कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Congestive Heart Failure) एक क्रॉनिक प्रोग्रेसिव कंडीशन है, जो हमारे हार्ट की मसल्स की पंपिंग पावर पर असर डालती है। कंजेस्टिव हार्ट फेलियर विशेष रूप से उस स्टेज के बारे में बताता है, जिसमें फ्लूइड हार्ट के भीतर बनता है और जिससे सही तरीके से हार्ट को पंप करने में समस्या होती है। यह एक गंभीर मेडिकल स्थिति है। आज हम बात करने वाले हैं कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट (Congestive heart failure Treatment) के बारे में। पहले पाइए थोड़ी सी जानकारी कंजेस्टिव हार्ट फेलियर के बारे में।
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर क्या होता है? (Congestive Heart Failure)
हमारे शरीर में चार हार्ट चैम्बर्स होते हैं। हमारे हार्ट के ऊपरी आधे भाग में दो एट्रिया (Atria) होते हैं और दिल के निचले आधे हिस्से में दो वेंट्रिकल्स (Ventricles) होते हैं। वेंट्रिकल्स शरीर के अंगों और टिश्यूज तक खून को पंप करते हैं और एट्रिया शरीर से उस खून को रिसीव करते हैं, जो पूरे शरीर के अन्य हिस्सों में सर्कुलेट करके फिर से हार्ट तक पहुंचता है। कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Congestive Heart Failure) तब होता है जब वेंट्रिकल्स (Ventricles) शरीर से पर्याप्त खून को पंप नहीं कर पाता और आखिरकार खून और अन्य तरल पदार्थ हमारे शरीर के इन अंगों में वापस आ सकते हैं:
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- फेफड़े (Lungs)
- पेट (Abdomen)
- लिवर (Liver)
- लोअर बॉडी (Lower body)
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Congestive heart failure) जानलेवा हो सकता है। ऐसे में इस स्थिति में तुरंत उपचार की जरूरत होती है। अब जानिए क्या हैं इसके लक्षण?
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर के लक्षण (Symptoms of Congestive heart failure)
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट (Congestive heart failure Treatment) से पहले इसके लक्षणों के बारे में जान लेते हैं। क्योंकि, लक्षणों की जानकारी होने पर ही इसका जल्दी निदान व उपचार संभव है। कंजेस्टिव हार्ट फेलियर एक क्रॉनिक समस्या है और यह समस्या एकदम शुरू हो सकती है। इसके लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:
- सांस लेने में समस्या (Shortness of Breath)
- थकावट और कमजोरी (Fatigue and Weakness)
- टांगों, घुटनों और पैरों में सूजन (Swelling)
- हार्टबीट का एकदम बढ़ना या असामान्य होना (Rapid or Irregular Heartbeat)
- व्यायाम करने की क्षमता का कम होना (Reduced Exercise Ability)
- लगातार खांसी या व्हीजिंग (Persistent Cough or Wheezing)
- रात को बार-बार बाथरूम का प्रयोग (Increased need to Urinate)
- पेट में सूजन (Swelling of Abdomen)
- फ्लूइड रिटेंशन से बहुत जल्दी वजन का बढ़ना (Rapid Weight Gain)
- भूख कम लगना या जी मचलना (Lack of Appetite and Nausea)
- ध्यान लगाने में समस्या (Difficulty Concentrating)
- अगर यह हार्ट फेलियर हार्ट अटैक के कारण हो रहा है तो चेस्ट पैन (Chest Pain)
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कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट (Congestive Heart Failure Treatment )
जैसे ही आपको यह लक्षण नजर आएं तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। इसके निदान के बाद डॉक्टर आपको इसके संभावित उपचार के बारे में बता सकते हैं। हर व्यक्ति के लिए यह कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट (Congestive heart failure Treatment) अलग-अलग हो सकता है। जानिए, किस तरह से संभव है इस समस्या का उपचार:
