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गर्भावस्था में मतली से राहत दिला सकते हैं 7 घरेलू उपचार

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Nikhil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 13/05/2021

    गर्भावस्था में मतली से राहत दिला सकते हैं 7 घरेलू उपचार

    गर्भावस्था के दौरान मतली (Pregnancy Nausea), उल्टी होना प्रेग्नेंसी के शुरुआती सामान्य लक्षण हैं। आयुर्वेद के अनुसार ये सारे लक्षण पित्त दोष (biliousness) के बढ़ने के कारण होते हैं। गर्भावस्‍था का समय महिलाओं में कई शारीरिक बदलावों का होता है। इस दौरान वे शरीर में बहुत सारे बदलाव के साथ भावनात्मक बदलावों को महसूस करती हैं। शुरूआती तिमाही में उल्टी और मतली से ज्‍यादातर महिलाएं परेशान रहती हैं। क्योंकि जो पहली बार गर्भवती होती हैं, उन्हें यह सब असामान्य लग सकता है। ऐसी स्थिति में ज्यादातर दवा लेने की मनाही की जाती है। इसलिए दवा न ले पाने की स्थिति में बहुत से घरेलू उपचार भी हैं जो इन परेशानियों के अधिक होने पर फायदेमंद हो सकते हैं।

    गर्भावस्था में मतली के उपचार (Home remedies for Pregnancy Nausea)

    1.गर्भावस्था में मतली के उपचार के लिए अदरक है सबसे बेहतर

    डॉक्टर्स के मुताबिक प्रेग्नेंसी के शुरूआती चरण के दौरान महिला को लगातार मतली या उल्टी आने पर अदरक का सेवन राहत दे सकता है। इसके लिए अदरक की चाय गर्भवती महिला को पीना चाहिए। मतली को रोकने के लिए अदरक के साथ प्याज के रस की थोड़ी सी मात्रा भी बहुत लाभदायक हो सकती है। इससे उल्टी भी बंद हो जाएगी। अदरक के रस में धनिया के पत्तों का रस मिला कर पीने से भी उल्टी की समस्या से निजात मिलती है।

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    2.तुलसी का सेवन से गर्भावस्था में मतली से मिलती है राहत 

    गर्भधारण करने पर कई महिलाओं में मतली और उल्टी की समस्या बनी रहती है। इससे निजात पाने के लिए तुलसी के पत्तों के रस का सेवन करना बहुत फायदेमंद हो सकता है। डॉक्टर इस दौरान तुलसी पत्ता के रस में शहद मिलाकर सेवन करने को सिफारिश करते हैं। इससे उल्टी बंद हो जाती है।

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     3.गर्भावस्था में मतली से राहत दिलाने में आंवला कर सकता है मदद 

    गर्भावस्था मतली के उपचार में आंवला भी बहुत महत्वपूर्ण है। अगर प्रेग्नेंसी के शुरूआती चरण में आप बार-बार उल्टी होने या मतली की समस्या से परेशान हैं तो आंवला का सेवन करें। आप आंवला से बने मुरब्बा का सेवन भी कर सकती हैं। यह प्रेग्नेंसी के मतली में बहुत उपयोगी घरेलू उपचार माना जाता है।

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    4.नींबू का रस भी दूर कर सकता है गर्भावस्था में मतली को

    नमक और चीनी के साथ ताजे नींबू का रस का सेवन गर्भावस्था के दौरान मतली के उपचार में बहुत खास है। नींबू का खट्टापन मतली के प्रभाव को कम करता है। प्रेग्नेंसी की इस स्थिति में बेहतर महसूस करने के लिए आप अदरक और नींबू के रस का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह ध्यान रखें कि सादा नींबू पानी न पिएं क्योंकि गर्भावस्था में कई महिलाओं को सूट नहीं करता। इसलिए साथ में अन्य सामग्री को जरूर शामिल करें।

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    5.गर्भावस्था में मतली से हैं परेशान तो खाएं अजवाइन

    बहुत-सी महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान मतली और उल्टी के साथ-साथ कब्ज की शिकायत रहती है। ऐसी सभी गर्भवती महिलाओं को अजवाइन का कम मात्रा में सेवन करना चाहिए। यह गर्भावस्था में मतली होने पर इंस्टेंट फायदा पहुंचाती है और इससे हाजमा भी ठीक रहता है।

