कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसे सबसे भयानक माना जाता है। हालांकि इसका उपचार संभव है, लेकिन इसका उपचार भी बेहद मुश्किल और थका देने वाला होता है। कैंसर के एक प्रकार को क्रॉनिक मायलॉइड ल्यूकेमिया (Chronic Myeloid Leukemia) या सीएमएल (CML) के नाम से जाना जाता है। इसका ट्रीटमेंट भी आसान नहीं होता। बल्कि यह भी माना जाता है कि इसके उपचार में प्रयोग होने वाली टेक्निक्स का असर हमारे इम्यून सिस्टम पर भी पड़ता है। ऐसे में इसके उपचार के साइड-इफेक्ट्स को मैनेज करने के लिए सही आहार का सेवन करना बेहद जरूरी है। आज हम बात करने वाले हैं क्रॉनिक मायलॉइड ल्यूकेमिया (Chronic Myeloid Leukemia) यानी CML और CML डायट (CML Diet) के बारे में। तो पाएं, इस बारे में पूरी जानकारी विस्तार से और कुछ जरूरी बातों के बारे में जानना न भूलें।
क्या है क्रॉनिक मायलॉइड ल्यूकेमिया? (What is chronic myeloid leukemia)
ल्यूकेमिया कैंसर का एक प्रकार है जो ब्लड या ब्लड फोर्मिंग टिश्यूज (Blood Forming Tissues) से शुरू होता है। ल्यूकेमिया भी कई तरह का होता है। उन्हीं में से एक है क्रॉनिक मायलॉइड ल्यूकेमिया (Chronic Myeloid Leukemia) जो वाइट ब्लड सेल्स का कैंसर है। CML में ब्लास्ट सेल्स (Blast Cells) या इमैच्योर वाइट ब्लड सेल्स (Immature White Blood Cells) बहुत अधिक बनना शुरू हो जाते हैं और अनियंत्रित रूप से बढ़ते हैं। यही नहीं, वो अन्य तरह के जरूरी ब्लड सेल्स की भी जगह ले लेते हैं। इसके लक्षण इस प्रकार हैं।
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CML के लक्षण (Symptoms of CML)
CML डायट (CML Diet) से पहले क्रॉनिक मायलॉइड ल्यूकेमिया के लक्षणों के बारे में जान लेते हैं। CML के लक्षण अन्य कई अन्य हेल्थ कंडीशंस के समान हो सकते हैं। जिसके कारण यह पहचान करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है कि यह लक्षण क्रॉनिक मायलॉइड ल्यूकेमिया (Chronic Myeloid Leukemia) के हैं या अन्य किसी बीमारी के। इसके कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- एनीमिया (Anemia)
- थकावट (Weakness)
- सांस लेने में समस्या (Shortness of Breath)
- रात को पसीना आना (Night Sweats)
- हड्डी में दर्द (Bone Pain)
- वजन का कम होना (Weight Loss)
- बुखार (Fever)
- पेट में ब्लोटिंग महसूस होना (Bloating in the Stomach)
- थोड़ा खाने के बाद भी पेट का भरा हुआ लगना (Feeling Full after Eating, even if only a Small Amount)
यह लक्षण CML के निदान के लिए काफी नहीं हैं। क्योंकि, यह कई तरह के कैंसर या अन्य हेल्थ कंडीशंस में एक जैसे हो सकते हैं। चलिए, अब जान लेते हैं क्रॉनिक मायलॉइड ल्यूकेमिया (Chronic Myeloid Leukemia) के कारणों के बारे में।
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क्रॉनिक मायलॉइड ल्यूकेमिया के कारण (Causes of Chronic Myeloid Leukemia)
क्रॉनिक मायलॉइड ल्यूकेमिया के सही कारणों के बारे में जानकारी नहीं है। लेकिन, ऐसा माना जाता है कि यह कैंसर किसी व्यक्ति के खून में जीन 9 व 22 के रीअरेंजमेंट (Rearrangement) की वजह से होता है। इसके कारण बोन मैरो में ब्लड सेल्स अनियंत्रित तरीके से बढ़ते हैं। जिससे सफेद रक्त कोशिकाओं की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाती है, जो इस कैंसर का कारण बनते हैं। इससे जुड़े कुछ रिस्क फैक्टर्स इस प्रकार हैं:
- अधिक उम्र (Older Age)
- पुरुष (Being male) रेडिएशन एक्सपोजर (Radiation Exposure
इस कैंसर का उपचार कई तरीकों से किया जाता है जैसे टार्गेटेड ड्रग थेरेपी (Targeted Drug Therapy), बोन मैरो ट्रांसप्लांट (Bone Marrow Transplant), कीमोथेरेपी (Chemotherapy) आदि। लेकिन, उपचार के यह तरीके बहुत थका देने और परेशान करने वाले होते हैं। इनका हमारे इम्यून सिस्टम पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में रोगी को बहुत सी चीजों का ध्यान रखना जरूरी है। उन्हीं में से एक है अपनी सही डायट। सही डायट से रोगी के जीवन की गुणवत्ता काफी हद तक बढ़ सकती है। जानिए, CML डायट (CML Diet) के बारे में विस्तार से।
CML डायट के बारे में जानें (CML Diet)
CML से पीड़ित लोगों के जीवन में सबसे बड़ी चुनौती होती है, थकावट। ऐसी थकावट जिसके कारण वो अपनी बाजुओं और टांगों में भारीपन महसूस करते हैं। इस के कारण उन्हें चलना-फिरना भी एक मुश्किल काम जैसा लगता है। यही नहीं, ध्यान केंद्रित कर पाना या कुछ भी याद रख पाना भी उनके लिए बहुत मुश्किल होता है। ऐसे में जरूरी है सही और संतुलित आहार। हम सभी हेल्दी आहार का महत्व तो जानते ही हैं। CML से पीड़ित लोगों के लिए सामान्य जीवन जीने के लिए सही आहार का सेवन बेहद आवश्यक है। जानिए, CML डायट (CML Diet) के बारे में विस्तार से और अगर आप इस समस्या से पीड़ित हैं तो अपने आहार में इन चीजों को अवश्य शामिल करें:
फैट्स (Fats)
CML डायट (CML Diet) में सबसे पहले है गुड फैट्स। गुड फैट्स से आपको एनर्जी भी मिलेगी और आप अच्छा भी महसूस करेंगे। इसलिए अपने आहार में मोनो व पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स (Mono & Polyunsaturated Fats) और ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acids) से भरपूर खाद्य पदार्थों जैसे सालमोन और ट्राउट जैसी मछलियां, मेवे, अलसी का तेल आदि को अवश्य शामिल करें।
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प्रोटीन (Protein)
प्रोटीन हमारे शरीर में बेहद जरूरी भूमिका निभाती है। सेल्स का अधिकतर काम करने और शरीर के टिश्यूज और अंगों के हर कार्य, स्ट्रक्चर और रेगुलेशन में भी यह महत्वपूर्ण है। प्रोटीन को फिश, बीन्स, डेयरी उत्पादों, अंडों, हरी सब्जियों जैसे पालक, ब्रोकली आदि से प्राप्त किया जा सकता है।
नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट (National Cancer Institute) के अनुसार यह सब्जियां न्यूट्रिएंट्स, विटामिन, मिनरल्स आदि से भरपूर होती हैं। इन सब्जियों में उन तत्वों का समूह होता है, जो उन्हें पकाने, चबाने या पचाने के माध्यम से टूट जाते हैं। इनके एंटीकैंसर प्रभाव भी हो सकते हैं जो सेल्स को DNA डैमेज से बचाते हैं। यानी , अगर आप CML से पीड़ित हैं तो अपने आहार में प्रोटीन को पर्याप्त मात्रा में रखें।
