चलते हुए किसी चीज के कारण संतुलन बिगड़ना बेहद सामान्य है। लेकिन, क्या आप उन लोगों के बारे में कल्पना कर सकते हैं, जो अपने शरीर का बैलेंस नहीं बना पाते? उम्र का बढ़ना शरीर में बैलेंस न बना पाने का एक कारण है। हमारे शरीर में बैलेंस यानी संतुलन होना उतना आवश्यक है। जब बात वर्कआउट की आती है तो उसमे कुछ बैलेंस एक्सरसाइजेज (balance exercises) बहुत ही महत्व रखती हैं। बैलेंस एक्सरसाइजेज शरीर की स्थिति को नियंत्रित करने और उसे स्थिर करने की क्षमता में सुधार करती हैं। उसी तरह शरीर की लिए जरूरी है फ्लेक्सिबिलिटी, यानी शरीर में लचीलापन। ये केवल खिलाडियों या जिमनास्टस के लिए ही जरूरी नहीं है। बल्कि, हर व्यक्ति के लिए यह अवश्यक है। अगर आप फ्लेक्सिबल हैं तो आपको कई फायदे होते हैं जैसे आप अच्छी तरह से हिल-डुल सकते हैं, चोट का जोखिम और मांसपेशियों में खिंचाव कम होता है और रक्त की आपूर्ति बढ़ती है। अपने शरीर में लचीलापन बढ़ाने के लिए फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज (flexibility exercise) आपकी मदद कर सकती हैं।
आज हम जानेंगे कि हमारे जीवन में हम कैसे बैलेंस और फ्लेक्सिबिलिटी (Balance and flexibility) की कमी को पूरा कर सकते हैं। वो कौन सी एक्सरसाइज हैं, जिनकी मदद से हम बैलेंस और फ्लेक्सिबिलिटी (Balance and flexibility) पा सकते हैं और हेल्दी रह सकते हैं। लेकिन इसकी शुरुआत करते हैं बॉडी के बैलेंस के साथ। चलिए जानते हैं बैलेंस एक्सरसाइजेज (balance exercises) के बारे में पूरी जानकारी।
बैलेंस एक्सरसाइजेज (balance exercises) और उन्हें करने का सही तरीका और सही समय क्या होता है?
हमें हर काम करने में बैलेंस की जरूरत होती है फिर वो चाहे सैर करना हो, झुक कर अपने जूते के फीते बांधना हो या कुर्सी से ऊपर उठना हो। अपने बैलेंस को सुधारने के लिए आप कुछ आसान एक्सरसाइजेज का सहारा ले सकते हैं। यही नहीं, आप इन संतुलन को सुधारने वाले व्यायाम को दिन में कभी भी कर सकते हैं। चलिए बैलेंस और फ्लेक्सिबिलिटी (Balance and flexibility) में अब जान लेते हैं इन बैलेंस एक्सरसाइज़ के बारे में।
चेयर सीट्स (chair sits)
यह बैलेंस एक्सरसाइज (balance exercise) सुनने में सिंपल लग सकती है, लेकिन इतनी सिंपल है नहीं। इसे करने के लिए आपका खुद पर पूरी तरह से नियंत्रण होना चाहिए।
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कैसे करें
- इस संतुलन को सुधारने वाले व्यायाम को करने के लिए एक चेयर यानी कुर्सी लें और उसकी तरफ पीठ कर के सीधे खड़े हो जाएं।
- इस दौरान आपके पैरों के बीच में अंतर होना चाहिए। अपनी बाजुओं को आप सीधा रख सकते हैं।
- अब धीरे से कुर्सी पर बैठे।
- एक सेकंड तक बैठे रहें।
- उसके बाद फिर, अपनी एड़ी के माध्यम से वापस ऊपर खड़े होने के खुद को पुश करें।
- इस प्रक्रिया को दोहराएं।
टाइटरोप वाक (tightrope walk)
आपने तमाशा दिखाने वाले लोगों को पतली सी रस्सी पर चलते हुए अवश्य देखा होगा। उनका बैलेंस बहुत अच्छा होता है। अपने बैलेंस, पोस्चर और स्ट्रेंथ को सुधारने के लिए आपको भी कुछ ऐसा ही करना है।
कैसे करें
- इस आसान सी बैलेंस एक्सरसाइज (balance exercise) को करने के लिए आप बिलकुल सीधा जमीन पर खड़े होना है।
- अपने बाजुओं को दोनों तरफ फैला लें या सीधा रख लें।
- अब सीधी लाइन में चलना शुरू करें। जैसे ही आप अपने पैर जो जमीन से ऊपर उठाएं एक या दो सेकंड का पॉज लें।
- इस तरह से कई बार प्रक्रिया को दोहराएं।
क्वॉड स्ट्रेच (Quad Stretch)
अपनी एक टांग पर बैलेंस करने के लिए यह बैलेंसिंग एक्सरसाइज बेहतरीन है। इसे ट्राय करना न भूलें।
कैसे करें