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट: दवाईयां (Medicines)
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट (Congestive heart failure Treatment) में पहली हैं दवाईयां। कुछ दवाईयां हार्ट पंप करने के तरीके को सुधार सकती हैं। जबकि अन्य दवाईयां शरीर से अतिरिक्त फ्लूइड को बाहर निकाल सकती है या ब्लड वेसल को चौड़ा कर सकती हैं ताकि खून आसानी से फ्लो कर सके और हार्ट को अधिक मेहनत न करनी पड़े। इसके लिए दवाईयों के कॉम्बिनेशन कर भी प्रयोग किया जा सकता है। इनसे कंडीशन को मैनेज किया जा सकता है और रोगी को अच्छा महसूस होता है।
हार्ट फेलियर एक ऑनगोइंग हेल्थ कंडीशन है। ऐसे में रोगी को स्वस्थ रहने के लिए पूरी उम्र दवाई लेने की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि आप अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाई लें और किसी भी डोज को मिस न करें। ओवर-द-काउंटर दवाईयों को तब तक न लें, जब तक डॉक्टर यह न जांच लें कि यह आपके लिए सुरक्षित हैं। इन दवाईयों का प्रयोग कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट (Congestive heart failure Treatment) के रूप में किया जाता है:
बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers)
बीटा ब्लॉकर्स जैसे कार्वेडिलॉल (Carvedilol ), मेटोप्रोलोल (Metoprolol) आदि दवाईयां हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर को कम करती हैं और हार्ट की उन चीजों से सुरक्षा करती हैं जो दिल को नुकसान पहुंचा सकती हैं। बीटा ब्लॉकर की शुरुआत कम डोज से की जाती है और उसके बाद इसकी डोज बढ़ाई जाती है।
साइड इफेक्ट
- चक्कर आना (Dizziness)
- थकावट महसूस होना (Feeling Tired)
बीटा ब्लॉकर्स का एकदम प्रयोग बंद करने से भी आपके लक्षण बदतर हो सकते हैं। ऐसे में बिना डॉक्टर की सलाह के इसे लेना बंद न करें। अगर आप बेहोशी, सांस लेने में समस्या या व्हीजिंग जैसी समस्याएं महसूस करते हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
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कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट : एंजियोटेंसिन कंवर्टिंग एंजाइम इन्हिबिटर्स (ACE Inhibitors)
एंजियोटेंसिन कंवर्टिंग एंजाइम इन्हिबिटर्स (Angiotensin Converting Enzyme Inhibitors) जैसे लिसिनोप्रिल (Lisinopril) या कैप्टोप्रिल (Captopril) के प्रयोग से हमारे शरीर द्वारा बनाए जाने वाले हार्ट डैमेजिंग हॉर्मोन्स की मात्रा कम की जा सकती है। इनके प्रयोग से ब्लड वेसल भी चौड़ा हो सकता है और ब्लड प्रेशर भी सामान्य रहता है, इससे हार्ट का काम थोड़ा आसान हो जाता है।
साइड इफेक्ट
- चक्कर आना (Dizziness)
- किडनी फंक्शन में बदलाव (Changes in Kidney Function)
- ड्राय खांसी (Dry Cough)
- पोटेशियम लेवल का बढ़ना (Increased Potassium Levels)
इस दवा को लेते समय किडनी फंक्शन और पोटेशियम के स्तर की जांच के लिए आपके नियमित ब्लड टेस्ट (Regular Blood Test) करने होंगे। अगर आपके मुंह, होंठों या जीभ में सूजन है, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें। यह एक एलर्जिक रिएक्शन है जो जानलेवा हो सकता है।
एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Angiotensin Receptor Blockers)
एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स जैसे लोसार्टन (Losartan), ACE इन्हिबिटर्स के समान है। इनका प्रयोग हाय ब्लड प्रेशर और हार्ट फेलियर के उपचार के लिए किया जाता है। लेकिन, यह किसी खांसी का कारण नहीं बनती हैं, जो कुछ लोग ACE इन्हिबिटर्स का प्रयोग करते हुए महसूस करते हैं।
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट: जानिए साइड इफेक्ट
- चक्कर आना (Dizziness)
- किडनी फंक्शन में बदलाव (Changes in Kidney Function)
- पोटेशियम लेवल का बढ़ना (Increased Potassium Levels)
इस दवा को लेते हुए भी आपको किडनी फंक्शन और पोटेशियम लेवल को जांचने के लिए नियमित रूप से ब्लड टेस्ट करना चाहिए।
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कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट: कॉम्बिनेशन मेडिसिन (Combination Medicines)
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट (Congestive heart failure Treatment) में अगली है कॉम्बिनेशन मेडिसिन। इसमें एक से अधिक दवाइयों को कंबाइन किया जाता है ताकि हार्ट अच्छे से काम कर सके। इसके साइड इफेक्ट भी चक्कर आना, किडनी फंक्शन में बदलाव या पोटेशियम लेवल का बढ़ना आदि हैं।
एलडोस्ट्रोन एंटागोनिस्ट (Aldosterone Antagonist)
एलडोस्ट्रोन एंटागोनिस्ट जैसे स्पाइरोनोलेकटोन (Spironolactone), एप्लेरेनोन (Eplerenone) आदि शरीर को बहुत अधिक एलडोस्ट्रोन हॉर्मोन बनाने से रोकती हैं, जो हार्ट को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके साइड इफेक्ट में भी किडनी फंक्शन में बदलाव और पोटेशियम लेवल का बढ़ना है।
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट: डिगॉक्सिन (Digoxin)
डिगॉक्सिन (Digoxin) जैसे लैनोक्सिन (Lanoxin) हार्ट रेट को कम करती है और हार्ट की पंपिंग करने की क्षमता को बढ़ाती है। आपको यह जानने के लिए ब्लड टेस्ट कराना होगा कि जो डोज आप ले रहे हैं वो आपके लिए सही हे या नहीं।
साइड इफेक्ट
- चक्कर आना (Nausea)
- भूख में कमी (Poor Appetite)
- पाचन समस्या (Digestive Problems)
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डायूरेटिक्स (Diuretics)
डायूरेटिक्स जैसे फ्यूरोसेमाइड (Furosemide), टॉरसेमाइड (Torsemide), मेटोलाजोन (Metolazone) आदि को वाटर पिल्स भी कहा जाता है। क्योंकि, यह शरीर से बहुत अधिक फ्लूइड को बाहर निकालने में मदद करती हैं। जिससे शरीर को सांस लेने में आसानी होती है। यह डायूरेटिक्स दिन में एक बार यानी सुबह लेने की सलाह दी जाती है। अगर आप इसे दिन में दो बार ले रहे हैं, तो इसकी दूसरी डोज को शाम के चार बजे से पहले ले लें। नहीं तो आपको रात को बार-बार बाथरूम जाना पड़ सकता है।
डायूरेटिक्स के कारण आप बहुत अधिक पोटेशियम भी लूज कर सकते हैं। इसलिए, डॉक्टर आपको पोटेशियम सप्लीमेंट लेने की सलाह भी दे सकते हैं। हालांकि, जो भी लोग डायूरेटिक्स लेते हैं, उन सबको अतिरिक्त पोटेशियम लेने की जरूरत नहीं होती है। इसके बारे में डॉक्टर से पूछें। अगर आपकी डायूरेटिक्स की डोज बदल दी जाती है, तो आपको किडनी फंक्शन को मॉनिटर करने के लिए लैब टेस्ट कराने के लिए कहा जा सकता है।
साइड इफेक्ट
- बार-बार बाथरूम जाना (Increased Urination)
- चक्कर आना (Dizziness)
- डीहायड्रेशन (Dehydration)
- किडनी फंक्शन में बदलाव (Changes in Kidney Function)
- स्किन रैशेज (Skin Rash or Hives)
- खुजली (Itching)
- ब्लड शुगर का बढ़ना Increased Blood Sugar Levels)
- गठिया (Gout)
यह तो थी कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट (Congestive heart failure Treatment) में प्रयोग होने वाली दवाइयां। अब जानते हैं सर्जरी के बारे में।
