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सर्जरी (Surgery)
कुछ मामलों में, कुछ अंडरलायिंग फैक्टर्स भी सिस्टोलिक हार्ट फेलियर (Systolic Heart Failure) का कारण बन सकते हैं। जिनके उपचार के लिए डॉक्टर को सर्जरी करनी पड़ती है। यह सर्जरीज इस प्रकार हैं:
कार्डियक रीसिंक्रनाइज़ेशन थेरेपी (Cardiac Resynchronization Therapy) : हार्ट समस्या की स्थिति में डॉक्टर कार्डियक रीसिंक्रनाइज़ेशन थेरेपी की सलाह दे सकते हैं। इस सर्जरी में पेसमेकर लगाना शामिल होता है। जिससे यह सुनिश्चित होता है कि दिल सही समय पर धड़क रहा है।
इम्प्लांटेबल कार्डियोवैस्कुलर डीफिब्रिलेटर (Implantable Cardiovascular Defibrillator) :अन्य सर्जिकल विकल्प है इम्प्लांटेबल कार्डियोवैस्कुलर डीफिब्रिलेटर। इस सर्जरी में एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को लगाया जाता है, ताकि हार्ट को मॉनिटर और रेगुलेट किया जा सके।
इसके अलावा डॉक्टर कुछ अन्य सर्जरीज़ की सलाह भी दे सकते हैं, जैसे:
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यह तो थी सिस्टोलिक हार्ट फेलियर (Systolic Heart Failure) के बारे में पूरी जानकारी। सिस्टोलिक हार्ट फेलियर एक गंभीर हार्ट समस्या है, जिसके कई गंभीर लक्षण हो सकते हैं, या कई मामलों में इसका कोई भी लक्षण नजर नहीं आता है। इस समस्या इसका कोई भी खास इलाज नहीं है, लेकिन सही समय पर हार्ट फेलियर के लक्षणों के निदान और उपचार से इस स्थिति को मैनेज किया जा सकता है। यही नहीं इससे हार्ट फंक्शन को सुधारा और नार्मल किया जा सकता है। रोगी सही उपचार, डॉक्टर की सलाह का पालन करके और जीवनशैली में परिवर्तन से इस समस्या में भी एक नार्मल और क्वालिटी लाइफ जी सकते हैं।