- इस बैलेंस एक्सरसाइज (balance exercise) को करने के लिए जमीन पर सीधे खड़े हो जाएं और आपके पैरों के बीच में अंतर होना चाहिए।
- अब अपने दाहिने पैर पर संतुलन बनाते हुए अपने बाएं हाथ से अपने बाएं टखने को पकड़ें और अपने पैर को ऊपर खींच लें।
- आपको अपनी जांघ में खिंचाव महसूस होना चाहिए।
- 30 सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें, फिर पैरों को स्विच करके दूसरे पैर के साथ इसे दोहराएं।
साइड लेग रेज (Side Leg Raise)
अगर आप इस एक्सरसाइज को ठीक से करेंगे, तो आप अपने संतुलन के साथ एब्स में भी परिवर्तन पाएंगे।
कैसे करें
- इस बैलेंस एक्सरसाइज (balance exercise) को करने के लिए जमीन पर सीधा खड़े हो जाए और आपके पैरों के बीच में कुछ अंतर होना चाहिए।
- आप इस एक्सरसाइज के लिए कुर्सी का प्रयोग कर सकते हैं।
- अपने एक हाथ को अपनी कमर पर रखें और दूसरे से कुर्सी को पकड़ें। अगर आप कुर्सी का प्रयोग नहीं कर रहें हैं, तो आप इस सीधा भी रख सकते हैं।
- अब अपनी दायी टांग को ऊपर उठायें और जितनी आपकी क्षमता है उतना दायी और ले कर जाएं।
- 30 सेकंडस तक इसी स्थिति में रहें, उसके बाद दूसरी टांग के साथ इस एक्सरसाइज को दोहराएं।
हील राइजेज (heel raises)
यह बैलेंस एक्सरसाइज (balance exercise) टखने और घुटने के जोड़ों को मजबूत करने के लिए बहुत अच्छी है। इस एक्सरसाइज की सुंदरता यह है कि आप इसे कहीं भी कर सकते हैं।
कैसे करें
- सीधे खड़े हो जाएं ताकि आपके पैरों के बीच में कुछ अंतर हो।
- अगर आपको संतुलन बनाने में समस्या है तो आप कुर्सी का प्रयोग कर सकते हैं।
- अब अपने पैर की एड़ियों को एक साथ ऊपर उठायें और अपने पैर की उंगलियों पर संतुलन बनाने की कोशिश करें।
- कुछ समय तक ऐसे ही रहें इसके बाद एड़ियों को जमीन पर रख दें और इसे दोहराएं।
बैलेंस एक्सरसाइजेज के फायदे (benefits of balance exercise)
बैलेंस और फ्लेक्सिबिलिटी (Balance and flexibility) में बैलेंस हमारे द्वारा किये गए किसी भी मूवमेंट का आधार है। जब हम अपने दोनों पैरों पर खड़े होते हैं तो हमने बैलेंस बनाया होता है। लेकिन, कई बार उम्र के बढ़ने या अन्य कारणों से बैलेंस बनाने या बनाए रखने में समस्या आ सकती है। ऐसे में, जानिए बैलेंस एक्सरसाइजेज के फायदे (benefits of balance exercises) क्या हैं।
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उम्र के बढ़ने से संतुलन की समस्या को दूर करे
जब हमारी उम्र बढ़ती है तो सबसे बड़ी समस्या होती है शरीर का बैलेंस न बना पाना। संतुलन एक जटिल स्किल है, जिसमें दिमाग, मांसपेशियों और शरीर के कुछ हिस्से शामिल होते हैं। अगर आप बैलेंस और फ्लेक्सिबिलिटी (Balance and flexibility) एक्सरसाइज नहीं करते हैं तो इन सब अंगों में समन्वय समय के साथ बिगड़ सकता है। इन सब अंगों में समन्वय और शरीर का संतुलन बनाए रखने में बैलेंस एक्सरसाइजेज (balance exercises) बहुत जरूरी हैं।
गिरने से बचाए
बैलेंस एक्सरसाइजेज (balance exercises) करने से आप अपने कोर और अंगों को अच्छे से कंट्रोल कर पाते हैं। इससे न केवल आपको चलने में आसानी होगी बल्कि आप बार-बार गिरने की समस्या से भी बच सकते हैं।
पोस्चर को सुधारे
बिगड़ते लाइफस्टाइल या उम्र के कारण लोगों के पोस्चर में भी बदलाव होता है। लेकिन, बैलेंस एक्सरसाइजेज (balance exercises) करने से आप अपने पोस्चर को सुधार सकते हैं।
घाव हों जल्दी ठीक
बहुत से एथलिटस को पैर और टखने में अक्सर चोट लग जाती है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग बैलेंस एक्सरसाइज (balance exercise) करते हैं वो इन चोटों से जल्दी उबरते हैं। यही नहीं संतुलन को सुधारने वाला व्यायाम (exercise for balance) करने से इन चोटों की संभावना भी कम हो जाती है।
