backup og meta

मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) के बाद पड़ता है महिलाओं की मेंटल हेल्थ पर असर, ऐसे रखें ध्यान

मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) के बाद पड़ता है महिलाओं की मेंटल हेल्थ पर असर, ऐसे रखें ध्यान

मेनोपॉज या रजोनिवृति खुद में एक अलग ही दौर है। जिसमें महिला पीरियड्स बंद होने के साथ कई तरह के मानसिक और शारीरिक बदलाव से गुजरती है। इसके अलावा महिला कई तरह के बीमारियों से ग्रसित हो सकती हैं। लेकिन इन सभी परेशानियों में सबसे बड़ी समस्या है मानसिक बदलाव से गुजरना। जिसके कारण मेनोपॉज के फेज से गुजरने वाली महिला कई तरह की मानसिक बीमारियों से गुजरती हैं। इसलिए मेनोपॉज में मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना उतना ही जरूरी है, जितना फिजिकल हेल्थ का ध्यान रखना है

यह भी पढ़ें : महिलाओं में ऐसे होते हैं हार्ट अटैक के लक्षण

मेनोपॉज में मेंटल हेल्थ(Menopause And Mental Health) से पहले समझें मेनोपॉज क्या होता है?

Menopause image

मेनोपॉज एक ऐसा दौर है जिसका सामना हर महिला को अपनी बढ़ती उम्र के साथ करना पड़ता है। ज्यादातर महिलाओं को यह 49 से 52 वर्ष की उम्र में होता है। लगातार 12-24 महीने तक पीरियड्स का न आना ही मेनोपॉज कहा जाता है। मेनोपॉज में महिला के शरीर में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरॉन हॉर्मोन बनना बंद हो जाता है। इसी वजह से मेनोपॉज में मेंटल हेल्थ में भी बदलाव होने लगते हैं।

मेनोपॉज के लक्षण (Symptoms of Menopause)क्या हैं?

और पढ़ें : हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट में क्या अंतर है ?

मेनोपॉज में मेंटल हेल्थ कैसे प्रभावित होती है?

मेनोपॉज में मेंटल हेल्थ को प्रभावित करने के लिए कोई बाहरी कारण नहीं जिम्मेदार होते हैं। बल्कि हमारे शरीर के हॉर्मोन ही मेनोपॉज में मेंटल हेल्थ को प्रभावित करते हैं। जब मेनोपॉज होता है तो एस्ट्रोजन हॉर्मोन का लेवल कम हो जाता है। जिसके कारण भावनात्मक बदलाव होते हैं और महिला की मेंटल हेल्थ को प्रभावित करते हैं। 

मेनोपॉज में मेंटल हेल्थ प्रभावित होने के लक्षण क्या हैं?

मेनोपॉज में मेंटल हेल्थ प्रभावित होने पर निम्न लक्षण सामने आते हैं :

ऊपर बताए गए लक्षण सभी महिलाओं में नहीं पाए जाते हैं। महिलाओं में मेनोपॉज में मेंटल हेल्थ के लक्षण में डिप्रेशन सबसे ज्यादा सामान्य समस्या है।

और पढ़ें : स्मोकिंग (Smoking) छोड़ने के बाद शरीर में होते हैं 9 चमत्कारी बदलाव 

मेनोपॉज में डिप्रेशन कैसे पहचानें?

menopause and depression

मेनोपॉज में मेंटल हेल्थ प्रभावित होती है, जिसमें डिप्रेशन सबसे आम है। डिप्रेशन भी हॉर्मोनल बदलावों के कारण होते हैं। लेकिन मेनोपॉज में डिप्रेशन के लक्षणों को कोई पहचान नहीं पाता है। मेनोपॉज में डिप्रेशन के लक्षण निम्न हैं, जिसके मदद से आप डिप्रेशन को पहचान सकते हैं: 

  1. बेवजह चिड़चिड़ापन या ज्यादा गुस्सा आना
  2. चिंता या बेचैनी होना
  3. बिना किसी कारण के खुद को दोषी मानना
  4. किसी भी काम में रूचि वन लेना
  5. भूलक्कड़पन
  6. कमजोरी महसूस होना
  7. ज्यादा नींद आना या इंसोम्निया होना
  8. शरीर में दर्द रहना
  9. भूख में बदलाव होना

इनमें से अगर कोई भी लक्षण आपमें दिखाई दे तो आप साइकोथेरिपिस्ट से जरूर मिलें। 

और पढ़ें : अर्ली मेनोपॉज से बचने के लिए डायट का रखें ख्याल

मेनोपॉज में डिप्रेशन(Depression) को कैसे ठीक करें?

मेनोपॉज में डिप्रेशन से निजात पाने के लिए सबसे पहले आप उसके लक्षणों को समझें। इसके बाद स्वीकार करें कि आप डिप्रेशन के शिकार हैं। क्योंकि हमारे समाज में डिप्रेशन होने की बात को बहुत कम लोग स्वीकार पाते हैं। डिप्रेशन (Depression) से बाहर निकलने के लिए आप निम्न उपाय अपना सकते हैं : 

  • अगर आपको कोई बड़ा काम करना है तो उसे एक साथ न करें। बल्कि उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में बाटें, साथ ही काम को खत्म करने का क्रम तय करें। ऐसा करने से आपको डिप्रेशन नहीं होगा। 
  • ऐसे काम करें जो आपको पसंद हो या आपको अच्छा महसूस कराने में मदद करे। जैसे- हल्की एक्सरसाइज करें, मूवी देखें, सामाजिक या धार्मिक कार्यों में हिस्सा लें। 
  • अगर आपका मूड बदला है तो परेशान न हों, वक्त लगेगा मूड के ठीक होने में। बस आप अपनी सोच को सकारात्मक रखने का प्रयास करें। 
  • अगर कोई जरूरी निर्णय लेना है तो उसे डिप्रेशन के दौरान न लें। बल्कि उसे थोड़े दिनों के लिए टाल दें। इसके बाद जब डिप्रेशन से बाहर आ जाए तो जरूरी निर्णय लें। 
  • पेरिमेनोपॉज में होने वाले मूड स्विंग में डॉक्टर लो-डोज के ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव दवाएं देते हैं। ये दवाएं एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन हॉर्मोन को नियंत्रित करते हैं, जिससे मूड स्विंग नहीं होता है।
  • मेनोपॉज में डिप्रेशन के बाद हार्ट डिजीज या कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए आप शराब और स्मोकिंग छोड़ दें। 

और पढ़ें : हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट में क्या अंतर है ?

मेनोपॉज में मेंटल हेल्थ के लिए हॉर्मोन थेरिपी कितनी सही है?

मेनोपॉज में मेंटल हेल्थ के सुधार के लिए हॉर्मोन थेरिपी दी जाती है। जिसकी मदद से मेनोपॉज में मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने में मदद मिल सकती है। लेकिन, हॉर्मोन थेरिपी कुछ ही मानसिक बीमारियों में मदद करती है। आपके डॉक्टर एंग्जायटी के लिए दवा देते हैं, लेकिन इसके लिए हॉर्मोन थेरिपी नहीं दी जा सकती है। जब मेनोपॉज खत्म होता है तो हॉर्मोन का लेवल सामान्य हो जाता है। लेकिन, आप मेनोपॉज के खत्म होने का इंतजार न करें, बल्कि डॉक्टर को दिखाएं। 

मेनोपॉज में डिप्रेशन के लिए थेरिपी क्या हैं?

मेनोपॉज में डिप्रेशन का इलाज संभव है। लेकिन जब लाइफस्टाइल में बदलाव के बाद भी डेप्रेशन ठीक न हो तो थेरिपी आपकी मदद कर सकती है। मेनोपॉज में डिप्रेशन के लिए निम्न थेरिपी हैं :

लो-डोज एस्ट्रोजन रिप्लेसमेंट थेरिपी (Replacement threaphy)

आपके डॉक्टर आपको एस्ट्रोजन रिप्लेसमेंट थेरिपी कराने के लिए कह सकते हैं। ये प्रकार की ओरल दवा होगी, जिसे लेने के बाद शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से आराम महसूस करेंगे। लेकिन एस्ट्रोजन थेरिपी लेने से ब्रेस्ट कैंसर और ब्लड क्लॉट होने का खतरा कहता है। 

एंटीडिप्रेसेंट ड्रग थेरिपी

जब एस्ट्रोजन रिप्लेसमेंट थेरिपी काम नहीं करती है तो एंटीडिप्रेसेंट ड्रग थेरिपी का इस्तेमाल किया जाता है। ये थेरिपी कम समय में ही आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव करता है। कुछ मामलों में जरूरत पड़ने पर इस थेरिपी को लंबे समय तक चलाया जाता है। 

और पढ़ें : साइलेंट हार्ट अटैक : जानिए लक्षण, कारण और बचाव के तरीके

टॉक थेरिपी

साइकोथेरिपिस्ट आपके साथ बातचीत कर के आपको डेप्रेशन से बाहर निकालने का प्रयास करते हैं। इसमें वह आपके अनुभव के सुनकर उसमें होने वाली समस्याओं के आधार पर समाधान निकालते हैं। 

मेनोपॉज में मेंटल हेल्थ ले लिए कैसा आहार लेना चाहिए?

  • आप अपने आहार में दूध से बने उत्पादों की भरपूर मात्रा शामिल करें। इसके अलावा कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थों जैसे – तिल, सोयाबीन, रागी और पोषण युक्त पदार्थ जैसे- जूस, साबूत अनाज आदि का सेवन करें।
  • आयरन गार्डेन क्रेस बीज (हलिम), काली किशमिश, पत्तेदार हरी सब्जियां, और मुर्गे के लीवर में मिलता है। मैं यह सलाह हमेशा देती हूं कि खाने में आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ जरूर लें। आयरन के बेहतर अवशोषण के लिए विटामिन सी से भरपूर पदार्थ जैसे- नींबू और संतरे का रस जरूर लें। आयरन युक्त भोजन के साथ कैल्शियम और फाइबर युक्त भोजन लेने से बचें, क्योंकि ये आयरन के अवशोषण को कम कर देता है।
  • आपको अपने आहार में कम से कम 3 से 5 भाग फल और 2 से 4 कप सब्जियों को शामिल करना चाहिए। फल और सब्जियों का सेवन रोज करें।
  • हर बीमारी की एक दवा पानी है। सर्वश्रेष्‍ठ परिणामों के लिए दिन भर में लगभग 5 लीटर पानी पीना जरूरी है। इसके अलावा आपको कोई अन्‍य स्वस्थ पेय पदार्थ पीते रहना चाहिए। दिल की बीमारी की दवा भी पानी ही है। आप जितना पानी पिएंगी उतनी स्वस्थ्य रहेंगी।

[embed-health-tool-ovulation]

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Menopause and mental health https://www.health.harvard.edu/womens-health/menopause-and-mental-health Accessed on 2/3/2020

Mental Health, Depression, and Menopause https://www.healthline.com/health/menopause/mental-health#symptoms Accessed on 2/3/2020

Can Menopause Cause Anxiety, Depression or Panic Attacks? https://health.clevelandclinic.org/is-menopause-causing-your-mood-swings-depression-or-anxiety/ Accessed on 2/3/2020

Depression & Menopause https://www.menopause.org/for-women/menopauseflashes/mental-health-at-menopause/depression-menopause Accessed on 2/3/2020

The Emotional Roller Coaster of Menopause https://www.webmd.com/menopause/guide/emotional-roller-coaster Accessed on 2/3/2020

Current Version

27/02/2021

Shayali Rekha द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Niharika Jaiswal


संबंधित पोस्ट

पेरिनियम पेन (Perineum Pain) महिलाओं को ही नहीं पुरुषों को भी कर सकता है प्रभावित!

निपल्स में व्हाइट स्पॉट्स की समस्या इन कारणों से हो सकती है...


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Shayali Rekha द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/02/2021

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement