
परिचय
ऑल्डर बकथॉर्न क्या है?
ऑल्डर बकझॉर्न का बोटैनिकल नाम Frangula alnus है। ये Rhamnaceae परिवार से ताल्लुक रखता है। इसको ब्लैक डॉगवुड और ग्लॉसी बकथॉर्न के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक समय से इसका इस्तेमाल दवा के तौर पर किया जा रहा है। आमतौर पर यह लैक्सेटिव और टॉनिक प्रॉपर्टीज के लिए जाना जाता है।
उपयोग
ऑल्डर बकथॉर्न का उपयोग किस लिए किया जाता है?
- ऑल्डर बकथॉर्न कब्ज से निजात दिलाता है। इसमें लैक्सेटिव प्रॉपर्टीज होती हैं जो मल को मुलायम कर बाहर निकालने में मदद करती है।
- इसका इस्तेमाल पेट में ब्लोटिंग, हेपाटाइटिस, सिरोसिस, पीलिया, लिवर और गॉल ब्लैडर संबंधित परेशानियों के लिए भी किया जाता है।
- इसकी छाल को मसूड़ों की बीमारियां और स्कैल्प इंफेक्शन के लिए लोशन के रूप में उपयोग किया जाता है।
- कब्ज, उल्टी और अपेंडिक्स में भी इसे उपयोगी माना जाता है।
- लंग कैंसर में भी इसका इस्तेमाल दवा के तौर पर किया जाता है।
कैसे काम करता है ऑल्डर बकथॉर्न?
ऑल्डर बकथॉर्न कैसे काम करता है इस बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है। इसके बारे में अधिक जानने के लिए अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से कंसल्ट करें। हालांकि, कुछ शोध बताते हैं कि इसमें विटामिन-ए, बी1, बी2, बी6 और होता है। इसमें कई ऐसी प्रॉपर्टीज भी होती हैं जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल परेशानियों को दूर करने में मददगार है। इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट की उच्च मात्रा होती है जिनमें फ्लेवोनॉयड, टैनिन और एल्कलॉइड आदि शामिल हैं।
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सावधानियां और चेतावनी
आल्डर बकथॉर्न के इस्तेमाल से पहले मुझे क्या मालूम होना चाहिए?
इसका इस्तेमाल सावधानीपूर्वक करने की जरूरत है। अत्यधिक मात्रा में इसे लेने से आपको कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। निम्नलिखित परिस्थितियों में ऑल्डर बकथॉर्नं का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें:
- यदि आप प्रेग्नेंट या ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं। दोनों ही स्थितियों में सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही दवा खानी चाहिए।
- यदि आप अन्य दवाइयां ले रही हैं। इसमें डॉक्टर की लिखी हुई और गैर लिखी हुई दवाइयां शामिल हैं, जो मार्केट में बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के खरीद के लिए उपलब्ध हैं।
- यदि आपको ऑल्डर बकथॉर्न के किसी पदार्थ या अन्य दवा या औषधि से एलर्जी है।
- यदि आपको कोई बीमारी, डिसऑर्डर या कोई अन्य मेडिकल कंडिशन है।
- यदि आपको फूड, डाई, प्रिजर्वेटिव्स या जानवरों से अन्य प्रकार की एलर्जी है।
- डायरिया में इसका सेवन न करें। ऐसा करने से आपकी हालत पहले से ज्यादा खराब हो सकती है।
अन्य दवाइयों के मुकाबले औषधियों के संबंध में रेग्युलेटरी नियम अधिक सख्त नहीं हैं। इनकी सुरक्षा का आंकलन करने के लिए अतिरिक्त अध्ययनों की आवश्यकता है। ऑल्डर बकथॉर्न का इस्तेमाल करने से पहले इसके खतरों की तुलना इसके फायदों से जरूर की जानी चाहिए। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
कितना सुरक्षित है ऑल्डर बकथॉर्न का इस्तेमाल?
ऑल्डर बकथॉर्न का सेवन दवा के रूप में ज्यादातर सभी के लिए सुरक्षित है। 12 साल से कम उम्र के बच्चों को इसे नहीं देना चाहिए। इसके अलावा प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान भी इसका सेवन करने से परहेज करना चाहिए। इस पौधे को दवा के तौर पर 12 महीने तक स्टोर करके रखा जा सकता है। इसके बाद यह जहर समान हो जाता है।
इसका इस्तेमाल 8 दिनों से ज्यादा नहीं करना चाहिए। ये शरीर में पोटेशियम लेवल को कम कर सकता है जिससे हृदय रोग, पेट संबंधित परेशानी, मसल्स में कमजोरी, ब्लड प्रॉब्लम और यूरिन में खून की शिकायत हो सकती है।
इन बीमारियों में न करें ऑल्डर बकथॉर्न का इस्तेमाल:
- डायरिया (Diarrhea)
- बाउल ऑब्स्ट्रक्शन (bowel obstruction)
- पेट में दर्द (Unexplained stomach pain)
- इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (Irritable bowel syndrome IBS)
किन दवाओं के साथ न करें ऑल्डर बकथॉर्न का उपयोग?
अगर आप किसी दवा का सेवन कर रहे हैं तो ऑल्डर बेरी का सेवन करने से दवा का असर प्रभावित कर सकता है। इससे साइड इफेक्ट होने की भी संभावना रहती है। निम्नलिखित दवाओं के साथ ऑल्डर बकथॉर्न का सेवन न करें:
- सूजन को दूर करने की दवाएं (कॉर्टिकोस्टेरॉयड)
- डेक्सामेथासोन (डेकाड्रान)
- हाइड्रोकोर्टिसोन
- मेडरोल
- प्रेडनिसोन
- डिजोक्सिन (लेनोक्सिन)
- वॉटर पिल्स (ड्यूरेटिक ड्रग्स)
- स्टीमुलेंट लैक्सेटिव (Stimulant laxative)
- वार्फरिन (Warfarin)
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साइड इफेक्ट्स
ऑल्डर बकथॉर्न से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
ऑल्डर बकथॉर्न से निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं:
- पेट में मरोड़ (Abdominal cramps)
- अस्थमा (Asthma)
- कोलन डिसफंक्शन (Colon dysfunction)
- कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal cancer)
- लो पोटेशियम (Low potassium)
- पेट संबंधित दिक्कते (Stomach problems)
- कमजोर मसल्स (Muscle weakness)
- खून संबंधित दिक्कते (Blood problems)
- हायपोकैल्शिमिया, कैल्शियम की कमी (Hypocalcemia, low calcium levels)
- मेलानोसिस कोली (Melanosis coli)
- जी मिचलाना (Nausea)
- राइनाइटिस (Rhinitis)
- ट्यूमर (Tumor growth)
- उल्टी (Vomiting)
- हृदय रोग (Heart problems)
- लो ब्लड प्रेशर (Low blood pressure)
- यूरिन में ब्लड आना (Blood in the urine)
- डायरिया (Diarrhea or watery stools)
- इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (Irritable bowel syndrome)
हालांकि, हर किसी को ये साइड इफेक्ट हो ऐसा जरूरी नहीं है, कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जो ऊपर बताए नहीं गए हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट महसूस हो या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
इंटरैक्शन
ऑल्डर बकथॉर्न को लेने की सही खुराक क्या है?
कब्ज के लिए:
- सूखी हर्ब: 0.5-2.5 ग्राम
- टी: 2 ग्राम ऑल्डर बकथॉर्न हर्ब को 150 पानी में 5-10 मिनट तक उबालें और छान लें।
- लिक्विड एक्सट्रैक्ट: 2-5 मिली लीटर दिन में तीन बार।
ऑल्डर बकथॉर्न को सात से दस दिन से ज्यादा न लें। यहां दी हुई जानकारियों का इस्तेमाल डॉक्टरी सलाह के विकल्प के रूप में न करें। इसकी खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लिमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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उपलब्ध
किन रूपों में उपलब्ध है ऑल्डर बकथॉर्न?
ऑल्डर बकथॉर्न निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है:
- ऑल्डर बकथॉर्न लिक्विड एक्सट्रैक्ट
- ऑल्डर बकथॉर्न सूखी हर्ब
- ऑल्डर बकथॉर्न टी
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ऑल्डर बकथॉर्न के बारे में अगर आप कुछ और जानकारी पाना चाहते हैं तो आप कमेंट कर हमसे पूछ सकते हैं। हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा।
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