बच्चों के लिए सप्लिमेंट कितने फायदेमंद हैं? इस बारे में अभी भी एक्सपर्ट्स में एक राय नहीं है। साथ ही इसमें कोई दोराय भी नहीं है कि शिशु को एक संतुलित डाइट मिलनी चाहिए। इस संतुलित डाइट में दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे पनीर, दही और ताजा फल, हरी सब्जियां, चिकन, मछली, मीट और अंडे से मिलने वाला प्रोटीन, साबुत अनाज, ब्राउन राइस आते हैं। कई ऐसे पेरेंट्स हैं, जो समय या अन्य कारणों की वजह अपने बच्चों को एक संतुलित डायट नहीं दे पाते हैं। इसकी वजह से बच्चों में जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इन्हीं पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए डायट्री और विटामिन सप्लिमेंट्स का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, हर बच्चे के लिए सप्लिमेंट के इस्तेमाल का उद्देश्य अलग-अलग हो सकता है। बच्चों को कौन से डायट्री सप्लिमेंट्स देने चाहिए? यह जानने से पहले इनके इस्तेमाल के उद्देश्य को समझना जरूरी है।
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बच्चों के लिए सप्लीमेंट क्यों होते हैं इस्तेमाल?
पीडियाट्रिक रिसर्च अमेरिका की एक मासिक हेल्थ पत्रिका है। इसके साथ ही यह आधिकारिक रूप से यूरोपीयन सोसाइटी फोर पीडियाट्रिक रिसर्च की आधिकारिक प्रकाशक है। पीडियाट्रिक रिसर्च ने बच्चों के लिए सप्लीमेंट के इस्तेमाल के उद्देश्य पर एक अध्ययन किया। इस अध्ययन में नेशनल हेल्थ एंड न्यूट्रिशन एग्जामिनेशन सर्वे 2007-2010 से नवजात से लेकर 19 वर्ष तक के 8,245 बच्चों को शामिल किया।
बच्चों के लिए सप्लीमेंट लेने का उद्देश्य
इनमें से 31 प्रतिशत बच्चों के लिए सप्लिमेंट का इस्तेमाल किया था। इनमें से 41% बच्चों ने ओवरऑल हेल्थ इंप्रूवमेंट के लिए डायट्री सप्लिमेंट्स का इस्तेमाल किया। वहीं 37% बच्चों ने हेल्थ को मेंटेन करने, 23% ने स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं को रोकने, डायट के तौर पर 23% बच्चों ने और इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए 14% बच्चों के लिए सप्लिमेंट का इस्तेमाल किया। इनमें से 90% बच्चों ने इसके साथ मल्टीविटामिन-मिनरल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल भी किया। अध्ययन में शामिल ज्यादातर बच्चे आर्थिक रूप से संपन्न परिवार थे। वहीं 15% बच्चों ने डॉक्टर की सलाह पर बच्चों के लिए सप्लिमेंट का इस्तेमाल किया।
किन बच्चों के लिए सप्लीमेंट लेना सुरक्षित हो सकता है?
- नियमित रूप से संतुलित डायट ना लेने वाले बच्चे
- क्रोनिक मेडिकल कंडिशन जैसे दमा या डाइजेशन की समस्या वाले
- ज्यादातर फास्ट फूड खाने वाले बच्चे
- शाकाहारी या दूध ना पीने वाले बच्चे
- अधिकतम मात्रा में कार्बोनेटेड सोडा पीने वाले बच्चे, इससे उनकी बॉडी में विटामिन्स और मिनरल्स की कमी होती है।
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बच्चों के लिए सप्लिमेंट
बच्चों के लिए सप्लीमेंट निम्न हैंः
विटामिन ए
बच्चों के लिए सप्लीमेंट के तौर पर विटामिन ए एक अच्छा स्त्रोत होता है। विटामिन ए बच्चे की ग्रोथ को बढ़ाता है। साथ ही यह ऊत्तकों और हड्डियों को रिपेयर करता है। इससे बच्चे की त्वचा, आंखें और इम्युनिटी सिस्टम हेल्दी रहता है। दूध, पनीर, अंडा, पीली और ऑरेंज कलर की सब्जियों में यह पाया जाता है। बाजार में यह सप्लिमेंट्स के तौर पर भी उपलब्ध है।
विटामिन बी
बी2, बी3, बी6 और बी12 मेटाबॉलिज्म, एनर्जी प्रोडक्शन, नर्वस सिस्टम और सर्क्युलेटरी सिस्टम को हेल्दी रखता है। इससे मसल्स हेल्दी रहती हैं। साइट्रस फ्रूट में विटामिन बी पाया जाता है। सप्लिमेंट्स के तौर पर भी यह उपलब्ध है। बॉडी में कैल्शियम को सोखने में भी यह मदद करता है। बच्चों के लिए सप्लीमेंट के तौर पर इसे जरूर शामिल करें।
