कैंडिडियासिस एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन है जिसका विशेष रूप से महिलाओं में होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। ऐसा माना जाता है कि, एक ना एक बार सभी महिलाओं को इस समस्या का सामना करना पड़ता है। हालांकि, पुरुषों में भी फंगल इंफेक्शन होने का खतरा काफी हद तक रहता है, लेकिन पुरुष इससे कम ग्रसित होते हैं। फंगल इंफेक्शन से बचकर आप काफी हद तक कैंडिडियासिस की समस्या से खुद को बचा सकते हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको कैंडिडियासिस फंगल इंफेक्शन क्या है , इसके लक्षण, प्रकार और घरेलू उपचारों के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
कैंडिडियासिस फंगल इंफेक्शन क्या है ?
कैंडिडियासिस फंगल इंफेक्शन है जो कैंडिडा अल्बिएसिस नाम के यीस्ट की वजह से होता है। आमतौर पर इस इंफेक्शन की शिकार ज्यादातर महिलाएं होती हैं, लेकिन कभी पुरुषों को भी इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है। कैंडिडियासिस फंगल इंफेक्शन मुख्य रूप से मुंह, आंत और योनि में हो सकता है। जब कैंडिडा के यीस्ट योनि को संक्रमित करते हैं तो इसे कैंडिडियासिस फंगल इंफेक्शन के नाम से जाना जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, कैंडिडा यीस्ट की विभिन्न प्रजातियां जब खून के जरिए इंसान के शरीर में प्रवेश करती है तो उस स्थिति में कैंडिडियासिस फंगल इंफेक्शन की समस्या काफी गंभीर हो सकती है।
कैंडिडियासिस इंफेक्शन के लक्षण
- महिलाओं को योनि में जलन और खुजली होना।
- स्किन पर डार्क स्पॉट के साथ खुजली की समस्या होना।
- अचानक से वजन का बढ़ना भी कैंडिडियासिस फंगल इंफेक्शन का एक कारण हो सकता है।
- प्रेग्नेंसी के दौरान ये समस्या होना आम बात है। ज्यादातर महिलाएं प्रेग्नेंसी के दिनों में इस फंगल इंफेक्शन का शिकार होती हैं।
- डायबिटीज के शिकार लोगों में कैंडिडियासिस फंगल इंफेक्शन गंभीर रूप से हो सकता है।
- सेक्स या यूरिन डिस्चार्ज के वक्त जलन महसूस होना।
- योनि से सफेद तरल पदार्थ का डिस्चार्ज होना।
- पुरुषों के पेनिस में रैशेज होना।
- मुंह में सफेद चकत्ते होना और छूने पर खून आना भी इस फंगल इंफेक्शन का एक प्रमुख लक्षण हो सकता है।
- खाने पर किसी चीज का स्वाद ना आना भी इसका एक लक्षण है।
- एब्डोमिनल और पेल्विक में असहनीय दर्द होना।
- यूरीन से खून का आना भी इसका प्रमुख लक्षण है।
कैंडिडियासिस इंफेक्शन के प्रकार:
जेनिटल कैंडिडियासिस फंगल इंफेक्शन
कैंडिडियासिस फंगल इंफेक्शन का सबसे आम प्रकार जेनिटल कैंडिडियासिस फंगल इंफेक्शन है। यह मुख्य रूप से महिलाओं और पुरुषों के पेनिस में होता है, महिलाओं को ये फंगल इंफेक्शन योनि में होने का खतरा ज्यादा रहता है जबकि पुरुषों में इस इंफेक्शन के होने का खतरा महिलाओं की तुलना में काफी कम रहता है। महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान इस इंफेक्शन के होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसके साथ ही साथ असुरक्षित सेक्स भी इस फंगल इंफेक्शन का एक कारण बन सकता है। जेनिटल कैंडिडियासिस फंगल इंफेक्शन में मुख्य रूप से योनि में सेक्स और यूरिन डिस्चार्ज के दौरान जलन की समस्या हो सकती है। इसे दूर करने के लिए डॉक्टर को दिखाने के बाद आप कुछ एंटीफंगल मलहम और ट्यूब का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ ही साथ टी-ट्री ऑयल आदि का उपयोग भी काफी लाभदायक साबित हो सकता है।
