आजकल लोगों में इंटरमिटेंट डायट का काफी क्रेज दिखाई देता है। इंटरमिटेंट डायट को लोग फॉलो करते हैं, लेकिन सही तरीका पता न होने के कारण उन्हें इंटरमिटेंट फास्टिंग डायट का असर होता दिखाई नहीं देता। ज्यादातर लोग 16/8 इंटरमिटेंट फास्टिंग डायट ही अपनाते हैं, इसलिए हम इस आर्टिकल में 16/8 इंटरमिटेंट फास्टिंग डायट के बारे में ही बात करेंगे, लेकिन इससे पहले जान लीजिए कि इस बारे में न्यूट्रीशनिस्ट का क्या कहना है?
इस बारे में मुंबई के फोर्टिस हॉस्पिटल, मुलुंद की एचओडी और न्यूट्रिशन थेरिपी एक्सपर्ट रसिका परब के साथ हैलो स्वास्थ्य की बातचीत हुई। उन्होने कहा कि “आज के ट्रेंड में लोग वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग डायट अपना रहे हैं। जो काफी हद तक बहुत सुरक्षित और सफल भी है। इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) एक तरह से डायट का शेड्यूल है जिसमें थोड़ी-थोड़ी देर में खाना खाया जाता है, इसे ‘इंटरमिटेंट कैलोरी रेस्ट्रिक्शन’ भी कहा जा सकता है। इस दौरान अधिकतर लोग ‘क्या खाना है’ के बजाय ‘कब खाना है’, इस पर ज्यादा ध्यान देते हैं और यही वजह है कि उनके इस शेड्यूल को “डायट” का रूप नहीं माना जा सकता है।”
रसिका परब ने आगे बताया कि “ध्यान देने वाली बात है कि डायट में खाने के पैटर्न या अनुसूची के रूप पर जोर दिया जाता है। किसी भी डायट प्लान में तीन प्रमुख घटक होते हैं- क्या खाना है और क्या नहीं, खाने की गुणवत्ता क्या है और कब खाना है। इंटरमिटेंट फास्टिंग डायट शेड्यूल वजन घटाने के लिए ज्यादा भरोसेमंद मानी जाती है। फास्टिंग के दौरान शरीर का फैट कोशिकाओं को ऊर्जा प्रदान करता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।”
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इंटरमिटेंट डायट फॉलो करने के हैं कई तरीके
16/8 इंटरमिटेंट फास्टिंग डायट
इस विधि के तहत आपको एक दिन में 16 घंटे का उपवास रखना होगा और 8 घंटे के लिए भोजन करना होगा। इस 8 घंटे में आपको तीन से चार बार खाना खाना होगा। इसके अलावा, आप अपने उपवास के दौरान गैर-कैलोरी पेय जैसे पानी, चीनी मुक्त नींबू का रस, ग्रीन टी आदि भी पी सकते हैं। इसे टाइम रेस्ट फीडिंग भी कहा जाता है।
5:2 इंटरमिटेंट फास्टिंग डायट
इस विधि में हफ्ते में 2 दिन उपवास करना होता है। बाकी के 5 दिन सामान्य रूप से खाना खा सकते हैं।
वॉरियर डायट
वॉरियर डायट की विधि के तहत आपको पूरे दिन में बहुत कम कैलोरी वाले आहार खाने होते हैं, जबकि रात में कैलोरी से भरपूर भोजन खाना आप खाते हैं।
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इंटरमिटेंट डायट का फायदा क्या है?