    6.हर्रे और शहद का मिश्रण गर्भावस्था में मतली में राहत पहुंचाता है 

    गर्भावस्था में मतली के उपचार में शहद का अपना ही महत्व है। यदि इस दौरान गर्भवती महिला को बार-बार उल्टी आए तो हर्रे को पीसकर शहद के साथ सेवन करें। इसके अलावा शहद और दालचीनी मिलाकर खाएं। इससे उल्टी की समस्या से निजात मिलेगी।

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    7.चने का सत्तू दिलाता है गर्भावस्था में मतली से राहत

     गर्भधारण करने के बाद अगर महिला को बार-बार उल्टी आए तो गर्भावस्था में मतली के उपचार के तहत भूने हुए चने के सत्तू में नमक, चीनी और पानी घोलकर पिएं। इससे उल्टी की समस्या दूर होती है।

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    आपको बता दें कि जो महिलाएं हार्मोनल गर्भनिरोधक या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी (एचआरटी) का उपयोग करती हैं, उनमें भी मॉर्निंग सिकनेस के समान लक्षण हो सकते हैं। डॉक्टर नुपुर गुप्ता (गायनेकोलॉजिस्ट, वेल वुमन क्लिनिक, गुड़गांव) एक हेल्थ वेबसाइट के साथ बात करते हुए इस बारे में जानकारी देती हैं। उनके अनुसार तनाव, अधिक मेहनत और डीहाइड्रेशन मॉर्निंग सिकनेस को बढ़ा सकता है। अगर गर्भवती महिला के गर्भ में जुड़वां बच्चे पल रहे हैं या वे आईवीएफ तकनीक की मदद से मां बन रही हैं तो प्रेग्नेंसी नौजिया की समस्या सामान्य से अधिक हो सकती है। बहुत कम ऐसी प्रेग्नेंट महिलाएं होती हैं जिन्हें गर्भावस्था में मतली की दवा इस्तेमाल करने की नौबत आती है।

    प्रेग्नेंसी नोजिया को कैसे समझें?

    गंभीर उल्टी, डिहाइड्रेशन और वजन कम होना आदि लक्षण दिखने पर इसे प्रेग्नेंसी नोजिया माना जाता है। इसे हाइपरमेसिस ग्रेविडरम भी कहा जाता है।

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    प्रेग्नेंसी नोजिया के कारण

    सीरियस मॉर्निंग सिकनेस का कारण स्पष्ट नहीं है। शोध बताते हैं कि यह गर्भावस्था के दौरान होने वाले हार्मोनल परिवर्तनों से संबंधित हो सकता है। विशेष रूप से ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) को मुख्य वजह माना जाता है। क्योंकि मुख्य रूप से यह स्थिति तब होती है जब एचसीजी एक गर्भवती महिला के शरीर में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच जाता है। इस दौरान गर्भावस्था में मतली की दवा लेने के लिए डॉक्टर द्वारा कहा जा सकता है।

    प्रेग्नेंसी नोजिया के जोखिम

    गंभीर रूप से प्रेग्नेंसी नोजिया या मॉर्निंग सिकनेस का एक कारण जेनेटिक भी हो सकता है। क्योंकि यह उन महिलाओं में अधिक होता है जिनके परिवार के करीबी सदस्यों को पहले ऐसी समस्या हुई हो। जैसे मां या बहन को हाइपर ग्रेविडेरम हुआ हो तो उन्हें भी यह खतरा अधिक होता है। व्यक्तिगत या फैमिली हिस्ट्री होने के अलावा, निम्नलिखित स्थितियां महिला को जोखिम में डाल सकती हैं।

    • मल्टीपल बर्थ (ट्विन्स या और ट्रिप्लेट्स)
    • मोशन सिकनेस की हिस्ट्री
    • मतली या उल्टी के साथ माइग्रेन का सिरदर्द

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    प्रेग्नेंसी नोजिया या मॉर्निंग सिकनेस के बारे में यह बातें जानना बहुत आवश्यक

    • मॉर्निंग सिकनेस और नोजिया दिन या रात के किसी भी समय हो सकता है। इसलिए इसके नाम पर न जाएं।
    • सही कारणों का अभी भी पता नहीं चल पाया है।
    • कई घरेलू उपचार हैं जो मॉर्निंग सिकनेस के लक्षणों के इलाज करने में मदद कर सकते हैं।
    • अदरक, आंवला, नींबू पानी आदि इसको कम कर सकता है।
    • मॉर्निंग सिकनेस एक हेल्दी प्रेग्नेंसी का भी संकेत हो सकता है।
    • मॉर्निंग सिकनेस लगभग 80 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करती है।

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    क्या गर्भावस्था में मतली की दवा (pregnancy nausea medication) उपयोगी है?

    डॉक्टर नुपुर कहती हैं कि गर्भावस्था में मतली की दवा लेने से जितना संभव हो बचना चाहिए। ‘नो-ड्रग’ विकल्पों को आजमाना सबसे अच्छा विकल्प होता क्योंकि गर्भ में पल रहे शिशु को अनावश्यक रूप से इंडायरेक्टली दवा नहीं मिलती। अगर इस दौरान प्राकृतिक या घरेलू उपचार से राहत न हो तो डॉक्टर से गर्भावस्था में मतली की दवा के बारे में बात करें। इसमें कई सप्लिमेंट्स और दवाएं (टैबलेट और सपोसिटरी) प्रेग्नेंसी नोजिया के लिए सुरक्षित मानी जाती है।

    प्रेग्नेंसी नोजिया/गर्भावस्था में मतली की ओवर-द-काउंटर दवाएं (OTC pregnancy nausea medication):

    विटामिन बी 6

    अमेरिकन कॉलेज ऑफ ओब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट (ACOG) इसे मॉर्निंग सिकनेस के लिए फर्स्ट-लाइन ट्रीटमेंट मानते हैं।

    एंटीएमेटिक्स

    गर्भावस्था के दौरान मतली और उल्टी के इलाज के लिए डॉक्सिलैमाइन जैसे एंटीएमेटिक्स का उपयोग किया जाता है।  इसका सेवन करने के बाद ड्राइव न करने की सलाह दी जाती है।

    विटामिन बी-6 और डॉक्सिलैमाइन का कॉम्बिनेशन

    अमेरिकन कॉलेज ऑफ ओब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट द्वारा गर्भावस्था में मतली की दवा के रूप में विटामिन बी-6 और डॉक्सिलैमाइन के संयोजन की भी सिफारिश की जाती है। इसे सुरक्षित माना जाता है।

    रिफ्लक्स मेडिसिन (कब्ज, पेट संबंधी)

    यदि आपको मतली पेट या आंतों की समस्याओं से उत्पन्न होती है। गर्भावस्था में मतली की दवा के लिए पेट, पाचन संबंधी विकार और कब्ज की दवा भी सिफारिश की जा सकती है।

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    प्रेग्नेंसी नौसा/गर्भावस्था में मतली की दवाएं जो प्रिस्क्रिप्शन से मिलती हैं (pregnancy nausea medication):

    यदि अन्य उपचार प्रेग्नेंसी नोजिया में प्रभावी नहीं होते हैं, तो आप डॉक्टर की सलाह से नीचे बताई गई दी गई दवाओं में से किसी को चुन सकते हैं। गर्भावस्था में मतली की दवा के दौरान इन दवाओं की सुरक्षा के बारे में जानकारी कम उपलब्ध है। इसलिए इस बारे में डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।

    • मेटोक्लोप्रमाइड (रीगलन)
    • प्रोमेथाजीन (फेनगन)
    • प्रोक्लोरपर्जिन (Compazine)
    • ट्राइमेथोबेंजामाइड (टिगन)
    • ऑनडांसट्रॉन (Ondansatron)
    • (Zofran):

    कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि गर्भावस्था में मतली की दवा ऑनडांसट्रॉन लेने से बच्चों के दिल में छेद, तालु या हृदय दोष के जोखिमों में मामूली वृद्धि हुई है। कुछ विशेषज्ञ ऑनडांसट्रॉन का उपयोग करने का सुझाव केवल तभी देते हैं जब कोई अन्य उपचार काम नहीं करता।

    हम उम्मीद करते हैं कि गर्भावस्था में उल्टी और उसके उपचार पर लिखा गया यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी प्रकार की चिकित्सा सलाह, उपचार और निदान प्रदान नहीं करते।

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