यों में निश्चित नहीं है, फिर भी यह जोखिम को अनदेखा नहीं किया जा सकता है।
एक्सपर्ट नोट: सामान्य रूप से आपके द्वारा खाए जाने वाले प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का कम सेवन कैंसर के जोखिम को कम करने और हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का एक सिद्ध तरीका है।
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8- खराब ओरल हेल्थ का होना ( Poor Oral Hygiene)
नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के जर्नल में प्रकाशित एक 2019 में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि मसूड़ों की बीमारी फेफड़े और कोलोरेक्टल कैंसर में 24 प्रतिशत की वृद्धि से जुड़ी है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि गम रोग के कारण हमारे शरीर में कई हानिकारक बैक्टीरिया पैदा हो सकते हैं। जिसके कारण भी कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।
एक्सपर्ट नोट: सुबह के साथ रात के खाने के बाद भी ब्रश जरूर करें।
9- अधिक तनाव भी इसका कारण है (Stressing Out)
इस बात के पुख्ता सबूत नहीं हैं कि तनाव सीधे कैंसर का कारण बन सकता है। लेकिन, नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए शोध के अनुसार तनावग्रस्त लोगों में धूम्रपान, अधिक भोजन या शराब पीने जैसी बुरी आदतों के कारण कैंसर के अधिक जोखिम देखे गए हैं। ये सभी कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं। शरीर में कैंसर के पनपने के कारणों में विश्व में किए गए एक रिसर्चेज में पता चला है कि तनाव और पॉल्यूशन भी कैंसर के कारणों में शामिल हैं। इन दोनों का बढ़ना शरीर के हार्मोन को असंतुलित करते हैं। जिसका सीधा प्रभाव हमारी बॉडी के सेल्स पर पड़ता है। इस कारण शरीर में ये सेल्स अनियंत्रित ढ़ग से बढ़ते हैं और कैंसर का रूप धारण कर लेते हैं।
एक्सपर्ट नोट: इससे बचने के लिए व्यायाम, करने के अलावा तनाव को कम करने के लिए सक्रिय कदम उठाएं जाने चाहिए, जैसे कि भूरपूर नींद लें, मेडिटेशन करें और काउंसलर से मिलें।
10- माइक्रोवेव में खाना गर्म करना ( Using Microwave)
कैंसर का कारण बनने वाली 21 आदतों में एक आदत मोइक्रोवेव में रोज खाना गर्म कर के खाना। आजकल घर से लेकर ऑफिस तक सब जगह ये ट्रेंड की तरह हो गया है। माइक्रोवेव का इस्तेमाल सेहत के लिए हानिकारक होता है। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट द्वारा अध्ययनों में यह पाया गया है कि माइक्रोवेव में उच्च तापमान पर फ्लेम-ग्रिलिंग या फ्राइंग में पकाए हुए खाने में ऐसे रसायन पैदा हो सकते हैं, जो शरीर में जाकर डीएनए को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। इस पर आए एक स्विस साइंटिस्ट हैंस हर्टल द्वारा किए गए एक रिसर्च स्टडी के अनुसार माइक्रोवव में खाना गर्म करने या पकाने से उसमें मौजूद सभी आवश्यक पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। इसके अलावा माइक्रोवेव में हाई रेडिएशन से खाने के रासायनिक और रेडियोएक्टिव कम्पाउंड बन जाते हैं। ज्यादातर रिसर्च में यह भी कहा गया है कि माइक्रोवेव ओवन में बने खाने से धीरे-धीरे आपका इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होने लगता है। जिसके कारण और भी कई बीमारियां आप पर हावी होने लगती हैं।
एक्सपर्ट नोट: कोशिश करें कि आप माइक्रोवेव का कम से कम इस्तेमाल करें, खाना गैस पर गर्म करें। बेकिंगऔर रोस्टिंग के लिए और भी कई ऑप्शन हैं, आप बारबेक्यू और नेचुरल तंदुर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
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11- धूम्रपान की आदत ( Smoking Habit)
धूम्रपान सेहत के लिए अच्छा नही है। हम सब ही जानते हैं, लेकिन फिर भी कई लोगों को इसकी आदत जाती नहीं है। जो लोग धूम्रपान करते हैं, उनमें फेफड़े के कैंसर का सबसे अधिक खतरा होता है। यानी कि धूम्रपान करने वाले लोगों में फेफड़ों के कैंसर का अधिक खतरा होता है। सबसे आम कैंसर, फेफड़ों का कैंसर है और इसके होने का सबसे आम कारण धूम्रपान है। तंबाकू के धुएं में 7,000 रसायन होते हैं, और उनमें से कम से कम 70 कार्सिनोजेन्स होते हैं, जो शरीर के लगभग हर हिस्से में कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, तंबाकू का उपयोग कैंसर से होने वाली मृत्यु का सबसे बड़ा बचाव योग्य जोखिम कारक है; यह दुनिया भर में एक वर्ष में लगभग 6 मिलियन लोगों को मारता है। इसके अलावा फेफड़ों का कैंसर उनमें में भी ज्यादा हो सकता है, जो लोग धूम्रपान नहीं करते हैं। यदि आप दिनभर में अधिक सिगरेट पीते हैं, तो आपमें रिस्क और भी बढ़ जाता है।
एक्सपर्ट नोट: यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो रोकें। तो आपमें फेफड़ों के कैंसर का सबसे अधिक रिस्क होगा।
12- इनहेलिंग सेकेंड हैंड स्मोक (Inhaling Secondhand Smoke)
धूम्रपान की तरह ही, इनहेलिंग सेकेंड हैंड स्मोक यानी फेफड़ों के कैंसर का कारण होता है। यदि आपके बगल में कोई सिगरेट पी रहा है, तो उससे निकलने वाले धुएं से आप भी प्रभावित होंगे। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट का कहना है कि यह स्तन कैंसर, साइनस कैविटी कैंसर और वयस्कों में नासोफेरींजल कैंसर और बच्चों में ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और ब्रेन ट्यूमर के बढ़ते जोखिम से भी जुड़ा हुआ है।
एक्सपर्ट नोट: संभव हो सेकेंड हैंड स्मोक से बचें। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का सुझाव है कि धूम्रपान करने वालों से कम से कम छह फीट दूरी बना कर रखें।
13-अत्यधिक शराब पीना (Excessive Drinking )
नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के अनुसार, शराब पीने से मुंह, गले, यकृत और स्तन के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। जितना अधिक आप पीते हैं, कैंसर होने का खतरा उतना ही अधिक होता है। इस बारे में यूनिवर्सिटी आफ लंदन के मॉलिक्यूलर एंड क्लीनिकल सांइसेज रिसर्च इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर, प्रोफेसर डोरोथी बेनेट के अनुसार शराब शरीर में जाकर सेल्स में बहुत ही आसानी से प्रवेश कर जाता है। सेल्स में जाकर ये एसीटैल्डिहाइड के रूप में बदल जाती है। ऐसा हाेना हमारे हेल्थ के लिए सही नहीं है। जोकि डीएनए को डैमेज करता है, फिर जिसके कारण कैंसर होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को कार्निजोन कहते हैं। यूनाइटेड किंगडम के चीफ मेडिकल आफिसरों ने भी लोगों की हेल्थ क एक सुझाव और चेतावनी देते हुए कहा कि शराब के सेवन की थोड़ी मात्रा भी कई बार कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती है।