ओरल कैंडिडियासिस फंगल इंफेक्शन
मुंह में होने वाले कैंडिडियासिस फंगल इंफेक्शन को विशेष रूप से ओरल थ्रश के नाम से भी जाना जाता है। आपके मुंह में माइक्रोफ्लोरा नाम का एक हिस्सा पाया जाता है। इस हिस्से के हद से ज्यादा बढ़ जाने पर कैंडिडा यीस्ट के हमले का कारण बन जाता है। बता दें कि, मुंह में होने वाला ये फंगल इंफेक्शन सिर्फ मुंह तक ही सिमित नहीं रहता है बल्कि धीरे-धीरे बढ़कर आपके टॉन्सिल और गले के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है। मुंह में इस फंगल इंफेक्शन के होने का खतरा विशेष रूप से उन लोगों में ज्यादा होता है जो नियमित रूप से एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग करते हैं। इसके अलावा हाई शुगर के मरीजों में भी इस फंगल इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है। डेंचर्स का इस्तेमाल करने वाले लोगों में भी ओरल कैंडिडियासिस फंगल इंफेक्शन होने का खतरा सामान्य से ज्यादा रहता है। मुंह में सफेद या लाल रंग के स्पॉट होना इस इंफेक्शन का एक लक्षण हो सकता है। इसके साथ ही कुछ लोगों को स्वाद में कमी और मुंह में जलन का अहसास भी हो सकता है।
डायपर रैशेज कैंडिडियासिस फंगल इंफेक्शन
ये फंगल इंफेक्शन मुख्य रूप से बच्चों में ज्यादा होता है। इसके होने का एक कारण है बच्चों को ज्यादा देर तक डायपर पहना कर रखना। इसके आलावा वयस्कों में काफी टाइट कपड़े पहनने और ज्यादा पसीना डिस्चार्ज होने की वजह से भी कैंडिडियासिस फंगल इंफेक्शन होने का खतरा ज्यादा रहता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, शरीर के जिस हिस्से में पसीने का स्त्राव ज्यादा होता है जैसे आर्मपिट, जांघों के बीच और उंगलियों के बीच, वहां इस फंगल इंफेक्शन के होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। कैंडिडियासिस फंगल इंफेक्शन के इस प्रकार में आमतौर पर शरीर के इन हिस्सों में लाल रंग के दाने या चक्कते नजर आ सकते हैं। चूंकि ये फंगल इंफेक्शन शिशु को ज्यादा प्रभावित करता है इसलिए उनमें इसके होने के चांस सबसे ज्यादा रहते हैं।
कैंडिडियासिस इंफेक्शन को दूर करने के घरेलू उपचार
- फंगल इंफेक्शन से बचने के लिए कपड़े हमेशा पूरी तरह से सूखे हुए पहनें। कभी भी सेमी ड्राई या गीले कपड़े में ज्यादा देर ना रहें।
- शिशु को इस इंफेक्शन से बचाने के लिए उसका डायपर समय-समय पर बदलते रहें।
- महिलाएं कैंडिडियासिस फंगल इंफेक्शन से बचने के लिए योनि की साफ-सफाई का ध्यान रखें जिससे pH लेवल बैलेंस रह सके।
- खासतौर से गर्मियों के मौसम में जूते की जगह पर चप्पल पहनने को ज्यादा तवज्जो दें।
- जिनका वजन ज्यादा है उन्हें वेट लॉस पर खास ध्यान देना चाहिए। मोटापे की वजह से भी ये फंगल इंफेक्शन हो सकता है।
चूंकि ये फंगल इंफेक्शन विशेष रूप से महिलाओं को सबसे ज्यादा अपनी चपेट में लेता है इसलिए उन्हें विशेष रूप से सतर्क होकर साफ -सफाई का ध्यान रखने की आवश्यकता है।
हैलो हेल्थ किसी प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं, उपचार और निदान नहीं प्रदान करता है।
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