आयरन
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियट्रिक्स के मुताबिक, ज्यादातर बच्चों को डायट में पर्याप्त मात्रा में आयरन और कैल्शियम नहीं मिलता है। आयरन बच्चों की मसल्स को बनाने में मदद करता है। साथ ही यह लाल रक्त कोशिकाओं को बनाता है। बाजार में यह बच्चों के लिए सप्लीमेंट के तौर पर भी उलब्ध है। डॉक्टर की सलाह पर बच्चों के लिए सप्लीमेंट के तौर पर इसे लिया जा सकता है।
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कैल्शियम
हड्डियों और दांतों में बिल्डिंग ब्लॉक बनाने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है। कैल्शियम बच्चे की हड्डियों को मजबूत करता है। बचपन में जितना ज्यादा बच्चे की बॉडी में हड्डियां बनती हैं उतना ही कम बोन लॉस आने वाले समय में होता है।
फाइबर
आमतौर पर फाइबर को विटामिन या मिनरल नहीं माना जाता है। अधिक मात्रा में फाइबर वाले फूड में विटामिन ई, विटामिन सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम होता है। बच्चे के हेल्दी डाइजेशन सिस्टम के लिए फाइबर बहुत जरूरी होता है।
विटामिन सी
विटामिन सी बच्चों को सर्दी से लड़ने में मदद करता है। यह बॉडी की कोशिकाओं को एक साथ बनाए रखता है। साथ ही यह कोशिकाओं और ब्लड वैसल्स की वॉल को मजबूत रखता है। बच्चों को चोट लगने पर यह घाव को भरने में मदद करता है। आलू, टमाटर, गोभी, ब्रोकली, फूलगोभी, पालक, पपीता और आम में विटामिन सी पाया जाता है। अतिरिक्त डायट्री सप्लिमेंट्स के रूप में बच्चों को डॉक्टर की सलाह पर विटामिन सी दिया जा सकता है।
प्रोटीन
प्रोटीन बच्चे की मसल्स को बनाने और फूड को एनर्जी के रूप में ब्रेक डाउन करने में मदद करता है। प्रोटीन संक्रमण से लड़ता है। यह ऑक्सिजन को लेकर जाता है। मीट, चिकन, मछली, अंडा, नट्स बीन्स और डेयरी प्रोडक्ट्स में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है। बाजार में प्रोटीन सप्लिमेंट्स आसानी से उपलब्ध हैं।
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कार्बोहाइड्रेट
कार्बोहाइड्रेट शरीर को ऊर्जा देने वाला मुख्य स्त्रोत होता है। यह बच्चों के शरीर में उन ऊतकों के निर्माण और मरम्मत में मदद करते हैं जिनकी मदद से वसा और प्रोटीन का उपयोग किया जा सकता है। कार्बोहाइड्रेट कई अलग-अलग रूपों, शुगर, स्टार्च, और फाइबर में आते हैं, लेकिन बच्चों को स्टार्च और फाइबर का अधिक सेवन करना चाहि, जबकि शुगर का सेवन कम से कम करना चाहिए। इन निम्न खाद्य पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट की उच्च मात्रा होती है, जिन्हें आप अपने बच्चों के लिए सप्लीमेंट के तौर पर शामिल कर सकते हैं:
- ब्रेड
- अनाज
- चावल
- पास्ता
- आलू
फोलेट
अगर आप नई-नई मां बनी हैं, तो फोलेट का सेवन करना आपके बच्चे के लिए सबसे ज्यादा जरूरी हो सकता है। फोलेट भी विटामिन बी में से एक है। यह बच्चे की कोशिकाओं के स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक होता है। इसकी कमी के कारण बच्चे को एनीमिया हो सकता है। तो बच्चे को एनीमिया के जोखिम से बचाने के लिए फोलेट का इस्तेमाल करें। इन खाद्य पदार्थों में फोलेट की अच्छी मात्रा होती है, जिन्हें आप बच्चों के लिए सप्लीमेंट के तौर पर शामिल कर सकते हैंः
- साबूत अनाज
- दलिया
- मसूर की दाल
- चने
- पालक
- राजमा (किडनी सीड्स)
- ब्रसल स्प्राउट
अंत में हम यही कहेंगे कि यदि आपका बच्चे का खान पान ठीक नहीं है तो उसकी बॉडी में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। बच्चों के लिए सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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