आपने बहुत सारे लोगों को यह कहते सुना होगा कि गांजा सिगरेट से कम हानिकारक होता है। तो कोई कहता है कि यह भारत के आध्यात्मिक परंपरा का हिस्सा है। दुनियाभर में गांजे की खपत दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। भारत में भी बड़ी संख्या में लोग गांजे की लत के शिकार हैं। कई बार इसे लीगल करने की भी मांग उठी है, हालंकि इस पर अभी तक कोई पहल नहीं की गई है। इसे लेकर एक वैश्विक रिपोर्ट जारी की गई है, जिसके आंकड़े जानकर हर कोई हैरान रह जाएगा। जिसमें देश की राजधानी दिल्ली और माया नगरी मुंबई का नाम भी शामिल है।
मारिजुआना पर जारी की गई ये रिपोर्ट जर्मनी की कंपनी ABCD ने एक स्टडी के तहत निकाली है। इस रिपोर्ट को कई हिस्सों में बांटा गया है। इस स्टडी में साल 2018 के आंकड़े बताए गए हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा गांजे की खपत वाले टॉप 10 शहरों में दिल्ली तीसरे और मुंबई छठे स्थान पर है। पड़ोसी देश पाकिस्तान भी इस लिस्ट में भारत से आगे है। पाकिस्तान का कराची शहर दूसरे स्थान पर है और 77.4 (मीट्रिक टन) खपत के साथ न्यू यॉर्क पहले नंबर पर बना हुआ है।
इस लिस्ट के मुताबिक सिंगापुर में सबसे कम गांजे की खपत होती है। ये कंपनी गांजे को लेकर तरह-तरह के सर्वे करती है। इसकी दूसरी स्टडी के अनुसार, दिल्ली और मुंबई में बाकी देशों के मुकाबले गांजा सस्ता मिलता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली में एक ग्राम गांजे की कीमत करीब 300 रुपये है और मुंबई में इसकी कीमत 328 रुपये है।
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जानें क्या कहती है रिपोर्ट
कंपनी द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 का पूरा डाटा कुछ इस प्रकार है:
1. न्यूयॉर्क: 77.44 मीट्रिक टन
2. कराची: 41.95 मीट्रिक टन
3. नई दिल्ली: 38.26 मीट्रिक टन
4. लॉस एंजेलिस: 36.06 मीट्रिक टन
5. कायरो: 32.59 मीट्रिक टन
6. मुंबई: 32.38 मीट्रिक टन
7. लंदन: 31.4 मीट्रिक टन
8. शिकागो: 24.5 मीट्रिक टन
9. मॉस्को: 22.9 मीट्रिक टन
10. टोरेंटो: 22.7 मीट्रिक टन
स्टडी के अुनसार अगर दिल्ली और मुंबई सरकार गांजे को लीगल कर देती हैं, तो उनकी कमाई हो सकती है। स्टडी में इस बात का जिक्र है कि सिगरेट पर लगने वाला टैक्स अगर गांजे पर लगाया जाए तो दिल्ली सरकार इससे करीब 728 करोड़ रुपये की कमाई कर सकती है। इसी तरह मुंबई को 641 करोड़ रुपये मिलेंगे।
गांजे का सेवन करने से शरीर पर होते हैं ये प्रभाव
दिल की धड़कनों का बढ़ना
गांजे का नशा करने के बाद लगभग तीन घंटे तक आपके दिल की धड़कनें बढ़ी रहती हैं। नशे के बाद इस स्थिति में हार्ट अटैक आने का भी खतरा रहता है। अगर कोई उम्र दराज व्यक्ति गांजा पीता है तो उसे हार्ट अटैक आने का जोखिम सबसे ज्यादा होता है।
सांस संबंधी समस्याएं
गांजे का सेवन करने पर सबसे ज्यादा प्रभावित हमारे फेफड़े होते हैं। लगातार गांजे का सेवन करने से आपको सांस लेने में परेशानी हो सकती है। इसके अलावा फेफड़े से संबंधित अन्य समस्याएं भी हो सकती है। गांजे का सेवन फेफड़े को उतना ही नुकसान पहुंचाता है, जितना सिगरेट पीना। कुछ रिसर्च में ये बात भी सामने आई है कि गांजे के सेवन से लंग कैंसर होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
लंग कैंसर के लक्षण निम्न प्रकार हैं :
- ज्यादा खांसी आना
- बलगम में खून आना
- हंसने, खांसने और सांस लेने में सीने में दर्द होना
- गला बैठना
- भूख में कमी
- बेवजह वजन का घटना
- सांस लेने में समस्या
- थकान होना या कमजोर महसूस करना
- ब्रॉन्काइटिस और निमोनिया जैसे संक्रमण बार-बार होना
- गले से घरघराहट जैसी आवाज आनागले से घरघराहट जैसी आवाज आना
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मितली और उल्टी होना
लंबे समय से लगातार गांजे का सेवन करने से कैनाबाइनॉयड हाइपरमेसिस सिंड्रोम हो जाता है। जिससे व्यक्ति को हमेशा मितली, उल्टी और डिहाइड्रेशन की शिकायत रहती है। कभी-कभी तो इसमें अस्पताल में भर्ती होने की नौबत तक आ जाती है।
पेट में पल रहे बच्चे पर गांजे का क्या असर होता है?
एक रिसर्च के अनुसार अगर को महिला गर्भावस्था में गांजे का सेवन करती है तो बच्चा कम वजन का पैदा हो सकता है। इसके साथ ही बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास पर भी गांजे के कारण विपरीत प्रभाव पड़ता है। वहीं, अगर कोई मां बच्चे को स्तनपान करा रही है और वह गांजे का सेवन करती है तो बच्चे के शरीर में गांजे की मात्रा मां के दूध से हो कर जाती है। जिससे स्तनपान करने वाले बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास बाधित होगा।
गांजे के अत्यधिक सेवन से हो सकता है मनोरोग का खतरा
गांजा पीने वाले बहुत सारे लोगों में व्यवहार संबंधी गड़बड़ियां पैदा हो जाती हैं। जो लोग लंबे समय तक गांजा पीते हैं, उनमें सांस का रोग हो सकता है। कुछ लोगों की याददाश्त भी प्रभावित हो सकती है। इसके नियमित उपयोग से खांसी और कफ की परेशानी हो सकती है। गांजा पीने वाली प्रेग्नेंट महिलाओं के शिशु का वजन कम होने का आशंका रहती है। बहुत सारे युवाओं का मानना है कि गांजा पीने से उन्हें आराम मिलता है और वे तनाव मुक्त रहते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि नियमित रूप से गांजा पीना मनोविकारों के भयंकर जोखिम को पैदा कर सकता है।
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गांजे के सेवन से सेक्स पर पड़ता है क्या असर?
दुनिया भर में सेक्स को लेकर एक्सपेरिमेंट करने वाले कपल शराब के बाद गांजे का इसके दौरान सबसे ज्यादा उपयोग करते हैं। कुछ लोग वीड को एक एफ्रोडाइजिएक(aphrodisiac) के रूप में जानते हैं। एफ्रोडाइजिएक को लव ड्रग माना जाना जाता है, जो सेक्स ड्राइव को बढ़ाता है। इसकी वजह से लोग सख्त (Hard), वेट (wet) और अधिक संवेदनशील(Sensitive) महसूस करते हैं। इसका सेवन करने के बाद इसे पसंद करने वाले लोगों की सेक्स करने की इच्छा बढ़ जाती है। वहीं कुछ लोगों को इसके इस्तेमाल के बाद सेक्स करने की इच्छा नहीं होती। अलग-अलग अध्ययनों से पता चलता है कि ज्यादातर लोग, जो इसका उपयोग करते हैं, उन्हें इसका सकारात्मक रिजल्ट मिलता है यानि कि इसका इस्तेमाल करने के बाद उनको सेक्स करने की तीव्र इच्छा होती है।
गांजे का मेडिकल उपयोग क्या है?
गांजा यानी कि मारिजुआना का इस्तेमाल मितली, उल्टी, वजन घटाने और भूख ना लगने में किया जाता है। इसके अलावा गांजे का इस्तेमाल स्पास्टिसिटी (Spasticity) को ठीक करने, नसों में होने वाले दर्द, चलने फिरने की समस्या, अस्थमा और मोतियाबिंद आदि बीमारियों में किया जाता है।
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