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट: सर्जरी (Surgery)
कुछ मामलों में डॉक्टर उन अंडरलायिंग कारणों के उपचार के लिए सर्जरी की सलाह दे सकते हैं, जो कंजेस्टिव हार्ट फेलियर का कारण बन सकते हैं। यह सर्जरी इस प्रकार हैं:
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट: कोरोनरी बाईपास सर्जरी (Coronary Bypass Surgery)
अगर कई ब्लॉक आर्टरी (Block Artery) हार्ट फेलियर का कारण बनती है, तो डॉक्टर कोरोनरी बायपास सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। इस प्रक्रिया में टांग, बाजू या छाती के ब्लड वेसल्स आपके हार्ट में एक ब्लॉक आर्टरी को बाईपास करते हैं, ताकि खून हार्ट से अधिक स्वतंत्र रूप से प्रवाहित हो सके।
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट: हार्ट वॉल्व रिपेयर या रिप्लेसमेंट (Heart Valve Repair or Replacement)
अगर खराब हार्ट वॉल्व के कारण हार्ट फैल हुआ है, तो डॉक्टर इस वॉल्व को रिपेयर या रिप्लेस करने के किए कह सकते हैं। वॉल्व रिप्लेसमेंट तब की जाती है जब वॉल्व रिपेयर संभव नहीं होती। वॉल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी में डैमेज वॉल्व को आर्टिफिशियल वॉल्व के साथ रिप्लेस कर दिया जाता है।
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कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट: इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर-डिफाइब्रिलेटर (Implantable Cardioverter-Defibrillators )
इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर-डिफाइब्रिलेटर पेसमेकर के जैसा ही एक डिवाइस है जिसे छाती में त्वचा के नीचे इम्प्लीमेंट किया जाता है। इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर-डिफाइब्रिलेटर हार्ट रिदम को मॉनिटर करता है। अगर हार्ट रिदम में कुछ समस्या होती है या हार्ट रुक जाता है तो यह डिवाइस हार्ट को पेस करने कि कोशिश करता है या इसे सामान्य रिदम में वापस ले आता है।
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कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट: वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस (Ventricular Assist Devices)
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट (Congestive heart failure Treatment) में अगला है वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस। इस डिवाइस को मैकेनिकल सर्कुलेटरी सपोर्ट डिवाइस (Mechanical Circulatory Support Device) भी कहा जाता है। यह एक ऐसा मैकेनिकल पंप है, जो हार्ट के लोअर चैम्बर्स से खून को पूरे शरीर में पंप करने में मदद करता है। इसे पेट या छाती में इम्प्लांट किया जाता है।
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट: हार्ट ट्रांसप्लांट (Heart Transplant)
कुछ लोगों में गंभीर हार्ट फेलियर की स्थिति में सर्जरी और दवाइयां दोनों काम नहीं करती हैं। ऐसे में इनके हार्ट को किसी हेल्दी डोनर हार्ट के साथ रिप्लेस कर दिया जाता है। हार्ट ट्रांसप्लांट से न केवल मरीज की जान बच सकती है बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता भी सुधरती है। हालांकि, यह तरीका सभी मरीजों के लिए सही नहीं है। डॉक्टर इस बात को निर्धारित करते हैं कि यह तरीका किसी मरीज के लिए सही रहेगा और किस के लिए नहीं। यह तो थी सर्जरी, अब जानिए किसी तरह से रखना चाहिए मरीज का ध्यान।
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देखभाल और जीवनशैली में बदलाव (Care and Change in Lifestyle)