- कुछ अध्ययन बताते हैं कि उपवास करने पर खून में इंसुलिन का स्तर कम हो जाता है, जिससे वजन कम होता है।
- इंटरमिटेंट डायट में उपवास से टाइप-2 डायबिटीज और अन्य मोटापे से संबंधित जोखिमों को भी कम किया जा सकता है।
इंटरमिटेंट डायट की कमियां भी हैं
- लंबे समय तक उपवास करने से बेसल मेटाबोलिक रेट (बीएमआर) कम होता है, जिससे फैट जमा हो सकता है और वजन भी बढ़ सकता है।
- उपवास करने से भूख भी बढ़ सकती है या एक बार में ही अधिक भोजन खा सकते हैं, क्योंकि उपवास के लंबे घंटों के बाद बहुत भूख लगी रहती है।
- उपवास के कारण आपको थकान, कमजोरी और चिड़चिड़ापन भी महसूस हो सकता है।
इंटरमिटेंट डायट को अपनाने से पहले रखें इन बातों का ख्यालः
- किसी भी डायट प्लान को शुरू करने से पहले, किसी अनुभवी न्यूट्रीशनिस्ट की राय जरूर लें।
- ध्यान रखें कि डायट प्लान कभी भी दो लोगों के लिए समान नहीं हो सकता है। यह हर किसी के शारीरिक स्वास्थ्य, चिकित्सा की स्थितियों और जरूरत के आधार पर तय की जाती है।
- जब भी स्वास्थ्य की बात आती है तो सोशल मीडिया पर आंख बंद करके भरोसा न करें। डॉक्टर से मिलें।
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16/8 इंटरमिटेंट डायट की शुरुआत कैसे करें?
इंटरमिटेंट फास्टिंग डायट एक आसान और सुरक्षित डायट है :
- शुरुआत करने के लिए, आठ घंटे की लिमिट तय करें। अपने भोजन का सेवन सिर्फ आठ घंटे में सीमित करें।
- बहुत से लोग दोपहर और रात 8 बजे के बीच खाना पसंद करते हैं, क्योंकि इसका मतलब है कि आपको केवल रात भर उपवास करना होगा और नाश्ता करना होगा, लेकिन फिर भी आप दिन भर में कुछ स्नैक्स के साथ-साथ संतुलित लंच और डिनर भी ले सकते हैं।
- इसके अलावा अन्य लोग सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे के बीच भोजन करना पसंद करते हैं, जो सुबह 9 बजे के आसपास हेल्दी नाश्ता करते हैं। दोपहर के समय एक सामान्य लंच और शाम को 4 बजे के आसपास हल्का नाश्ता कर सकते हैं। इसके अलावा आप अपनी सुविधा के अनुसार उपवास रख सकते हैं।
- जब भी आप भोजन करते हैं, तो यह कहा जाता है कि आप ब्लड शुगर लेवल को मेनटेन रखने और भूख को भी कंट्रोल करने वाला भोजन करें। इसलिए आप जब भी इंटरमिटेंट डायट करें तो इस बात का खास ध्यान रखें कि आपको हेल्दी चीजें ही खाना है। इसके अलावा, अपने इंटरमिटेंट डायट में हेल्दी फूड्स को जरूर शामिल करें। आप अपने डायट में शुरुआत में सिर्फ पोषक तत्वों को ही शामिल करें। ताकि आप बाद में वो चीजें भी खा सकें, जो आप खाना चाहते हैं।
16/8 इंटरमिटेंट डायट के दौरान एक संतुलित आहार लेने के लिए निम्न चीजों को अपने डायट प्लान में जरूर शामिल करें :
- सब्जियां: ब्रोकली, फूलगोभी, खीरा, पत्तेदार सब्जियां, टमाटर आदि।
- फल: सेब, केला, जामुन, संतरा, आड़ू, नाशपाती, आदि।
- वसा या फैट: जैतून का तेल, एवोकाडो और नारियल तेल आदि।
- साबुत अनाज: क्विनोआ, चावल, जई, जौ, आदि।
- प्रोटीन: मांस, चिकन, मछली, फलियां, अंडे, नट्स, बीज, आदि।
खूब पानी पिएं, क्योंकि ये जीरो कैलोरी ड्रिंक है। ऐसे में आप लो कैलोरी या जीरो कैलोरी की चाय और कॉफी भी पी सकते हैं। बस इस बात का ध्यान रखें कि किसी भी तरह से शरीर को डिहाइड्रेट नहीं होने देना है। 16 घंटे के उपवास के दौरान आप पानी पीते रहें और बॉडी को हाइड्रेट रखें।
अंत में 16/8 इंटरमिटेंट डायट शुरू करने से पहले ये बात गांठ बांध लें कि अगर आप आठ घंटे के दौरान कुछ भी जंक फूड खाते हैं तो आपकी डायटिंग पूरी तरह से बेकार हो जाएगी। इसके अलावा आपके स्वास्थ्य को नुकसान भी पहुंचेगा। इसके साथ ही हमेशा हेल्दी डायट लें।
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16/8 इंटरमिटेंट डायट के फायदे क्या हैं?
16/8 इंटरमिटेंट डायट एक लोकप्रिय डायट है, क्योंकि इसमें लंबे समय तक भूखा नहीं रहना होता है। जैसा कि पहले ही बताया गया है कि दिन में आठ घंटे खाने के बाद शाम से लेकर रात तक 16 घंटे नहीं खाना होता है। इसलिए इस डायट को करना काफी आसान और आरामदायक होता है।
16/8 इंटरमिटेंट डायट सुविधाजनक भी है, क्योंकि यह हर रोज खाना पकाने और उसे तैयार करने में होने वाले खर्च व समय की बचत भी करता है। 16/8 इंटरमिटेंट डायट के फायदे के बारे में जान कर आप हैरान रह जाएंगे, लेकिन आपको पहले बता दें कि इसके फायदे आपको तुरंत नहीं नजर आएंगे। 16/8 इंटरमिटेंट फास्टिंग डायट के फायदे आपको लंब समय में नजर आएंगे, इसलिए धैर्य बनाकर रखें।
तेजी से वजन घटाती है 16/8 इंटरमिटेंट फास्टिंग डायट
16/8 इंटरमिटेंट डायट न सिर्फ कुछ घंटे के लिए बल्कि एक दिन की कैलोरी लेने की मात्रा को भी कम करता है। कुछ अध्ययनों के मुताबिक 16/8 इंटरमिटेंट फास्टिंग डायट से हमारा मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है जो तेजी से वजन को कम करने में मदद करता है।
16/8 इंटरमिटेंट फास्टिंग डायट ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करती है
इंटरमिटेंट फास्टिंग डायट पर हुई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि जब हम उपवास रखते हैं तो हमारे शरीर में इंसुलिन का लेवल 31% तक कम होता है। वहीं, बल्ड शुगर का लेवल भी 3-6% तक कम होता है। इससे व्यक्ति को डायबिटीज होने का रिस्क बहुत हद तक कम हो जाता है।
16/8 इंटरमिटेंट डायट उम्र को बढ़ाती है
इंसानों पर बहुत सीमित लेकिन, जानवरों पर किए गए रिसर्च में ये बात सामने आई है कि 16/8 इंटरमिटेंट डायट करने से उम्र में इजाफा होता है। क्योंकि हमारा मेटीबॉलिज्म तेजी से बूस्ट होता है, जिससे हमें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं नहीं होती है। जिससे उम्र लंबी होती है।
16/8 इंटरमिटेंट डायट के नुकसान क्या हैं?
16/8 इंटरमिटेंट फास्टिंग डायट के कई स्वास्थ्य के फायदे हैं, लेकिन इस डायट में कुछ कमियां भी हैं, जो सभी के लिए सही नहीं हो सकती है :
- हर रोज केवल आठ घंटे के लिए खाने का सेवन करने के रिस्ट्रिक्शन के चलते लोग ज्यादा खा जाते हैं। कहने का मतलब यह है कि लोगों के मन में एक भ्रम रहता है कि हम आठ घंटे में जितना चाहें उतना खा सकते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। जितनी भूख हो हमें उतना ही आठ घंटों में खाना चाहिए।
- अगर हम आठ घंटे खाने के दौरान अनहेल्दी भोजन करते हैं तो उससे हमें पाचन समस्या हो सकती है। इसके अलावा हमारा वजन भी बढ़ सकता है।
- 16/8 इंटरमिटेंट फास्टिंग डायट शुरू करने के बाद कुछ समय के लिए निगेटिव साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं। जब आप 16/8 इंटरमिटेंट फास्टिंग डायट शुरू करते हैं तो शुरुआत में आपको भूख लगना, कमजोरी और थकान महसूस होने जैसी समस्या हो सकती है।
- इसके अलावा, कुछ शोध बताते हैं कि 16/8 इंटरमिटेंट फास्टिंग डायट पुरुषों और महिलाओं को अलग-अलग तरह से प्रभावित कर सकती है। जानवरों के अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार कि यह महिलाओं में फर्टिलिटी और प्रजनन में परेशानी पैदा कर सकती है। इसलिए हमेशा आप अपने डॉक्टर की सलाह पर ही इंटरमिटेंट डायट की शुरूआत करें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई मेडिकल जानकारी नहीं दे रहा है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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