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सर्दियों में हार्ट पेशेंट रखें इन बातों का ध्यान, नहीं तो बढ़ सकता है अटैक का खतरा!

सर्दियों में हार्ट पेशेंट रखें इन बातों का ध्यान, नहीं तो बढ़ सकता है अटैक का खतरा!

बदलते मौसम का प्रभाव हमारे शरीर पर भी पड़ता है, सर्दी के मौसम में तो खासतौर पर। डायबिटीज (Diabetes), बीपी (Blood pressure) और हार्ट पेशेंट के लिए ये मौसम खतरे की घंटी होती है। सर्दियों के दौरान गिरा हुआ ठंडा तापमान सभी के स्वास्थ्य को सीधे प्रभावित करता है। ऐसे में हार्ट पेशेंट्स में दिल के दौरे या कार्डियक अरेस्ट (Cardiac arrest) का जोखिम अधिक बढ़ जाता है। इस मौसम में दिल के मरीजों को विशेष सावधानी रखने की जरूरत होती है। थोड़ी सी भी लापरवाही उनके सेहत पर भारी पड़ सकती है। इसलिए मौसम के अनुरूप हार्ट पेशेंट्स को अपने हेल्थ और खानपान का ध्यान रखना चाहिए। जानें हार्ट केयर इन विंटर (Heart care in winter) गाइड में कि हार्ट पेशेंट कैसे कर  सकते हैं अपने दिल की रक्षा।

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सर्दियों में हार्ट अटैक (Heart Attack) का कारण

सर्दी के मौसम में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ जाती हैं, जैसे कि शुगर का लेवल, हाई बीपी की समस्या हो या विटामिन डी की कमी आदि। इन कारणों की वजह से भी कई बार लोगों में हार्ट की प्रॉब्लम पैदा हो सकती है। और जो पहले से ही हार्ट पेशेंट हैं, उनके लिए जोखिम और भी बढ़ सकता है। हार्ट केयर इन विंटर (Heart care in winter) में जानें कि किन लोगों में हार्ट की समस्या हो सकती है।

हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure)

ठंड के मौसम में हार्ट और डायबिटीज पेशेंट को हाय बीपी का रिस्क (High Blood Pressure)भी अधिक रहता है। जिसका असर कई बार सीधे हार्ट पर ही पड़ता है। परिणामस्वरूप, इससे हार्ट फेलियर के मरीज को अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है। इसलिए मरीजों को अपने खानपान में कम नमक का सेवन करने की सलाह दी जाती है, ताकि वे इस खतरे से बच सकें।

कम पसीना ( Sweating )आना

गर्मी के मौसम में पसीना निकलने के कारक शरीर की कई बीमारियां बहार निकल जाती हैं। लेकिन सर्दी के माैसम में ऐसा नहीं हो पाता है, ठंड के कारण शरीर से बहुत कम पसीना निकलता है। जिस कारण फेंफड़ों में द्रव एकत्र होने लगता है, जिससे हार्ट फेलियर के मरीजों में कार्डियक फंक्‍शन और भी बदतर हो जाता है। हाई बीपी वालों अटैक का रिस्क बढ़ जाता है।

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विटामिन डी ( Vitamin D) की कमी

हार्ट पेशेंट के शरीर में विटामिन डी की कमी भी खतरनाक साबित हो सकती है। विटामिन डी हार्ट में जख्म वाले टिश्यू को बनने से रोकता है, जो हार्ट फेलियर का कारण हो सकता है।  ठंड के मौसम में सूर्य की रौशनी  ठीक से नहीं मिल पाती है, जिसके कारण विटमिन डी का घटा स्तर हार्ट फेलियर का खतरा पैदा कर सकता है। इसलिए ऐसी स्थिति में विटामिन-डी के सप्लिमेंट और नेचुरल तरीकाे को भी अपनाया जा सकता है।

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हार्ट केयर इन विंटर गाइड: एक्सपर्ट टिप्स

हार्ट केयर इन विंटर (Heart care in winter)