वर्कआउट टाइम बढ़ सकता है
बैलेंस और फ्लेक्सिबिलिटी (Balance and flexibility) में बैलेंस एक्सरसाइजेज (balance exercises) करने से आपका संतुलन बढ़ता है जिससे आप अधिक समय वर्कआउट कर पाएंगे। यही नहीं, यह व्यायाम मस्कुलर पावर को बढ़ाने, मसल्स को मजबूत बनाने में भी मददगार है।
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उम्र के अनुसार बैलेंस एक्सरसाइज (balance exercise)
बैलेंस एक्सरसाइज (balance exercise) करना हर उम्र में जरूरी है फिर चाहे बच्चे हों, युवा या बुजुर्ग। लेकिन, जब बच्चा चलना शुरू करता है और जब मनुष्य बुजुर्ग हो जाता है उस समय उन्हें बैलेंस एक्सरसाइजेज (balance exercises) की जरूरत और भी अधिक होती है। जानिए उम्र के अनुसार कौन सी बैलेंस एक्सरसाइज करनी चाहिए।
बच्चों के लिए बैलेंस एक्सरसाइज (balance exercise for kids)
अगर आपके घर में कोई बच्चा है तो उसे उस उम्र से बैलेंस एक्सरसाइज (balance exercise) करना सिखाएं, ताकि पूरी उम्र वो इसका पालन करे। बच्चों के लिए बैलेंस एक्सरसाइज (balance exercise for kids) इस प्रकार हैं:
सीढ़ियों पर चढ़ना-उतरना (Walk up and down stairs)
अगर आपका बच्चा चलना जानता है तो सीढ़ियों पर चढ़ना- उतरना उसके लिए बेहतरीन बैलेंस एक्सरसाइज है। ऐसे करने पर वो अपने एक पैर पर बैलेंस करना सीखता है।
लैडर ब्रिज (Ladder Bridge)
आप अपने बच्चे को एक लैडर ब्रिज यानी लकड़ी के पुल के ऊपर से वाक करने दे सकती हैं। ऐसा करने से भी उसका बैलेंस सुधरेगा। बच्चों के लिए ऐसे ब्रिज आमतौर पर पार्क में मिल जाते हैं।
सायकल चलाना (Ride a bicycle)
ऐसा माना जाता है न कि साइकिल में अगर आप बैलेंस कर लेते हों, तो आप किसी भी चीज को बैलेंस कर सकते हो। ऐसे में सायकल चलाना बच्चों के लिए सबसे अच्छा कार्डियो भी है और संतुलन को सुधारने वाला व्यायाम (exercise for balance) भी।
एक पैर पर खड़े रहना (Stand on one leg)
हालांकि, यह बहुत ही आसान व्यायाम है लेकिन बच्चों के लिए यह चुनौती भरा हो सकता है। अगर बच्चे को इस करने में मुश्किल हो रही हो तो आप उसे किसी चीज या दिवार का सहारा लेने दें।
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सीनियर्स के लिए बैलेंस एक्सरसाइजेज (balance exercises for seniors)
एक सर्वे के अनुसार सीनियर्स में गिरने और चोट लगने के मामले अक्सर बहुत अधिक आते हैं। हालांकि गिरने का कारण फिसलना या अन्य भी हो सकता है। लेकिन, इसका बड़ा कारण बुजुर्गों में बैलेंस की कमी है। इसलिए बैलेंस और फ्लेक्सिबिलिटी (Balance and flexibility)में कुछ ऐसी बैलेंस एक्सरसाइजेज (balance exercises) हैं, जो बैलेंस को सुधारने में मदद कर सकती हैं, जैसे:
बैक लेग राइजेज (Back Leg Raises)
सीनियर्स के लिए यह स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और बैलेंस एक्सरसाइज (balance exercise) उनके निचले हिस्से खासतौर पर उनके पीठ के निचले हिस्से को मजबूत बनाती है।
कैसे करें:
- बैक लेग राइजेज को करने के लिए सबसे पहले सीधा खड़े रहें।
- अब अपनी एक टांग को सीधा पीछे की तरफ ले जाएं।
- इस दौरान न तो आपके घुटने या ही आपके पैर की उंगलियां मुड़ी हुई होनी चाहिए।
- इसी स्थिति में कुछ देर रहें और उसके बाद अपनी टांग को वापस आरामदायक स्थिति में ले आएं।
- इस प्रक्रिया को दूसरी टांग के साथ दोहराएं।
वॉल पुशअप्स (wall pushups)
इस बैलेंस एक्सरसाइज (balance exercise) को करना आसान है और यह बहुत प्रभावी भी है।
कैसे करें
- एक दिवार के सामने सीधा खड़े हो जाएं।
- आपके और दिवार के बीच में आपकी बाजु के जितना अंतर होना चाहिए।
- अब थोड़ा सा आगे झुकें और अपनी हथेलियों को दिवार पर रख दें।
- अब अपने शरीर को दिवार की तरफ धकेलें।
- इसी तरह से धीरे से अपने आप को पीछे ले जाएं ताकि आपकी बाजुएं सीधी हो जाएं।
- इस प्रक्रिया को बार-बार दोहराएं।
ट्री पोज
ट्री पोज यानी वृक्षासन आपकी एड़ियों को मजबूत करता है, आपके संतुलन को बेहतर बनाता है, और आपके कोर को बढ़ाता है।
कैसे करें
- ट्री पोज करने के लिए जमीन पर सीधा खड़े हो जाएं। आपके पैर जुड़े होने चाहिए।
- अब धीरे-धीरे अपने बायें पैर को अपने दाएं पैर की जांघ की अंदर की तरफ रख दें और दाएं पैर पर ही संतुलन बनाएं।
- अब अपनी बाजुओं को अपने सामने ले आएं और नमस्कार की मुद्रा में रखे रहें।
- कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद दूसरे पैर के साथ इस मुद्रा को दोहराएं।
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किन हेल्थ कंडिशन में कौन सी बैलेंस एक्सरसाइजेज (balance exercises) फायदेमंद हैं?
कुछ हेल्थ कंडीशंस में बैलेंस एक्सरसाइजेज(balance exercises) बहुत अधिक लाभदायक हैं जैसे :
पार्किंसंस रोग में लेग राइजेज (leg rises)
पार्किंसंस रोग नर्वस सिस्टम में होने वाली बीमारी है, जो कई शारीरिक गतिविधियों को प्रभावित करती है। इससे हाथों में कंपकंपी, पूरे शरीर में अकड़न या शरीर को बैलेंस करने में समस्या होती है। अगर आपको यह समस्या है तो आप चेयर राइजेज बैलेंस एक्सरसाइज (balance exercise) ट्राय कर सकते हैं।
कैसे करें:
- इस बैलेंस एक्सरसाइज (balance exercise) को करने के लिए जमीन पर सीधा खड़े हो जाए और अपने पास एक कुर्सी रख लें।
- अपने एक हाथ को अपनी कमर पर रखें और दूसरे हाथ से कुर्सी को पकड़ें।
- अब अपनी बाई टांग को ऊपर उठाएं और उसे दाई तरफ ले कर जाएं।
- कुछ देर तक इसी स्थिति में रहें, उसके बाद दूसरी टांग के साथ इस एक्सरसाइज को दोहराएं।
घुटने के गठिया के लिए फॉरवर्ड बेंड (Forward Bend)
घुटने के गठिया होने की स्थित में रोगी को घुटने में दर्द, जलन और सूजन आदि का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में इस बैलेंस एक्सरसाइज को अपनाएं।
कैसे करें
- इस करने के लिए सीधा खड़ा हो जाएं ताकि आपके पैरों के बीच में थोड़ा अंतर हो।
- अब अपनी कमर से जमीन की तरफ झुकें और अपने पैरों की उंगलियों को छुनें की कोशिश करें।
- जितना संभव हो सके उतना ही नीचे जाएं और अपनी बाजुओं को ढीला छोड़ दें।
- इसी स्थिति में कुछ देर रहने के बाद पहले की मुद्रा में आ जाएं और इस दोहराएं।
स्ट्रोक रिकवरी में बैलेंस एक्सरसाइज (balance exercise)
यदि आप स्ट्रोक के बाद चलने में समस्या महसूस कर रहे हैं तो यह समस्या मांसपेशियों की कमजोरी हो सकती है, लेकिन इसका कारण संतुलन भी हो सकता है। ऐसे में कुछ बैलेंस एक्सरसाइजेज (balance exercises) आपके लिए लाभदायक हो सकती है जैसे हील राइजेज, सिंगल लेग स्टैंड और हील टू टो वाकिंग।
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हील टू टो वॉकिंग
- इसे करना बेहद आसान है। इसमें आप किसी साफ जगह पर इस तरह से चलते हैं कि अपने एक पैर की एड़ी को अपने दूसरे पैर के पंजे के सामने रखें।
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शारीरिक रूप से फिट रहना हम सभी के लिए आवश्यक है और जब उम्र बढ़ती है तो हमारी ज़रूरतें बदल सकती हैं। ऐसे में, बैलेंस एक्सरसाइजेज (balance exercises) करना सीमित मोबिलिटी को समायोजित करता है, आपको सक्रिय रखने और शरीर के संतुलन को सुधारने में मदद कर सकता है। लेकिन, किसी भी व्यायाम को करने से पहले डॉक्टर और किसी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
