एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्चर (Acupressure and Acupuncture) में अंतर होता है, लेकिन ज्यादातर लोग इसे एक ही तराजू पर तौल कर देखते हैं। एक्यूप्रेशर में शरीर के किसी निश्चित स्थानों पर दबाव यानी कि प्रेशर बनाकर दर्द से राहत दी जाती है, जबकि एक्यूपंक्चर में सुई चुभाई जाती है, लेकिन दोनों का काम एक जैसा ही है। दोनों दर्द से राहत दिलाने के लिए की जाने वाली थेरिपी है। इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्चर में अंतर क्या है और इसके फायदे क्या हैं?
और पढ़ें : बेली फैट कम करने के लिए व्यायाम
एक्यूप्रेशर (Acupressure) क्या है?
एक्यूप्रेशर चाइनीज उपचार का एक पुराना तरीका है, जिसमें उंगलियों या किसी खास प्रेशर पॉइंट्स पर दबाव डालने से उपचार होता है। इस तरीके से चिंता, सिरदर्द, मितली, पीठ दर्द और अनिद्रा जैसी समस्याएं दूर हो सकती हैं। यह पारंपरिक चाइनीज थेरिपी है, जिसे तरह-तरह के शारीरिक और मानसिक रोगों को ठीक करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
चीन में एक्यूप्रेशर के लिए जो थ्योरी प्रसिद्ध है, उसमें ये बात मानी जाती है कि इंसान के शरीर की ऊर्जा को स्ट्रेस ब्लॉक कर देता है। इस शारीरिक ऊर्जा को चाइनीज में ‘qi’ यानी कि ‘ची’ कहते हैं। जब तनाव या चिंता शारीरिक ऊर्जा को बाधित करता है तो हमारा शरीर बीमार होता जाता है। एक्यूप्रेशर इसी शारीरिक ऊर्जा को सुचारू रूप से प्रवाहित करने में मदद करता है। जिससे हमारे शरीर से बीमारियां दूर रहती हैं। इस चायनीज थेरिपी में शरीर के विभिन्न अंगों पर प्रेशर देकर स्ट्रेस और दर्द को दूर किया जाता है। ची थ्योरी में इस बात पर विश्वास किया जाता है कि जब शरीर या पैरों की मसाज की जाती है तो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति का शरीर टच होता है, जिससे एक व्यक्ति की शारीरिक ऊर्जा दूसरे व्यक्ति में ट्रांसफर होती है।
और पढ़ें : आपका मोटापा दे सकता है घुटनों में दर्द, जानें कैसे?
एक्यूपंक्चर (Acupuncture) क्या है?
एक्यूपंक्चर दर्द से छुटकारा दिलाने की नैचुरल पेन रिलीफ टेक्नीक है। इस विधि के दौरान शरीर के कुछ खास पॉइंट में सुई चुभाई जाती है। जिस जगह पर सुई चुभाई जाती हैं, उन्हें प्रेशर पॉइंट कहते हैं। आजकल दर्द से राहत पाने के लिए एक्यूपंक्चर का उपयोग किया जा रहा है। एक्यूपंक्चर से हमारी सेहत बूस्ट होती है और कई तरह की बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। एक्यूपंक्चर को सिरदर्द, ब्लड प्रेशर या खांसी के इलाज के लिए भी उपयोग किया जाता है।
एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्चर में अंतर क्या हैं? (Difference between Acupressure and Acupuncture)
एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्चर (Acupressure and Acupuncture) में अंतर आप दोनों की परिभाषा में समझ गए होंगे, लेकिन एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्चर में अंतर और भी हैं, इसलिए आइए जानते हैं कि एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्चर में अंतर क्या हैं :
- एक्यूप्रेशर को हाथों और कुछ मेटल या लकड़ी के उपकरणों की मदद से किया जाता है। इसमें हाथ, पैर, कोहनी आदि के एक्यूप्रेशर वाले स्थान पर प्रेशर बनाया जात है। जबकि एक्यूपंक्चर (Acupuncture) में बालों की तरह पतली सूई को शरीर के जोड़ों या दर्द वाले स्थान पर चुभाई जाती है।
- एक्यूप्रेशर में एक निश्चित मात्रा में दबाव डाला जाता है। जिससे मांसपेशियों में तनाव कम होता है और ब्लड सर्क्युलेशन अच्छा होता है। जबकि एक्यूपंक्चर में शरीर के एक निश्चित भाग में सुई चुभाई जाती है। जिससे हमें दर्द से राहत मिलती है।
- ची थ्योरी के बारे में हम ऊपर बात कर चुके हैं। एक्यूप्रेशर शारीरिक ऊर्जा को सर्कुलेट करने में मदद करता है। उदाहरण के तौर पर देखा जाए तो हमारे पैर के अंगूठे और उंगली के बीच में जो जगह होती है वह हमारे लिवर से संबंधित होती है। अगर लिवर में कोई समस्या है तो पैर में उस स्थान पर प्रेशर देने से धीरे-धीरे वो समस्या कम होने लगेगी। इस तरह से एक्यूप्रेशर शरीर के बाहर से दी जाने वाली थेरिपी है, जबकि एक्यूपंक्चर शरीर के अंदर सुई चुभा कर दी जाने वाली थेरिपी है।
- एक्यूप्रेशर में जेल या तेल से मसाज के साथ प्रेशर देने वाली थेरिपी है। एक्यूपंक्चर को कई तरीकों से किया जाता है। जैसे- हीट, प्रेशर और लेजर विधि से सुइयों के साथ थेरिपी दी जाती है।
- एक्यूप्रेशर में दबाव बनाकर दर्द को दूर किया जाता है, जैसे- पीरियड क्रैम्प, मायोफेशियल पेन, दांतों का दर्द, सिरदर्द आदि। एक्यूप्रेशर कराने से व्यक्ति को डर नहीं लगता है और वह रिलैक्स महसूस करता है। जबकि एक्यूपंक्चर में सुई से डरने वाले लोग थेरिपी नहीं करा पाते हैं। क्योंकि एक्यूपंक्चर की थेरिपी सुई से ही की जाती है।
और पढ़ें : ये स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कमर दर्द से दिलाएंगी छुटकारा
एक्यूप्रेशर (Acupressure) काम कैसे करता है?
एक्यूप्रेशर करने वाला व्यक्ति अपनी उंगलियों, हथेलियों, कोहनी या पैरों की मदद से शरीर के एक्यूप्वॉइंट पर प्रेशर बनाता है। प्रेशर के साथ ही स्ट्रेचिंग या मसाज भी किया जाता है। एक्यूप्रेशर के दौरान आपको एक मसाज टेबल पर लेटने के लिए कहा जाता है। एक्यूप्रेशर करने वाले प्रोफेशनल इसके बाद शरीर के एक्यू प्वॉइंट्स पर प्रेशर देना शुरू करते हैं। ये लगभग एक घंटे तक का सेशन होता है। हमारे पैरों और शरीर के अंगों का आपस में कनेक्शन होता है। एक्यू प्वॉइंट पर प्रेशर देने से हमारे अंगों को आराम मिलता है। इसके अलावा हमारे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन दुरुस्त होता है और शरीर में एंडॉर्फिन रिलीज होता है। एंडॉर्फिन नैचुरल पेन रिलीवर है।
एक्यूपंक्चर (Acupuncture) काम कैसे करता है?