सर्दियों का मौसम हार्ट पेशेंट के लिए काफी चुनौती भरा होता है। उनके लिए कई तरह की समस्याएं बढ़ जाती हैं और अटैक का रिस्क भी। हार्ट केयर इन विंटर गाइड में हार्ट प्रॉब्लम को लेकर कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर नरेश शंकर, क्लीनिकल का केहना है कि ठंड के मौसम के उन लोगों के लिए खतरा अधिक बढ़ जाता है,जो पहले से हार्ट पेशेंट हैं या उन्हें अटैक पड़ चुका है, पहले कभी। इसके अलावा डायबिटीज के मरीजों ओर बुजर्गों में भी इस मौसम में अटैक का काफी डर होता है। इसलिए इस मौसम में उन्हें कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है, जैसे कि-

  • सर्दियों में हार्ट पेशेंट को  कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। उन्हें सुबह की की ठंड से बचना चाहिए। उस समय की ठंड सबसे ज्यादा खतरनाक होती है। उस दौरान स्ट्रोक का खतरा और भी अधिक बढ़ जाता है।  इसलिए हार्ट और डायबिटीज पेशेंट को उठने के बाद थोड़ी देर तक रजाई में ही रहने की सलाह दी जाती है। क्योंकि रजाई में एकदम गर्म तापमान और बाहर सीधे ठंडे तापमान में स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
  • सुबह के कोहरे में बिना गर्म कपड़ों के न निकलें। इस समय इन्हें खुद को सॉल और स्वेटर के साथ कान को भी ढ़क कर रखना चाहिए। इसके साथ ही मोजा पहनकर रखें। कानों से ठंड लगने का खतरा सबसे अधिक होता है
  • उन्हे कुछ भी ठंडा खाने से बचना चाहिए, खासतौर पर सुबह के मौसम में।
  • दिल के रोगियों के लिए टहलना बहुत अच्‍छी आदत है, लेकिन सुबह-सुबह कोहरे और ठंड में टहलना उनके लिए खतरे से भरा हो सकता है। इससे हार्ट को अतिरिक्‍त ऑक्‍सीजन की जरुरत पडती है, इसलिए आप दिन में टहलने की कोशिश करें। बाहर जानें की बजाए घर के अंदर भी वॉक कर सकते हेैं

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हार्ट केयर इन विंटर: बुजुर्गो के विशेष देखभाल के टिप्स

  • इस मोसम में बुजुर्गो की परेशानी भी बढ़ती जाती है। कई बार उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत महसूस होती है, क्योंकि फेफड़ा उतने अच्छे से काम नहीं करता हैं। ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि एक उम्र के बाद उनकी रोग  प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो चुकी होती है।
  • जिन बुजुर्गों को पहले से ही हार्ट की प्राॅब्लम और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, उन्हें  तो बहुत ज्यादा सावधान रहने की आवश्यकता है। क्योकि उनके लिए  गर्मियों के मुकाबले सर्दी के मौसम में हार्ट अटैक या स्ट्रोक होने का मामला बढ़ जाता है।
  • अधिक ठंड के कारण हृदय के अलावा मस्तिष्क और शरीर के अन्य अंगों की भी धमनिया सिकुड़ती हैं। जिसके कारण रक्त का प्रवाह सुचारू रूप से नहीं हो पाता है। इस कारण भी कई बार स्ट्रोक का खतरा भी और अधिक बढ़ जाता है।
  • बुजर्गों स्ट्रोक और पहले से हार्ट पेशेंट के लिए जरूरी है कि वो ठंड में अपने खानपान का भी बहुत ध्यान रखें। ठंडी तासीर वाले खाने से बचें। इसके अलावा दही और ठंडे फलों का सेवन भी बिल्कुन न करें।

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हार्ट केयर इन विंटर: दिल के मरीजों के जरूरी है सही कुकिंग ऑयल का चुनाव (Cooking oil For Heart Patient)

हार्ट केयर इन विंटर (Heart care in winter)

हृदय रोग और स्ट्रोक सहित हृदय रोग, दुनिया भर में लाेगों के मरने का सबसे अधिक कारण है, विश्व स्तर पर 17.5 मिलियन लोग लगभग इसके शिकार होते हैं। हार्ट केयर इन विंटर (High Blood Pressure) में डॉ. मनोज कुमार, एसोसिएट डायरेक्टर और हेड- कार्डिएक कैथ लैब, मैक्स सुपर स्पेशलिटी के अनुसार ” लोगों को यह याद रखना चाहिए कि सभी प्रकार के तेल भारतीय खाना पकाने के लिए उपयुक्त नहीं हैं। समोसे और पकौड़े जैसे डीप फ्राइंग के लिए जैतून के तेल (विशेष रूप से एक्स्ट्रा-वर्जिन) जैसे तेलों का उपयोग कभी नहीं करना चाहिए। इसका कारण यह है कि ओवर-हीटिंग पर ये तेल अपने पोषण संबंधी गुणों को खो देते हैं और हानिकारक उप-उत्पादों का उत्पादन करते हैं। वैकल्पिक रूप से जब सलाद में ड्रेसिंग के रूप में उपयोग किया जाता है।