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कार्बोहायड्रेट्स (Carbohydrates)
कार्बोहायड्रेट्स ऊर्जा का महत्वपूर्ण स्त्रोत है। साबुत अनाज, सब्जियों, फलों और बीन्स आदि में यह भरपूर मात्रा में पाया जाता है। लेकिन ध्यान रहे, सभी कार्बोहायड्रेट्स शरीर के लिए अच्छे नहीं होते। रिफाइंड कार्बोहायड्रेट्स जैसे सफेद ब्रेड, चावल, चीनी आदि सेहत के लिए नुकानदायक हो सकते हैं।
पर्याप्त तरल पदार्थ (Enough Fluid)
पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करने से आपके शरीर में पानी की कमी नहीं होगी। अपनी CML डायट (CML Diet) में तरल पदार्थों को अवश्य शामिल करें खासतौर पर अगर आपको उल्टी आना या डायरिया की समस्या है।
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CML डायट किस तरह से मददगार साबित हो सकती है? (CML Diet)
अगर कोई व्यक्ति क्रॉनिक मायलॉइड ल्यूकेमिया (Chronic Myeloid Leukemia) की समस्या से पीड़ित है और उसका उपचार प्राप्त कर रहा है। तो इसका अर्थ है कि उसका इम्यून सिस्टम बेहद कमजोर होगा। ऊपर से यह उपचार बेहद थकाने वाले होते हैं। इस समस्या में चाहे आप अच्छी डायट ले रहे हों लेकिन ट्रीटमेंट के इन साइड इफेक्ट्स के कारण आपको पर्याप्त न्यूट्रिएंट्स मिलना मुश्किल हो सकते हैं। कैंसर के ट्रीटमेंट के साइड इफेक्ट इस प्रकार हो सकते हैं :
- भूख न लगना (Loss of Appetite)
- जी मचलना (Nausea)
- स्वाद में बदलाव (Changes in Tastes)
- मुंह में छाले (Mouth sores)
- डायरिया या कब्ज (Diarrhea or Constipation)
इन बातों का ध्यान रखें (Things to Remember)
ऐसे में सही और बैलेंस्ड आहार का सेवन कर के न केवल आप अच्छा महसूस करेंगे। बल्कि आपको जल्दी स्वस्थ होने में भी मदद मिलेगी। इसके लिए CML डायट (CML Diet) से जुड़ी इन बातों का ध्यान रखें:
- अपने भोजन और स्नैक्स के बीच में रेगुलर टाइमिंग रखें।
- अपने आहार में प्रोटीन और साबुत अनाज को अवश्य शामिल करें।
- कैंडी, पेस्ट्री, पिज्जा जैसी अनहेल्दी चीजों के सेवन से बचें।
- रिफाइंड अनाज की जगह साबुत अनाज को चुनें।
- अगर आप एक ही बार में अधिक न खा पा रहे हों, तो पूरा दिन थोड़ा-थोड़ा कर के खाएं।
- अगर आपका वजन कम है और आपको वजन बढ़ाना है, तो ऐसे आहार को चुनें। जिनमे प्रोटीन, कैलोरी और न्यूट्रिएंट अधिक हों जैसे पीनट बटर, पनीर आदि।
- मीट, फिश और अंडों को अच्छे से पकाने के बाद ही खाएं। इन्हें अधपका या कच्चा न खाएं।
- पाश्चराइज्ड (Pasteurized) दूध, दही आदि के सेवन से बचें।
- कुछ चीजों का बिलकुल भी सेवन न करें। जैसे एल्कोहॉल, जो कीमोथेरेपी ड्रग्स के साथ इंटरफेयर कर सकती है। इसके साथ ही स्वीट्स, अधिक नमक वाले स्नैक, हाय फैट मीट, अधिक तले-भूनें आहार को भी न खाएं। अगर आप नहीं जानते हैं कि आपको क्या खाना है और किन चीजों को नजरअंदाज करना है, तो अपने डॉक्टर और डायटीशियन से सलाह लें।
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CML डायट के साथ ही जीवन में लाएं क्या बदलाव?
