सर्दी-जुमाक, डायबिटीज, ब्ल्ड प्रेशर, एनीमिया, कोलिक, हार्ट बर्न, स्ट्रोक और अस्थमा जैसी कई गंभीर बीमारियां है जो आज के समय में काफी आम हो गई है। अधिक लोग इसके चंगुल में फंसते जा रहे हैं। इन सभी बीमारियों का सबसे बड़ा कारण हमारी बिगड़ती लाइफस्टाइल है। लेकिन इन बीमारियों को अनदेखा नहीं किया जा सकता है क्योंकि ये रोग जान पर भी भारी पड़ सकते हैं। इन लाइफस्टाइल डिजीज से बचने के लिए जरूरी दवाओं के साथ आप कुछ घरेलू नुस्खे भी काफी फायदेमंद है। आप A-Z हाेम रेमेडीज को अपनाकर कई गंभीर बीमारियों पर काबू पा सकते हैं। आयुर्वेद में भी कई बीमारियों में घरेलू देसी नुस्खे को भी काफी प्रभावकारी माना गया है। ये सालों से अपनाई जा रही हैं, जानें इन होम रेमेडीज के बारे में , जैसे कि डायबिटीज के घरेलू उपाय क्या है या स्ट्रोक के लिए होम रेमेडीज क्या है आदि।
A-Z हाेम रेमेडीज
A- ( Asthma, Allergy & Anemia)
अस्थमा का घरेलू इलाज : हल्दी और शहद
अस्थमा क्या है, यह फेफड़ों से संबंधित एक ऐसी बीमारी है, जिसके कारण व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई होती है। इसमें सांस की नली में सूजन और ब्लॉकेज हो जाती है, जिसके कारण सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। दमा होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन उनमें से सबसे बड़ा कारण है वायु प्रदूषण और एलर्जी। इनके अलावा सर्दी, फ्लू, साइनसाइटिस, तनाव, ध्रूमपान और आनुवांशिक कारणों से भी ये बीमारी हाे सकती है। ब्रिदिंग प्रॉब्लम, श्वास नलियों में सिकुड़न और सूजन दमा के लक्षणों में से एक है। सांस में दिक्कत के अलावा खांसी, सर्दी और जकड़न भी इसके संकेत हो सकते हैं।
होम रेमेडीज:
A-Z हाेम रेमेडीज में इस समस्या में हल्दी का सेवन रामबाण माना गया है। इसके लिए आप रोज दिन में एक गिलास पानी में एक छोटा चम्मच हल्दी पाउडर और शहद मिलाकर पीएं। इससे इस समस्या में आपको काफी आराम मिलेगा। हल्दी में एंटीमाइक्रोबॉयल एजेंट होते हैं, जो कि दमा की समस्या से लड़ने में मद्दगार हैं। इसके अलावा लहसुन का सेवन भी इसमें काफी प्रभावकारी माना जाता है। सुबह खाली पेट कच्चे लहसुन की दो कलियों काे कूंच कर पानी के साथ लें। कोशिश करें कि दिनभर में हल्का गर्म पानी पीएं। रोज ब्रिदिंग एक्सरसाइज भी करें, इससे आपको फायदा होगा।
एलर्जी का घरेलू इलाज: नारियल तेल और कपूर
एलर्जी क्या है, एलर्जन से होने वाले रिएक्शन हम एलर्जी कहते हैं। हमारे शरीर में कान, नाक आंख और त्वचा जैसे कई संवेदनशील हिस्से हाेते हैं, जो एलर्जी से प्रभावित हो सकते हैं। एलर्जी होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि धूल-मिट्टी, पेड़-पौधे या किसी प्रकार की दवा के रिएक्शन आदि। एलर्जी से एग्जिमा नाम की बीमारी भी हो सकती है। शरीर में खुजली, त्वचा का लाल होना, लाल दाने और सूजन, छींक आना, नाक की हड्डी टेडी होना और जुकाम होना आदि इसके लक्षण हैं। वैसे तो एलर्जी कई प्रकार की हाेती है।
[mc4wp_form id=’183492″]
होम रेमेडीज:
घरेलू नुस्खों में एलर्जी की समस्या होने पर आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए और साथ में कुछ घरेलू उपायों द्वारा इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है, जैसे कि नारियल तेल में कपूर मिलाकर त्वचा पर लगाएं। नारियल के तेल में आप कपूर की जगह नीबू का रस मिला सकते हैं। इसके अलावा नीम भी एलर्जी के इलाज के लिए काफी बेस्ट मानी गई है। आप नीम को पीसकर और उसका रस निकालकर प्रभावित हिस्से पर लगा सकते हैं। इससे भी आपको काफी आराम मिलेगा। नीबू, पुदीना और खीरे का जूस पीने से एलर्जी की समस्या में राहत मिलती है।
एनीमिया का घरेलू इलाज: टमाटर और पत्तेदार सब्जियां
एनीमिया क्या है, यह शरीर में खून की कमी के कारण होने वाली बीमारी है। हमारे शरीर में हिमोग्लोबिन एक ऐसा तत्व है जो शरीर में खून की मात्रस सही है कि नहीं ये पता चलता है। पुरुषों में इसकी मात्रा 12 से 16 प्रतिशत तथा महिलाओं में 11 से 14 के बीच होना चाहिए। त्वचा का सफेद दिखना, जीभ, नाखूनों एवं पलकों के अंदर सफेदी, कमजोरी एवं बहुत अधिक थकावट,चक्कर आना- विशेषकर लेटकर एवं बैठकर उठने में, बेहोश होना, सांस फूलना, हृदयगति का तेज होना,चेहरे एवं पैरों पर सूजन दिखाई देना इसके मुख्य लक्ष्णों में से एक है।
होम रेमेडीज:
घरेलू नुस्खों में एनीमिया के रोगी को भरपूर मात्रा में दूध का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा टमाटर का जूस, हरी सब्जियों का सूप, फलों में सेब, अनार, कीवी और केले आदि ताजे फलों का सेवन करना चाहिए। सब्जियों में भी हरी पत्तेदार सब्जियां, चुकंदर, शकरकंद और अनाज को खाने में शामिल करें। विटामिन-बी की भी चीजों का सेवन करें। अगर आपके शरीर में खून की कमी बहुत ज्यादा है तो आप फलों और सब्जियों का सूप अधिक पिएं।
यह भी पढ़ें: एनीमिया के घरेलू उपाय: खजूर से टमाटर तक एनीमिया से लड़ने में करते हैं मदद
——————————————————————————————————————————————————————-
B- ( Back pain, Burn, Bronchitis)
बैक पेन का घरेलू उपचार: तुलसी, पानी और सेंधा नमक
बैक पेन क्या है, कमर दर्द मांसपेशियों में तनाव के कारण हाेने वाले दर्द है। पीठ का दर्द कई कारणों से हो सकता है जैसे कि गलत तरीके से बैठना, अधिक देर तक कंपूयटर में बैठना, किसी वस्तु को गलत तरीके से उठाना, भारी वस्तु को उठाना और गलत तरीके से सोना, नींद पूरी न होना, कई बार अधिक एक्सरसाइज करना आदि। पीठ दर्द की समस्या गहरी होने पर कई बार पीठ पर सूजन भी आ जाती है। जिसे आपको हल्के में नहीं लेना चाहिए, नहीं तो ये आपकी गंभीर समस्या हो सकती है। कई बार यह समस्या कब्ज की शिकायत के कारण भी होती है।
होम रेमेडीज:
घरेलू नुस्खों में समस्या से बचने के लिए सबसे अच्छा उपाय एक्सरसाइज करना है। रोजाना ऐसा करना है आपकी यह समस्या खत्म हो जाएगी। कमर दर्द के घरेलू उपचार के ताैर पर तुलसी का सेवन रामबाण माना गया है। इसके लिए 8-10 तुलसी के पत्तों को एक पानी में बॉयल कर लें। फिर इसे छानकर पीएं। इसके अलावा आप गर्म पानी में संधा नमक डालकर नहाएं। इससे दर्द में बहुत आराम मिलता है। बेक पेन में भी मालिश में काफी आराम मिलता है, इसके लिए सरसों के तेल में ऑलिव ऑयल लैवेंडर ऑयल इनमें से किसी को भी चुनें और उसे हल्का गर्म कर कमर पर मालिश करें।
ब्रोंकाइटिस का घरेलू उपचार: शहद
ब्रोंकाइटिस क्या है, श्वास नली में होने वाली सूजन और जलन की समस्या को ब्रोंकाइटिस कहते हैं। ब्रोंकाइटिस की समसया दो प्रकार की होती है: पहली एक्यूट ब्रोंकाइटिस और दूसरा है क्रोनिक ब्रोंकाइटिस। इसके होने के कारण धूल-मिट्टी, तंबाकू का सवेन, फेफड़ों संबंधित समस्या और प्रदूषण जैसी फेफड़ों को परेशान करने वाली चीजों में सांस लेने दिक्कत या एलर्जन के कारण होता है। बैक्टीरिया भी कभी-कभी इसका कारण बनता है। यह बच्चों से लेकर बड़ों तक किसी को भी हो सकता है। सिर में दर्द, बुखार, मांसपेशियों में दर्द और एंठन, सर्दी- खांसी, थकान, बलगम बनना और गले में खराश रहना इसके लक्षण हैं।
होम रेमेडीज:
A-Z हाेम रेमेडीज में ब्रोंकाइटिस के घरेलू उपचार के तौर पर शहद का प्रयोग काफी फायदेमंद है। इसमें एंटीवायरल गुण हाेते हैं। इसका उपयोग सर्दी और खांसी की समसया से आराम दिलाने में काफी प्रभावकारी है। आप गर्म पानी में शहद मिलाकर उसका सेवन करें। इससे आपको इस समस्या में काफी आराम मिलेगा। इसके अलावा खांसी की समस्या अधिक होने पर आप से राहत पाने के लिए आप गर्म पानी में नमक डालकर गरारा करें।
बर्न के लिए घरेलू उपाय: नारियल का तेल, घी
बर्न क्या है, शरीर के किसी भी हिस्से के जल जाने को और उसके कारण होने वाली जलन को बर्न कहते हैं। किचन में काम करते समय अक्सर ऐसा हो ही जाता है कि थोड़ा बहुत कभी हाथ जल ही जाता है। इसका इलाज अगर तुरंत किया जाए तो होने वाली जलन की लेकिन यह बात आपके जलने के प्रकार पर भी निर्भर करती है। बर्न तीन प्रकार का होते हैं, पहला फर्स्ट डिग्री बर्न, इसमें त्वचा की पहली लेयर प्रभावित होती है, जैसे जलने पर बस लालीपन हो जाना। दूसरा है सेकेंड डिग्री बर्न, इसमें त्वचा पर छाले पड़ जाते हैं और तीसरा है थर्ड डिग्री बर्न, त्चचा काफी अंदर तक जल जाती है, जिसे मेजर बर्न कहते हैं। इसमें डॉक्टर द्वारा इलाज जरूरी होता है।
होम रेमेडीज:
घरेलू नुस्खों में माइनर बर्न होने होने पर आप जले हुए हिस्से पर नारियल का तेल या देसी घी लगाएंगे तो आपको जलन में काफी राहत मिलेगी। इसके अलावा नारियल के तेल से जले हुए का निशान भी पड़ने का भी खतरा भी कम रहता है। इसके अलावा आप शहद और बदाम का तेल भी लगा सकते हैं। अगर छाला नहीं निकला है तो आप आईस भी लगा सकते हैं। इससे भी आपको काफी आराम मिलेगा।
और पढ़ें: पीठ दर्द के लिए व्यायाम : इन आसान तरीकों से दूर करें अपना दर्द
——————————————————————————————————————————————————————-
C : ( Cough, Colic & constipation)
कफ का घरेलू इलाज: नीबू और हबर्ल टी
कफ क्या है, बदलते मौसम के साथ अक्सर लोगों में कफ की समसया हो जाती है। गले में बलगम को भी कफ कहा जाता है। इसमें शरीर में ज्यादा मात्रा में कफ बनने लगने की समस्या हो जाती है। इसका असर नाक, गले, फेफड़ों और साइनस पर पड़ता है। कफ को बलगम भी कहते हैं। बलगम जमने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं, जैसे कि सर्दी-जुकाम, वायरल इंफेक्शन, ठंडी चीजों का अधिक सेवन और स्मोकिंग आदि।