एक्सपर्ट नोट: अमेरिकन कैंसर सोसायटी सहित स्वास्थ्य विशेषज्ञ, शराब को सीमित मात्रा में पीने की सलाह देते हैं: पुरुषों के लिए एक दिन में दो से अधिक पैग नहीं और महिलाओं के लिए एक ही पैग की सलाह देते हैं।
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14 – एक्सरसाइज न करना (Not Exercising Regularly)
कैंसर के एक सबसे बड़े कारणों में हमारी खराब लाइफस्टाइल भी है। कैंसर के सबसे बड़े कारणों में से एक गतिहीन जीवन शैली है। इस बिगड़ती लाइफस्टाइल के कारण महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा बढ़ता नजर आया है। खराब लाइफस्टाइल में उनका जंक फूड का सेवन भी शामिल है। इसके सेवन से उनमें मोटापा बढ़ रहा है। एक्सरसाइज कम और जंक फूड का सेवन अधिक उनके मेटाबॉल्जिम को बिगाड़ देता है। इसी के साथ आजकल लड़कियां भी कोई स्मोकिंग नहीं करती हैं। इन सभी खराब आदतों के कारण वो ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारी की शिकार हो रही हैं। कुछ दिनों पहले इंडिया कैंसर कॉन्फ्रेंस में एम्स समेत और भी कई अस्पतालों के मौजूद डॉक्टरों ने लाइफस्टाइल को महिलाओं में बढ़ते कैंसर की वजह बताई। अगर हम आंकड़ों की तरह गौर करें तो 18 से 20 साल की उम्र में लड़कियां में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा देखने को मिल रहा है। इसी तरह 30 से 35 साल के लड़कों में लंग कैंसर तेजी से बढ़ता हुआ दिख रहा है। इनका सबका सबसे बड़ा कारण है लोगों की लाइफस्टाइल का खराब होना, फिर चाहें लेट नाइट काम हो, मॉर्निंग में लेट से उठना, लेट नाइट पार्टीज, शराब का बढ़ता सेवन, एक्सरसाइज न करना और मॉर्निंग में लेट उठना व नाश्ता करना आदि।
एक्सपर्ट नोट: अगर आप कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से बचना चाहते हैं तो अपने लाइफस्टाइल में उन चीजों को शामिल करें, जो आपको फिट और हेल्दी रखे, जैसे कि दिन में 30 से 40 मिनट तक पैदल चलना, सुबह जल्दी उठना, ज्यादा लेट खाना नहीं खाना, योगा करना, जंक फूड के सेवन से बचना चाहिए और शराब व सिगरेट से भी। इस तरह से आप अपने में कैंसर के खतरे को टाल सकते हैं। आप अपनी लाइफस्टाइल से इन बुरी आदतों को हटाकर
15- सनस्क्रीन का इस्तेमाल न करना ( Not Wearing Sunscreen)
सूर्य के प्रकाश में मौेजूद पराबैंगनी यानी की यूवीए किरणें हमारी त्वचा के लिए अच्छी नहीं होती है। ये स्किन कैंसर का कारण हो सकती है। जिसमें स्क्वैमस सेल और बेसल सेल कार्सिनोमा शामिल हैं। हर दो साल में सिर्फ एक बार सनबर्न होने से त्वचा के कैंसर के सबसे घातक प्रकार मेलेनोमा का खतरा बढ़ सकता है। जो लोग आपको रोज अधिक देर तक सूर्य के संपर्क में रहते हैं, उनमें ये खतरा सबसे अधिक होता है। उनमें स्किन कैंसर का खतरा सबसे अधिक होता है। ऐसा उन लोगों में ज्यादा होता है, जो लोग धूप में सनस्क्रीन लगाकर नहीं जाते हैं। इससे सूर्य की रेज से धीरे-धीरे स्किन डैमेज होने लगती है। इसलिए विशेषज्ञों का कहना है कि बिना सनस्क्रीन से घर से बाहर जाना सही नहीं है।
