दिल के लिए वेप जूस के नुकसान
प्रारंभिक शोधों में इसका दावा किया जा चुका है कि वेप जूस दिल के लिए हानिकारक है। साल 2019 की रिपोर्ट में इसका दावा किया गया है कि ई-लिक्विड एरोसोल में हानिकारक तत्व, ऑक्सीकरण एजेंट, एल्डिहाइड और निकोटीन की मात्रा होती है। वेप जूस के इस्तेमाल के समय सांस लेने के दौरान एरोसोल की मात्रा सबसे ज्यादा दिल के कार्यों और संचार प्रणाली (Circulatory System) को प्रभावित करता है। वहीं, नेशनल एकेडमीज प्रेस (NAP) की साल 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक ई-सिगरेट का इस्तेमाल करने से दिल की धड़कन तेज हो सकती है। साथ ही, यह हाई ब्लड प्रेशर का भी कारण बन सकती है।
इसके अलावा साल 2019 में भी वेप जूस के ऊपर एक अध्ययन किया गया। जिसमें लगभग 450,000 प्रतिभागियों को लेकर सर्वेक्षण किया गया। इस सर्वे में पाया गया कि जिन लोगों ने पारंपरिक सिगरेट और ई-सिगरेट दोनों का धूम्रपान किया है, उनमें हृदय रोगों के होने की संभावना अधिक पाई गई। जबकि, सिर्फ ई-सिगरेट या वेप जूस का इस्तेमाल करने वाले लोगों में स्ट्रोक, दिल का दौरा, एंजाइना और हृदय रोग के जोखिम भी देखे गए। हालांकि, सर्वेक्षण के दौरान वैज्ञानिकों का निष्कर्ष रहा कि ई-सिगरेट या वेप जूस का इस्तेमाल करना, स्मोकिंग करने की आदत के कम जोखिम भरा है।
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दांतों और मसूड़ों का वेप जूस का प्रभाव
ओरल हेल्थ के लिए लिहाज से वेप जूस और वेपिंग काफी जोखिम भरा पाया गया है। साल 2018 के एक अध्ययन में बताया गया है कि ई-सिगरेट एयरोसोल के संपर्क में आने से बैक्टीरिया का विकास करता है, जो दांतों के साथ-साथ उनकी सतहों और मसूड़ों को भी नुकसान पहुंचाता है। इससे पहले साल 2016 के एक अन्य अध्ययन में दावा किया गया था कि वेप जूस मसूड़ों के सूजन का कारण बन सकता है। इसके कारण पीरियडोंटल रोगों का जोखिम भी तेजी से बढ़ सकता है। वहीं, साल 2014 में किए गए अध्ययन में दावा किया गया था कि, वेप जूस से बनने वाले भाप के कारण मसूड़ों, मुंह और गले में जलन होने की समस्या हो सकती है।
वेप जूस का स्वास्थ्य के लिए अन्य नुकसान क्या है?
साल 2018 में NAP की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है कि वेप जूस का इस्तेमाल करने से शरीर की कोशिकाओं में ढीलापन आता है, जो ऑक्सीडेटिव तनाव और डीएनए को नुकसान पहुंचाता है। इनमें से कुछ कोशिकीय परिवर्तन दीर्घकालिक रूप से कैंसर के विकास का कारण भी बन सकती है। हालांकि, अभी भी इस बात पर शोध किया जा रहा है कि क्या वेपिंग का भाप कैंसर का कारण बना सकता है या नहीं। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) की रिपोर्ट के मुताबिक, निकोटीन के साथ वेप जूस का सेवन करना ब्रेन के विकास को स्थायी रूप से प्रभावित कर सकता है।