CML डायट (CML Diet) के बारे में तो आप जान ही गए होंगे। क्रॉनिक मायलॉइड ल्यूकेमिया (Chronic Myeloid Leukemia) की स्थिति में सही न्यूट्रिशन तो जरूरी है ही, लेकिन जल्दी रिकवर करने के लिए आपको अपने जीवन में कुछ अन्य बदलाव भी लाने चाहिए। यह बदलाव कुछ इस तरह से हैं:
अपना वजन सही रखें (Right Weight)
अगर आप कैंसर के उपचार से गुजर रहे हैं तो आपके लिए सही वजन बनाए रखना जरूरी है। हालांकि इसमें वजन कम करने के लिए डायटिंग करने सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इससे न केवल आपका एनर्जी लेवल कम होगा। बल्कि, आपकी इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता भी कम होगी। इसके लिए आप व्यायाम कर सकते हैं या डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं।
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फूड सेफ्टी का ध्यान रखें (Food Safety)
इस बात का ध्यान रखें कि खाना बनाते समय या खाते हुए फूड सेफ्टी का पूरा ध्यान रखा जाए। अगर आप इस चीज पर ध्यान नहीं देंगे, तो समस्या बढ़ सकती है। इसलिए फल-सब्जियों या मीट आदि को पकाने से पहले अच्छे से धो लें। यही नहीं, इन्हें सही तापमान पर ही पकाएं।
विटामिन या सप्लीमेंट लेने से बचें (Don’t take Vitamins or Supplements)
CML से पीड़ित किसी भी व्यक्ति को कोई भी विटामिन या सप्लीमेंट लेने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। क्योंकि, कुछ दवाईयां और कैंसर ट्रीटमेंट, विटामिन और सप्लीमेंट्स के साथ इंटरेक्ट कर सकते हैं।
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व्यायाम करें (Do Exercise)
अगर आप कैंसर और इसके उपचार के कारण कमजोर महसूस कर रहे हैं। तो एक्सरसाइज एक ऐसी चीज है, जो शायद ही आपके दिमाग में आए। लेकिन, इस दौरान जैसे CML डायट (CML Diet) जरूरी है, वैसे ही जरूरी है आपका शारीरिक रूप से एक्टिव रहना। इससे आपको न केवल एनर्जी मिलेगी बल्कि आप अच्छा भी महसूस करेंगे। इस दौरान आपको कौन सी एक्सरसाइजेज करनी चाहिए। इसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। शुरुआत आप केवल सैर करने से ही कर सकते हैं। धीरे-धीरे गतिविधियों को बढ़ाएं।
तनाव से बचें (Stay away from Stress)
कैंसर से जल्दी रिकवर होने और जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए जरूरी है आपका तनाव से बचना। हालांकि, कैंसर के साथ जूझना कोई आसान काम नहीं होता। इस दौरान आपके दिमाग में ऐसी कई चीजें आ सकती हैं, जो आपको परेशान कर दें। फिर भी सकारात्मक रहें। इसके लिए अपने परिवार के साथ समय बिताएं, पर्याप्त नींद लें, योगा और मैडिटेशन करें।
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यह तो थी क्रॉनिक मायलॉइड ल्यूकेमिया (Chronic Myeloid Leukemia) और CML डायट (CML Diet) के बारे में पूरी जानकारी। आपका यह समय आपके लिए मुश्किल हो सकता है लेकिन याद रखें इसके बाद आप सामान्य जीवन जीने में सक्षम होंगे। इसलिए, अपने दिमाग में ऐसी किसी भी चीज को न आने दें जिसके कारण आप निराश महसूस करें। अच्छा खाएं, सकारात्मक रहें, व्यायाम करें और पूरा आराम करें। कुछ ही दिनों में यह मुश्किल समय भी बीत जाएगा और आप अपने सामान्य जीवन में वापस लौट आएंगे।
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