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हार्ट केयर इन विंटर: दिल के मरीजों के लिए 6 सबसे अच्छे कुकिंग ऑयल

हार्ट केयर इन विंटर के लिए एवोकाडो ऑयल

अच्छे हार्ट हेल्थ के लिए एवोकाडो ऑयल काफी बेस्ट होता है। इसमें  मोनोअनसैचुरेटेड वसा, एवोकैडो तेल के कई उपयोग हैं। इसका हाई स्मोक पॉइंट (500 डिग्री फारेनहाइट) यह हाई-हीट कुकिंग और फ्राई करने के लिए एक अच्छा विकल्प है। एवोकैडो तेल कोलेस्ट्रॉल-मुक्त है।

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हार्ट केयर इन विंटर के लिए जैतून का तेल (Olive oil )

जैतून का तेल ह्रदय के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है । इसे कुकिंग के लिए सबसे हेल्दी ऑयल मानते हैं। हेल्दी हार्ट के लिए ऑलिव ऑयल सबसे अच्छा माना जाता है। जैतून के तेल में बड़ी मात्रा में मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं, जो हृदय के स्वास्थ्य में योगदान करते हैं। ऑलिव ऑयल लो स्मोकिंग ऑयल है। इसके सेवन से हार्ट अटैक का जोखिम कई गुना कम हो जाता है। एक अध्ययन में आया है कि हमारे ब्लड में भी प्रोटीन पाया जाता है, जो ऑलिव ऑयल उसे बढ़ाता है। हार्ट के अलावा इस ऑयल और भी कई हेल्थ बेनेफिट्स हैं।

हार्ट केयर इन विंटर के लिए कैनोला तेल (Canola Oil )

हार्ट प्रॉब्लम और हाई कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित लोगों के लिए कैनोला ऑयल सबसे सुरक्षित माना जाता है। यह एक कोल्ड प्रेस्ड ऑयल है और इसमें कई तरह के विटामिन पाए जाते हैं। इस ऑयल में सैचुरेटेड फैट कम और मोनोसैचुरेटेड फैट ज्यादा होते हैं। इन दोनों का हेल्दी हार्ट में अहम रोल होता है। सैचुरेटेड फैट कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। पॉलीसैचुरेटेड फैट अटैक के खतरों को कम करता है।

हार्ट केयर इन विंटर के लिए सूरजमुखी का तेल (Sunflower Oil)

सूजरमुखी का तेल हेल्दी हार्ट के लिए बहुत अच्छा है। इसमें विटामिन ई की मात्रा पायी जाती है। ये ऑयल हार्ट पेशेंट के लि बहुत अच्छा है। इसमें अनहेल्दी सैचुरेटिड फैट कम मात्रा में होता है, जो हेल्दी हार्ट के लिए फायदेमंद है। इसमें फेनोलिक एसिड और ओमेगा एसिड जैसे कंपाउड पाए जाते हैं। जो कोलोस्ट्रॉल के लेवल को कंट्रोल करता है और हार्ट अटैक के रिक्स को भी।

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हार्ट केयर इन विंटर: दिल के मरीजों के लिए सूपरफूड (Superfoods for Hurt)

हार्ट केयर इन विंटर (Heart care in winter)

हार्ट केयर इन विंटर: ओटमील (Oatmeal)

ओटमील में फाइबर की उच्च मात्रा होती है, जो कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कंट्रोल करता है। ओट्स का सेवन कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने में मदद करता हैं। यह पाचन तंत्र में एक स्पंज के रूप में काम करती है यानि कि अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को सोख लेती है और इससे वो रक्त में अवशोषित नहीं हो पाता है। इसके अलावा इसमें ओमेगा 3 एसिड की भी मात्रा होती है, जिसे हार्ट के लिए फायदेमंद माना जाता है। यह डायजेशन में भी काफी आसान होता है।