ये तो थी बैलेंस एक्सरसाइज़ की बात, अब हम जानेंगे फ्लेक्सिबिलिटी से जुड़ी ऐसी एक्सरसाइज़ के बारे में, जो आपके शरीर को लचीला बनाने में मदद करेंगी। चलिए बैलेंस और फ्लेक्सिबिलिटी (Balance and flexibility) में अब जान लेते हैं फ्लेक्सिबिलिटी के महत्व को।
फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने वाली एक्सरसाइज कौन सी हैं? इन्हें करने का सही तरीका जानें
खेलते या कोई इंटेंस वर्कआउट करते हुए सही स्ट्रेचिंग(stretching) होना जरूरी है। ऐसे ही चोट को रोकने के लिए भी लचीलापन बेहद जरूरी है। एथलेटिक गतिविधि से पहले स्ट्रेचिंग मांसपेशियों को व्यायाम के लिए तैयार करने में मदद करती है। चलिए जान लेते हैं बैलेंस और फ्लेक्सिबिलिटी (Balance and flexibility) में वो कौन सी आसान फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज (flexibility exercise) हैं, जो आप रोजाना कर सकते हैं।
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फॉरवर्ड लंजेस (forward lunges)
बैलेंस और फ्लेक्सिबिलिटी (Balance and flexibility) में यह फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज(flexibility exercise) बेहद आसान और प्रभावी है।
कैसे करें:
- इसे करने के लिए सबसे पहले दाएं पैर को आगे रखते हुए, बाएं पैर को मोड़ें।
- पीठ को सीधा रखते हुए आगे की ओर ऐसे झुकें कि कमर में खिंचाव महसूस हो।
- इसी स्थिति में कुछ देर रहें। उसके बाद दूसरी टांग के साथ इसे दोहराएं।
साइड लंजेस (Side Lunges)
फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज(flexibility exercise) की लिस्ट में दूसरी है साइड लंजेस। इसे करने के लिए भी आपको अधिक समय नहीं चाहिए।
कैसे करें:
- इसे करने के लिए आपको इस तरह से खड़े होना है कि आपके पैरों में थोड़ा अंतर हो।
- अब अपने बाएं घुटने को मोड़ते हुए बाईं ओर झुक जाएं।
- इस दौरान अपनी पीठ और दाहिना पैर सीधा रखें।
- इसी स्थिति में कुछ सेकंड रहें और फिर इसे दूसरी टांग के साथ दोहराएं।
स्टैंडिंग क्वाड स्ट्रेच (Standing Quad Stretch)
इस स्ट्रेचिंग (stretching) एक्सरसाइज के लिए आपको दिवार या कुर्सी की जरूरत पड़ सकती है।
कैसे करें
- किसी दीवार या कुर्सी को पकड़ कर उसके सहारे खड़े रहें।
- अब अपने दाएं पैर को कूल्हे के पीछे से मोड़ लें।
- इस दौरान दोनों घुटनों को पास-पास रखने की कोशिश करें।
- पांच सेकंड के लिए इसी स्थिति में रखें।
- उसके बाद दूसरी टांग के साथ दोहराएं।
नीज टू चेस्ट (Knees to chest)
यह फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज (flexibility exercise) करने बेहद सरल तो है ही फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने के लिए बहुत उपयोगी है।
कैसे करें:
- इसे करने के लिए घुटने मोड़कर पीठ के बल लेट जाएं।
- अब घुटनों के ऊपरी हिस्से को पकड़ें और उन्हें धीरे से हिलाते हुए अपनी छाती की ओर लाएं।
- कुछ सेकंड ऐसे ही रहने के बाद पहली स्थिति में आ जाएं और इसे दोहराएं।
कोबरा पोज (cobra pose)
इस पोज को करने से आपके पेट और पीठ की मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग(stretching) होगी।
कैसे करें:
- इसे करने के लिए नीचे फर्श पर आगे की ओर मुंह करते हुए पेट के बल लेटें। इस समय अपने हाथों को सीधे आगे रखें।
- अपने पैरों को पीछे की तरफ फैलाएं और अपने पैर की उंगलियों को सीधा करें ।
- जैसे ही आप सांस छोड़ेंगे, अपनी छाती को ऊपर उठाएं और अपने कूल्हों को फर्श की तरफ ले जाएं।
- 15 से 30 सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें और फिर दोहराएं।
घर पर की जाने वाली फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइजेज (flexibility exercises) और करने का सही तरीका और समय
बैलेंस और फ्लेक्सिबिलिटी (Balance and flexibility) में फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज(flexibility exercise) को आप घर पर किसी भी समय कर सकते हैं। इन्हें करने के लिए आपको किसी खास उपकरण या जिम की जरूरत नहीं है। सुबह के समय करना अधिक प्रभावी होगा। जानिए इन एक्सरसाइजेज के बारे में:
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बटरफ्लाई स्ट्रेच (Butterfly stretch)
बटरफ्लाई स्ट्रेच आपके शरीर के निचले हिस्से के लिए बेहद लाभदायक है।
कैसे करें
- इसे करने के लिए सबसे पहले एक मैट पर बैठ जाएं और बैठे हुए आपकी मुद्रा किसी ध्यान लगाने की स्थिति में होनी चाहिए।
- अपने पैरों को एक साथ लाएं ताकि आपके तलवे आपस में स्पर्श करें और आपके घुटने विपरीत दिशा में झुकें।
- रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें, अपने पैरों को पकड़ें, फिर धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें।
- धीरे से अपनी कोहनी के साथ अपनी जांघों को तब तक नीचे धकेलें, जब तक कि आप अपने भीतर की जांघों के साथ खिंचाव महसूस न करें।
- 15 से 30 सेकंड के लिए इसी स्थिति में रहें और फिर से इस दोहराएं।
स्टैंडिंग हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच (Standing Hamstring Stretch)
पीठ की दर्द के लिए यह स्ट्रेचिंग (stretching) बहुत अच्छी है। जो लोग ज्यादातर बैठ कर काम करते हैं, उन्हें इसे अवश्य करना चाहिए।
कैसे करें
- इसे करने के लिए आप इस तरह से जमीन पर खड़े हो कि आपके पैरों में थोड़ा अंतर रहे।
- अब सांस अंदर लें और अपने सिर को नीचे झुकाते हुए आगे झुकें।
- अपनी पीठ सीधी और सिर, गर्दन और कंधों को आरामदायक स्थिति में रखें।
- अपने हाथों को अपने पैरों के पीछे रखें और 1-2 मिनट तक धीरे से दबाव डालें।
- कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद आराम की स्थिति में आ जाएं।
काऊ कैट पोज (Cow cat pose)
काऊ कैट पोज को मार्जरासन भी कहा जाता है।
कैसे करें:
- मार्जरासन करने के लिए आप सबसे पहले फर्श पर एक योगा मैट को बिछा कर अपने दोनों घुटनों को टेक कर बैठ जाएं।
- अपने हाथों को जमीन पर आगे रखें और अपने हाथों पर भाग डालते हुए कूल्हों को ऊपर उठायें।
- अब अपनी टांगों को सीधा करते हुए 90 डिग्री का कोण बनाए।
- इस मुद्रा में आपकी स्थिति एक बिल्ली की तरह होगी।
- अब सांस लें और सिर को पीछे कि तरफ झुकाएं और रीढ़ की हड्डी के निचले भाग को ऊपर उठाएं।
- अब सांस छोड़ें और सिर को नीचे करें व अपनी ठुड्डी को छाती से लगाने कि कोशिश करें।
- इस स्थिति में घुटनों के बीच देखने की भी कोशिश करें।
- अब सिर को पीछे कर के इस प्रक्रिया को दोहराएं।
डाउनवार्ड डॉग (Downward dog)
यह फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज (flexibility exercises) करने से आपकी हैमस्ट्रिंगस, पीठ और एब्स को फायदा होगा।
कैसे करें
- इसे करने के लिए अपने पैरों को सीधा जमीन में इस तरह से रखें कि एक ट्रायंगल बने।
- इस समय आपके कूल्हे ऊपर की तरफ होने चाहिए और आपकी हथेली नीचे जमीन पर दबाव ड़ाल रही हों।
- श्वास लें और अपने पैरों और कूल्हों को अपनी पीठ और बाजुओं की तरफ स्ट्रेच करें।
फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइजेज के फायदे (benefits of flexibility exercises)
फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज (flexibility exercise) करने से आपका लचीलापन सुधरेगा। जिससे आपको कई शारीरिक लाभ होंगे। जैसे:
चोट लगने का खतरा हो कम
जैसे ही आपके शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी और स्ट्रेंथ बढ़ती है। वैसे ही आप अधिक फिजिकल स्ट्रेस को झेलने में सक्षम हो जाते है। ऐसे में, चोट का खतरा कम हो जाता है।
दर्द दूर भागे
एक बार जब आप अपनी मांसपेशियों की स्ट्रेंथ बढ़ती है तो आपके शरीर को बेहतर महसूस होता है। जब आपकी मांसपेशियां लूज और कम टेंस होती हैं, तो आपको कम दर्द का अनुभव होगा। साथ ही, आपको मांसपेशियों में ऐंठन का अनुभव होने की संभावना कम हो सकती है।
पोस्चर और बैलेंस सुधरे
फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज (flexibility exercise) करने से जब आपकी मांसपेशियों में फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ेगी, तब आपका पोस्चर भी सुधरेगा। इससे आपको सही एलाइनमेंट और असंतुलन को दूर करने में भी मदद मिलेगी।
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सकारात्मक रहे दिमाग
रोजाना फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज (flexibility exercise) करने से आप रिलैक्स महसूस करेंगे। फ्लेक्सिबिलिटी के साथ ही स्ट्रेंथ भी बढ़ेगी जिससे आप फिजिकल फिट तो होंगे ही साथ में आपके शरीर को मूवमेंट में भी आसानी होगी।
बिगनर्स के लिए फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज (flexibility exercise for beginners) कौन सी होनी चाहिए?
अगर आप व्यायाम की शुरुआत करना चाहते हैं, तो शुरू में आप अधिक इंटेंसिटी वाले व्यायाम नहीं कर सकते। ऐसे में बैलेंस और फ्लेक्सिबिलिटी (Balance and flexibility) में शुरुआत में कुछ फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइजेज (flexibility exercises) आपके लिए सहायक साबित होंगी। जैसे:
ट्राइसेप्स स्ट्रेच (Triceps stretch)
- सबसे पहले आप ट्राइसेप्स स्ट्रेच करें, जिसे आप बैठ या किसी भी अन्य स्थिति में कर सकते हैं।
- अगर आप खड़े हो कर इसे कर रहे हैं तो इस तरह खड़े हों कि आपके पैरों में अंतर हो।
- अपनी बाजुओं को सिर के ऊपर ले जाएं।
- अपनी दाहिनी कोहनी को मोड़ें और इस अपनी पीठ के बीच के ऊपरी हिस्से को छुएं।
- अपने बाएं हाथ के ऊपरी हिस्से तक पहुंचाएं और अपनी दाहिनी कोहनी को ठीक बीच से पकड़ें।
- कुछ समय ऐसे रहने के बाद दूसरे हाथ के साथ दोहराएं।
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साइड बेंड स्ट्रेच(Side bend stretch)
- जमीन पर इस तरह से बैठे कि आपकी टांगे एक साथ और पीठ सीधी हो।
- अपने बाएं पैर को बाहर की तरफ बढ़ाएं। इसे अपने शरीर के परपेंडिकुलर रखें।
- अपने दाहिने हाथ को उपर की ओर बढ़ाएं।
- अपने बाएं हाथ को बाएं पैर पर टिकाएं और धीरे से अपने धड़ और दाहिने हाथ को बाईं ओर मोड़ें।
- इसी स्थिति में कुछ देर रहें और फिर से दोहराएं।
सीटेड टो टच (seated toe touch)
यह स्ट्रेचिंग (stretching) व्यायाम हैमस्ट्रिंग और पीठ के निचले हिस्से के लिए अच्छा है। यह हैमस्ट्रिंग स्ट्रेस को दूर करता है, रीढ़ को फ्लेक्सिबल बनाता है, और कूल्हों की गति में सुधार करता है।
कैसे करें
- इस फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज (flexibility exercise) को करने के लिए पैरों के बल सीधे फर्श पर बैठें और पैरों को एक दूसरे के बगल में रखें।
- धीरे-धीरे आगे झुकें और पैर की उंगलियों को हाथों से छुएं।
- 10-30 सेकंड के लिए स्थिति में रहें और उसके बाद सामान्य पोजीशन में आ जाएं।
बच्चों के लिए फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज (flexibility exercise for kids)
बच्चे भी फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज (flexibility exercise) कर सकते हैं। इन कुछ व्यायामों से उनके शरीर और दिमाग दोनों को फायदा होगा।
चाइल्ड’स पोज़ (Child’s pose)
फुल स्ट्रेचिंग (stretching) में यह पोज बच्चे की मदद करेगा और स्ट्रेस दूर करने में मददगार है।
कैसे करें
- इस करने के लिए घुटनों के सहारे जमीन पर बैठ जाएं। इस दौरान घुटने अलग-अलग हों लेकिन पंजे एक-दूसरे को छू रहे हों।
- फर्श पर माथा लगाने के लिए आगे झुकें।
- हथेलियों को आगे बढ़ाते हुए हाथों को सिर के सामने फैला दें।
- शरीर के निचले आधे हिस्से को इस तरह हिलाएं कि कूल्हे एड़ी से स्पर्श करें।
- इस मुद्रा में धीरे-धीरे श्वास लें और छोड़ें और इसे लगभग 30 सेकंड तक रोकें।
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हैंड स्ट्रेचिंग (hand stretching)
हैंड स्ट्रेचिंग हाथों की फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइजेज (flexibility exercises) की लिस्ट में फायदेमंद है।
कैसे करें
- इस एक्सरसाइज को करने के लिए आपको सीधा खड़ा होना है।
- अपने हाथों को अपने सिर के ऊपर सीधा ले जाएं।
- हाथों की मुट्ठियों को खोल दें, फिर से बंद करें।
- ऐसे ही हाथों को आराम की स्थिति में नीचे ले जाएं। इसे दोहराएं।
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स्टैंडिंग काफ स्ट्रेच (Standing calf stretch)
यह व्यायाम फ्लेक्सिबिलिटी में सुधार, सोरनेस को कम करने और चोट के जोखिम को कम करने में। सक्रिय बच्चों के लिए व्यायाम विशेष रूप से अच्छा हो सकता है।
कैसे करें
- इस व्यायाम को करने के लिए एक दीवार से तीन फीट दूर बिलकुल सामने खड़े हो जाओ।
- सहारा लेने के लिए अपने दोनों हाथों को दिवार पर रखें।
- इसमें दायां पैर आगे बढ़ाएं, जबकि बायां पैर पीछे की ओर खिंचता है।
- अब टांगों को इस तरह से स्ट्रेच करें कि काफ मसल्स सही तरीके से खींचे।
- कुछ समय तक इस स्थिति में रहें और फिर दूसरे पैर के साथ दोहराएं।
किन हेल्थ कंडिशन में फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइजेज (flexibility exercises) नहीं की जा सकती हैं
- चोट लगने पर : अगर आपको कोई चोट लगी है, तो आपको फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइजेज(flexibility exercises) करने की सलाह नहीं दी जा सकती, क्योंकि इससे समस्या बढ़ सकती है।
- अस्थमा : अगर आपको व्यायाम से प्रेरित अस्थमा है तो भी आपको यह एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए या डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें।
- सांस संबंधी समस्या :अगर आपको सांस संबंधी कोई समस्या है तो भी डॉक्टर की सलाह के बाद ही इन्हें करें।
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बैलेंस और फ्लेक्सिबिलिटी (Balance and flexibility) में फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज (flexibility exercise) करने के लिए सही तकनीक का पता होना जरूरी है। यही नहीं, इन्हें करने से पहले वार्मअप जरूर करें जैसे थोड़ी सैर। स्ट्रेचिंग(stretching) धीरे से करें। इसके साथ ही अगर आपको कोई समस्या है तो इस करने से पहले या फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज (flexibility exercise) करने के बाद कोई परेशानी होती है तो तुरंत अपने डॉक्टर या विशेषज्ञ से सम्पर्क करें।
इस तरह ये बैलेंस और फ्लेक्सिबिलिटी (Balance and flexibility) एक्सरसाइज आपके शरीर की बेहतरी के लिए आपकी मदद कर सकती हैं। यदि आप भी एक फ्लेक्सिबल, लेकिन बैलेंस बॉडी पाना चाहते हैं, तो इन एक्सरसाइज को करना आपके लिए फ़ायदे का सौदा साबित होगा।
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