ट्यूबरक्यूलॉसिस या टीबी एक गंभीर संक्रामक रोग है जो अधिकतर फेफड़ों को ही प्रभावित करता है। हालांकि यह समस्या शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकती है। ट्यूबरक्यूलॉसिस का कारण बनने वाले बैक्टीरिया एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसी और छींक के माध्यम से हवा में छोड़ी गई ड्रॉपलेट से फैलते हैं। यह रोग जानलेवा हो सकता है, लेकिन कई मामलों में, इसका उपचार और रोकथाम संभव है। ट्यूबरक्यूलॉसिस कई प्रकार का होता है। इस समस्या के निदान और उपचार के लिए इसके बारे में पूरी जानकारी होना जरूरी है। आइए, जानते हैं ट्यूबरक्यूलॉसिस के प्रकार (Types of Tuberculosis) कौन-कौन से हैं। लेकिन, शुरुआत करते हैं इसके कारणों और लक्षणों से।
ट्यूबरक्यूलॉसिस के कारण कौन से हैं? (What causes Tuberculosis)
माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्यूलॉसिस ( Mycobacterium Tuberculosis) मुख्य ट्यूबरक्यूलॉसिस बैक्टीरियम (Bacterium) है। इस बैक्टीरियम से संक्रमित अधिकतर लोगों को कभी एक्टिव ट्यूबरक्यूलॉसिस यानी टीबी नहीं होता। लेकिन, कुछ लोगों में एक्टिव टीबी विकसित हो सकता है। एक्टिव टीबी की संभावना बच्चों, और नवजात शिशुओं में अधिक होती हैं। इसके साथ ही जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती हैं, उनमें भी इसकी संभावना अधिक रहती है। एक कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता, छींकता या हंसता है तो टीबी बैक्टीरियम हवा के माध्यम से फैल सकता है।
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द जोहन्स हॉपकिंस हॉस्पिटल (The Johns Hopkins Hospital) के अनुसार अगर आप ट्यूबरक्यूलॉसिस से बचना चाहते हैं तो जिस व्यक्ति को यह समस्या है ,उसके साथ समय बिताते हुए फेस मास्क पहनें। अगर आप ऐसी जगह काम करते हैं, जहां आपको यह समस्या अधिक होने की संभावना है। जैसे अगर आप एक हेल्थ वर्कर हैं और टीबी संक्रमित लोगों के संपर्क में रहते हैं तो नियमित रूप से अपना चेकअप कराएं। टीबी का खतरा इन स्थितियों और लोगों में बढ़ सकता है:
- लोग जो टीबी से संक्रमित लोगों के साथ रहते हैं या उनके साथ काम करते हैं (People who Live or Work with Others who have TB)
- ऐसे देशों के नागरिक जहां टीबी एक सामान्य बीमारी है (People From Countries where TB is more Common)
- शराब का सेवन करने वाले (People who abuse Alcohol)
- लोग जो इंजेक्शन ड्रग का प्रयोग करते हैं (People who use Injection Drugs)
- कमजोर इम्युनिटी वाले लोग (People with a Weak Immune System)
- जिन लोगों को HIV, कैंसर आदि रोग हों या जो ऐसी दवाइयां ले रहे हों जो इम्यून सिस्टम को सप्रेस करती हैं (Who have HIV, Cancer or are Taking Medicines that Suppress the Immune System)
- बहुत छोटे बच्चे या बुजुर्ग (Very Young Children and Older Adults)
ट्यूबरक्यूलॉसिस के लक्षण (Symptoms of Tuberculosis)
ट्यूबरक्यूलॉसिस के प्रकार (Types of Tuberculosis) से पहले इनके लक्षणों के बारे में जानकारी होना भी आवश्यक है। क्योंकि, यह लक्षण हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकते हैं। इसके सबसे सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- लंबे समय से होने वाली खांसी जो हफ्तों तक रहती है (Prolonged Cough Lasting Weeks)
- छाती में दर्द (Chest Pain)
- थकावट या कमजोर महसूस होना (Feeling Tired and Weak)
- भूख न लगना (Loss of Appetite)
- अचानक वजन कम होना (Unintended Weight Loss)
- बच्चों में पुअर ग्रोथ (Poor Growth in Children)
- बुखार (Fever)
- खांसी में बलगम या खून आना (Coughing Blood or Sputum)
- रात में पसीना आना (Night Sweats)
- सांस लेने में समस्या (Shortness of Breath)
- पीठ में दर्द (Back Pain)
ट्यूबरक्यूलॉसिस के लक्षण अन्य लंग कंडीशंस या हेल्थ प्रॉब्लम्स जैसे हो सकते हैं। इसलिए इसके निदान के लिए डॉक्टर से बात करें। अब जानते हैं ट्यूबरक्यूलॉसिस के प्रकार (Types of Tuberculosis) के बारे में।
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ट्यूबरक्यूलॉसिस के प्रकार कौन से हैं? (Types of Tuberculosis)
ट्यूबरक्यूलॉसिस जब लंग्स को प्रभावित करता है, तब इसे पल्मोनरी ट्यूबरक्यूलॉसिस कहा जाता है और जब यह लंग्स के बाहर होता है, तब उसे एक्स्ट्रापल्मोनरी ट्यूबरक्यूलॉसिस कहते हैं। इसे एक्टिव या लेटेंट में भी वर्गीकृत किया जाता है। एक्टिव टीबी संक्रामक होता है और उसके कई लक्षण भी नजर आ सकते हैं। लेकिन, लेटेंट में कोई भी लक्षण नजर नहीं आते हैं और न ही यह संक्रामक होता है। जानिए ट्यूबरक्यूलॉसिस के प्रकार (Types of Tuberculosis) के बारे में विस्तार से:
एक्टिव ट्यूबरक्यूलॉसिस (Active Tuberculosis)
ट्यूबरक्यूलॉसिस के दो मुख्य प्रकार हैं प्रकार एक्टिव और लेटेंट टीबी। एक्टिव टीबी को कई बार टीबी डिजीज भी कहा जाता है। इसके होने पर रोगी में कई लक्षण नजर आते हैं और यह संक्रामक है। एक्टिव टीबी के लक्षण इस चीज पर निर्भर करते हैं कि यह पल्मोनरी है या एक्स्ट्रापल्मोनरी। एक्टिव टीबी के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं
- अचानक वजन का कम होना (Unexplained Weight Loss)
- भूख न लगना (Loss of Appetite)
- बुखार (Fever)
- ठण्ड लगना (Chills)
- थकावट (Fatigue)
- रात को पसीना आना (Night Sweats)
एक्टिव ट्यूबरक्यूलॉसिस का अगर अच्छे से उपचार न कराया जाए, तो यह जान के लिए जोखिम हो सकता है।
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लेटेंट ट्यूबरक्यूलॉसिस (Latent Tuberculosis)
इस ट्यूबरक्यूलॉसिस के प्रकार (Types of Tuberculosis) को लेटेंट टीबी कहा जाता है। अगर आपको लेटेंट टीबी इंफेक्शन है, इसका अर्थ है कि आपके शरीर में टीबी बैक्टीरिया तो हो सकता है, लेकिन यह इनएक्टिव होता है। यानी, आपको इसके कोई लक्षण महसूस नहीं होते। लेटेंट ट्यूबरक्यूलॉसिस एक्टिव ट्यूबरक्यूलॉसिस में बदल सकता है। यह जोखिम उन लोगों में अधिक होता है, जिन लोगों में किसी बीमारी या अंडरलाइंग कंडीशन के कारण इम्युनिटी कमजोर होती है। अब जानते हैं एक्टिव ट्यूबरक्यूलॉसिस के प्रकारों के बारे में:
पल्मोनरी ट्यूबरक्यूलॉसिस (Pulmonary Tuberculosis)
पल्मोनरी ट्यूबरक्यूलॉसिस एक एक्टिव टीबी है, जो लंग से संबंधित है। किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आकर हवा के माध्यम से आप इस टीबी का शिकार हो सकते हैं। क्योंकि इसके रोगाणु हवा में कई घंटों तक रहते हैं। इस टीबी से प्रभावित व्यक्ति इन लक्षणों का अनुभव भी कर सकता है:
- लगातार खांसी जो हफ्ते या इससे भी अधिक समय तक रह सकती है (Persistent Cough Lasting Three Weeks or Longer)
- खांसी में खून आना (Coughing up Blood)
- खांसी में बलगम (Coughing up Phlegm)
- छाती में दर्द (Chest Pain)
- सांस लेने में समस्या (Shortness of Breath)
एक्स्ट्रापल्मोनरी ट्यूबरक्यूलॉसिस (Extrapulmonary Tuberculosis)
एक्स्ट्रापल्मोनरी ट्यूबरक्यूलॉसिस एक्टिव टीबी का ही दूसरा प्रकार है, जिसमे फेफड़ों के बाहर के हिस्से शामिल होते हैं जैसे बोन या ऑर्गन्स। कई बार इसके लक्षण शरीर के प्रभावित भाग पर निर्भर करते हैं। जानिए एक्स्ट्रापल्मोनरी ट्यूबरक्यूलॉसिस कितनी तरह के होते हैं:
टीबी लिम्फैडेनाइटिस (TB lymphadenitis)
टीबी लिम्फैडेनाइटिस एक्स्ट्रापल्मोनरी के सबसे सामान्य प्रकार है और इसमें लिम्फ नॉड्स (Lymph Nodes) शामिल हैं। यह सर्वाइकल लिम्फ नोड्स (Cervical Lymph Node) को प्रभावित करता है, जो हमारी गर्दन की लिम्फ नोड्स हैं। लेकिन, इसके कारण कोई भी लिम्फ नोड प्रभावित हो सकती है। केवल लिम्फ नोड्स में सूजन ही है जिससे आप इस समस्या को नोटिस कर सकते है। लेकिन TB लिम्फैडेनाइटिस के कारण यह समस्याएं भी हो सकती हैं:
- बुखार (Fever)
- थकावट (Fatigue)
- अचानक वजन कम हों (Unexplained Weight Loss)
- रात को पसीना आना-(Night Sweats)
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स्केलेटल ट्यूबरक्यूलॉसिस (Skeletal Tuberculosis)
स्केलेटल टीबी को बोन टीबी भी कहा जाता है। यह वो टीबी है, जो फेफड़ों या लिम्फ नोड्स से हड्डियों तक फैलता है। इस ट्यूबरक्यूलॉसिस के प्रकार (Types of Tuberculosis) में कोई भी हड्डियां प्रभावित हो सकती हैं, जिसमें स्पाइनल और जोड़ भी शामिल हैं। स्केलेटल ट्यूबरक्यूलॉसिस दुर्लभ हैं। शुरुआत में स्केलेटल टीबी के कोई लक्षण नहीं नजर आते हैं। लेकिन, समय के साथ इसके लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:
- गंभीर पीठ में दर्द (Severe Back Pain)
- अकड़न (Stiffness)
- सूजन (Swelling)
- एब्सेस (Abscesses)
- बोन डिफोर्मिटीज (Bone Deformities)
मिलियरी ट्यूबरक्यूलॉसिस (Miliary Tuberculosis)
एक्स्ट्रापल्मोनरी ट्यूबरक्यूलॉसिस के प्रकार (Types of Tuberculosis) में अगला है मिलियरी टीबी। यह टीबी का वो प्रकार है जो हमारे शरीर में फैलता है और एक या कई अंगों को प्रभावित करता है। इस तरह का टीबी फेफड़े, बोन मैरो और लिवर आदि पर अधिक असर डालता है। हालांकि, यह शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता है, जिसमें स्पाइनल कॉर्ड, दिमाग और दिल भी शामिल हैं। मिलियरी टीबी जनरल एक्टिव टीबी के लक्षण का कारण बन सकता है और इसके लक्षण शरीर के अंगों पर निर्भर करते हैं। जैसे अगर आपकी बोन-मैरो प्रभावित है तो आपको लौ रेड ब्लड की समस्या हो सकती है।
जेनिटोयुरनयरी ट्यूबरक्यूलॉसिस (Genitourinary Tuberculosis)
यह टीबी एक्स्ट्रापल्मोनरी टीबी का दूसरा सबसे सामान्य प्रकार है। यह हमारे गुप्तांग (Genitals) या यूरिनरी ट्रैक्ट (Urinary Tract) को प्रभावित कर सकता है लेकिन यह अधिकतर किडनी पर असर डालता है यह आमतौर पर रक्त या लिम्फ नोड्स के माध्यम से फेफड़ों में फैलता है। ट्यूबरक्यूलॉसिस के प्रकार (Types of Tuberculosis) में यह टीबी इंटरकोर्स के माध्यम से भी फैल सकता है। इस टीबी से प्रभावित व्यक्ति को पीनस या जेनिटल ट्रैक्ट में ट्यूबरक्यूलॉसिस अल्सर हो सकता है। इसके अन्य लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि इससे शरीर का कौन सा अंग प्रभावित हुआ है। यह लक्षण इस प्रकार हैं :
- टेस्टिकुलर स्वेलिंग (Testicular Swelling)
- मूत्र त्याग में दर्द (Painful Urination)
- यूरिन का कम फ्लो (Decreased Flow of Urine)
- पेल्विक पैन (Pelvic Pain)