एक्यूपंक्चर एक प्राचीन चायनीज इलाज है। जो कई तरह की बीमारियों के इलाज के तौर पर किया जाता है। एक्यूपंक्चर में व्यक्ति की त्वचा पर बाल जितनी पतली सुई चुभाई जाती है। जो त्वचा की सतह पर ही रहती है, लेकिन वह किसी न किसी नर्व से जुड़ी रहती है जो कि हमारे अंगों तक जाते हैं। एक्यूपंक्चर में प्रयोग होने वाली सुई जब त्वचा में चुभाई जाती है तो वह उस स्ठान पर थोड़ी सी चोट करती है, जो की अमूमन हमें पता नहीं चलती है। ये हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम को स्टीम्यूलेट करने में मदद करता है। जिससे ब्लड सर्क्युलेशन, घाव का भरना और दर्द में कमी आती है।
और पढ़ें : वजन घटाने के लिए यूज कर रहे हैं सेब का सिरका? तो एक बार उसके नुकसान भी जान लें
एक्यूप्रेशर के फायदे क्या हैं? (Benefits of Acupressure)
- तनाव और चिंता को कम करता है
- दर्द को कम करता है
- मूड ठीक करता है
- अगर आपकी तबियत खराब है तो हाथों और पैरों की मसाज आपको जल्दी ठीक होने में मदद करता है
- इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है
- कैंसर से लड़ने में मदद करता है
- बैक्टीरियल इंफेक्शन से भी बचाता है
- साइनस को ठीक करने में मदद करता है
- पीठ दर्द से राहत दिलाता है
- हॉर्मोन को संतुलित करता है
- फर्टिलिटी को बढ़ाता है
- पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है
- आर्थराइटिस पेन को ठीक करता है
- नर्व की समस्या को दूर करने के साथ सुन्नपन से भी राहत पहुंचाता है
एक्यूपंक्चर के फायदे क्या हैं? (Benefits of Acupuncture)
- हाय और लो ब्लड प्रेशर ठीक होता है
- पेट संबंधी समस्याओं में आराम मिलता है
- पीरियड क्रैम्प से राहत मिलती है
- पेचिश (dysentery)
- फेशियल पेन
- मॉर्निंग सिकनेस
- रयूमेटाइड आर्थराइटिस
- मोच
- टेनिस एल्बो
- स्याटिका
- दांतों में दर्द
- स्ट्रोक के रिस्क को कम करता है
- लेबर पेन में राहत देता है
क्या गर्भवती महिला के लिए लेबर के लिए एक्यूपंक्चर करना चाहिए?
लेबर के लिए एक्यूपंक्चर सही है या नहीं, इस बारे में रिसर्च हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक एक्यूपंक्चर से किसी भी तरह के नुकसान के बारे में जानकारी नहीं मिली है। हां एक्यूपंक्चर से मिलने वाले लाभ के कई प्रमाण मिल चुके हैं। लेबर के लिए एक्यूपंचर की हेल्प से समय से पेन आने शुरू हो जाते हैं।
एक्यूपंक्चर विधि न्यूरोसाइंस पर बेस्ड रहती है। एक्यूपंक्चर के दौरान निडिल नर्व, कनेक्टिव टिशू और मसल्स को स्टिमुलेट कर ब्लड फ्लो को बढ़ाने का काम करती है। इस कारण ब्रेन में सिग्नल पहुंचता है जो एंडोर्फिन को रिलीज करने का काम करता है। एंडोर्फिन को नैचुरल पेनकिलर के रूप में भी जाना जाता है। एक अन्य सिद्धांत में ये बात सामने आई है कि एक्यूपंचर शरीर में आने वाली सूजन को भी कम करने का काम करता है। फिर भी आप लेबर के लिए एक्यूपंक्चर का उपयोग करने से पहले एक आप अपने डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें।
और पढ़ें : प्रेग्नेंसी के दौरान योग और व्यायाम किस हद तक है सही, जानें यहां
लेबर पेन कम करने में एक्यूपंक्चर कैसे काम करता है?
लेबर के लिए एक्यूपंक्चर का उपयोग इसलिए किया जाता है क्योंकि एक्यूपंचर प्रेग्नेंट लेडी की बॉडी को लेबर के लिए स्टीमुलेट करता है। निडिल्स को शरीर में इंजेक्ट करने से प्रोस्टाग्लैडिंस रिलीज होता है जो कि ग्रीवा को परिपक्व करता है और संकुचन को प्रेरित करने का काम करता है। इस दौरान हार्मोन प्राकृतिक रूप से निकलते हैं। कुछ डॉक्टर्स लेबर के लिए एक्यूपंचर को ‘लेबर प्रिपरेशन’ भी कहते हैं। एक्यूपंचर की हेल्प से प्रेग्नेंट लेडी को रिलैक्स फील होता है। एक्यूपंक्चर उन लोगों के लिए उपयोगी साबित हो सकता है जिन्हें मेडिसिन से साइडइफेक्ट का खतरा रहता है।