मंजू तनाव से गुजर रही थी। किसी से बात नहीं करना, हमेशा किसी सोच में डूबे रहना उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन गया था। जिससे घर में एक अजीब सी खामोशी छाई रहती थी। मंजू खुद को तनाव में महसूस करती थी। एक दिन उनकी सहेली नीतू उनके घर पर आई और उसका बदला हुआ व्यवहार देखकर उससे तनाव की वजह जाननी चाही है। साथ ही नीतू ने मंजू को बताया कि तुम तनाव दूर करने के पौधे (Stress relieving plants) घर में लगाओ। इससे तुम खुश महसूस करोगी और अपने पति को भी ऑफिस की डेस्क पर कुछ पौधे रखने को कहो। ऐसा करने से स्ट्रेस कम होता है। आज मंजू के घर का बगीचा उसकी खुशी की वजह बन गया है।
ये तो हो गई मंजू की कहानी, लेकिन क्या सच में तनाव दूर करने के पौधे (Stress relieving plants) हमारे स्ट्रेस को दूर करते हैं? इस सवाल का जवाब हम इस आर्टिकल में बताएंगे।
और पढ़ें : दिमाग नहीं दिल पर भी होता है डिप्रेशन का असर
तनाव (Tension) क्या है?
तनाव या स्ट्रेस एक ऐसा एहसास है तो हम भावनात्मक या शारीरिक रूप से प्रभावित करता है। ये किसी भी उम्र में हो सकता है और किसी भी समय हो सकता है। जिसके कारण आप फ्रस्ट्रेट हो सकते हैं या आपको गुस्सा आ सकता है या फिर आप नर्वस हो सकते हैं। इससे आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है।
- 2017 में हुई एक स्टडी के अनुसार भारत में लगभग 89 प्रतिशत लोग स्ट्रेस की समस्या से जूझ रहे हैं। जिसका सबसे बड़ा कारण उनकी आर्थिक स्थिति और काम का प्रेशर है। वहीं, तनाव के मामले में विश्व में दिल्ली 142वें, बेंगलुरु 130वें और कोलकाता 131वें स्थान पर है।
- आप मानेंगे नहीं लेकिन, स्ट्रेस आपके पेट की सेहत को खराब कर सकता है। इससे दस्त, कब्ज, पेट-दर्द की समस्या हो सकती है। इसके अलावा पाचन-क्रिया भी प्रभावित हो सकती है किसी किसी में बार-बार यूरिन आने की समस्या भी देखी जाती है।
- महिलाओं को मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं (mental health problems) होने की अधिक संभावना होती है जो तनाव (stress), अवसाद, चिंता से और बदतर हो सकती हैं।
- तनाव मानव शरीर में हॉर्मोनल परिवर्तन करता है जो सेक्स के प्रति इच्छा और सेक्स रिस्पॉन्स को कम कर सकता है। हालांकि, बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार पेनेट्रेटिव सेक्स (penetrative sex) से तनाव हार्मोन (stress hormone) में कमी आती है।
और पढ़ें : संयुक्त परिवार (Joint Family) में रहने के फायदे, जो रखते हैं हमारी मेंटल हेल्थ का ध्यान
मेंटल हेल्थ और पौधों का क्या रिश्ता है?