- पीठ में दर्द (Back Pain)
- सीमेन वॉल्यूम में कमी (Decreased Semen Volume)
- इनफर्टिलिटी (Infertility)
लिवर ट्यूबरक्यूलॉसिस (Liver Tuberculosis)
इस ट्यूबरक्यूलॉसिस के प्रकार (Types of Tuberculosis) को हिपेटिक (Hepatic) भी कहा जाता है। यह समस्या तब होती है जब टीबी के कारण लिवर प्रभावित होता है। लिवर टीबी फेफड़े, गेस्ट्रोएंट्राइटिस ट्रैक्ट (gastrointestinal tract), लिम्फ नोड्स (Lymph nodes) आदि से लिवर में फैल सकता है। इसके लक्षण इस प्रकार हैं:
- अधिक बुखार (High-Grade Fever)
- लिवर एंलार्जेमेंट (Liver Enlargement)
- पीलिया (Jaundice)
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गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्यूबरक्यूलॉसिस (Gastrointestinal Tuberculosis)
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल टीबी वो टीबी इंफेक्शन है जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। इसके लक्षण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की समस्या जैसे ही जाते हैं जैसे क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) इसके लक्षण इस प्रकार हैं
- एब्डोमिनल पैन (Abdominal Pain)
- भूख में समस्या (Loss of Appetite)
- वजन का कम होना (Weight Loss)
- बॉवेल हैबिट्स में बदलाव जैसे डायरिया या कब्ज (Change in Bowel Habits, such as Diarrhea or Constipation)
- जी मिचलाना (Nausea)
- उल्टी आना (Vomiting)
टीबी मेनिंजाइटिस (TB Meningitis)
टीबी मेनिंजाइटिस (TB Meningitis) को मेनिंजयल ट्यूबरक्यूलॉसिस (Meningeal Tuberculosis) भी कहा जाता है। टीबी मेनिंजाइटिस मेनिंजेस (Meninges) तक फैलता है, जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के आसपास के मेमब्रेन हैं। इसके लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं :
- खुजली और दर्द (Aches and Pains)
- थकावट (Fatigue)
- भूख में कमी (Loss of Appetite)
- लगातार सिरदर्द (Persistent Headache)
- हल्का बुखार (Low-Grade Fever)
- जी मचलाना और उल्टी (Nausea and Vomiting)
स्थिति गंभीर होने पर यह समस्याएं हो सकती हैं:
- गंभीर सिरदर्द (Severe Headache)
- गले में अकड़न (Neck Stiffness)
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TB पेरिटोनाइटिस (TB Peritonitis)
ट्यूबरक्यूलॉसिस के प्रकार (Types of Tuberculosis) में यह TB पेरिटोनाइटिस वो टीबी है, जो पेरिटोनियम (Peritoneum) में सूजन का कारण बन सकता है। पेरिटोनियम (Peritoneum) टिश्यू की एक परत है जो आपके पेट के अंदर और उसके अधिकांश अंगों को कवर करती है। बुखार इसका मुख्य लक्षण है, लेकिन इसके अन्य लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं
- जी मचलाना (Nausea)
- उल्टी (Vomiting)
- भूख में कमी (Loss of Appetite)
क्यूटेनियस ट्यूबरक्यूलॉसिस (Cutaneous Tuberculosis)
क्यूटेनियस ट्यूबरक्यूलॉसिस (Cutaneous Tuberculosis) त्वचा को प्रभावित करता है और बहुत ही दुर्लभ है। इस ट्यूबरक्यूलॉसिस के प्रकार (Types of Tuberculosis) के भी विभिन्न टायप्स हैं, जो शरीर के अन्य भागों में फैलते हैं। यह टीबी शरीर के कई अंगों तक फैल सकता है जैसे कोहनी (Elbows), हाथ (Hand), घुटनों के पीछे का भाग (Area Behind the Knees) आदि। इसके कारण होने वाले घाव इस प्रकार हो सकते हैं:
- बिना दर्द के (Painless)
- पर्पल और ब्राउन रेड (Purplish or Brownish-Red)