एक्सपर्ट नोट: यदि आपको लंबे समय तक सूरज के संपर्क में रहने है, तो उस दौरान कम से कम 30 एसपीएफ का सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें। इससे आपकी स्किन डैमज होने से बचेगी, स्किन कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी के साथ आपको टेनिंग की भी समस्या नहीं होगी। इसके अलावा त्वचा पर यदि मोल नजर आ रहा है, तो उसे समय-समय पर जांचते रहें कि उसकी रंगत में कोई बदलाव तो नहीं है या उसमें कोई दर्द तो नहीं है। इस बात का ध्यान देना जरूरी है। मोल के अलावा यदि चेरहे पर पैचेज हों, तो भी उसका ध्यान देना चाहिए। इसके आलावा इन समस्याओं से बचने के लिए आप डर्मो प्रोडक्ट्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आप कई तरह की स्किन प्रॉब्लम से बच सकते हैं।
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16-अधिक बढ़ता हुआ वजन ( Being Overweight)
इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के अनुसार, 13 प्रकार के कैंसर अधिक वजन या मोटापे से जुड़े हुए हैं, जिनमें शामिल हैं एसोफैगस, थायरॉयड, पोस्टमेनोपॉजल ब्रेस्ट, पेट, पित्ताशय की थैली, यकृत, अग्न्याशय, गुर्दे, अंडाशय, गर्भाशय, बृहदान्त्र और मलाशय कैंसर आदि। शोधकर्ताओं ने यह सुनिश्चित नहीं किया है कि अतिरिक्त वसा कैंसर की और कैसे बढ़ाता है, लेकिन आंकड़ों से ऐसा स्पष्ट होता है, एक सीडीसी विश्लेषण में पाया गया कि संयुक्त राज्य अमेरिका में निदान किए गए 40 प्रतिशत कैंसर अब अधिक वजन या मोटापे से जुड़े हुए हैं। इस पर यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन द्वारा हुई एक स्टडी के मुताबिक कैंसर से जुड़े 60 हजार कैसेज में मोटापा और वजन से जुड़े मामले को कॉमन लिंक की तरह पाया गया। जांच किए गए मरीजों में 13 अलग-अलग तरह के कैंसर पाए गए। जिनमें शामिल है- ब्रेन कैंसर, गॉल ब्लाडर कैंसर, थायरॉइड कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, पेट का कैंसर, लिवर कैंसर और पैनक्रियाज कैंसर, कोलोन कैंसर और ओवरीज कैंसर आदि शामिल हैं।
एक्सपर्ट नोट: कैंसर से बचने के लिए जरूरी है कि आप नियमित रूप से व्यायाम करें। सूर्य नमस्कार और योग भी इसके लिए काफी अच्छा रहेगा आपके लिए।
17- फल और सब्जियां न खाना ( Not Eating Enough Fruits and Vegetables)
जर्नल कैंसर प्रिवेंशन रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, “फल और या सब्जियों का सेवन सिर और गर्दन, इसोफेजियल, पेट और कोलोरेक्टल कैंसर के खतरे को कम करता है।’ शोधकर्ताओं का कहाना है कि है क्योंकि फल और सब्जियां फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट और डिटॉक्सीफाइंग एंजाइम से भरपूर होती हैं। लोग अक्सर जंक फूड की तरफ ज्यादा भागते हैं, जिसके कारण उनके शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं।
एक्सपर्ट नोट: अपने डायट में फल और सब्जियां शामिल करें। इससे आपके शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं। हमें हर दिन कम से कम 2 कप सब्जियां और कुछ फल जरूर खाना चाहिए। इससे आपके शरीर को सभी विटामिन, प्रोटीन और कैंसर से बचाव के लिए एंटी-ऑक्सिडेंट मिलता है, जो बॉडी को और भी कई गंभीर बीमारी से बचाता है।
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18- अधिक डियोड्रेंट का इस्तेमाल ( Using Excessive Deodorant)