होम रेमेडीज:
कफ की समस्या से राहत पाने के लिए घरेलू उपाय भी काफी मद्दगार होते हैं। कफ की समस्या को कम करने के लिए नींबू का सेवन अच्छा मान जाता है। नीबू में मौजूद सिट्रिक एसिड बलगम को कम करने में मदद करता है। नीबू का सेवन आप गर्म पानी में शहद के साथ, लेमेन टी के रूप में या ग्रीन टी के साथ भी कर सकते हैं। कफ के घरेलू उपाय के तौर पर आप हर्बल चाय और गर्म पानी का भीलेते रहें। आप एक ग्लास गर्म दूध में हल्दी और थोड़ी से काली मिर्च पाउडर मिलाकर पीएं।
कोलिक का घरेलू इलाज: सिकाई और मालिश
कोलिक क्या है, यह शिशु में हाेने वाली समस्या है। कॉलिक एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें शिशु रोजाना अधिकतर समया तक रोता रहता है और ऐसा कई दिनों तक बना रही तो ये कोलिक की समस्या भी हो सकती है। शिशु में यह समस्या कई कारणाें के साथ हो सकती हैं जैसे कि पेट में दर्द, एलर्जी, दूध हजम न हाेना, उसका पाचन तंत्र का विकसित होना और किसी प्रकार की एलर्जी आदि से हो सकती है। ऐसे में शिशु को आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए।
होम रेमेडीज:
A-Z हाेम रेमेडीज में इस समस्या से शिशु को राहत मिलने के लिए आप विभिन्न तरह के घरेलू उपाय अपना सकते हैं जैसे कि एक गर्म सेक गैस से राहत देता है। एक तौलिए को गर्म पानी में डुबोकर निचोड़ें। अपने बच्चे के पेट हल्की-हल्की सिकाई करें। इसके अलावा तेल से मालिश करें। इसके अलावा जेसे आपको लगे कि शिशु के पेट में दर्द या गैस की समस्या हो सकती है तो आप उसकी नाभि में हिंग का पेस्ट लगा सकते हैं। इससे उसे काफी आराम मिलेगा।
कॉन्स्टिपेशन का घरेलू इलाज : पपीता
कब्ज क्या है? कॉन्स्टिपेशन पाचन तंत्र से जुड़ी एक आम समस्या है, जिसमें व्यक्ति को मल त्याग (Excretion) करने में परेशानी और दर्द होता है। इसके अलावा उसे मल त्याग (Excretion) के समय काफी दर्द भी होता है। ऑयली फूड का सेवन, काफी देर तक कुछ न खाने, भोजन में फाइबर (Fibers) का अभाव, पानी कम पीना, एक्सरसाइज न करना, बड़ी आंत में घाव या चोट या कई बार आधिक दवाइंयों के सेवन के कार कारण की समसया हो जाती है।
होम रेमेडीज:
कॉन्सिटपेशन होने पर ठंडी चीजों का सेवन करें, अधिक गर्म फूड न लें। कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए पपीता सबसे अच्छा इलाज माना गया है, इसके सेवन से पेट साफ होता है। इसके अलावा आप अलसी के बीज और नींबू पानी का भी सेवन करें। सुबह खाली पेट तीन से चार ग्लास पानी पिएं, इससे भी पेट साफ होता है। इसके अलावा आप रात को सोते समय गर्म गर्म दूध पीकर सोएं।
और पढ़ें: कोलेस्ट्रॉल हो या कब्ज आलू बुखारा के फायदे हैं अनेक
——————————————————————————————————————————————————————-
D- ( Diabetes & Depression)
A-Z होम रेमेडीज: डायबिटीज का घरेलू इलाज: गेंहू और ज्वार
डायबिटीज क्या है? जब हमारे शरीर में इंसुलिन की मात्रा कम होने लगती है और खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। जिसमें शरीर में ब्लड शुगर लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। इस स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है। थकान , धुंधली दृष्टि, कमजोरी, भंखू लगना, अधिक प्यास लगना और पेशाब का अधिक होना आदि इसके मुख्य लक्षण हैं।
होम रेमेडीज:
शुगर को कंट्रोल करने व बचने के लिए अपनी जीवनशैली में बदलाव करें और नियमित रूप से एक्सरसाइज बहुत जरूरी है। गेहूं के छोटे-छोटे पौधों का रस असाध्य बीमारियों को भी मिटा सकता है। इसके रस को ग्रीन ब्लड के नाम से भी जाना जाता है। गेहूं के जवारे का आधा कप ताजा रस रोज सुबह-शाम पीने से डायबिटीज में लाभ होता है।अमरूद और नीम की
डिप्रेशन का घरेलू इलाज: मेडिटेशन और ठंडी चीजों का सेवन
डिप्रेशन क्या है, आज की इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में तनाव और डिप्रेशन की समस्या लोगों के बीच काफी बढ़ती जा रही है। इसे मेजर डिप्रेसिव डिसॉर्डर और क्लिनिकल डिप्रेशन भी कहा जाता है। इसमें मूड स्विंग्स काफी होते हैं। अकेले रहना, उदास रहना, रोने का मन करना, बैचेनी महसूस होना, सुसाइड का विचार आना और मूड स्विंग्स होना डिप्रेशन के लक्षण हैं। वैसे तो रिलेशनशिप प्रॉब्लम, जॉब का स्ट्रेस के अलावा कई लोगों में डिप्रेशन की फैमिली हिस्ट्रीके कारण भी उन्हें ये समस्या होती है।
होम रेमेडीज:
A-Z हाेम रेमेडीज में तनाव से बचने के लिए जरूरी है कि आप ठंडी चीजों का सेवन अधिक करें, इससे आपका माइंड शांत रहेगा। सबसे खास बात एक्सरसाइज के साथ मेडिटेशन भी नियमित रूप से करें। इसके अलावा भरपूर नींद लें, हेल्दी फूड खाएं और रोज एक्सरसाइज करें।
डायरिया का घरेलू इलाज: केला और दही
डायरिया क्या है, इसे दस्त के रूप में भी जाना जाता है। इसमें सामान्य की तुलना में अधिक बार मल पास होती है। इसे गैस्ट्रोएंटेराइटिस यानी पेट का फ्लू भी कहा जाता है। यह माइक्रोबियल संक्रमण के कारण पेट या आंत की सूजन और लूज पॉटी होने लगती है। दस्त की समसया भी तीन प्रकार की हाेती है, पहला अक्यूट डायरिया, दूसरा पर्सिस्टेंट डायरिया और तीसरा क्रॉनिक डायरिया। इन सभी में लूज मोशन हाेने के अलावा पेट में दर्द और एंठन की समस्या भी परेशान करती है।
होम रेमेडीज:
पेट खराब होने पर कुछ घरेलू उपचार काफी लाभदायक साबित होते हैं, जैसे कि केले ओर दही का सेवन। यह लाइट हाेने की वजह से पाचन में भी आसान होता है और दस्त को भी कम करने में मदद करता है। इसके अलावा तेल मसाले वाला भोजन न करें। इलैक्ट्रॉल वाला पानी पिएं।
और पढ़ें: diarrhea: डायरिया क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय
——————————————————————————————————————————————————————-
E- ( Ear pain)
ईयर पेन के लिए घरेलू उपाय: मेथी और नमक
ईयर पेन क्या है, कान में दर्द एक काफी आम बीमारी है जो लाखों लोगों को प्रभावित करती है। आमतौर पर कान में दर्द किसी संक्रमण या जुकाम के कारण होता है, लेकिन कभी-कभी कुछ अन्य कारणों से भी कान दर्द की समस्या हो जाती है। कान के मध्य से लेकर गले के पीछे तक यूस्टेशियन ट्यूब होती है। यूस्टेशियन ट्यूब कान के बीच तरल पदार्थ का उत्पादन करती है, जब ट्यूब के अवरूद्ध होने पर तरल पदार्थ का निर्माण अधिक होने लगता है तो कान के पर्दे पर दबाव पड़ने लगता है।
होम रेमेडीज:
A-Z हाेम रेमेडीज में इस समस्या के लिए मेथी को कई बीमारियों के लिए फायदेमंद माना गया है। मेथी को पीसकर गाय के दूध या पानी में मिलाकर इसकी कुछ बूँदें कान में डालें। यह कान के संक्रमण को कम कर देगी। आप मेथी की जगह गर्म पानी में हल्का सा नमक डालकर के भी कान में डालें तो सारा मेल बाहर की तरफ आ जाएगा।
और पढ़ें: बच्चों में कान के इंफेक्शन के लिए घरेलू उपचार
——————————————————————————————————————————————————————-
F- ( Fever, Flu & Food Poisoning)
A-Z होम रेमेडीज: फीवर का घरेलू इलाज : तुलसी और लॉन्ग
फीवर क्य है, जब शरीर का ताप सामान्य से अधिक हो जाये तो उस दशा को ज्वर या बुख़ार (फीवर) कहते है। इसमें सर्दी-जुकाम जैसे कि नाक बहना, आंखों में खुजली होना, छींक और साइनस जैसे लक्षण भी बुखार के साथ दिखाई देते हैं। फीवर भी एक प्रकार की एलर्जी के कारण ही होता है।
होम रेमेडीज:
मौसम में बदलाव और ठंडी चीजों का सेवन इसका मुख्य कारण है। वैसे तो बुखार की समसया होने डॉक्टर को दिखाना जरूरी है, लकिन साथ में कुछ घरेलू उपाय भी अपना सकते हैं, जैसे कि तुलसी और लॉन्ग का काढ़ा इसमें काफी फायदेमंद माना जाता है।
फ्लू का घरेलू इलाज: गिलोय का काढ़ा
फ्लू क्या है, फ्लू एक तेजी से फैलने वाली संक्रामक बीमारी है या हम यह भी कह सकते हैं कि यह एक तरह का वायरल संक्रमण है। फ्लू की वजह से ही रेस्पिरेटरी सिस्टम में भी इंफेक्शन शुरू हो जाता है। अगर ध्यान न दिया जाए तो इंफेक्शन लंग्स तक पहुंच सकता है। बुखार, ठंड लगना, गले में खरास, शरीर में दर्द, सूखी खांसी होना, कमजोरी और चक्कर आना, सर्दी की वजह से नाक बंद होना, नाक से पानी आना, छींक आना और नाक से पानी आना इसके लक्षण हैं।
होम रेमेडीज:
A-Z हाेम रेमेडीज में फ्लू की समस्या होने पर आप इसका घरेूल इलाज भी अपना सकते हैं। इसके लिए गिलोय का काढ़ा या ताजा गिलोय का रस 20 मिली प्रतिदिन पीयें। यह काफी फायदेमंद होता है। इसके अलावा आप हर्बल टी, सूप , लहुसन का सेवन और शहद का सेवन करें।
फूड पॉइजनिंग का घरेलू इलाज : नीबू का रस
फूड पॉइजनिंग क्या है, इसे फूड बॉर्न इलनेस भी कहते हैं दूषित भोजन के कारण होती है। फूड पॉइजनिंग बैक्टिरिया के कारण होता है। दूषित खाने में बैक्टीरिया, वायरस और पैरासाइट होते हैं, जो खाने को टॉक्सिक बनाते हैं। उल्टी, मितली, लूजमोशन होना, पेट में दर्द और एंठन इसके मुख्य लक्षण हैं।
होम रेमेडीज:
इस समस्या के होने पर नीबू के रस का सेवन एक अच्छा घरेलू इलाज है। नींबू में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं। इसलिए इसे पीने से फूड पॉइजनिंग वाले बैक्टीरिया मर जाते हैं। `
और पढ़ें: फूड पॉइजनिंग के घरेलू उपाय क्या हैं?
——————————————————————————————————————————————————————-
G: (Gout & Gall Bladder stone)
गाउट का घरेलू इलाज: सेब का सिरका
गाउट क्या है, यह एक ये एक तरीके का मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है। इसमें जोड़ों में दर्द और सूजन की समसया हो जाती है। इसे गठिया रोग या अर्थराइटिस भी कहते हैं। इसका मुख्य कारण शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ना है। जब रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है तो उसके कारण ये जोड़ों में जमा होने लगता है। घुटनों के अलावा यह पैरों की उंगलियां, हाथों की उंगलियां, टखने और घुटनों में समस्या पैदा कर सकती है। जोड़ों में जलन और दर्द इस लक्षण है और यह खराब लाइफस्टाइल के के कारण होता है।
होम रेमेडीज:
A-Z हाेम रेमेडीज में गाउट के घरेलू उपचार के तौर पर सेब का सिरका भी यूरिक एसिड को कम करने में काफी मददगार है। आप सुबह के समय गर्म पानी में सेब का सिरका डालकर पीएं। इससे आपको काफी आराम होगा।
गाॅल ब्लैडर की प्रॉब्लम का घरेलू इलाज: गाजर और ककड़ी का रस
गॉल ब्लडैर स्टोन क्या है, इसमें पित की थैली में पत्थरी हो जाती है। पित्ताशय पाचन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये शरीर के दाईं ओर स्थित लिवर में, पसलियों के थोड़ा सा पीछे स्थित होता है। पित्ताशय का मुख्य कार्य पित्त (बाइल) जमा करना होता है। यह पाचन क्रिया में मुख्य भूमिका निभाता है। खाने के बाद उल्टी होना, गैस की समस्या होना, खाना डाइजेस्ट न होना, जी मिचलाना और पेट में दर्द की शिकायत गॉल ब्लैडर स्टोन के लक्षण हो सकते हैं। मोटापा बढ़ने के साथ ही पथरी का खतरा भी बढ़ जाता है।
होम रेमेडीज:
अगर आपको पित्त की पथरी की समस्या है तो गाजर और ककड़ी का रस प्रत्येक मिलाकर दिन में एक बार पीएं। तो इससे आपको काफी फायदा होगा।
——————————————————————————————————————————————————————-
H: ( Headache, Heart burn & Hives)
A-Z होम रेमेडीज: हैडक का घरेलू इलाज: पुदीना का रस
सिर दर्द क्या है, हैडएक की समस्या के कई कारण हो सकते हैं। ज्यादातर लोगों में यह अधिक तनाव या अन्य टेंशन के कारण बढ़ता है जिसके कारण यह समस्या होती है। यदि किसी में तनाव के कारण सिर दर्द की समस्या है तो सिरदर्द में आंख, सिर और गर्दन के आसपास हल्का, मध्यम या तेज दर्द होता है। कुछ लोगों को टेंशन के कारण होने वाले सिरदर्द में माथे पर टाइट बैंड जैसा महसूस होता है।
होम रेमेडीज:
यदि सिरदर्द सप्ताह भर से अधिक बना रहता है तो आपको डॉक्टर से मिलने की जरूरत है। इसके अलावा सिर दर्द के लिए आप घरेलू उपाय भी अपना सकते हैं। सिर दर्द के लिए पुदीने का रस काफी अच्छा माना जाता है। इसके लिए पुदीने की पत्तियों को पीसकर उनका रस माथे पर लगाएं या पुदीने की चाय बनाकर पिएं।
हार्ट बर्न का घरेलू इलाज: दही
हार्ट बर्न क्या है, सीने में जलन की समस्या की समस्या को हार्ट बर्न कहते हैं। खाना खाने के बाद सीने में जलन, सीने में दर्द होना, लेटने में दिक्क्त होना, उल्टी महसूस हाेना और खाना खाने में दिक्कत होना इसके मुख्य लक्षण हैं। हार्टबर्न की शिकायत तब होती है जब पेट में मौजूद एसिड वापस भोजन नली (Esophagus) में आ जाता है। आमतौर पर जब आप कुछ निगलते हैं आपके अन्नप्रणाली (इसोफेगस) के नीचे के चारों तरफ की मांसपेशियां भोजन और तरल पदार्थ को आपको पेट के नीचे ले जाती हैं। इसके बाद ये मांसपेशियां वापस से कस जाती हैं।
होम रेमेडीज:
A-Z हाेम रेमेडीज में सिडिटी की समसया के बचने के लिए छाछ सबसे अच्छा माना जाता है। छाछ में लैक्टिक एसिड होता है जो पेट में एसिडिटी को न्यूट्रलाइज करता है. लैक्टिक एसिड से पेट को ठंडक मिलती है।
हाइव्स का घरेलू इलाज:
हाइव्स क्या हैं, पित्ती उछलना त्वचा से संबंधित एक रोग है, जो कि ब्डल् इंफेक्शन और कुछ विशेष हार्मोन की सक्रियता के कारण पैदा होन लगता है। इसे हम एलर्जिक रिएक्शन हैं भी कहते हैं। इसमें त्वचा में जलन, खुजली और रैशेज होने लगता है। खुजली का एहसास होता है, जो बाद में छोटे या बड़े लाल चकत्तों के रूप में नजर आने लगता है। अधिक ठंड, धूप, जानवरों से हुआ इंफेक्शन, दवाओं का दुष्प्रभाव, सीप, शंख, मछली, नट्स, अंडा व दूध जैसे अन्य खाद्य पदार्थों से एलर्जी के कारण यह समस्या हो जाती है।
होम रेमेडीज:
यह समसया होने पर आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए। इसके अलावा अदरक का रस इसके उपचार के तौर पर काफी प्रभावकारी है। अदरक के रस को शहद के साथ मिलाकर पीएं।
और पढ़ें: साबुन और लोशन से हो सकती है बच्चों में ;हाइव्स; की समस्या
——————————————————————————————————————————————————————-
I- Irritable bowel syndrome, Itching & Insomnia)
नींद की समस्या को ठीक करने के लिए आप घरेलू उपाय के तौर पर अश्वगंधा का पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर को 1 कप पानी में उबालें। रोज सुबह इसका सेवन करना लाभदायक है।
और पढ़ें: इंसोम्निया में मददगार साबित हो सकती हैं नींद की गोली!
——————————————————————————————————————————————————————-
J: ( Jaundice & Joint Pain)
A-Z होम रेमेडीज: जाॅनडिस का घरेलू इलाज: अरंड के पत्तों का रस
पीलिया क्या है, जब ब्लड में बिलिरुबिन का स्तर बढ़ जाता है, तो त्वचा, नाखून और आंखों का सफेद भाग पीला नजर आने लगता है, इस स्थिति को पीलिया या जॉन्डिस कहते हैं। पीलिया एक ऐसी स्थिति है, जो लिवर की समस्या होने पर सामने आती है। जिसमें मरीज की ऑंखें और त्वचा पीली पड़ जाती है और शरीर एकदम कमजोर हो जाता है।जब हमारे रक्त की लाल रक्त कणिकाओं के 120 दिन का साइकिल पूरा होता है तब बिलिरुबिन का निर्माण होता है।जबकि बिलि एक पाचक तरल पदार्थ होता जो लिवर में बनता है और गॉल ब्लेडर में रहता है।त्वचा, नाखून और आंख में पीलापन दिखाई देना इसके मुख्य लक्षण हैं। पीलिया का मुख्य कारण होता है लिवर का कमजोर होना है।
होम रेमेडीज:
A-Z हाेम रेमेडीज में पीलिया दूर करने में अरंड के पत्तों का रस बेहद कारगर है। पीलिया होने पर अरंड के पत्तों को पीसकर उसका रस निकाल लें और सुबह खाली पेट 3-4 चम्मच नियमित पियें, पीलिया में काफी आराम महसूस होगा।
जॉइंट पेन का घरेलू इलाज: सेंधा नमक
जॉइंट पेन क्या है, जोड़ाें का दर्द से स्पांडिलाइटिस की शिकायत हो सकती है. स्पांडिलाइटिस से हृदय, फेफड़े और आंत समेत शरीर के कई अंग प्रभावित हो सकते हैं। स्पांडिलाइटिस एक प्रकार का गठिया रोग है। डिलाइटिस में जोड़ों में इन्फ्लेमेशन यानी सूजन और प्रदाह के कारण असह्य पीड़ा होती है। आजकल कम उम्र के लोगों को भी लोगों को जोड़ों का दर्द परेशान करने लगा है। यह प्रॉब्लम ज्यादा बढ़ जाए, तो चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। एक समय के बाद सर्जरी तक की नौबत आ जाती है।
होम रेमेडीज:
मांसपेशियों व जोड़ों के दर्द से निजात पाने के लिए सेंधा नमक से नहाना एक बेहद पुराना नुस्खा है। मैग्नीशियम और सल्फेट में समृद्ध सेंधा नमक आसानी से स्किन के अब्जार्ब हो जाते हैं, जिससे आपको सूजन, मांसपेशियों की ऐंठन व दर्द से निजात मिलती है। जोड़ों के दर्द से निजात पाने के लिए बाथटब में गुनगुना पानी डालकर उसमें दो कप सेंधा नमक डालें और करीबन 20 मिनट के लिए इस पानी में बैठें। इससे आपको तुरंत जोड़ों के दर्द से निजात मिलेगी।
और पढ़ें: जानें जोड़ों के दर्द को ठीक करने के प्राकृतिक तरीके
K: ( Kidney stone)
किडनी स्टोन का घरेलू इलाज
किडनी स्टोन क्या है, गुर्दे की पथरी तब बनती है जब नमक और खनिज क्रिस्टलीकृत होकर यूरिनरी सिस्टम में कहीं भी एक साथ चिपक जाते हैं। इसे यूरोलिथियासिस या कैल्सी के रूप में भी जाना जाता है। गुर्दे की पथरी को रोकने और उसके उपचार में पानी का सेवन बेहद प्रभावी तरीके से काम करता है। इसमें दर्द के साथ जी मिचलाने तथा उल्टी की शिकायत भी हो सकती है। यदि मूत्र संबंधी प्रणाली के किसी भाग में संक्रमण है तो इसके लक्षणों में बुखार, कंपकंपी, पसीना आना, पेशाब आने के साथ-साथ दर्द होना आदि भी शामिल हो सकते हैं।
होम रेमेडीज:
आमतौर पर व्यक्ति को दिन में आठ से दस गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है, लेकिन आपको किडनी में स्टोन की समस्या है तो आप कम से कम 12 गिलास पानी का सेवन अवश्य करें। यह न सिर्फ स्टोन बनने की वृद्धि को धीमा करेगा, बल्कि उसे बाहर निकालने में भी मददगार होगा।
और पढ़ें: Polycystic kidney disease: पोलिसिस्टिक किडनी डिजीज क्या है?
——————————————————————————————————————————————————————-
L: ( Lyme disease & Liver cirrhosis)
नेक पेन क्या है, गर्दन में दर्द की समस्या है जो समय के साथ बहुत गंभीर हो सकती है। ऐसे ही एक समस्या गर्दन दर्द की भी है। गर्दन का दर्द गर्दन के किसी भी हिस्से में हो सकता है। इनमें मांसपेशियां, नस, हड्डियां, जोड़ और हड्डियों के बीच की डिस्क शामिल हैं। घंटों तक गर्दन का एक ओर झुकाव, खराब पोस्चर में बैठना और गर्दन झुका कर रखना इसके होने का कारण है। होम रेमेडीज:
इससे राहत पाने के लिए आप लैवेंडर ऑयल की कुछ बूंदों में तुलसी के तेल की कुछ बूंदें मिलाकर लगाएं।
नेक स्ट्रेन का घरेलू इलाज
नेक स्ट्रेन क्या है, गर्दन की मांसपेशियों में एक या अधिक फाइबर या टेंडन्स में अत्यधिक खिंचाव और टीयर होता है तो गर्दन में खिंचाव आ जाता है। यह एक प्रकार की चोट होती है। इसे पुल्ड मसल (pulled muscle) भी कहा जाता है।गर्दन में खिंचाव कुछ दिनों या हफ्तों के भीतर अपने आप ही ठीक हो जाता है। र्दन में खिंचाव के लक्षण के रूप में दर्द और गर्दन के रेंज ऑफ मोशन में कमी आना है।
होम रेमेडीज:
इसमें आराम के लिए आाप सिकाई भी कर सकते हैं। सिकाई के लाहौरी नमक की ईट को आग में गर्म कर के कपड़े में लपेट लें और फिर हल्के-हल्के से सिकाई करें।
और पढें: Broken Neck: गर्दन में फ्रैक्चर क्या है?
——————————————————————————————————————————————————————-
O: ( Osteoporosis & Obesity)
ऑस्टियोपोरोसिस का घरेलू इलाज: कैल्शियम
ऑस्टियोपोरोसिस का इलाज क्या है, ऑस्टियोपोरोसिस डिजीज हड्डियों की एक बीमारी है। यह डिजीज तब होती है तब बॉडी में अतिरिक्त रूप से हड्डियों को नुकसान पहुंचता है और हड्डियां कमजोर बनती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस डिजीज की वजह से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इसके कारण फेफड़ों में सूजन और ब्लड क्लॉटिंग की समस्या हो सकती है।
होम रेमेडीज:
इस समस्या से बचने के लिए उचित मात्रा में कैल्शियम और विटामिन डी का सेवन करने से हड्डियों मजबूत होती हैं। विटामिन डी इस बीमारी को रोकने में अहम भूमिका निभाती है। साथ ही वह बॉडी में कैल्शियम के अवशोषण को भी बढ़ा देती है। हड्डियों के लिए कैल्शियम जरूरी होता है। लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वो रोजाना पर्याप्त कैल्शियम लें। रोज एक ग्लास दूध जरूर पीएं और एक्सरसाइज भी नियमित रूप से करें।
ओबेसिटी का घरेलू इलाज: दालचीनी
मोटापा वो स्थिति होती है, जब अत्यधिक शारीरिक वसा शरीर पर इस सीमा तक एकत्रित हो जाता है कि उसका स्वास्थ पर हानिकारक प्रभाव होने लगता है। अधिक वजन वाले व्यक्तियों के शरीर में अत्यधिक मात्रा में चर्बी जमा हो जाती है। गलत दिनचर्या, प्रदूषण और अपच भी इसका कारण हो सकता है।
होम रेमेडीज:
लगभग 200 मि.ली. पानी में 3-6 ग्राम दालचीनी पाउडर डालकर 15 मिनट तक उबालें। गुनगुना होने पर छानकर इसमें एक चम्मच शहद मिला लें। सुबह खाली पेट और रात को सोने से पहले पिएँ। दालचीनी एक शक्तिशाली एंटी-बैक्टीरियल है, जो नुकसानदायक बैक्टीरिया से छुटकारा दिलाने में मदद करती है।
और पढ़ें: मोटापा और ब्लड प्रेशर के बीच क्या रिश्ता होता है?
——————————————————————————————————————————————————————-
P: ( PMS & Parkinson Disease)
A-Z होम रेमेडीज: पीएमएस का घरेलू इलाज: ओटमिल
पीएसएस क्या है, अधिकांश महिलाओं को पीरियड्स शुरू होने से पहले कुछ लक्षण महसूस होते हैं, जैसे: पीरियड्स के समय पेट दर्द, ब्रेस्ट में सूजन, ब्रेस्ट में दर्द, पीठ में दर्द इत्यादि जिन्हें प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम (पीएमएस) कहा जाता है। पीएमएस (PMS) यानी प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (Premenstrual syndrome) एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो महिलाओं को पीरियड्स शुरू होने से आठ से 10 दिन पहले होते हैं। तनाव, स्तनों में सूजन और दर्द, चेहरे पर अचानक पिंपल आना और वजन बढ़ना इसका मुख्य लक्षण है।
होम रेमेडीज:
इस समस्या से बचने के लिए ओटमील, धीमे और धीरे-धीरे चीनी के मेटाबॉल्जिम में हेल्प करता है। आप अपनी डायट में बासमती चावल, राई ब्रेड और कुछ फल शामिल है।
दाद की समस्या से राहत के लिए एक ग्राम देशी कपूर को बिस ग्राम नारियल के तेल में मिलकर घोल लें। इस घोल को रात में सोते समय दाद पर लगाएं। नींबू के रस के साथ तुलसी के पत्तों को पीस कर दाद पर लगाएं।
यह भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी में दाद की समस्या के कारण और बचाव के तरीके
——————————————————————————————————————————————————————-
S: ( Sunburn & Stoke)
साइटिका का घरेलू इलाज: लहसुन
साइटिका तंत्रिका आपकी रीढ़ की हड्डी से शुरू होती है, आपके कूल्हों (hips )और नितंबों ( buttocks)के माध्यम से चलकर आपके पैरों तक पहुंचता है। साइटिका तंत्रिका( आपके शरीर की सबसे लंबी तंत्रिका होती है और बहुत महत्वपूर्ण भी होता है। आपके पैरों को नियंत्रित करने और महसूस करने की आपकी क्षमता पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है। जब यह तंत्रिका आपको परेशान करती है। इससे बचने के लिए आप आप जितना ज्यादा से ज्यादा सक्रिय रहेगें आपका शरीर उतना ही रिलीज होगा। साइटिका के उपचार के लिए आप हॉट पैक या हीटिंग पैड भी प्रयोग कर सकते हैं।
होम रेमेडीज:
सूजन को कम करने के लिए पहले कुछ दिनों के दौरान बर्फ का उपयोग करें, और दो या तीन दिनों के बाद, हॉट पैक से सेकाई करें। लहसुन का उपयोग में इसमें आराम के लिए काफी फायदेमंद है। सुबह खाली पेट कच्चे लहसुन को कुचल कर खाएं।
सनबर्न का घरेलू इलाज: नारियल का तेल
सनबर्न क्या है, सनबर्न एक सामान्य समस्या है। आपको सिर्फ सूर्य की रौशनी से ही सनबर्न नहीं होता, बल्कि यह टेनिंग्स बेड्स या अल्ट्रावायलेट लाइट के स्रोत के संपर्क में आने से भी होता है। ठंड लगना, बुखार और हार्ट बिट आसान्य होना इसके लक्षण हैं। लंबे वक्त तक अल्ट्रावायलेट रौशनी के संपर्क में रहने से सनबर्न होता है। यूवी लाइट के संपर्क में आने के बाद स्किन पिगमेंट में दो बदलाव आते हैं, जिससे त्वचा काली पड़ जाती है। हालांकि, यूवीए (UVA) और यूवीबी (UVB) त्वचा को प्रभावित कर सकती है। इन दोनों का प्रवेश करने का अलग-अलग स्तर होता है।
होम रेमेडीज:
सर्न बर्न से प्रभावित हिस्से पर नारियल का तेल का इस्तेमाल काफी प्रभावकारी होता है।
और पढ़ें: धूप से चेहरा काला हो गया है? अपनाएं सनबर्न हटाने के उपाय
——————————————————————————————————————————————————————-
T
टिनिटस का घरेलू इलाज: तुलसी और शहद
टिनिटस क्या है, कानों में सिसकारी, दहाड़ जैसी आवाजें, कानों का बजना एवं आवाज का कानों में गूंजते रहना, टिनिटस के प्रमुख लक्षणों में शामिल है। यह आवाजें समस्या की गंभीरता के अनुसार कम या ज्यादा तीव्रता लिए होती हैं। आवाज का गूंजना एक या दोनों कानों में भी हो सकता है। इसके अलावा यह समस्या कुछ दिनों तक या लंबे समय तक रह सकती है।
होम रेमेडीज:
टिनिटस के इलाज के लिए आप घरेलू उपचार के तौर पर तुलसी और शहद का सेवन करें। तुलसी टिनिटस के उपचार के लिए तुलसी एक रामबाण औषधि है। एक चम्मच शहद में आप तुलसी के रस को डालकर पीएं।
टॉनसिल का घरेलू इलाज
और पढ़ें: Tinnitus : जानिए कान बजने की बीमारी क्या है?
——————————————————————————————————————————————————————-
U
A-Z होम रेमेडीज: यूरिनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन का घरेलू इलाज: पानी अधिक पिएं
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन क्या है , यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) ऐसा इंफेक्शन यानी संक्रमण है जो मनुष्य की मूत्रप्रणाली के किसी भी हिस्से में हो सकता है जैसे किडनी, मूत्रवाहिनी, मूत्राशय और मूत्रमार्ग। इस संक्रमण का मूत्राशय या मूत्रमार्ग में होना सबसे सामान्य है। मूत्र त्याग करते हुए दर्द या जलन होना, बार-बार पेशाब आना, पेशाब में खून आना, कमर या पेट के निचले हिस्से में दबाव या ऐंठन इसके लक्षण हैं।
होम रेमेडीज:
यूरिनरी इंफेक्शन होने पर इस संक्रमण से ग्रस्त महिलाओं को पानी और तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा करना चाहिए। खूब सारा पानी पिएं, हर एक घंटे में पेशाब लगना जरूरी होता है इसलिए आपको लगभग 10-12 ग्लास पानी तो रोज पीना चाहिए।
और पढ़ें: यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के घरेलू उपाय जानने के लिए खेलें क्विज
——————————————————————————————————————————————————————-
V
वजायनल यीस्ट इंफेक्शन क्या है? जानें इसके लक्षण और उपचार’ data-url=’https://helloswasthya.com/swasthya-gyan/health-condition/vaginal-yeast-infection/’>वजायनल यीस्ट इंफेक्शन का घरेलू इलाज: दही
वजायनल यीस्ट इंफेक्शन क्या है, ये महिलाओं में होने वाला एक एंफेक्शन है, जिसे कैंडिडिआसिस भी कहा जाता है। वजायना में बैक्टीरिया और कुछ यीस्ट सेल्स होते हैं। वजायनल इंफेक्शन में बैक्टीरिया और यीस्ट के बीच का संतुलन बिगड़ता है तो यीस्ट सेल्स अत्यधिक बढ़ जाते हैं। जिसके कारण वजायना में सूजन और खुजली होने लगती है।
होम रेमेडीज:
दही वैजाइनल यीस्ट इंफेक्शन से राहत दिलाने में फायदेमंद है। दही त्वचा के पीएच लेवल को संतुलित करने में मदद करता है। दही का इस्तेमाल यीस्ट संक्रमण कम करने के लिए किया जाता है। 1 से 2 बड़े चम्मच दही लेकर योनि के बाहर से प्रभावित क्षेत्र पर भी लगायें।
—————————————————————————————————————————————————————–
W: (Wilson’s disease)
Wilson disease : विल्सन डिजीज क्या है?’ data-url=’https://helloswasthya.com/swasthya-gyan/health-condition/wilson-disease/’>विल्सन डिजीज का घरेलू इलाज: कॉपर
विल्सन डिजीज एक दुर्बल आनुवंशिक बीमारी है। इस बीमारी में शरीर में कॉपर की मात्रा ज्यादा हो जाती है, जोकि जहरीला साबित हो सकता है। जिसके कारण लिवर, ब्रेन और आंखें डैमेज हो जाती हैं। ये आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है । विल्सन डिजीज एक रेयर डिसॉर्डर है। जॉन्डिस, पैरों और पेट में अनियमित फ्लूइड का जमा होना, वजन कम होना, मितली और उल्टी आना , चक्कर आना इसके लक्षण हैं।
होम रेमेडीज:
हमारे शरीर को अन्य तत्वों की तरह ही कॉपर की भी सीमित मात्रा में जरूरत होती है। कॉपर हमारी नर्व्स, हड्डियों, त्वचा और कोलेजन के स्वास्थ्य को बनाए रखने में तथा उनके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
और पढ़ें: Wilson disease : विल्सन डिजीज क्या है?
——————————————————————————————————————————————————————-
Z: (Zika Virus)
A-Z हाेम रेमेडीज: जीका वायरस का घरेलू इलाज: लहसुन
जीका वायरस एक वायरल संक्रमण है जो कि मच्छर के काटने की वजह से होता है। यह संक्रमण आम तौर पर ट्रॉपिकल और सबट्रॉपिकल क्षेत्रों में ज्यादा होता है। इसमें मच्छर संक्रमित व्यक्ति को काटकर वायरस को दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाने का काम करता है। जीका वायरस एडिज एजिप्टी नामक मच्छर के काटने पर होता है। इसकी वजह से आंखों की दिक्कत, बहरापन, माइक्रोसेफली, विकास में रूकावट, बुखार और जोड़ों में दर्द इसके प्रमुख लक्षण हैं।
होम रेमेडीज:
लहसुन का उपयोग जीका वॉयरस के बचाव के लिए काफी प्रभावकारी माना जाता है। लहसुन में एंटी-बैक्टेरियल और एंटी इंफ्लामेटरी गुण होते हैं, जो बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं। इसके अलावा पानी से अधिक पीने की कोशिश करें ताकि जाे भी इंफेक्शन हो शरीर से पेशाब और पसीने के साथ निकल जाए।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
[embed-health-tool-bmi]