हार्ट केयर इन विंटर: डार्क चॉकलेट (Dark chocolate)

कई अध्ययनों से अब पता चला है कि डार्क चॉकलेट आपके दिल को फायदा पहुंचा सकती है। इसका सेवन स्ट्रोक और अटैक के जोखिम को कम कर सकता है। डार्क चाॅकलेट हार्ट के लिए तभी फायदेमंद है, जब उसमें कम से कम 60-70% कोको का शामिल हो।इसमें पॉलीफेनोल्स नामक फ्लेवोनोइड होता है, जो रक्तचाप, थक्के और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।

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हार्ट केयर इन विंटर: नट्स (Nuts)

हार्ट केयर इन विंटर (Heart care in winter) गाइड में हेल्दी हार्ट के लिए नट्स  के सेवन की सलाह भी दी जाती है। जिसमें आप बादाम, अखरोट, पिस्ता और मूंगफली का सेवन कर सकते हैं। इसमें मिलने वाले फाइबर आपके दिल के लिए अच्छे होते हैं। इनमें विटामिन ई भी होता है, जो खराब कोलेस्ट्रॉल को मैनेज करने में हेल्प करता है। इसके लिए अखरोट भी काफी फायदेमंद होता है। इसमें अल्फा-लिनोलेनिक एसिड और ओमेगा -3 फैटी एसिड होता है।

हार्ट केयर इन विंटर: टमाटर (Tamamoto)

टमाटर हृदय-स्वस्थ के लिए अच्छा है, क्योंकि इसमें पोटेशियम की उच्च मात्रा होती है। इसके अलावा, यह एंटीऑक्सिडेंट लाइकोपीन का एक अच्छा स्रोत भी है। लाइकोपीन एक कैरोटीनॉयड है, जो “खराब” एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के निम्न स्तर में मदद कर सकता है और रक्त वाहिकाओं को ब्लॉकेज से बचाता है।

हार्ट केयर इन विंटर: सिट्रस फ्रूट (Citrus fruits)

सिट्रस फ्रूट भी हार्ट के लिए अच्छा होता है, जैसे कि अंगूर या संतरा आदि। खट्टे फल भी विटामिन सी की उच्च मात्रा में होता है। जो हृदय रोग के कम जोखिम को कम करता है। इसके अलावा खट्टे फलों के फाइबर की भी मात्रा पायी जाती है। विटामिन सी दिल की बीमारियों के खतरे को कम करता है। लेकिन आप फ्रेश फ्रूट का सेवन करें तभी फायदेमंद है। इसे जूस के रूप में न लें।

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हार्ट केयर इन विंटर: ग्रीन टी (Green Tea)

आज के समय में अधिकतर लोग ग्रीन टी का सेवन करने लगे हैं। इसमें एंटीऑक्सिडेंट की भरपूर मात्रा पायी जाती है। हेल्दी हार्ट के लिए रोजाना दिन में 2 से 3 कप ग्रीन टी का सेवन करें। यह हृदय रोग और स्ट्रोक का जोखिम 20% तक कम करता है।

हार्ट केयर इन विंटर: कॉफी (Coffee)

लिमिटेड मात्रा में काफी का सेवन हार्ट के लिए हेल्दी होता है। यह 10 से 15% कम दिल के रोगों का जोखिम कम करता है। कॉफी में भी ब्लैक काॅफी काफी फायदेमंद होती है। एक शोध में पाया गया है कि दिन में दो कप ब्लैक काफी से सेवन से हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को 30% तक कम कर सकते हैं। हार्ट के लिए आप ब्लैक कॉफी की जगह ग्रीन काफी का भी पी सकते हैं।

हार्ट केयर इन विंटर: अलसी का बीज (Flax Seeds)

फ्लैक्स सीड्स में ओमेगा -3 फैटी एसिड की उच्च मात्रा होती है। इसका सेवन आपके दिल के लिए अच्छा है। एक और कारण उनके उच्च फाइबर सामग्री है। इसके और भी कई फायदे हैं। यह उनके लिए भी ज्यादा अच्छा है, जिन्हें एक डायबिटीज, बीपी और हार्ट तीनों की समस्या है। इसका सेवन रोज करना चाहिए।

हार्ट केयर इन विंटर: एवोकाडो (Avocado)