क्या आपको पता है कि अधिक डियोड्रेंट के इस्तेमाल से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अधिक हो सकता है। इस बारे में अमेरिकन कैंसर सोसाइटी का कहना है कि डियोड्रेंट का अधिक इस्तेमाल और स्तन कैंसर के बीच कोई स्पष्ट संबंध नहीं है। लेकिन कई शोध में बताया गया है कि दुर्गन्ध में एल्युमिनियम के यौगिक हैं, जो आपको पसीने से तरबतर रखते हैं, त्वचा द्वारा अवशोषित होने के बाद नुकसान पहुंचा सकते हैं, एस्ट्रोजेन रिसेप्टर्स को बदल सकते हैं। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के अनुसार कि डियोड्रेंट ब्रेस्ट के पास इस्तेमाल होता है और इसमें नुकसान पहुंचाने वाले कई ऐसे पोषक तत्व भी होते हैं, इसलिए कई वैज्ञानिकों का ऐसा अनुमान है कि इसके इस्तेमाल और ब्रेस्ट कैंसर में संबंध हो सकता है। ये धीरे-धीरे ब्रेस्ट की त्वचा काे डैमेज करता है और इसके कई नुकसान भी होते हैं।
एक्सपर्ट नोट: अधिक डियोड्रेंट के इस्तेमाल से बचें। इसे ब्रेस्ट के आसपास के हिस्से में न लगाएं।
19- पैराबेन्स का उपयोग ( Using Parabens)
अधिक मेकअप प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल भी आपको नुकसानदेह हो सकता है। इसमें मौजूद पैराबेन्स आपमें कैंसर का कारण बन सकता है। एप्लाइड टॉक्सिकोलॉजी के जर्नल में प्रकाशित शोध से पता चला है कि पैराबेंस-रासायनिक यौगिकों की मेकअप और स्किनकेयर उत्पादों में अधिक संख्या पाई जाती है। यह आसानी से त्वचा के माध्यम से अवशोषित होते हैं और स्तन कैंसर कोशिकाओं के विकास में का कारण बन सकते हैं।
नोट: कोशिश करें कि नेचुरल मेकअप प्रोडक्ट का अधिक इस्तेमाल करें। इसी के साथ मेकअप प्रोडक्टर का कम से कम और कम समय के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश करें।
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20- फोन को सिर के पास रखकर सोना ( Sleeping with your phone next to your head)
यद्यपि आप अपने पसंदीदा पॉडकास्ट के लिए सो जाना पसंद कर सकते हैं, लेकिन आपको सोते समय अपने फोन को अपने सिर से जितना दूर हो सके सुनिश्चित करना चाहिए। 2017 में, कैलिफोर्निया के डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ ने रेडियो-फ्रीक्वेंसी एनर्जी सेल फोन रिलीज़ के लिए लोगों के संपर्क को कम करने के लिए दिशानिर्देशों के साथ सामने आया, जिसे मस्तिष्क कैंसर से जोड़ा गया है।
एक्सपर्ट नोट: फोन को सिर के पास रखकर सोना काफी नुकसानदेह हो सकता है, ये आपमें कैंसर और ब्रेन टयूमर का कारण भी हो सकता है।
21- पानी न पीने की आदत (Not drinking enough water)
कैंसर का कारण बनने वाली 21 आदतों में एक आदत लोगों का पानी कम पीना है। ये सभी काे पता है कि पानी हमारी अच्छी सेहत के लिए कितना जरूरी है, लकिन फिर भी अक्सर लोग इस आदत को सुधारते नहीं है और पानी कम पीते हैं। अगर आप दिन भर में तीन से चार लीटर पानी पीते हैं, तो सब कुछ ठीक रहता है। यूरिन के माध्यम से हानिकारक पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, अधिक पानी का सेवन प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करता है। इसलिए अधिक ड्रिंक करने से बचें। यह आपमें कैंसर के खतरे को कम करता है। पानी पीने से बॉडी डिटॉक्स होती है और सभी बैक्टेरिया शरीर के निकल जाते हैं। इसलिए इससे बचें।
एक्सपर्ट नोट: कैंसर या किसी भी बीमारी से आपको बचना है, तो दिन भर में तीन से चार लीटर पानी जरूरी पिएं।
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अगर आपको भी कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से बचना है, तो सबसे पहले अपनी इन बुरी आदतों को छोड़ दें। तभी आप फिट रह पाएंगे। इससे आप केवल कैंसर ही नहीं बल्कि अन्य भी कई बीमारियों से बच सकते हैं।