एचआईवी और एड्स को लेकर लोगों में बहुत से कंफ्यूजन रहते हैं। साथ ही एचआईवी और एड्स लेकर लोगों के दिमाग में बहुत से मिथक भी हैं। एचआईवी और एड्स के बारे में सही जागरूकता न होने के कारण कुछ लोग मानते हैं कि एचआईवी ही एड्स है। ऐसे बहुत से सवाल लोगों के दिमाग में होते हैं। आपको बता दें कि एचआईवी एक फेज है और एड्स एक बीमारी। एचआईवी को अगर समय पर इलाज मिल जाए, तो इसे एड्स तक पहुंचने में मरीज को कुछ समय मिल सकता है।
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एचआईवी (HIV) क्या है
HIV एक वायरस है, जिससे आपको एड्स हो सकता है। HIV वायरस से ग्रसित होने पर शरीर में इंफेक्शन कई सालों तक रह सकता है और इम्यून सिस्टम को कमजोर करता रहता है। एचआईवी और एड्स में बहुत अंतर है। लेकिन, बहुत से लोग इसे एक ही समझते हैं। एचआईवी पॉजिटिव सभी लोगों को एड्स नहीं होता। लेकिन, अगर एचआईवी के बाद एंटीरेट्रोवाइरल (Antiretroviral) दवाओं का सेवन नहीं करते हैं, तो एचआईवी इंफेक्शन एड्स में बदल जाता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार इमसें आमतौर पर 10-15 सालों का समय लगता है।
एचआईवी वायरस से ग्रसित बहुत से लोगों को यह पता ही नहीं होता कि उन्हें यह बीमारी है। ऐसे में जब तक उनके इंफेक्शन को डायग्नोज करने के लिए ब्लड टेस्ट नहीं किया जाता, तब तक उनका इलाज भी शुरू नहीं हो पाता।
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एड्स (AIDS) क्या है
एड्स की फुल फॉम एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम (Acquired Immuno Deficiency Syndrome) है। अगर एचआईवी का इलाज न किया जाए, तो यह एड्स बन सकता है।
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एचआईवी को एड्स बनने से कैसे रोकें
बदलते लाइफस्टाइल के चलते आजकल ज्यादा लोग एचआईवी का शिकार हो रहे हैं। एचआईवी डायग्नोस होने के बाद लोगों को एड्स होने का डर सताने लगता है। लेकिन, एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (Antiretroviral therapy) या एआरटी (ART) दवाओं के कारण एचआईवी पॉजिटिव पुरुषों और महिलाओं के लिए लंबा और स्वस्थ जीवन जीना संभव है। यहां आप को बता दें कि एचआईवी संक्रमण के अंतिम चरण को ए़ड्स कहा जाता है।
ज्यादातर मामलों में अगर एचआईवी वायरस से संक्रमित इंसान एआरटी लेता है, तो एचआईवी एड्स में नहीं बदलता या इसमें काफी समय लगता है। एचआईवी इम्यून सिस्टम की सीडी 4 सेल (CD4 Cell) पर हमला करता है। समय के साथ अगर ये कोशिकाएं खराब हो जाती हैं, तो इम्यून सिस्टम इंफेक्शन से लड़ने में असमर्थ हो जाता है। एड्स को तब डायग्नोज किया जाता है, जब किसी व्यक्ति को कुछ इंफेक्शन (opportunistic infections) या कैंसर हो जाता है। इसके अलावा उनका सीडी 4 काउंट 200 सेल प्रति क्यूबिक मिलीमीटर से कम हो जाता है। एआरटी दवाओं के साल 1990 में आने से पहले एचआईवी वायरस से ग्रसित लोग कुछ ही सालों में एड्स से जूझने लगते थे। लेकिन, अब यह कंडिशन बदल गई है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार कई एचआईवी पॉजिटिव लोग, जो जल्दी ही एआरटी लेना शुरू कर देते हैं, उनमें बीमारी के बढ़ने की गति कम हो जाती है। अगर वो रेगुलर मेडिकेशन लेते हैं, तो एचआईवी के साथ एक हेल्दी लाइफ जी सकते हैं।
एचआईवी का इलाज जरूरी है। इलाज से एचआईवी संक्रमण आमतौर पर एक या दो दशक में एड्स में बदलता है। हालांकि, यह आंकड़ा सीडीसी के अनुसार बदलता रहता है। बिना इलाज के एड्स आमतौर पर लगभग तीन वर्षों में मृत्यु की ओर ले जाता है।
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एचआईवी के साथ रहने के दौरान कैसे रहें स्वस्थ
अपने डॉक्टर से मिलें और एचआईवी से एड्स में बदलने में देरी के लिए अपनी दवाओं को फॉलों करें। यह भी जरूरी है कि आप एक स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखें और सुरक्षित सेक्स करें। अगर आप एचआईवी पॉजिटिव हैं, तो यहां बताईं गई बातों को ठीक से फॉलो करेंः
अपने शरीर को तनाव से दूर रखेंः तनाव आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकता है और आपको बीमारी और इंफेक्शन के लिए अधिक सेंसिटिव बना सकता है। हर रात को पूरी नींद लेने और ध्यान या योग एक्टिविटी से आप तनावमुक्त हो सकते हैं।
टीका लगवाएंः अगर आप एचआईवी पॉजिटिव हैं, तो निमोनिया और फ्लू जैसे इंफेक्शन आपके लिए खतरनाक हो सकते हैं। इंफेक्शन के लिए नियमित टीकाकरण करें, जिसके लिए आप अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं।
सुरक्षित सेक्स करेंः सुरक्षित यौन संबंध हमेशा जरूरी होता है, भले ही आपको एचआईवी हो। ऐसा करने से आप वायरस को फैलने से रोक सकते हैं। ऐसा करना न केवल आपके पार्टनर को सुरक्षित रखता है बल्कि आप खुद को अन्य यौन इंफेक्शन (एसटीआई) जैसे हेपेटाइटिस, गोनोरिया और क्लैमाइडिया से बचा सकते हैं।
अपने शरीर का ख्याल रखेंः इसका मतलब है कि धूम्रपान छोड़ दें, नियमित व्यायाम करें, शराब और रिक्रिएशनल दवाओं से बचें और स्वस्थ आहार लें। लाइफस्टाइल में बदलाव आपके शरीर को मजबूत और स्वस्थ बनाने में मदद करेंगे।
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एचआईवी की दवाओं के लिए रखें ध्यान
एआरटी को नियमित रूप से लेना एचआईवी और एड्स की स्पीड को रोकने और कई सालों तक आपको स्वस्थ बनाए रखने के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। ट्रैक पर बने रहने के लिए इन बातों का ध्यान रखेंः
- खुद को याद दिलाएं: चाहे आप इसे कैलेंडर पर मार्क करें, अलार्म या टाइमर सेट करें या इसे अपनी टू-डू लिस्ट में जोड़े या डेली रिमांइडर लगाएं। ऐसा करने से आपको ट्रैक पर रहने में मदद मिल सकती है।
- अपनी दवाओं को नजरों के आस-पास रखेंः अपनी दवाओं को हमेशा एक ही जगह रखें। कहीं ऐसी जगह चुनें, जहां आप उन्हें आसानी से देख सकें। जैसे कि किचन या बाथरूम के सिंक के बगल में या अपने बिस्तर के पास।
- ऑर्गनाइज रहेंः डॉक्टर द्वारा बताए गए निर्देशों का ध्यान रखें। दवाईयों और रूटिन को फॉलो करना हमेशा एक अच्छा ऑप्शन होता है, ऐसा ना करने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। हमेशा ध्यान रखें कि अपने पास एक्सट्रा दवाएं भी रखें।
एचआईवी और एड्स से जुड़ी हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको एचआईवी और एड्स से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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