कई सारी रिसर्च में ये चीज पाई गई है कि घर में पौधे लगाने से हमारी सेहत पर सकारात्मक असर होते हैं। पौधों का हमारी मेंटल हेल्थ के साथ सीधा संबंध है।
एंग्जायटी को कम करते हैं
अपने आस पास हरियाली और पौधे देखने से हमारे शरीर में तनाव को पैदा करने वाले हॉर्मोन का लेवल कम होता है। जिससे हम शांत और रिलैक्स महसूस करते हैं।
एकाग्रता को बढ़ाने में पौधे करते हैं मदद
आसपास में पौधों के होने से एकाग्रता और याद्दाश्त में बढ़ोत्तरी होती है। आपका काम करने में मन लगता है और आप अपना बेस्ट परफॉर्मेंस दे पाते हैं।
उत्पादकता को बढ़ाते हैं
अगर किसी ऑफिस में पौधे लगे होते हैं तो उस ऑफिस में काम यानी कि उत्पादकता ज्यादा होती है। क्योंकि वहां पर काम करने वाले इम्प्लॉइज खुद को तनाव रहित महसूस करते हैं और काम काफी अच्छे ढंग से करते हैं।
यह भी पढ़ें : न्यू ईयर टार्गेट्स को पूरा करने की राह में स्ट्रेस मैनेजमेंट ऐसे करें
प्लांट स्ट्रेस लेवल को कम करते हैं
कुछ रिसर्च में पाया गया है कि पौधे लगाने के बाद उनकी देखभाल करने से तनाव कम होता है। पौधों की देखभाल करने से हमारा सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम एक्टिव होता है। जिस कारण हम आराम, रिलैक्स और अच्छा महसूस करते हैं।
पौधे लगाने से होते हैं क्रिएटिव
एक रिसर्च के मुताबिक पौधे लगाने और हिरायाली के आसपास रहने वाले लोग ज्यादा क्रिएटिव होते हैं। ऐसे लोग सामान्य लोगों की तुलना में 15 प्रतिशत ज्यादा क्रिएटिव होते हैं।
पौधे हमें जल्दी से स्वस्थ करते हैं
कैनसास स्टेट यूनिवर्सिटी में एक रिसर्च की गई। जहां पर सर्जरी कराए हुए 90 मरीजों को लिया गया और उनके आस पास इनडोर प्लांट्स को लगाया गया। इन मरीजों के स्वास्थ्य में जल्द ही इजाफा देखा गया उनकी तुलना में जिनके पास पौधे नहीं रखे गए थे। इस रिसर्च के परिणाम में पौधों को सस्ती और प्रभावी दवा के रूप में बताया गया। आपने हॉर्टिकल्चर थेरिपी के बारे में तो सुना ही होगा। जिसमें मरीजों के आसपास बहुत सारे पौधे रखें जाते हैं और थेरिपी दी जाती है।
पौधे हमें देते हैं ताजी हवा
अमेरिकन लंग एसोसिएशन के अनुसार, घर के अंदर की हवा शुद्ध हो ऐसा जरूरी नहीं है। हो सकता है घर की हवा बाहरी दवा से भी ज्यादा प्रदूषित हो। घर के अंदर की हवा भी आपको बीमार बना सकती है। जैसे- अस्थमा, ड्राई आई, सिरदर्द या खांसी हो सकती है। घर में लगाए गए पौधे 60 प्रतिशत तक हवा को शुद्ध करते हैं और हवा के कारण होने वाली बीमारियों को कम करते हैं।
यह भी पढ़ें : मनोरोग आपको या किसी को भी हो सकता है, जानें इसे कैसे पहचानें
तनाव दूर करने वाले पौधे के लिए जानें एक्सपर्ट की राय
हैलो स्वास्थ्य ने दिल्ली और वाराणसी में स्थित गार्डन ऑन कॉन्क्रीट के डायरेक्टर अविषेक से बात की। अविषेक बताते हैं कि “आजकल इंडोर प्लांट्स का क्रेज काफी ज्यादा है, लेकिन हम बिना सोचे समझे ऐसे प्लांट्स लगा लेते हैं, जो हमारे हेल्थ के लिए ज्यादा फायदेमंद नहीं होते हैं। वहीं, बहुत सारे लोग ऐसे प्लांट्स लाकर अपने घरों में लगाते हैं जो इंडोर प्लांट होते ही नहीं है। इसलिए हमें अपने घरों में ऐसे प्लांट लगाने चाहिए जो हमारी शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए सही हो।” अविषेक ने बताया कि “आजकल घरों में पर्दे, सोफा या बेडशीट से बेन्जीन जैसा खतरनाक प्रदूषक निकलता है। ये पॉल्यूटेंट हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। इन्हें इन्डोर पॉल्यूटेंट कहना गलत नहीं होगा। अगर घर की हवा शुद्ध रहेगी तो मानसिक सेहत अपने आप सही रहेगी।”
तनाव दूर करने के पौधे का कैसे करें चुनाव?
अगर आप तनाव दूर करने के पौधे यानी कि एंटी स्ट्रेस प्लांट लगाने की सोच रहे हैं तो आपको उसका चुनाव करते समय सावधानियां बरतनी होंगी। तनाव दूर करने के पौधे के फायदे के बारे में आपको ऊपर तो बताया गया है, लेकिन अब यह भी जान लीजिए कि आप पौधों को कैसे चुनेंगे।
- आप ऐसे पौधे लें जो मजबूत हो
- ऐसे पौधे लें जिसका आप आसानी से ध्यान रख सकें
- जो पौधे घर के अंदर छांव में जीवित रह सके उन्हें ही लगाएं
- ऐसे पौधे लें जो धूप और छांव दोनों जगहों के लिए हो
और पढ़ें : जानें घूमने के मेंटल बेनिफिट्स
तनाव दूर करने के पौधे कौन से हैं?
तनाव दूर करने के पौधे निम्न हैं, जिन्हें आप जरूर अपने घरों, बालकनी और ऑफिस टेबल पर लगा सकते हैं :
एंटी स्ट्रेस प्लांट है एलोवेरा
कांटों की तरह दिखने वाला और कई खूबियों से भरपूर एलोवेरा का पौधा गर्म और शुष्क इलाकों में पाया जाता है। एलोवेरा के पौधे का इस्तेमाल जेल बनाने और लैटेक्स बनाने के लिए किया जाता है। इसकी पत्तियों को बीच से काटने पर जो तरल पदार्थ निकलता है, उससे जेल का निर्माण किया जाता है। कई औषधीय गुणों से भरपूर एलोवेरा का इस्तेमाल कई तरह की दवाओं के निर्माण में भी किया जाता है। इसे सीधे दवाई के तौर पर भी खाया जा सकता है। कई त्वचा संबंधित समस्याओं में भी इसे उपचार के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। कुछ लोग एलोवेरा का इस्तेमाल वजन घटाने, मधुमेह, हेपेटाइटिस, आंतों की सूजन, पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस, पेट के अल्सर, अस्थमा, त्वचा के घावों, बुखार, खुजली और सूजन आदि समस्या में भी करते हैं।
एलोवेरा काम कैसे करता है?
एलोवेरा एक सीएएम (CAM) प्लांट है। CAM का पूरा नाम क्रैसुलेसियन एसिड मेटाबॉलिजम (Crassulacean acid metabolism) है। CAM प्लांट की खासियत होती है कि ये दिन भर एनर्जी को अवशोषित करते हैं और रात में ऑक्सीजन देते हैं। एलोवेरा बेन्जीन और फॉर्मल्डिहाइड जैसे प्रदूषक को भी साफ करने में माहिर है। ये काफी छोटा पौधा होता है और आप इसे एक सुंदर से गमले में कहीं भी लगा सकते हैं।
कैसे रखें एलोवेरा का ध्यान?
एलोवेरा का ज्यादा ध्यान नहीं रखना पड़ता है। ये एकदम लो मेंटेनेंस प्लांट है। इसे तीन दिन में एक बार पानी दें। ठंड के समय में इसे कम पानी दें और अगर गमले में नमी है तो पानी न दें।
और पढ़ें : असफलता का ‘ डर ‘ भगाने से ही जाएगा, जानें इस डर को कैसे भगाएं दूर
आंगन की तुलसी भी है एंटी स्ट्रेस प्लांट
आंगन में तुलसी लगाना भारत की सभ्यता का एक अभिन्न हिस्सा है। तुलसी को हमारे शास्त्रों पुराणों में दैवीय पौधा माना गया है। भारत के सभी हिस्सों में तुलसी की पूजा भी होती है। तुलसी एक जड़ी बूटी है। इसके लाभकारी गुणों की वजह से आयुर्वेद में इसे जड़ी बूटियों की रानी कहा जाता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटी-पायरेटिक, एंटी-सेप्टिक, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-कैंसर गुण होते हैं। कई स्वास्थ्य परेशानियों की दवा बनाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
तुलसी की जड़, पत्ते, तना तथा बीज सभी का प्रयोग आयुर्वेदिक औषधि के तौर पर किया जाता है। तुलसी का उपयोग पेट की ऐंठन, भूख न लगना, गैस, किडनी, फ्लूइड रिटेंशन, सिरदर्द, जुकाम, वॉर्ट्स और पेट में कीड़ों के लिए किया जाता है। इसका उपयोग सांप और कीट के काटने के इलाज के लिए भी किया जाता है। इसमें विटामिन-ए, विटामिन-के, कैल्शियम, आयरन और मैगनीज की उपस्थिति शरीर को फिट रखने में मददगार साबित होता है।
तुलसी काम कैसे करता है?
तुलसी की पत्तियों से महक आती है। ये महक हमारे मस्तिष्क पर सकारात्मक असर डालती है। तुलसी के फूल लेवेंडर की तरह छोटे-छोटे होते हैं। आयुर्वेद में तुलसी को तनाव को कम करने की औषधि के रूप में भी इस्तेमाल करने के लिए कहा जाता है।
कैसे रखें तुलसी का ध्यान?
तुलसी का पौधा एक गमले में लगाएं और इसे अगर रोज चार घंटे की धूप मिलती है तो ये आराम से हरा भरा रहता है। लगातार धूप में रखने से भी तुलसी मुरझा जाती है।
यह भी पढ़ें : घर से बाहर रहने के 13 अमेजिंग फायदे, रहेंगे हमेशा फिट और खुश
स्नेक प्लांट खत्म करेगा आपका सिरदर्द
तनाव दूर करने के पौधे (Stress relieving plants) में स्नेक प्लांट को दो तरह से फायदेमंद माना जाता है। पहला तो ये कि यह घर की हवा में मौजूद बेन्जीन को साफ करता है और घर की हवा को शुद्ध बनाता है। दूसरा फायदा यह है कि एंग्जायटी के कारण होने वाले सिरदर्द को भी दूर करता है। प्लांट एक्सपर्ट अविषेक ने बताया कि स्नेक प्लांट हवा को शुद्ध करने में सभी इनडोर प्लांट में सबसे अव्वल है। जिसके कारण हमारी एनर्जी लेवल में इजाफा होता है और एंग्जायटी कम होती है। स्नेक प्लांट हमारी एकाग्रता और नींद को दुरुस्त करता है।
स्नेक प्लांट कैसे काम करता है?
नासा द्वारा की गई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि स्नेक प्लांट एक CAM प्रकार का प्लांट है जो दिन का साथ-साथ रात में भी हवा को शुद्ध करने का काम करता है। इसकी पत्तियों के अवशोषक बेन्जीन, कार्बन डाइऑक्साइड और फार्मेल्डिहाइड जैसी गैसों को भी अवशोषित कर लेते हैं।
कैसे रखें स्नेक प्लांट का ध्यान?
स्नेक प्लांट का ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत नहीं होती है। यह मिट्टी और पानी दोनों में सर्वाइव कर सकता है। अगर ये मिट्टी और पानी दोनों में न रहे तो भी दो महीनों तक जिंदा रह सकता है। इसे बहुत नाम मात्र का दो से तीन हफ्तों में पानी देना होता है।
मनी प्लांट पैसे तो नहीं पर स्ट्रेस फ्री जरूर करता है
तनाव दूर करने के पौधे (Stress relieving plants) में मनी प्लांट का नाम भी शुमार है। मनी प्लांट एक लता जैसा पौधा है जिसे क्रीपर प्लांट के नाम से भी जानते हैं। मनी प्लांट का दूसरी नाम डेविल्स वाइन है, इसे इस नाम से इसलिए जानते है क्योंकि ये किसी भी परिस्थितियों में जीवित रह जाता है। ये कम रोशनी में भी सर्वाइव कर सकता है।
मनी प्लांट कैसे काम करता है?
अगर आपको पौधों की देखभाल करना पसंद है तो मनी प्लांट आपके लिए ही है। ये इनडोर पॉल्यूशन को दूर करता है और एंग्जायटी को कम करता है। ये घर से निकलने वाले हल्के धुएं को भी दूर करता है।
मनी प्लांट का कैसे रखें ध्यान?
मनी प्लांट बहुत हल्की रोशनी में भी सर्वाइव कर सकता है। ये मिट्टी और पानी दोनों में लगाया जा सकता है। इसे आप दो हफ्ते में एक बार पानी दें और इसे आप चाहें तो बास्केट में भी डाल कर लगा सकते हैं।
और पढ़ें : स्किन पिकिंग डिसऑर्डर क्या होता है, जानें क्यों अजीब है ये समस्या
एरेका पाम की महक से स्ट्रेस भागेगा दूर
एरेका पाम तनाव दूर करने के पौधे (Stress relieving plants) में गिना जाता है। ये एंटी स्ट्रेस प्लांट भारत और मेडागास्कर में ज्यादा पाया जाता है। एरेका पाम को बटरफ्लाई पाम भी कहा जाता है। इस तनाव दूर करने के पौधे की पत्तियां घर में नमी को बनाए रखती है। छह फीट लंबा एरेका पाम एक लीटर पानी को वाष्प के रूप में निकालता है। गर्मियों के दिनों में इससे पीले रंग के सुंदर फूल निकलते हैं।
एरेका पाम कैसे काम करता है?