हेल्दी हार्ट के लिए एवोकाडो भी बहुत अच्छा होता है। इसमें विटामिन बी2, बी3, बी5, बी6, विटामिन सी (Vitamin C) और विटामिन ई (Vitamin E) जैसे पोषक तत्व होते हैं। इसी के साथ ही इसमें फोलेट, मिनरल्स,, मैग्नीशियम और फाइबर आदि भी होता है। यह गट हेल्थ के लिए भी बहुत अच्छा फल है। जैतून के तेल में मोनोअनसैचुरेटेड फैट भी होता है। इसका सेवन हृदय रोग के जोखिम के कारकों को कम कर सकते हैं, जैसे कोलेस्ट्रॉल को।

हार्ट केयर इन विंटर: दिल की बीमारी में क्या न खाएं (Food to avoid)

हार्ट केयर इन विंटर गाइड में हेल्दी हार्ट (Healthy heart) के लिए ये बात भी जान लें कि आपको क्या नहीं खाना चाहिए, जैसे कि-

  • दिल के मरीजों को सेचुरेटेड फेट के सेवन से बचना चाहिए।
  •  हार्ट पेशेंट के लिए रेड मीट का सेवन अच्छा नहीं है।
  • तली हुयी चीजें से उन्हें हमेशा बचना चाहिए।
  • अधिक बेकिंग प्रोडक्ट जैसे कि ब्रेड और बिस्कुट का कम से कम सेवन करें।
  • पिज्जा और अन्य जंक फूड का सेवन नुकसानदेह हो सकता है
  • डायबिटीज, हार्ट और बीपी वालों के लिए अल्कॉहल पीना खतरनाक साबित हो सकता है।
  • ठंड के मौसम में दही से सेवन से बचना चाहिए।
  • खानें में सोडियम के साथ अधिक चीनी के सेवन से भी बचना चाहिए
  • नॉनवेज में फ्राइड आइटम खाने से बचें।
  • आइसक्रीम का सेवन ठंड के मौसम में बिल्कुल भी न करे।

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हार्ट केयर इन विंटर (Heart care in winter) गाइड में हार्ट पेशेंट के लिए अन्य टिप्स

हार्ट केयर इन विंटर (Heart care in winter) में आप यह भी जान लें कि कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन आपके हृदय रोग के जोखिमों को दोगुना कर सकता है और किसी के खाने की आदतों को बदलना अक्सर कठिन होता है। इसलिए हमेशा एक साथ हैवी डायट की जगह छोटे-छोटे पार्ट लेना चाहिए। कम कैलोरी और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों जैसे फलों और सब्जियों को अधिक से अधिक अपनी प्लेट में शामिल करें। यह ट्रांस वसा में उच्च हैं, सोडियम और चीनी सामग्री हृदय की रक्षा करने में एक लंबा रास्ता तय कर सकती हैं। दिल की बीमारी के जोखिमों को कम करने के लिए गुड फैट और बेड फैट के बीच के अंतर को समझना चाहिए। दिल के लिए कुछ अनुकूल आहार प्राथमिकता में  अपनी डायट में शामिल करें, जैसे कि:

  • अधिक फल और सब्जियां खाना क्योंकि वे कैलोरी (Calorie) में कम और आहार फाइबर (Fiber) में समृद्ध हैं।
  • रेड मीट का सेवन कम करना हृदय रोगियों (Heart disease) के लिए महत्वपूर्ण है।
  • डायबिटीज और हाइपरटेंशन के मरीजों को सोडियम और मीठे  में नियंत्रित आहार का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
  • मोटापा कम रखने के लिए कम कैलोरी और उच्च पोषक तत्वों वाले भोजन का सेवन करना चाहिए।
  • हृदय रोग की शुरुआती घटनाओं में मोटापा (Obesity) फिर से एक बड़ा प्रभाव डालता है।
  • लोगों को प्री-पैकेज्ड और डिब्बाबंद भोजन का सेवन सीमित करना चाहिए, क्योंकि इनमें ट्रांस वसा और नमक की मात्रा अधिक होती है
  • साबुत अनाज को फाइबर का एक बड़ा स्रोत माना जाता है, जो रक्तचाप और हृदय स्वास्थ्य को नियंत्रित करने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। अपने आहार में साबुत अनाज की मात्रा बढ़ा सकते हैं।
  • अपने आहार में स्वस्थ वसा और फाइबर को जोड़ने का एक आकर्षक तरीका है अलसी का सेवन। फ्लैक्ससीड्स फाइबर और ओमेगा -3 फैटी एसिड (Omega 3 fatty acid) में उच्च होते हैं, यह कुछ लोगों में कोलेस्ट्रॉल कम करने में भी सहायक होते हैं।
  • दिल के लिए स्वस्थ (हार्ट केयर इन विंटर) तेलों जैसे कि जैतून, कैनोला, वनस्पति और अखरोट के तेल का एक साथ सेवन करना चाहिए।
  •  शराब का सेवन कम करना चाहिए क्योंकि यह हृदय रोग (Heart disease) के खतरों को और बढ़ा सकती है
  • सर्दियों में लोग ऑयली फूड का अधिक सेवन करते हैं। इसलिए हेल्दी हार्ट के लिए डीप फ्राइंग फूड से बचें।
  • किसी भी बीमारी से बचने के लिए व्यायाम (Workout) नियमित रूप से करें । हेल्दी हार्ट के लिए योग सबसे अच्छा है।
  • हार्ट पेशेंट काे अपनी दवाईयों से लापरवाही भी न करें। दवाइयों का सेवन अपने समय पर करें।
  • डायट में किसी प्रकार की लापरवाही न करें
  • अचानक से बढ़ने वाला बीपी हार्ट पर अपना असर डाल सकता है। इसलिए कम नमक के सेवन के साथ घर पर ही डेली बीपी मॉनिटर करते रहें
  • डाक्टर की सलाह से शाम को दवा लेकर सुबह होने वाले खतरे को कम किया जा सकता है।
  • इसके अलावा समय-समय पर अपने कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) का चेकअप भी करवाते रहें
  • एंटीऑक्सिडेंट के सेवन से हार्ट अटैक के खतरों को कम किया जा सकता है। इसलिए दिनभर में ग्रीन टी (Green tea) दो से तीन बार जरूर लें।
  • बढ़ता तनाव और स्ट्रेस भी कई बार अटैक का कारण हो सकता है। इसलिए तनाव से बचने की कोशिश करें। हां,ये अपने हाथ में नहीं है, पर कोशिश तो किया जा सकता है।
  • दिन भर में अपने आप को एैक्टिव रखें। लेकिन बहुत हैवी एक्सरसाइज न करें। पहले एक बार डॉक्टर से पूछ लें कि आप कौन सी एक्सरसाइज कर सकते हैं।
  • अपने खान में मौसमी फल और हरी सब्जिया भरपूर मात्रा लें । जितनी अच्छी और हेल्दी डायट (Healthy diet) होगी आपकी आप उसे
  • पानी का सेवन भरपूर मात्रा लें और ताकि बॉडी डिटॉक्स होती रहे।
  • ठंड में बाहर निकलते समय गर्म कपड़ों का पूरा ध्यान रखें।
  • काेहरे में निकलने से बचने की कोशिश करें।
  • ठंडे पानी से न नहाएं। हमेशा गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें।
  • सिगरेट और तंबाकू के सेवन से बचें। इसका प्रयोग हार्ट वालों के लिए नुकसानदेह है।

सर्दी के मौसम के अटैक और स्ट्रोक जैसे खतरों से बचा जा सकें, इसके लिए हार्ट केयर इन विंटर जरूरी है कि आप आपने खानपान से लेकर एक्सरसाइज के अलावा ठंड से बचाव का विशेष ध्यान रखें। आपकी छोटी सी लापरवाही भी आपके लिए खतरे की घंटी हो सकती है।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

https://www.heart.org/en/health-topics/consumer-healthcare/what-is-cardiovascular-disease/cold-weather-and-cardiovascular-disease  Accessed 09 January 2021

https://www.heart.org/en/news/2019/12/11/cold-heart-facts-why-you-need-to-watch-out-in-winter Accessed 09 January 2021

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https://www.bhf.org.uk/informationsupport/support/practical-support/cold-weather  Accessed 09 January 2021

Current Version

22/12/2021

Niharika Jaiswal द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Nikhil deore


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डॉ. प्रणाली पाटील

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Niharika Jaiswal द्वारा लिखित · अपडेटेड 22/12/2021

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