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट (Congestive heart failure Treatment) में डॉक्टर आपको जीवन में कुछ खास बदलाव लाने और पूरी देखभाल के लिए कहेंगे। ताकि न केवल आपके लक्षणों में सुधार हो बल्कि आप पहले की तरह ही जीवन जी पाएं। जानिए क्या हैं यह तरीके:
- स्मोकिंग छोड़ दें (Avoid Smoking) : स्मोकिंग करने से आपके ब्लड वेसल्स को नुकसान हो सकता है, ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और खून में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो सकती है, जिससे हार्ट बीट तेज हो सकती है। स्मोकिंग छोड़ने के लिए आप डॉक्टर की मदद भी ले सकते हैं।
- अपने वजन को संतुलित रखें (Maintain Right Weight) : अगर आपका वजन बढ़ रहा है तो तुरंत डॉक्टर को बताएं। क्योंकि, इस रोग के साथ वजन के बढ़ने का अर्थ है कि आप फ्लूइड रिटेंन (Fluid Retaining) कर रहे हैं। ऐसे में उपचार में बदलाव की जरूरत हो सकती है।
- सूजन की जांच करें (Check for Swelling) : अपनी टांगों, पैरों और एड़ियों को रोजाना जांचे कि उनमें कहीं सूजन तो नहीं है। अगर सूजन है तो डॉक्टर को बताएं।
- हमेशा हेल्दी डायट लें (Healthy Diet) : अपने आहार में अधिक फल, साबुत अनाज और सब्जियों को शामिल करें।
- सोडियम को अपने आहार में जगह न दें (Don’t Take Sodium) : सोडियम का सेवन न करें क्योंकि इसका सेवन करने से हार्ट के लिए काम करना मुश्किल हो जाता है। जिससे सांस लेने में समस्या और टांगों, एड़ियों या पैरों में सूजन हो सकती है।
- एल्कोहॉल के सेवन से बचें (Avoid Alcohol) : एल्कोहॉल हार्ट की समस्याओं को बढ़ा सकता है। यही नहीं, आपकी दवाईयों से इंटरेक्ट कर के यह दिल की मसल्स को कमजोर कर सकता है और एब्नार्मल हार्ट रिदम के जोखिम भी इससे बढ़ सकता है।
- एक्टिव रहें (Be Active) : स्वस्थ रहने के लिए और दिल को भी हेल्दी रखने के लिए सबसे जरूरी है एक्टिव रहना। दिन में कुछ समय शारीरिक गतिविधियों के लिए अवश्य निकालें। लेकिन व्यायाम शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से अवश्य जान लें कि आपको कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए।
द यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया (The University of California) के अनुसार जब हम तनाव में या दुखी होते हैं तो हमारा हार्ट तेजी से धड़कता है। इससे हम अधिक गहरी सांस लेते हैं और ब्लड प्रेशर भी हमारा बढ़ जाता है। इससे हार्ट फेलियर बदतर हो सकता है। ऐसे में अगर आप दिल की परेशानियों से बचना चाहते हैं तो पहले तनाव से दूर रहें। तनाव से बचने के तरीके ढूढें। अपने दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएं, योग और मैडिटेशन का सहारा लें। इसके साथ ही आप डॉक्टर की मदद भी ले सकते हैं।
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यह तो थी कंजेस्टिव हार्ट फेलियर ट्रीटमेंट (Congestive heart failure Treatment) के बारे में पूरी जानकारी। कंजेस्टिव हार्ट फेलियर एक गंभीर समस्या है जिसका सही और तुरंत उपचार जरूरी है। लेकिन, इसका उपचार हर मरीज के मुताबिक अलग हो सकता है। ऐसे में सबसे जरूरी है इसके लक्षणों को समझ कर तुरंत सही ट्रीटमेंट की शुरुआत। डॉक्टर की सलाह का पालन करने के साथ ही रोगी के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना बेहद जरूरी है। ताकि, वो न केवल जल्दी रिकवर हो सके बल्कि भविष्य में भी वो इस तरह की मेडिकल स्थिति से बच सके।
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