एरेका पाम की पत्तियां देखने में बहुत अच्छी लगती हैं। हवा चलने पर इसकी पत्तियां हिलती है तो इसकी इमेज हमारे ब्रेन को बहुत रिलैक्स पहुंचाती है। जिसके कारण स्ट्रेस दूर होता है। ये हवा से पॉल्यूटेंट्स को भी कम करता है।
एरेका पाम का कैसे रखें ध्यान?
प्लांट एक्सपर्ट अविषेक ने बताया कि एरेका पाम आउटडोर और इनडोर दोनों प्रकार का प्लांट है, लेकिन इसे धूप की जरूरत होती है, इसलिए इसे खिड़की के पास रखें। ताकि रोजाना हल्की धूप इसे लगती रहे। इसे आप रोजाना हल्का पानी देते रहें। इस पौधे का जीवन 10 साल का होता है। इसका ध्यान सिर्फ पानी देने के मामले में रखना होता है।
सकुलेंट प्लांट्स के रूप में दें मेंटल हेल्थ का तोहफा
सकुलेंट प्लांट बेहद खूबसूरत प्लांट्स होते हैं। सकुलेंट प्लांट को लोग अक्सर अपने प्रियजनों को गिफ्ट करते हैं। सकुलेंट प्लांट की पत्तियां मोटी होती हैं और यह एलो और कैक्टस की तरह के होते हैं।
सकुलेंट प्लांट कैसे काम करता है?
सकुलेंट प्लांट्स की एक लंबी लिस्ट है। ये एक इनडोर प्लांट है, जिसका ध्यान काफी आसानी से रखा जाता है। सकुलेंट प्लांट्स के आकार इतने आकर्षक होते हैं कि वह हमारे ब्रेन में फील गुड हॉर्मोन को स्रावित होने के लिए उत्तेजित करते हैं। जिसके साथ ही हम खुश महसूस करते हैं। सकुलेंट प्लांट्स अच्छे एयर प्यूरिफायर होते हैं। साथ ही ये घर में नमी को भी बनाए रहते हैं।
सकुलेंट प्लांट्स का ध्यान कैसे रखें?
सकुलेंट प्लांट्स को उसकी टहनी से भी लगाया जा सकता है। ज्यादा पानी की जरूरत सकुलेंट प्लांट्स को नहीं होती है। इसे आधे दिन धूप में और आधा दिन छांव में रखें।
और पढ़ें : आपके बच्चे के भविष्य को बर्बाद कर सकता है करियर प्रेशर, इन बातों का रखें ध्यान
जैसमिन की महक देगी अच्छी नींद
अभी तक आप जैसमिन को सिर्फ एक फूल के रूप में जानते होंगे, लेकिन जैसमिन तनाव दूर करने के पौधे (Stress relieving plants) के लिस्ट में शुमार है। जैसमिन की महक आपको एक शांत नींद देने के लिए मददगार होती है इस पौधे को आफ अपने बेडरूम में लगाएं ताकि आप बिना ज्यादा सोचे एक अच्छी नींद ले सकें।
जैसमिन काम कैसे करता है?
जैसमिन की महक हमारे शरीर को रिलैक्स महसूस कराती है और मेलाटोनिन हॉर्मोन को उत्प्रेरित करता है। जिससे हमारा तनाव कम होता है और नींद आती है। इसलिए जैसमिन को तनाव दूर करने के पौधे (Stress relieving plants) के रूप में भी जाना जाता है।
जैसमिन का ध्यान कैसे रखें?
जैसमिन एक क्रीपी प्लांट है, जिसे गमले में लगाने के बाद एक डंडे के सहारे हल्के से बांधना होता है। इसे हल्की धूप और छांव में रखना होता है। इसे ज्यादा पानी ना दें बल्कि हर तीसरे दिन आप पानी दें।
बोनशाई दिमाग को बनाता है क्रिएटिव
बोनशाई प्लांट कद में छोटे, लेकिन तनाव दूर करने के पौधे (Stress relieving plants) हैं। ये एक छिछले बर्तन में उगाए जाते हैं। जो देखने में एक छोटे पेड़ की तरह ग्रो होते हैं। आप चाहें तो रेडिमेड बोनसाई ट्री लगा सकते हैं। आप चाहें तो इसे घर पर भी उगा सकते हैं।
बोनशाई काम कैसे करता है?
