परिचय
काजू (Cashew) भारत में एक लोकप्रिय नट है, जोकि आमतौर पर कच्चा, भुना हुआ या नमकीन खाया जाता है। सात ही इसका इस्तेमाल कुछ दवाइयां बनाने के लिए भी किया जाता है। काजू का बोटेनिकल नाम एनाकार्डियम ऑक्सिडेलेल (Anacardium occidentale) है, जो कि कैश्युज (Cashews) फैमिली से आता है। काजू के फायदे भी एक नहीं बल्कि कई हैं।
इसे पेट और आंतों की समस्या के इलाज के लिए भी उपयोग किया जाता है। कई लोग इसे सीधा त्वचा पर लगाते हैं, जिससे अल्सर, मस्से जैसी समस्याओं का बचाव में मदद मिल सकती है। इसलिए काजू के फायदे मिलते हैं।
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उपयोग (Cashew Uses In Hindi)
इन मेडिकल कंडिशंस में काजू (Cashew) का इस्तेमाल किया जाता है:
- काजू के फायदे: जठरांत्र संबंधी रोग (Gastrointestinal disorders)
- काजू के फायदे: कोरोनरी हार्ट डिजीज
- काजू के फायदे: वजन कंट्रोल रखने के लिए
- काजू के फायदे: स्वस्थ हड्डियों के लिए
- काजू के फायदे: त्वचा के अल्सर, मस्से के इलाज के लिए काजू को स्किन पर लगाया जाता है।
काजू का इस्तेमाल और भी कई चीजों में किया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर या फार्मसिस्ट या हर्बलिस्ट से बात करें।
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यह कैसे काम करता है? (how does Cashew work)
काजू में कुछ केमिकल्स होते हैं, जो निश्चित बैक्टीरिया के खिलाफ काम करते हैं। इसके अलावा काजू (Cashew) कैसे काम करता है, इस बारे में अभी और अध्ययन की जरूरत है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से बात करें।
काजू में पोषणः
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (USDA) के मुताबिक, 28.35 ग्राम काजू में निम्नलिखित पोषण होता हैः
- 157 कैलोरी
- 8.56 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स
- 1.68 ग्राम शुगर
- 0.9 ग्राम फाइबर
- 5.17 ग्राम प्रोटीन
- 12.43 ग्राम फैट
- 10 मिलीग्राम कैल्शियम
- 1.89 मिलीग्राम आयरन
- 83 मिलीग्राम मैग्नीशियम
- 168 मिलीग्राम फास्फोरस
- 187 मिलीग्राम पोटेशियम
- 3 मिलीग्राम सोडियम
- 1.64 मिलीग्राम जिंक
काजू में 7 माइक्रोग्राम फोलेट के साथ विटामिन सी और विटामिन बी भी होता है। इसके अलावा इसमें मोनोअनसैचुरेटेड और पोलीअनसैचुरेटेड भी काफी मात्रा होता है।
काजू में काफी उच्च मात्रा में कोपर भी पाया जाता है। एक आउंस काजू में करीब 622 माइक्रोग्राम कॉपर होता है। 19 वर्ष की उम्र या उससे ज्यादा के लोगों के लिए एक दिन में 900 माइक्रोग्राम कॉपर जरूरी होता है।
शरीर में कॉपर की कमी कमजोर हड्डियों का कारण बन सकती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस (Steoporosis) बीमारी की आशंका हो सकती है। कोलेजन और इलास्टिन के रखरखाव में भी कॉपर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसा न होने पर जोड़ों की कार्य क्षमता और मजबूती कम हो सकती है और उनमें दर्द की शिकायत बन सकती है।
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सावधानियां और चेतावनी (Cashew Precautions And Warnings In Hindi)
काजू का उपयोग करने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?
काजू का इस्तेमाल करने से पहले निम्नलिखित स्थितियों में अपने चिकित्सक या फार्मसिस्ट या हर्बलिस्ट से परामर्श करें:
- यदि आप गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं- प्रेग्नेंट होने या फिर बच्चे को दूध पिलाने की स्थिति में किसी भी आहार या दवा का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक या फार्मसिस्ट या हर्बलिस्ट से जरूर परामर्श करें, क्योंकि इसका सीधा प्रभाव बच्चे और मां के स्वास्थ्य पर पड़ता है।
- यदि आप कोई अन्य दवा ले रहे हैं- इसमें आपके द्वारा ली जा रही कोई भी दवा शामिल है, जो बिना डॉक्टर के पर्चे के खरीदने के लिए उपलब्ध है।
- यदि आपको काजू या अन्य दवाओं या अन्य जड़ी बूटियों के किसी भी पदार्थ से एलर्जी है।
- यदि आपको कोई अन्य बीमारी, विकार या चिकित्सा स्थितियां हैं।
- यदि आपको किसी अन्य प्रकार की एलर्जी है, जैसे कि खाने, डाई, डिब्बा बंद चीजें या जानवरों से।
किसी भी हर्बल सप्लिमेंट के सेवन करने के नियम उतने ही सख्त होते हैं, जितने कि अंग्रेजी दावा के। सुरक्षा के लिहाज से, अभी इसमें और अध्ययन की जरूरत है। हर्बल सप्लिमेंट के सेवन से होने वाले फायदे से पहले आपको इसके खतरों को समझ लेना चाहिए। ज्यादा जानकारी के लिए अपने हर्बल एक्सपर्ट से बात करें।
काजू कितना सुरक्षित है?
गर्भावस्था और स्तनपान:
अभी इस बारे में जानकारी कम है कि गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान काजू का प्रयोग कितना सुरक्षित है। काजू के इस्तेमाल से पहले उसके संभावित लाभ और खतरों को अच्छी तरह से समझ लें और इसके बारे में हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
सर्जरी:
सर्जरी होने से कम से कम दो सप्ताह पहले काजू लेना बंद कर दें।
डायबिटीजः
कुछ शोधों के मुताबिक, ज्यादा मात्रा में काजू खाने से ब्लड शुगर के स्तर में बढ़ोतरी हो सकती है। इसलिए अगर आपको डायबिटीज है, तो काजू खाने के साथ ब्लड शुगर की जांच नियमित करते रहें।
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साइड इफेक्ट्स
काजू से मुझे किस तरह के साइड इफेक्ट हो सकते हैं?
काजू के फायदे के साथ-साथ इसके दुष्प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं, जैसे
- त्वचा पर लाल निशान और छाले
- पेट दर्द
- उल्टी
- डायरिया
- नाक बहना
- सांस लेने में तकलीफ
- मुंह या गले में खुजली
हालांकि, हर किसी को इन साइड इफेक्ट का सामना नहीं करना पड़ता है। लेकिन कुछ साइड इफेक्ट दूसरी तरह के भी हो सकते हैं जो यहां नहीं बताए गए हैं। अगर आपके मन में साइड इफेक्ट को लेकर कोई चिंता है, तो कृपया अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
काजू के साथ मेरे क्या इंटरेक्शन हो सकते हैं?
यह हर्बल सप्लीमेंट आपकी मौजूदा दवाओं या मेडिकल कंडिशंस पर विपरीत असर डाल सकता है। इस्तेमाल करने से पहले अपने हर्बलिस्ट, फार्मसिस्ट या डॉक्टर से सलाह करें।
कुछ दवाएं, जो काजू के साथ इंटरैक्ट कर सकती हैं, उनमें शामिल हैं :
- डाइबिटीज की दवाएं
- एंजियोटेंसिन 2 रिसेप्टर अंटागोनिस्ट, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स, दिल की दवाएं
- एंटीबायोटिक्स, एंटीफंगल, एंटीवायरल
- फैट कम करने वाली दवाएं
- एंटीकैंसर एजेंट
- मारक औषधि
- एंटीइंफ्लामेटरी
- इम्यून सिस्टम को प्रभावित करने वाली दवाएं
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मात्रा/डोसेज
दी गई जानकारी को चिकित्सा सलाह के रूप में न देखें। हमेशा इस दवा का उपयोग करने से पहले अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
काजू की सामान्य खुराक क्या है?
दस्त के लिए:
काजू के पत्तों और टहनियों का मानक काढ़ा रोजाना 2-3 बार से लिया जाता है। काजू के फायदे सिर्फ काजू ही नहीं बल्कि इसके पत्तों में भी शामिल है।
मेटाबोलिज्म सिंड्रोम (कोरोनरी हार्ट डिसीज) के लिए :
अनसाल्टेड काजू नट्स को आठ सप्ताह के लिए सेवन किया जा सकता है।
इस हर्बल सप्लिमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग-अलग हो सकती है। काजू के फायदे इसकी खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई अन्य स्थितियों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लिमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। कृपया अपनी सही खुराक के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से बात करें।
उपलब्धता
काजू किस रूप में आता है?
यह हर्बल सप्लिमेंट नीचे बताई गई खुराक के रूप में उपलब्ध हो सकता है:
- कच्चा काजू
- रोस्टेड काजू
- कैश्यू ऑइल
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