- देखने में फोड़ों की तरह (Wart-like in Appearance)
- छोटे बम्प्स (Small Bumps)
- अल्सर (Ulcers)
- एब्सेस (Abscess)
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ट्यूबरक्यूलॉसिस का निदान कैसे संभव है? (Diagnosis of Tuberculosis)
लेटेंट टीबी से प्रभावित व्यक्ति को कोई भी लक्षण नहीं होते हैं। लेकिन, टेस्ट इस संक्रमण की पुष्टि करते हैं। अगर आपको लगता है कि आपको इस समस्या की संभावना अधिक है, तो नियमित रूप से इसका टेस्ट कराएं। डॉक्टर इस रोग के निदान के लिए रोगी से लक्षणों और मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही शारीरिक जांच भी की जाती है। टीबी बैक्टीरिया की उपस्थिति को जानने के लिए यह टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है, जैसे:
- टीबी स्किन टेस्ट (TB Skin Test)
- टीबी ब्लड टेस्ट (TB Blood Test
हालांकि, इन टेस्ट से ट्यूबरक्यूलॉसिस के प्रकार (Types of Tuberculosis) का पता नहीं चलता है। एक्टिव टीबी के निदान के लिए डॉक्टर स्प्यूटम टेस्ट और चेस्ट-एक्स रे कराया जाता है। टीबी से पीड़ित व्यक्ति को उपचार की जरूरत होती है फिर चाहे यह एक्टिव हों या लेटेंट।
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ट्यूबरक्यूलॉसिस का उपचार कैसे होता है? (Treatment of Tuberculosis)
ट्यूबरक्यूलॉसिस के शुरुआती निदान और सही एंटीबायोटिक्स से टीबी का उपचार संभव है। एंटीबायोटिक कब तक लेनी है और उपचार कितने समय तक चलेगा यह चीज इन सब पर निर्भर करती है:
- व्यक्ति की उम्र और संपूर्ण स्वस्थ्य (The Person’s age and Overall Health)
- ट्यूबरक्यूलॉसिस के प्रकार (Types of Tuberculosis)
- इंफेक्शन की लोकेशन (Location of the Infection)
लेटेंट टीबी में एंटीबायोटिक लेना शामिल है। एक्टिव टीबी के उपचार में अन्य दवाइयां लेने की सलाह दी जा सकती है। टीबी होने की स्थिति में उपचार का पूरा कोर्स करना जरूरी है। क्योंकि, अगर इसके उपचार को बीच में ही छोड़ दिया जाता है तो कुछ बैक्टीरिया सर्वाइव कर जाते हैं और एंटीबायोटिक दवाओं के लिए प्रतिरोधी बन जाते हैं। टीबी शरीर के किस भाग में हैं, इसके अनुसार डॉक्टर कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स (Corticosteroids) की सलाह भी दे सकते हैं।
ट्यूबरक्यूलॉसिस से बचने के लिए क्या करें? (Prevention of Tuberculosis)
इस समस्या का उपचार ट्यूबरक्यूलॉसिस के प्रकार (Types of Tuberculosis) के अनुसार होता है। लेकिन टीबी का जल्दी निदान और बचाव भी संभव है। इसके लिए आपको इन चीजों का ध्यान रखना चाहिए:
- उन लोगों से दूरी बना कर रखें, जो इस समस्या से पीड़ित हैं।
- अगर आप ऐसी जगह पर काम कर रहे हैं जहां टीबी होने की संभावना अधिक है तो मास्क का प्रयोग करें, मुंह को ढक कर रखें और बंद कमरे में काम करने से बचें।
- टीबी के लिए वैक्सीनेशन कराएं।
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यह तो थी ट्यूबरक्यूलॉसिस और ट्यूबरक्यूलॉसिस के प्रकार (Types of Tuberculosis) की पूरी जानकारी। इस समस्या के कई अलग-अलग लक्षण होते हैं और कई बार उनका निदान मुश्किल हो जाता है। हालांकि, अगर एक बार इनका निदान होता है, तो सही और जल्दी उपचार से जटिलताओं से बचा जा सकता है। सही उपचार और जीवनशैली में सुधार के साथ भविष्य में भी इससे पीड़ित लोग क्वालिटी लाइफ जी सकते हैं और इस समस्या से पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं।