असम राज्य के एक अस्पताल में 30 साल का एक युवक पेट में दर्द की समस्या को लेकर पहुंचा। जब डॉक्टर ने जांच की तो हैरान रह गए कि उसके यूरिनरी ब्लैडर या मूत्राशय में मोबाइल चार्जर का केबल कैसे पहुंचा। इसके बाद युवक की सर्जरी कर के मोबाइल चार्जर के केबल को तो निकाल दिया गया। सर्जरी करने वाले डॉक्टर के मुताबिक युवक द्वारा यूरेथ्रल साउंडिंग या यूरेथ्रल प्ले करके अपने पेनिस के जरिए मोबाइल के चार्जर केबल को अपने यूरिनरी ब्लैडर में डाल लिया था। अभी आप सोच रहे होंगे कि यूरेथ्रल साउंडिंग आखिर किस बला का नाम है? तो हम आपको बता दें कि ये एक प्रकार का हस्तमैथुन है। जिसके बारे में आप शायद ही जानते होंगे। इस प्रकार का हस्तमैथुन पुरुष या महिला अपने मूत्र नलिका या यूरेथ्रा में कोई पतली चीज या सेक्स टॉय डाल कर करते हैं। इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि फीमेल यूरेथ्रल साउंडिंग और मेल यूरेथ्रल साउंडिंग कैसे होती है? इसके लिए वैन बुरेन साउंड्स, सिलीकोन साउंड्स, सेक्स टॉयज और क्या इस्तेमाल किए जाते हैं। इसके अलावा इस प्रकार के हस्तमैथुन को करने में क्या रिस्क हो सकते हैं?
और पढ़ें : हस्तमैथुन (Masturbation) के फायदे नुकसान और इससे बचने के उपाय
यूरेथ्रल साउंडिंग (Urethral Sounding) क्या है?
यूरेथ्रल साउंडिंग का मतलब होता है कि किसी भी चीज या सेक्स टॉय को अपनी मूत्र नलिका में डालना। आसान शब्दों में समझा जाए तो अपनी पेशाब की नली में किसी लिक्विड या किसी हार्ड चीज को डाल कर हस्तमैथुन किया जाता है। इस प्रकार का हस्तमैथुन महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा करते हैं। इस हस्तमैथुन को करने के लिए बहुत सावधानी की जरूरत होती है। इससे मास्टरबेशन करने वाले व्यक्ति को सेक्सुअल प्लेजर मिलता है।
[mc4wp_form id=’183492″]
यूरेथ्रल साउंडिंग लोग क्यों करते हैं?
इस प्रकार का हस्तमैथुन आपके लिए बेशक नया हो, लेकिन ये इंसानों के द्वारा ही सेक्सुअल प्लेजर के लिए इजात की गई चीज है। हमारा जननांग कई सारी नसों के गुच्छे के साथ बना होता है, या यूं कह लीजिए कि हमारे जननांगों में घने नर्व्स पाए जाते हैं। यूरेथ्रा खुद में जननांग का एक बहुत सेंसटिव भाग होता है। वहीं, पेनिस का ऊपरी सिरा या महिलाओं में क्लिटोरिस या जी-स्पॉटभी बहुत संवेदनशील भाग होते हैं। साउंडिंग करने से इन भागों में मौजूद सभी नसें स्टीम्यूलेट होने लगती हैं। दूसरी तरफ इस प्रकार के हस्तमैथुन के लिए अगर आप साउंडिंग टॉय का इस्तेमाल कर रहे हैं तो प्रोस्टेट ग्लैंड स्टीम्यूलेट होता है। जिससे सेक्सुअल प्लेजर आसानी से मिल सकता है।
और पढ़ें : हस्तमैथुन का आंखों पर प्रभाव होता है या नहीं?
यूरेथ्रल साउंडिंग के दौरान कैसा महसूस होता है?
साउंडिंग करने के दौरान अच्छा भी महसूस हो सकता है और बुरा भी, क्योंकि ये एक व्यक्तिगत फीलिंग है। क्योंकि साउंडिंग आपके सेक्सुअल एक्सपैरिमेट, सेंसटिविटी और दर्द आदि के हिसाब से अलग-अलग लोगों में अलग एक्सपीरियंस देता है। हालांकि, पहली बार करने वालों के लिए ये एक अजनबी एहसास हो सकता है। आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि आपको पेशाब आई है या मूत्राशय में कुछ खुरचता हुआ सा महसूस हो सकता है। लेकिन अगर एक बार आप साउंडिंग की टेक्नीक को सीख जाएंगें तो आपको बेहतर महसूस होने लगेगा। लेकिन हमेशा याद रखें कि साउंडिंग पेन और प्लेजर, कम्फर्ट और डिसकम्फर्ट के बीच की फीलिंग देता है। इसके अलावा प्रोस्टेट ग्लैंड को स्टीम्यूलेट करने के कारण इस प्रकार का हस्तमैथुन करने के कारण ऑर्गेज्म की प्राप्ति जल्दी होती है।
यूरेथ्रल साउंडिंग या मूत्रमार्ग हस्तमैथुन करने के फायदे क्या हैं?
इस प्रकार का मास्टरबेशन करने का कोई खास स्वास्थ्य लाभ नहीं है। लेकिन साउंडिंग करने से कामुक इच्छाओं या सेक्सुअल डिजायर पूरी होती हैं। जिससे आपको अच्छा और खुशी महसूस होती है। इसके अलावा आपकी चिंता और डिप्रेशन का लेवल भी कम होता है। अगर आप ने किसी अच्छे सेक्सोलॉजिस्ट की मदद या सलाह से साउंडिंग की है या प्रैक्टिस अच्छी की है तो आपको इसका सकारात्मक असर अपनी सेक्स लाइफ पर देखने को मिल सकता है।
और पढ़ें : प्रेग्नेंसी के दौरान मास्टरबेशन (Masturbation) कितना सही है? जानिए यहां
क्या यूरेथ्रल प्ले सुरक्षित है?
यूरेथ्रल प्ले सुरक्षित है, लेकिन पूरी तरह से नहीं, क्योंकि कई बार सही तरीके से ना करने से ये आपके लिए परेशानी पैदा कर सकता है। इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान देने की जरूरत है :
- अगर आप साउंडिंग टॉय का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसे साफ (Sterilized) कर लें।
- अपने लिए सही साइड का साउंडिंग टॉय लें।
- आराम से और सम्भाल कर साउंडिंग टॉय का इस्तेमाल करें।
- मास्टरबेशन के समय साउंडिग टॉय यूरेथ्रा में फंस भी सकता है, ऐसे में तुरंत डॉक्टर से मिलें।
यूरेथ्रल प्ले के लिए कौन से सेक्स टॉयज सही है?
यूरेथ्रल प्ले के लिए मुख्यतः तीन तरह के सेक्स टॉयज का इस्तेमाल किया जाता है :
पेनिस प्लग्स
जैसा कि नाम से ही साफ है कि ये सेक्स टॉय पेनिस के लिए इस्तेमाल होता है। पेनिस प्लग्स हल्के इंसरशन के लिए होता है। ये सिर्फ यूरेथ्रा के आगे के हिस्से तक ही पहुंच पाता है। इससे पेनिस के सिरे में डालने के बाद सेक्सुअल सेंसेशन होता है। पेनिस प्लग्स 1-2 इंच ही लंबे होते हैं। इसके एक सिरे पर ‘T’ आकार का बार या ‘O’ आकार का रिंग लगा होता है। जिससे ये यूरेथ्रा में काफीअंदर तक ना जा सकें, वरना यूरेथ्रा में फंसने का रिस्क हो सकता है। पेनिस प्लग्स मेटल और सिलिकॉन के बने होते हैं। इसकी लंबाई और मोटाई आप अपने हिसाब से सेलेक्ट कर सकते हैं।
और पढ़ें : शुक्राणु बढ़ाने के लिए डाइट प्लान क्या होनी चाहिए?
स्पर्म स्टॉपर
स्पर्म स्टॉपर आजकल पुरुषों में एक प्रचलित सेक्स टॉय के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। इसमें एक छल्ला होता है, जिससे जुड़ा एक ‘U’ आकार का लूप होता है। लूप के ऊपरी सिरे पर बॉल जैसी संरचना होती है। छल्ले में से पेनिस को डाल कर लूप को यूरेथ्रा में इंसर्ट किया जाता है। हालांकि, लूप पर बनी बॉल का आकार थोड़ा बड़ा होता है, जिससे इंसर्शन के समय दर्द होता है। इस सेक्स टॉय का इस्तेमाल वे लोग करते हैं, जो इजैक्यूलेट जल्दी नहीं करना चाहते हैं। ये पेनिस के अंतिम सिरे को स्टीम्यूलेट करता है। वहीं, इसका आकार इजैक्यूलेशन को रोक सकता है।
यूरेथ्रल साउंड
यूरेथ्रल साउंड एक पलती और लंबी सी रॉड होती है, जो खासतौर पर यूरेथ्रल प्ले के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ये मुख्य रूप से स्टेनलेस स्टील का बना होता है। ये महिला और पुरुष दोनों यूज कर सकते हैं। हालांकि, बाजर में ये अलग-अलग आकारों में उपलब्ध है। महिलाओं के लिए छोटे आकार के रॉड में भी यूरेथ्रल साउंड उपलब्ध होता है, क्योंकि महिलाओं का यूरेथ्रा पुरुषों की तुलना में छोटा होता है। पुरुष इस प्रकार की रॉड को यूरेथ्रा में डीप प्ले के लिए इस्तेमाल करते हैं। जिससे पेनिस के अंदर जा कर प्रोस्टेट ग्लैंड से टच होता है और उसे स्टीम्यूलेट करता है।
और पढ़ें : अगर मर्दाना ताकत को है बढ़ाना, तो इन उपायों को न भूलें अपनाना
यूरेथ्रल प्ले के लिए किस चीज के बने सेक्स टॉयज सही है?
यूरेथ्रल साउंडिंग के लिए निम्न चीजों के बने सेक्स टॉयज आप खरीद सकते हैं :
- सिलिकॉन
- प्लास्टिक
- टाइटेनियम
- स्टेनलेस स्टील
यूरेथ्रल प्ले के लिए सेक्स टॉयज खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
यूरेथ्रल प्ले के लिए सेक्स टॉयज खरीदते समय निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए :
सेक्स टॉयज की लंबाई
यूरेथ्रल साउंडर की लंबाई आपको अपने हिसाब से तय करनी होगी। यूरेथ्रल साउंडर आधा इंच से लेकर एक फुट लंबा हो सकता है। फिलहाल ज्यादातर लोग 3-6 इंच लंबे साउंडर का इस्तेमाल करते हैं।
सेक्स टॉयज की मोटाई
यूरेथ्रल प्ले के लिए सेक्स टॉयज की मोटाई बहुत मायने रखती है। ज्यादा मोटा यूरेथ्रल प्ले के लिए सेक्स टॉयज का इस्तेमाल करने से आपको दर्द का सामना करना पड़ सकता है। ये कुछ मिलीमीटर ही मोटा होता है।
सेक्स टॉयज का आकार
यूरेथ्रल प्ले के लिए सेक्स टॉयज खरीदते समय उसके आकार पर जरूर गौर करें। कुछ पूरी तरह सूधे होते हैं, कुछ थोड़े मुड़े हुए होते हैं। इसलिए आप अपनी सहूलियत के हिसाब से ही इसे खरीदें।
सेक्स टॉयज की बनावट
सेक्स टॉयज की बनावच निम्न तरह की हो सकती है :
- स्मूद
- रिब्बड
- स्टडेड
- रिज्ड
- वेवी
और पढ़ें : मास्टरबेशन घुटनों के दर्द का कारण बन सकता है या नहीं?
यूरेथ्रल साउंडिंग या यूरेथ्रल प्ले कैसे करते हैं?
यूरेथ्रल साउंडिंग करने के लिए सही गाइड की जरूरत होती है, आइए जानते हैं कि आप स्टेप बाई स्टेप यूरेथ्रल साउंडिंग कैसे कर सकते हैं :
स्टेरिलाइजेशन या डिसइंफेक्शन
जैसा कि यूरेथ्रल प्ले एक प्रकार का हस्तमैथुन है तो इससे पेनिस या क्लिटोरिस के अंदर इंफेक्शन होने का रिस्क रहता है। ऐसे में स्टेरिलाइजेशन या डिसइंफेक्शन बहुत जरूरी है। आप सेक्स टॉयज को उबले पानी में डाल कर साफ करें या बेटाडीन सॉल्यूशन से साफ करें। इसके अलावा अपने हाथों और जननांगों को गुनगुने पानी और साबुन की मदद से साफ करें।
यूरेथ्रल प्ले के लिए पोजिशन
- यूरेथ्रल प्ले आप किसी भी स्थिति में कर सकते हैं, खड़े होकर, बैठ कर, लेट कर या जैसे आप चाहें वैसे कर सकते हैं।
- इसके बाद सेक्स टॉयज और यूरेथ्रा के मुंह पर ज्यादा मात्रा में लूब्रिकेंट का इस्तेमाल करें। यूरेथ्रल प्ले के लिए वॉटर बेस्ड, केमिकल फ्री लूब का इस्तेमाल करें।
- अगर फीमेल यूरेथ्रल साउंडिंग कर रही है तो वॉल्वा को फैला कर यूरेथ्रल ओपनिंग तक पहुंचा जा सकता है।
- अगर मेल यूरेथ्रल साउंडिंग कर रहे हैं तो पेनिस को थोड़ा इरेक्ट पोजिशन में होना चाहिए। लेकिन ध्यान रखें कि पेनिस पूरी तरह से इरेक्ट ना हो, इससे यूरेथ्रल ओपनिंग टाइट हो जाती है और पेनिस में इंसर्शन में तकलीफ में हो सकती है।
इन्सर्शन कैसे करें?
- इन्सर्शन के समय आपको बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। इन्सर्शन के दौरान एक हाथ से यूरेथ्रल ओपनिंग को फैलाएं और दूसरे हाथ से सेक्स टॉय को इन्सर्ट करें।
- आराम से करें, ज्यादा जोर से ना करें, वरना यूरेथ्रा में चोट भी लग सकती है।
- अगर इन्सर्ट करते समय सेक्स टॉय आगे नहीं जा रहा है तो अपने जननांग की मांसपेशी को सिकोड़ कर हिलाएं, ताकि सेक्स टॉय आसानी से इन्सर्ट हो सके।
- अगर सेक्स टॉय ज्यादा अंदर तक नहीं जा पा रहा, जितना कि आप चाहते हैं, तो जबरदस्ती ना करें। सेक्स टॉय को बाहर निकाल लें और उसमें और ज्यादा लूब्रिकेंट का इस्तेमाल करें।
स्टीम्यूलेशन
इन्सर्शन के बाद जब आप कम्फर्टेबल महसूस करने लगें तो सेक्स टॉय को थोड़ा मूव करें। इससे आपको महसूस होगा कि किस तरफ टच होने से आप एक्साइटेड हो रहें हैं। इसके बाद आराम से इसे अंदर और बाहर की तरफ मूव करते रहें। इस दौरान आप अपने जननांगों पर हल्का-हल्का मसाज करें। इससे आपकी जेनाइटल स्टीम्यूलेट होंगी।
रिमूवल और क्लीन अप
- जब आप सैटिस्फाइड हो जाएं तो फिर सेक्स टॉयल को यूरेथ्रा से बाहर निकाल लें। हमेशा ध्यान रखें कि आप झटके से सेक्स टॉय को बाहर ना निकालें। धीरे-धीरे आराम से निकालें। अगर सेक्स टॉय ना निकले तो आप यूरेथ्रल ओपनिंग पर लूब्रिकेंट लगाएं, फिर निकालना शुरू करें।
- सेक्स टॉय को तुरंत निकालने के बाद आप पेशाब करें, ताकि उस दौरान जो भी बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक्ट में चला गया है, वो बाहर आ जाए। ऐसा हो सकता है कि आपको एक दो दिन यूरिन पास करने में दर्द और जलन हो सकती है। क्योंकि यूरेथ्रा में थोड़ी स्ट्रेचिंग हो जाती है।
- इसके बाद सेक्स टॉय, हाथों और जेनाइटल पार्ट को अच्छे से साफ कर लें।
और पढ़ें : महिलाओं को जरूर जानने चाहिए मास्टरबेशन के फायदे
यूरेथ्रल साउंडिंग के दौरान कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए?
यूरेथ्रल साउंडिंग के दौरान आप निम्न सावधानियां अपनाएंगे, तो आपको किसी भी समस्या से बच सकते हैं :
- जैसा कि पहले ही बताया गया है कि यूरेथ्रा की मांसपेशियां टाइट होती है, जो यूरिन को निकालने में मदद करता है। इसलिए आप अगर कुछ भी अंदर डालेंगे तो आपको परेशानी हो सकती है। ऐसे में लूब्रिकेंट का इस्तेमाल करने से सेक्स टॉय आसानी से इंसर्ट हो सकता है।
- लूब्रिकेंट खरीदते समय ध्यान दें कि उसमें कोई भी ऐसा एजेंट ना हो, जिससे सुन्नपन महसूस हो। क्योंकि इस तरह के लूब्रिकेंट का इस्तेमाल करने से दर्द और प्लेजर दोनों कम हो सकते हैं। ये आपके यूरेथ्रा के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है।
- अगर आपको सेक्स टॉय से यूरेथ्रल प्ले के वक्त निम्न में से कुछ भी महसूस हो, तो तुरंत सेक्स टॉय को बाहर निकाल लें और यूरेथ्रल प्ले को रोक दें : 1. दर्द 2. सुन्नपन 3. जेनाइटल पार्ट में ठंड महसूस होना 4. असामान्य सा डिस्चार्ज होना 5. ब्लीडिंग 6. सूजन 7. लालपन
- यूरेथ्रल साउंडिंग के लिए सेक्स टॉय के अलावा कोई भी वस्तु यूरेथ्रा साउंडिंग के लिए ना डालें।
- ऑयल बेस्ड या सेंटेड लूब्रिकेंट का इस्तेमाल साउंडिंग के लिए ना करें।
और पढ़ें : महिलाओं के लिए मास्टरबेशन पोजिशन, शायद आप नहीं जानती होंगीं इनके बारे में
यूरेथ्रल प्ले करने के क्या नुकसान है?
यूरेथ्रल प्ले के अपने भी कुछ नुकासन है, जिनके बारे में आपको जानना चाहिए :
- यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। क्योंकि सेक्स टॉय पर मैजूद बैक्टीरिया यूरेथ्रा और यूरिनरी ब्लैडर में पहुंच कर यूटीआई का कारण बन सकते हैं।
- सेक्स टॉयज के घर्षण से यूरेथ्रा का टिश्यू डैमेज हो सकता है।
- ज्यादा डीप में यूरेथ्रल साउंडिंग करने से या लूब का इस्तेमाल ना करने से यूरेथ्रा में सेक्स टॉय फंस सकता है।
किसे यूरेथ्रल प्ले नहीं करना चाहिए?
अगर कोई व्यक्ति निम्न समस्याओं से गुजर रहा है तो उसे यूरेथ्रल साउंडिंग नहीं करनी चाहिए :
- यूरेथ्रा से कोई असामान्य सा डिस्चार्ज हो रहा हो तो यूरेथ्रल प्ले ना करें।
- पहले कभी अगर यूरेथ्रा में चोट लगी हो।
- आपको पहले कई बार अगर यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन हुए हैं तो यूरेथ्रल प्ले ना करें।
- अगर आपको प्रोस्टेट से जुड़ी हुई कोई समस्या हो जैसे- प्रोस्टेटाइटिस, बेन्जिन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH) या प्रोस्टेट कैंसर होने पर यूरेथ्रल प्ले ना करें।
यूरेथ्रल प्ले के दौरान अगर मूत्रमार्ग में सेक्स टॉय फंस जाए तो क्या करें?
जैसे असम के रहने वाले युवक के यूरेथ्रा में फंस कर मोबाइल चार्जर का केबल यूरिनरी ब्लैडर में चला गया। इस तरह से कहीं आप भी परेशानी में ना पड़ जाएं। इसलिए अगर कभी यूरेथ्रल प्ले के दौरान अगर मूत्रमार्ग में सेक्स टॉय फंस जाए तो निम्न टिप्स अपना सकते हैं :
- शांत हो जाएं और इस बात पर फोकस करें कि आप क्या कर रहे हैं।
- अपने गुप्तांग की मांसपेशी को रिलैक्स करने का प्रयास करें। इससे फंसे हुए सेक्स टॉय को बाहर आने में मदद मिलेगी।
- अगर आपको समझ नहीं आ रहा है कि सेक्स टॉय कहां पर जा कर फंसा है तो गुप्तांग के ऊपर से ही छू कर ये पता कर सकते हैं। इसके बाद गुप्तांग के ऊपर से ही बाहर की तरफ हल्के हाथ से सेक्स टॉय को धक्का दें।
- गर्म पानी में बैठ जाएं और अपने यूरेथ्रा की त्वचा को फ्लैक्सिबल और विस्तृत होने दें।
- अगर गर्म पानी में बैठने के बाद भी सेक्स टॉय नहीं निकला है तो यूरेथ्रा के पास में थोड़ा लूब्रिकेंट लगाएं और यूरेथ्रा के अंदर भी लगाने की कोशिश करें। इससे चिकनाहट मिलते ही सेक्स टॉय निकल सकता है।
- अगर फिर भी सेक्स टॉय बाहर नहीं निकल रहा है तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। लेकिन ध्यान दें कि इस दौरान आपको अपने जननांग को चोटिल होने से बचाना है। वरना स्थिति और ज्यादा गंभीर हो सकती है। डॉक्टर को सारी बात बताएं, हिचकिचाएं नहीं। इससे आपको ही परेशानी होगी।
यूरेथ्रल प्ले करने से क्या यूरेथ्रा खिंच जाता है?
अगर आप सिर्फ एक या दो बार यूरेथ्रल साउंडिंग करते हैं तो मूत्रमार्ग के खिंचने या फैलने के चांसेंस नहीं होते हैं। लेकिन अगर आप यूरेथ्रल प्ले लगातार करते हैं यानी कि हर हफ्ते करते हैं तो आपकी यूरेथ्रा खिंच सकती है। अगर आपको यूरेथ्रल प्ले करना है तो लगातार करने की आदत ना डालें। कभी-कबार ही करें और पूरी सावधानी के साथ करें।
क्या यूरेथ्रल साउंडिंग से यूरिन पास करने (Urination) पर प्रभाव पड़ता है?
अगर आप सुरक्षित तरीके से यूरेथ्रल प्ले करते हैं तो आपको यूरिनेशन यानी कि पेशाब करने में समस्या नहीं होगी। वैसे साउंडिंग के दौरान पेशाब करने में जलन हो सकती है, लेकिन ये सिर्फ कुछ ही समय के लिए होता है। लेकिन अगर सेक्स टॉय के कारण यूरेथ्रा में चोट लग गई है तो आपको पेशाब करने में परेशानी हो सकती है। ऐसे में आपको अपने डॉक्टर से तुरंत मिलना चाहिए।
इस तरह से आपके यूरेथ्रल साउंडिंग के फायदे, यूरेथ्रल प्ले के नुकसान, सेक्स टॉयज आदि के बारे में जाना। लेकिन फिर भी अगर आपर इस प्रकार के हस्तमैथुन को अपनाना चाहते हैं तो अपने डॉक्टर या किसी सेक्सोलॉजिस्ट से जरूर पूछ लें।
[embed-health-tool-ovulation]