अगर आपने बोनशाई देखा है तो समझ सकते हैं कि ये देखने में कितने सुंदर लगते हैं। बोनशाई को आप काट छांट कर अपने हिसाब से आकार दे सकते हैं। ऐसा करने से आपका दिमाग क्रिएटिव होता है। अगर बोनसाई को उगाना आपकी हॉबी में शुमार हो गया तो आप चिंता और तनाव से भी दूर रह सकते हैं। इसलिए बोनशाई को एंटी स्ट्रेस प्लांट कह सकते हैं।
बोनशाई का ध्यान कैसे रखें?
बोनशाई लगाना आप पर निर्भर करता है कि आप कौन सा बोनशाई लगाना चाहते हैं। इसे एक छिछले बर्तन, प्लेट या थाली जैसे पॉट में लगाया जाता है। इसे हल्का पानी देने की जरूरत पड़ती है, लेकिन बोनशाई को धूप और छांव दोनों की जरूरत पड़ता है।
तनाव दूर करने के पौधे में जरूर लगाएं सिंंगोनियम
सिंंगोनियम एक हार्डी पौधा है। जिसका सामान्य नाम गूसफुट है। इसकी चोड़ी दिल के आकार की पत्तियां हल्की हरी और पीले रंग की होती हैं। वास्तु के हिसाब से भी सिंंगोनियम घर के शुभ होता है।
सिंंगोनियम कैसे काम करता है?
सिंंगोनियम सजावटी होने का साथ स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद पौधा है। ये बेन्जीन, फॉर्मेल्डिहाइड, टाइलिन और जाइलिन जैसे हानिकारक पॉल्यूटेंट को अवशोषित करता है और नैचुरल एयर प्यूरिफायर की तरह काम करता है। नासा की रिसर्च में ये बात सामने आई है कि सिंंगोनियम की जड़ें पानी को उसकी पत्तियों तक भेजती हैं जिससे ये एक तरह से नमी को बनाए रखने वाला पौधा है। इसके कारण यह इनडोर पॉल्यूशन को कम करने में बहुत मददगार होता है।
सिंंगोनियम का कैसे ध्यान रखें?
सिंंगोनियम को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं पड़ती है। इसे सिर्फ इतना पानी दें जिससे मिट्टी में नमी बरकार रहे। इसके अलावा इसे सीधे धूप में न रखें। इसकी पत्तियों पर अगर धूल जमा हो गई है तो उसे साफ करते रहें।
पर्पल हार्ट दिल का रखें ख्याल
तनाव दूर करने के पौधे (Stress relieving plants) में पर्पल हार्ट का नाम शामिल है। ये एक तरह से ब्लड सर्कुलेशन के दुरुस्त रखने वाला पौधा है। जो हमारे दिल को भी दुरुस्त रखता है।
पर्पल हार्ट काम कैसे करता है?
पर्पल हार्ट से निकलने वाली हल्की महक से हमारे दिमाग में सकारात्मक उत्तेजना होती है, जिससे दिल ब्लड के फ्लो को सामन्य रखता है। इसके अलावा ये एक नैचुरल प्यूरिफायर की तरह काम करता है।
पर्पल हार्ट का कैसे ध्यान रखें?
पर्पल हार्ट छोटे कद का पौधा है, जिसे छोटे गमले में लगा कर आप उसे हल्का पानी देने के साथ थोड़ा धूप और छांव में रखते रहें। इसमें पर्पल रंग के ही फूल भी निकलते हैं।
इन पौधों के अलावा आप अन्य कई पौधों को अपने घरों में लगा सकते हैं। इससे यह घर की शोभा बढ़ाने के साथ ही आपकी सेहत का भी ध्यान रखेंगे, जैसे :
- लकी बैम्बू
- इंग्लिश आईवी
- रोजमेरी
- डेजी
- लेवेंडर
- कैमोमाइल
हैलो स्वास्थ्य किसी तरह की कोई मेडिकल जानकारी नहीं दे रहा है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परमर्श जरूर लें। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको मेंटल हेल्थ से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।