कोरोना ने एक वक्त के लिए पूरे भारत को बंद कर दिया था, जिसमें स्कूल भी शामिल थे। चार बार लगातार लॉकडाउन होने के बाद जब से भारत ने अनलॉक में प्रवेश किया है, तब से चरणबद्ध तरीके से सभी प्रकार के संस्थान और यातायात के साधनों को खोला जा रहा है। इसी क्रम में स्कूल भी अब खोलने के बारे में सरकार विचार कर रही है। वहीं, अनलॉक-4.0 के पहले ही सरकार ने NEET और JEE की परीक्षाओं को भी मंजूरी दे दी थी। जिसके लिए एक कठोर गाइडलाइन बनाई गई। जिसके तहत परीक्षाएं कराई जा रही हैं। अब अगर इस कोरोना महामारी के बीच स्कूल खुल रहे हैं, तो आपको COVID-19 के दौरान स्कूल जाने के लिए सेफ्टी टिप्स के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इस COVID-19 के दौरान स्कूल जाने के लिए सेफ्टी टिप्स आपके बच्चों को कोरोना वायरस से बचा सकते हैं। आइए कुछ एक्सपर्ट्स की मदद से जानने की कोशिश करते हैं कि बच्चे स्कूल में कोरोना वायरस से कैसे बचें?
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सरकार ने स्कूलों के दोबारा खुलने पर क्या दिशा-निर्देश दिए हैं?
COVID-19 के दौरान स्कूल जाने के लिए सेफ्टी टिप्स के बारे में हम आगे जानेंगे, लेकिन उसके पहले सबसे जरूरी है कि स्कूलों के दोबारा खुलने पर सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों के बारे में जान लें। ब्यूरो ऑफ इंडियन एजुकेशन (BIE) ने कुछ सवालों के साथ दोबारा स्कूलों को खोलने पर स्कूल प्रशासन के लिए गाइडलाइन जारी की है। ब्यूरो ऑफ इंडियन एजुकेशन (BIE) के द्वारा पूछे गए सवाल निम्न हैं :
- क्या राज्य सरकार ने कोरोना के मामलों को देखते हुए स्कूलों को दोबारा खोलने की इजाजत दी है?
- क्या सरकार और स्कूल प्रशासन से कोरोना से बचाव की पूरी तैयारी कर ली है, जिससे बच्चे और स्कूल स्टाफ कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रहें?
- क्या स्कूल में आ रहे सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों की मेडिकल हिस्ट्री, स्वास्थ्य और वे किस क्षेत्र से आ रहे हैं, जैसे- कंटेनमेंट जोन से तो नहीं आ रहे हैं, इन सभी बिंदुओं की स्क्रीनिंग हो सकती है?
- क्या स्कूल दोबोरा खोलने से पहले अभिभावकों और बच्चों को कोरोना से बचाव के उपायों की ट्रेनिंग या जानकारी दी गई है?
- क्या स्कूल में पर्याप्त हवा आती है, वेंटिलेशन, स्वच्छता और डिसइंफेक्शन की सुविधा है?
- क्या स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग के सभी मानकों का पालन किया जाएगा?
- क्या स्कूल अपने सभी कर्मचारियों को कोरोना से बचाव और रोकथाम की पूरी ट्रेनिंग देगा?
- क्या रोजाना बच्चों और स्कूल के स्टाफ का बॉडी टेम्प्रेचर मापा जाएगा और कोरोना के लक्षणों की निगरानी की जाएगी?
- अगर कोई बच्चा बीमार हैं तो उसे घर पर रहने के साथ क्या उसे शिक्षा की सुविधा दी जाएगी?
अगर इन सभी सवालों का जवाब ‘हां’ है तो कोई भी स्कूल खोला जा सकता है। अगर इसमें से किसी भी सवाल का जवाब नहीं है, तो स्कूल खोलना मतलब बीमारी को दावत देना है।
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स्कूलों को दोबारा खोलने के लिए इन गाइडलाइन का पालन करना होगा
स्कूलों को दोबारा खोलने के लिए ब्यूरो ऑफ इंडियन एजुकेशन (BIE) ने कई बिंदुओं में गाइडलाइन दी है। जिसे सरकार द्वारा अपने राज्यों के सभी स्कूलों में लागू कराना होगा। स्कूलों को दोबारा खोलने के लिए गाइडलाइन निम्न हैं :
सफाई
- स्कूल के निरंतर इस्तेमाल होने वाले क्षेत्रों की सफाई हर दो घंटे में कराना होगा।
- दरवाजे के हैंडल, डेस्क और हमेशा छुई जाने वाली सतहों को हर घंटे डिसइंफेक्ट कराना होगा।
- एक क्लास ड्यूरेशन और दूसरे क्लास ड्यूरेशन में बच्चों को हाथ धोने के लिए नियमित इंटरवल देना होगा।
- स्कूल में लाइब्रेरी, जिम और प्ले ग्राउंड को भी सैनिटाइज करना होगा और वहां पर लोगों की संख्या भी निश्चित करनी होगी।
- कक्षा में पर्याप्त स्थान (classroom space) होना चाहिए, जिससे एक बच्चे से दूसरे बच्चे में कम से कम दो गज या 6 फीट की दूरी हो।
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हाइजीन (Hygiene)
- स्कूल अपने सभी कर्मचारियों को सैनिटाइजर मुहैया कराएगा। जिससे वे क्लास में खुद के हाथों को डिसइंफेक्ट कर सके।
- स्कूल के सभी कर्मचारियों को स्वच्छता के मानकों और कोरोना से बचाव व रोकथाम के बारे में पूरी ट्रेनिंग मिलनी चाहिए।
बीमारी के लिए पॉलिसी
- स्कूल आने के बाद दिन में दो बार बच्चों और स्कूल में सभी लोगों का बॉडी टेंम्प्रेचर चेक किया जाएगा।
- स्कूल में मौजूद सभी लोगों को मास्क लगाना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही ग्लव्स पहनना भी बेहद जरूरी होगा। शरीर के तापमान को मापने के लिए इंफ्रारेड थर्मोमीटर का ही इस्तेमाल किया जाएगा।
- अगर किसी में कोविड-19 के लक्षण दिखाई देते है तो उसे घर पर ही रहने की सलाह दें।
- जरूरत पड़ने पर उस स्कूल के अन्य स्टाफ और विद्यार्थियों को क्वारंटीन कराया जा सकता है, जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हो।
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क्लास की साइज
- COVID-19 के दौरान स्कूल लौटने के लिए सेफ्टी टिप्स में क्लास की साइज बहुत जरूरी है। क्लास का क्षेत्र बड़ा होना चाहिए और सभी बच्चों को एक साथ ना बैठाया जाए।
- क्लास में सभी बच्चों में 6 फीट की दूरी होनी चाहिए। जरूरत पड़ने पर क्लासरूम के बाहर खुले क्षेत्र में भी पढ़ाया जा सकता है।
- एक दिन में सभी विद्यार्थियों को ना बुलाया जाए, बल्कि एक दिन में आधे बच्चों को बुलाया जाए और बाकी आधे बच्चों को अगले दिन बुलाया जाए।
सोशल डिस्टेंसिंग
- सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान स्कूल बस से लेकर क्लास और कैफेटेरिया तक रखना होगा।
- अगर लैबोरेट्री में प्रैक्टिकल कराना है तो पहले बच्चों के एक समूह को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ प्रैकिटिकल कराना होगा।
- लंच के दौरान भी सभी में एक मीटर की दूरी होनी जरूरी है।
- स्कूल के परिसर में किसी भी अभिभावक और नॉन-स्कूल स्टाफ को आना मना होगा। अगर कोई अभिभावक बच्चे को छोड़ने आया है, तो वह स्कूल गेट से अंदर नहीं आ सकते हैं।
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COVID-19 के दौरान स्कूल लौटने के लिए सेफ्टी टिप्स को लेकर क्या है एक्सपर्ट्स की राय?
हैलो स्वास्थ्य ने विद्यालयों के लिए कोरोना वायरस सेफ्टी टिप्स, पेरेंट्स के लिए कोरोना वायरस सेफ्टी टिप्स और बच्चों के लिए कोरोना से सेफ्टी टिप्स को लेकर दो एक्सपर्ट्स से बात की। जिसमें मुंबई स्थित खार के हिंदुजा हॉस्पिटल के इंटर्नल मेडिसीन के सलाहकार डॉ. अनिल बल्लानी और बाल विशेषज्ञ व सलाहकार डॉ. रविंद्र चित्तल शामिल हैं। आइए जानते हैं कि पेरेंट्स किन स्तरों पर अपने बच्चे को कोरोना से सेफ रख सकते हैं?
COVID-19 के दौरान स्कूल जाने के लिए सेफ्टी टिप्स : स्कूल भेजने से पहले किस तरह से बच्चे की इम्यूनिटी बढ़ाएं?
डॉ. अनिल बल्लानी का कहना है, “जब से कोरोना महामारी आई है, तब से इम्यूनिटी को लेकर लोग काफी जागरूक हो गए हैं। इसके लिए पेरेंट्स को ही बच्चे की इम्यूनिटी का ध्यान रखना होगा, क्योंकि स्ट्रॉन्ग इम्यूनिटी ही बच्चे के लिए सुरक्षा कवच का काम करेगी। यह बेहद जरूरी है कि बच्चों को सभी निर्धारित टीके, विशेष रूप से इन्फ्लूएंजा के टीके लगे होने चाहिए। दूसरी बात ये है कि एक हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाने और नियमित रूप से एक्सरसाइज और घर के अंदर खेलकूद करने के लिए बच्चे को प्रेरित किया जाना चाहिए। वहीं, अगर आपके बच्चे का वजन ज्यादा है, तो बच्चे के वजन को कम रखने में एक्सरसाइज और खेलकूद मदद कर सकती है। बच्चों के स्ट्रॉन्ग इम्यून सिस्टम के लिए पौष्टिक आहार का सेवन कराना चाहिए और जंक फूड से बचाना चाहिए। पेरेंट्स विटामिन सी और विटामिन डी को बच्चे की डायट में जरूर शामिल करें। इसके अलावा 7 से 8 घंटे की नींद बच्चे के लिए इम्यूनिटी बूस्टर का काम करेगी।”
बाल विशेषज्ञ व सलाहकार डॉ. रविंद्र चित्तल का कहना है कि “COVID-19 के दौरान स्कूल लौटने के लिए सेफ्टी टिप्स में बच्चे की इम्यूनिटी सबसे जरूरी है। कोरोना दौर में गलत सूचना और विज्ञापनों के माध्यमों से लोगों में एक सामान्य भावना बन गई है कि इम्यूनिटी को बढ़ावा देने के लिए दवाएं हैं। इसके अलावा लोगों को जिंक, विटामिन-सी, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन, होम्योपैथिक कैम्फर, आर्सेनिक एल्ब आदि का सेवन करने के लिए कह कर मूर्ख बनाया जा रहा है। वास्तव में, लॉकडाउन के दौरान बच्चों को बीमारियां हुई हैं, जिसमें मौसमी बीमारियां मुख्य है। पेरेंट्स को हमेशा बच्चे के टीकाकरण पर मुख्य ध्यान रखना चाहिए, पोलियो, डीपीटी, न्यूमोकोकल वैक्सीन जैसे अनिवार्य निर्धारित टीकाकरण को कराएं और इन्फ्लूएंजा का टीका भी लगवाएं। इन्फ्लूएंजा का टीका विशेष रूप से परिवार के सभी सदस्यों द्वारा लिया जाना चाहिए, क्योंकि फ्लू और COVID-19 मिलकर घातक संयोजन बनाते हैं।”
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COVID-19 के दौरान स्कूल जाने के लिए सेफ्टी टिप्स : स्कूल में कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए बच्चे को कैसे ट्रेनिंग दें?
COVID-19 के दौरान स्कूल लौटने के लिए सेफ्टी टिप्स में हैलो स्वास्थ्य के इस सवाल पर इंटर्नल मेडिसीन के सलाहकार डॉ. अनिल बल्लानी ने कहा कि “बच्चों को नो-टच और उचित स्वच्छता तकनीकों के बारे में बताया जाना चाहिए और जहां तक संभव हो अपने साथियों के साथ बुक्स-कॉपी या किसी तरह की स्टेशनरी को शेयर ना करने की बात को बच्चे को सिखाएं। बच्चे को हर समय अपने साथ एक छोटा हैंड सैनिटाइजर ले जाने के लिए कहें और घर से N-95 नहीं, बल्कि 3-प्लाई मास्क को पहनने की ट्रेनिंग दें। शिक्षकों और पेरेंट्स की जिम्मेदारी बनती है कि बच्चों को अपने टिफिन और पानी की बॉटल स्कूल ले जाने के लिए कहें और उन्हें शेयर करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। लंच ब्रेक के दौरान छात्रों के बीच खेलकूद जैसी गतिविधियों को स्कूल द्वारा रोका जाना चाहिए। साथ ही लंच ब्रेक में सभी छात्र टीचर की मौजूदगी में ही लंच करें।”
डॉ. रविंद्र चित्तल का कहना है कि “बच्चे बड़ों की तुलना में किसी भी चीज को जल्दी सीखते हैं। अगर बच्चे किसी चीज को फॉलो करने में आनाकानी करते हैं, तो आप चाहें तो उनके मन में डर पैदा कर के उन्हें कोरोना वायरस से बचाव के नियमों को फॉलो करा सकते हैं। जैसे आप बच्चे को घरों के बाहर हर समय मास्क पहनने की जरूरत को समाझाएं और उसके साथ आप खुद फेस मास्क को लगाएं। इसके अलावा किसी सतह को छूने और लोगों से हाथ मिलाने से मना करें। इसके अलावा बच्चे को साबुन से बार-बार हाथ धोने और सैनिटाइजर के इस्तेमाल की आदतें आप घर से ही विकसित कराएं। बच्चे को स्कूल भेजने से पहले इन सभी नियमों का पालन करने के लिए कहें और घर लौटने के बाद बच्चे से पूछें कि क्या वह गुड हैबिट्स को फॉलो कर रहा है या नहीं?”
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स्कूलों को दोबारा खोलने से पहले स्कूल प्रशासन को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
डॉ. अनिल बल्लानी कहते हैं कि “COVID-19 के दौरान स्कूल लौटने के लिए सेफ्टी टिप्स में स्कूल द्वारा बरती जाने वाली सावधानी सबसे ज्यादा जरूरी है। जिसमें स्कूलों को फिर से खोलने से पहले अपने सभी कक्षाओं को साफ कराना चाहिए और इसके बाद नियमित रूप से दिन में कई बार स्कूल परिसर को सैनिटाइज कराना चाहिए। सभी शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के एंटीजन और एंटीबॉडी टेस्ट स्कूल को खोलने के पहले ही स्कूल प्रशासन द्वारा जरूर करा लेना चाहिए। अगर किसी को सर्दी, खांसी, बुखार हो जाता है, तो उन्हें छुट्टी लेने के लिए कहा जाना चाहिए। क्लास के अंदर, सीटों को इस तरीके से रखा जाना चाहिए, जिससे दो बच्चों के बीच में सुरक्षित दूरी या सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे। स्कूलों को भीड़-भाड़ जैसी किसी भी गतिविधियों को नहीं कराना चाहिए, जैसे- स्कूल असेंबली। इसके अलावा, ऐसे खेलों की अनुमति नहीं देनी चाहिए जिनमें बॉडी को टच किया जाना जरूरी है, जैसे- खो-खो या किसी वस्तु को शेयर करना हो, जैसे- बास्केटबॉल। स्कूल बच्चों के साथ ऐसी एक्टिविटी कर सकता है, जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का पालन किया जा सके, जैसे- दौड़ या रेस लगाना।”
डॉ. रविंद्र चित्तल का कहना है कि “COVID-19 के दौरान स्कूल लौटने के लिए सेफ्टी टिप्स का पालन स्कूल को भी करना होगा। स्कूल में, बॉडी टैम्प्रेचर को मापने के लिए स्कैनर होना चाहिए, जिससे स्कूल में प्रवेश करने से पहले बच्चों की जांच हो सके। इसके अलावा रेस्पायरेटरी इंफेक्शन का कोई भी लक्षण तो नहीं दिख रहा है, इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। हैंड सैनिटाइजर को स्कूल द्वारा सभी को उपलब्ध कराया जाना चाहिए। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखना जरूरी है।”
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अगर बच्चा स्कूल बस से ट्रैवलिंग कर रहा है तो क्या सावधानियां अपनानी चाहिए?
डॉ. अनिल बल्लानी का कहना है कि “COVID-19 के दौरान स्कूल लौटने के लिए सेफ्टी टिप्स में स्कूल बस भी शामिल है। जो बच्चे विद्यालय तक स्कूल बसों से जाते हैं, इनके लिए भी स्कूल को ही सुरक्षा के इंतजाम करने चाहिए। स्कूल बस में बच्चों के बैठने की स्ट्रेटजी तैयार करनी चाहिए, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके। सैनिटाइजर को बस के प्रवेश और निकास द्वार पर रखा जाना चाहिए। जिससे बच्चे बस में चढ़ने से पहले और उतरते वक्त अपना हाथ सैनिटाइज कर सकें। छात्रों को अपना बैग सीटों के नीचे रखना चाहिए। उन्हें हर समय 3-प्लाई मास्क पहनना चाहिए और बस के अंदर कुछ भी नहीं चाहिए। अगर स्कूल बस एयर कंडीशन है, तो उसे बंद कर के खिड़कियों को खुला रखना चाहिए। स्कूल बस को चलाने से पहले पूरी बस को सैनिटाइज किया जाना चाहिए, इसके बाद जब स्कूल बस बच्चों को विद्यालय पहुंचा दे तो उसके बाद भी सैनिटाइज किया जाना चाहिए।”
डॉ. रविंद्र चित्तल का कहना है कि “COVID-19 के दौरान स्कूल लौटने के लिए सेफ्टी टिप्स को अपनाते हुए स्कूल बसों में सावधानियां स्कूल प्रशासन द्वारा ही बरतनी चाहिए। बसों में एक व्यक्ति को होना चाहिए, जो विद्यार्थियों को सभी निर्देशों का पालन करा सके। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बच्चे को बस की रेलिंग, बस की सीट आदि सतहों को ना छूने की सलाह दें। हालांकि, ये संभव नहीं है, लेकिन फिर भी आप प्रयास करें कि अपने बच्चे को घर से ही ये बात समझा कर स्कूल भेजें।”